Wildebeest analysis examples for:   hin-hin2017   ’    February 25, 2023 at 00:21    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

311  GEN 12:12  और जब मिस्री तुझे देखेंगे, तब कहेंगे, ‘यह उसकी पत्‍नी है, इसलिए वे मुझको तो मार डालेंगे, पर तुझको जीवित रख लेंगे।
312  GEN 12:13  अतः यह कहना, 'मैं उसकी बहन हूँ, जिससे तेरे कारण मेरा कल्याण हो और मेरा प्राण तेरे कारण बचे।”
1247  GEN 41:51  और यूसुफ ने अपने जेठे का नाम यह कहकर मनश्शे रखा, कि ‘परमेश्‍वर ने मुझसे मेरा सारा क्लेश, और मेरे पिता का सारा घराना भुला दिया है।
1248  GEN 41:52  दूसरे का नाम उसने यह कहकर एप्रैम रखा, कि ‘मुझे दुःख भोगने के देश में परमेश्‍वर ने फलवन्त किया है।
1330  GEN 44:5  क्या यह वह वस्तु नहीं जिसमें मेरा स्वामी पीता है, और जिससे वह शकुन भी विचारा करता है? तुम ने यह जो किया है सो बुरा किया।”
1379  GEN 45:20  और अपनी सामग्री की चिन्ता न करना; क्योंकि सारे मिस्र देश में जो कुछ अच्छे से अच्छा है वह तुम्हारा है।”
1524  GEN 50:17  'तुम लोग यूसुफ से इस प्रकार कहना, कि हम विनती करते हैं, कि तू अपने भाइयों के अपराध और पाप को क्षमा कर; हमने तुझ से बुराई की थी, पर अब अपने पिता के परमेश्‍वर के दासों का अपराध क्षमा कर।” उनकी ये बातें सुनकर यूसुफ रो पड़ा।
21226  EZK 27:36  देश-देश के व्यापारी तेरे विरुद्ध ताना मार रहे हैं; तू भय का कारण हो गई है और फिर स्थिर न रह सकेगी।(यहे. 26:21, यिर्म. 18:16)
23196  MAL 3:7  अपने पुरखाओं के दिनों से तुम लोग मेरी विधियों से हटते आए हो, और उनका पालन नहीं करते। तुम मेरी ओर फिरो, तब मैं भी तुम्हारी ओर फिरूँगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है; परन्तु तुम पूछते हो, ‘हम किस बात में फिरें? (याकू. 4:8, इब्रा. 10:30-31) प्रभु को न लूटो
23197  MAL 3:8  क्या मनुष्य परमेश्‍वर को धोखा दे सकता है? देखो, तुम मुझ को धोखा देते हो, और तो भी पूछते हो ‘हमने किस बात में तुझे लूटा है? दशमांश और उठाने की भेंटों में।
23202  MAL 3:13  “यहोवा यह कहता है, तुम ने मेरे विरुद्ध ढिठाई की बातें कही हैं। परन्तु तुम पूछते हो, ‘हमने तेरे विरुद्ध में क्या कहा है?
23204  MAL 3:15  अब से हम अभिमानी लोगों को धन्य कहते हैं; क्योंकि दुराचारी तो सफल बन गए हैं, वरन् वे परमेश्‍वर की परीक्षा करने पर भी बच गए हैं।
23284  MAT 4:6  और उससे कहा, “यदि तू परमेश्‍वर का पुत्र है, तो अपने आप को नीचे गिरा दे; क्योंकि लिखा है, ‘वह तेरे विषय में अपने स्वर्गदूतों को आज्ञा देगा, और वे तुझे हाथों हाथ उठा लेंगे; कहीं ऐसा न हो कि तेरे पाँवों में पत्थर से ठेस लगे*।(भज. 91:11-12)
23285  MAT 4:7  यीशु ने उससे कहा, “यह भी लिखा है, ‘तू प्रभु अपने परमेश्‍वर की परीक्षा न कर।(व्य. 6:16)
23288  MAT 4:10  तब यीशु ने उससे कहा, “हे शैतान दूर हो जा, क्योंकि लिखा है: ‘तू प्रभु अपने परमेश्‍वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।(व्य. 6:13)
23324  MAT 5:21  “तुम सुन चुके हो, कि पूर्वकाल के लोगों से कहा गया था कि ‘हत्या न करना, और ‘जो कोई हत्या करेगा वह कचहरी में दण्ड के योग्य होगा। (निर्ग. 20:13)
23325  MAT 5:22  परन्तु मैं तुम से यह कहता हूँ, कि जो कोई अपने भाई पर क्रोध करेगा, वह कचहरी में दण्ड के योग्य होगा और जो कोई अपने भाई को निकम्मा* कहेगा वह महासभा में दण्ड के योग्य होगा; और जो कोई कहे ‘अरे मूर्ख वह नरक की आग के दण्ड के योग्य होगा।
23330  MAT 5:27  “तुम सुन चुके हो कि कहा गया था, ‘व्यभिचार न करना। (व्य. 5:18, निर्ग. 20:14)
23334  MAT 5:31  “यह भी कहा गया था, ‘जो कोई अपनी पत्‍नी को त्याग दे, तो उसे त्यागपत्र दे। (व्य. 24:1-14)
23336  MAT 5:33  “फिर तुम सुन चुके हो, कि पूर्वकाल के लोगों से कहा गया था, ‘झूठी शपथ न खाना, परन्तु परमेश्‍वर के लिये अपनी शपथ को पूरी करना। (व्य. 23:21)
23364  MAT 6:13  ‘और हमें परीक्षा में न ला, परन्तु बुराई से बचा; [क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही है। आमीन।]
23389  MAT 7:4  जब तेरी ही आँख में लट्ठा है, तो तू अपने भाई से कैसे कह सकता है, ‘ला मैं तेरी आँख से तिनका निकाल दूँ?
23406  MAT 7:21  “जो मुझसे, ‘हे प्रभु, हे प्रभु कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है।
23407  MAT 7:22  उस दिन बहुत लोग मुझसे कहेंगे; ‘हे प्रभु, हे प्रभु, क्या हमने तेरे नाम से भविष्यद्वाणी नहीं की, और तेरे नाम से दुष्टात्माओं को नहीं निकाला, और तेरे नाम से बहुत अचम्भे के काम नहीं किए?
23408  MAT 7:23  तब मैं उनसे खुलकर कह दूँगा, ‘मैंने तुम को कभी नहीं जाना, हे कुकर्म करनेवालों, मेरे पास से चले जाओ। (लूका 13:27)
23453  MAT 9:5  सहज क्या है? यह कहना, ‘तेरे पाप क्षमा हुए, या यह कहना, ‘उठ और चल फिर।
23538  MAT 11:10  यह वही है, जिसके विषय में लिखा है, कि ‘देख, मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूँ, जो तेरे आगे तेरा मार्ग तैयार करेगा। (मला. 3:1)
23623  MAT 13:15  क्योंकि इन लोगों के मन सुस्त हो गए है, और वे कानों से ऊँचा सुनते हैं और उन्होंने अपनी आँखें मूंद लीं हैं; कहीं ऐसा न हो कि वे आँखों से देखें, और कानों से सुनें और मन से समझें, और फिर जाएँ, और मैं उन्हें चंगा करूँ।
23635  MAT 13:27  इस पर गृहस्थ के दासों ने आकर उससे कहा, ‘हे स्वामी, क्या तूने अपने खेत में अच्छा बीज न बोया था? फिर जंगली दाने के पौधे उसमें कहाँ से आए?
23636  MAT 13:28  उसने उनसे कहा, ‘यह किसी शत्रु का काम है। दासों ने उससे कहा, ‘क्या तेरी इच्छा है, कि हम जाकर उनको बटोर लें?
23638  MAT 13:30  कटनी तक दोनों को एक साथ बढ़ने दो, और कटनी के समय मैं काटनेवालों से कहूँगा; पहले जंगली दाने के पौधे बटोरकर जलाने के लिये उनके गट्ठे बाँध लो, और गेहूँ को मेरे खत्ते में इकट्ठा करो।
23706  MAT 15:4  क्योंकि परमेश्‍वर ने कहा, ‘अपने पिता और अपनी माता का आदर करना, और ‘जो कोई पिता या माता को बुरा कहे, वह मार डाला जाए।
23707  MAT 15:5  पर तुम कहते हो, कि यदि कोई अपने पिता या माता से कहे, ‘जो कुछ तुझे मुझसे लाभ पहुँच सकता था, वह परमेश्‍वर को भेंट चढ़ाया जा चुका
23711  MAT 15:9  और ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं, क्योंकि मनुष्य की विधियों को धर्मोपदेश करके सिखाते हैं।
23768  MAT 16:27  मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों के साथ अपने पिता की महिमा में आएगा, और उस समय ‘वह हर एक को उसके कामों के अनुसार प्रतिफल देगा।
23789  MAT 17:20  उसने उनसे कहा, “अपने विश्वास की कमी के कारण: क्योंकि मैं तुम से सच कहता हूँ, यदि तुम्हारा विश्वास राई के दाने के बराबर* भी हो, तो इस पहाड़ से कह सकोगे, ‘यहाँ से सरककर वहाँ चला जा, तो वह चला जाएगा; और कोई बात तुम्हारे लिये अनहोनी न होगी।
23822  MAT 18:26  इस पर उस दास ने गिरकर उसे प्रणाम किया, और कहा, ‘हे स्वामी, धीरज धर, मैं सब कुछ भर दूँगा।
23824  MAT 18:28  “परन्तु जब वह दास बाहर निकला, तो उसके संगी दासों में से एक उसको मिला, जो उसके सौ दीनार* का कर्जदार था; उसने उसे पकड़कर उसका गला घोंटा और कहा, ‘जो कुछ तू धारता है भर दे।
23829  MAT 18:33  इसलिए जैसा मैंने तुझ पर दया की, वैसे ही क्या तुझे भी अपने संगी दास पर दया करना नहीं चाहिए था?
23836  MAT 19:5  ‘इस कारण मनुष्य अपने माता पिता से अलग होकर अपनी पत्‍नी के साथ रहेगा और वे दोनों एक तन होंगे?
23865  MAT 20:4  और उनसे कहा, ‘तुम भी दाख की बारी में जाओ, और जो कुछ ठीक है, तुम्हें दूँगा। तब वे भी गए।
23867  MAT 20:6  और एक घंटा दिन रहे फिर निकलकर दूसरों को खड़े पाया, और उनसे कहा ‘तुम क्यों यहाँ दिन भर बेकार खड़े रहे? उन्होंने उससे कहा, ‘इसलिए, कि किसी ने हमें मजदूरी पर नहीं लगाया।
23868  MAT 20:7  उसने उनसे कहा, ‘तुम भी दाख की बारी में जाओ।
23869  MAT 20:8  “सांझ को दाख बारी के स्वामी ने अपने भण्डारी से कहा, ‘मजदूरों को बुलाकर पिछले से लेकर पहले तक उन्हें मजदूरी दे-दे।
23873  MAT 20:12  ‘इन पिछलों ने एक ही घंटा काम किया, और तूने उन्हें हमारे बराबर कर दिया, जिन्होंने दिन भर का भार उठाया और धूप सही?
23876  MAT 20:15  क्या यह उचित नहीं कि मैं अपने माल से जो चाहूँ वैसा करूँ? क्या तू मेरे भले होने के कारण बुरी दृष्टि से देखता है?
23900  MAT 21:5  “सिय्योन की बेटी से कहो, ‘देख, तेरा राजा तेरे पास आता है; वह नम्र है और गदहे पर बैठा है; वरन् लादू के बच्चे पर।
23908  MAT 21:13  और उनसे कहा, “लिखा है, ‘मेरा घर प्रार्थना का घर कहलाएगा; परन्तु तुम उसे डाकुओं की खोह बनाते हो।”
23910  MAT 21:15  परन्तु जब प्रधान याजकों और शास्त्रियों ने इन अद्भुत कामों को, जो उसने किए, और लड़कों को मन्दिर में दाऊद की सन्तान को होशाना पुकारते हुए देखा, तो क्रोधित हुए,
23911  MAT 21:16  और उससे कहने लगे, “क्या तू सुनता है कि ये क्या कहते हैं?” यीशु ने उनसे कहा, “हाँ; क्या तुम ने यह कभी नहीं पढ़ा: ‘बालकों और दूध पीते बच्चों के मुँह से तूने स्तुति सिद्ध कराई?
23920  MAT 21:25  यूहन्ना का बपतिस्मा कहाँ से था? स्वर्ग की ओर से या मनुष्यों की ओर से था?” तब वे आपस में विवाद करने लगे, “यदि हम कहें ‘स्वर्ग की ओर से, तो वह हम से कहेगा की, ‘फिर तुम ने उसका विश्वास क्यों न किया?
23921  MAT 21:26  और यदि कहें ‘मनुष्यों की ओर से, तो हमें भीड़ का डर है, क्योंकि वे सब यूहन्ना को भविष्यद्वक्ता मानते हैं।”
23923  MAT 21:28  “तुम क्या समझते हो? किसी मनुष्य के दो पुत्र थे; उसने पहले के पास जाकर कहा, ‘हे पुत्र, आज दाख की बारी में काम कर।
23924  MAT 21:29  उसने उत्तर दिया, ‘मैं नहीं जाऊँगा, परन्तु बाद में उसने अपना मन बदल दिया और चला गया।
23925  MAT 21:30  फिर दूसरे के पास जाकर ऐसा ही कहा, उसने उत्तर दिया, ‘जी हाँ जाता हूँ, परन्तु नहीं गया।
23933  MAT 21:38  परन्तु किसानों ने पुत्र को देखकर आपस में कहा, ‘यह तो वारिस है, आओ, उसे मार डालें: और उसकी विरासत ले लें।
23937  MAT 21:42  यीशु ने उनसे कहा, “क्या तुम ने कभी पवित्रशास्त्र में यह नहीं पढ़ा: ‘जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने बेकार समझा था, वही कोने के सिरे का पत्थर हो गया यह प्रभु की ओर से हुआ, और हमारे देखने में अद्भुत है।?
23945  MAT 22:4  फिर उसने और दासों को यह कहकर भेजा, ‘निमंत्रित लोगों से कहो: देखो, मैं भोज तैयार कर चुका हूँ, और मेरे बैल और पले हुए पशु मारे गए हैं और सब कुछ तैयार है; विवाह के भोज में आओ।
23950  MAT 22:9  इसलिए चौराहों में जाओ, और जितने लोग तुम्हें मिलें, सब को विवाह के भोज में बुला लाओ।
23953  MAT 22:12  उसने उससे पूछा, ‘हे मित्र; तू विवाह का वस्त्र पहने बिना यहाँ क्यों आ गया? और वह मनुष्य चुप हो गया।
23954  MAT 22:13  तब राजा ने सेवकों से कहा, ‘इसके हाथ-पाँव बाँधकर उसे बाहर अंधियारे में डाल दो, वहाँ रोना, और दाँत पीसना होगा।
23973  MAT 22:32  ‘मैं अब्राहम का परमेश्‍वर, और इसहाक का परमेश्‍वर, और याकूब का परमेश्‍वर हूँ? वह तो मरे हुओं का नहीं, परन्तु जीवितों का परमेश्‍वर है।”
23985  MAT 22:44  ‘प्रभु ने, मेरे प्रभु से कहा, मेरे दाहिने बैठ, जब तक कि मैं तेरे बैरियों को तेरे पाँवों के नीचे की चौकी न कर दूँ।
24017  MAT 23:30  और कहते हो, ‘यदि हम अपने पूर्वजों के दिनों में होते तो भविष्यद्वक्ताओं की हत्या में उनके सहभागी न होते।
24026  MAT 23:39  क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ, कि अब से जब तक तुम न कहोगे, ‘धन्य है वह, जो प्रभु के नाम से आता है तब तक तुम मुझे फिर कभी न देखोगे।”
24031  MAT 24:5  क्योंकि बहुत से ऐसे होंगे जो मेरे नाम से आकर कहेंगे, ‘मैं मसीह हूँ, और बहुतों को बहका देंगे।
24052  MAT 24:26  इसलिए यदि वे तुम से कहें, ‘देखो, वह जंगल में है, तो बाहर न निकल जाना; ‘देखो, वह कोठरियों में हैं, तो विश्वास न करना।
24085  MAT 25:8  और मूर्खों ने समझदारों से कहा, ‘अपने तेल में से कुछ हमें भी दो, क्योंकि हमारी मशालें बुझ रही हैं।
24088  MAT 25:11  इसके बाद वे दूसरी कुँवारियाँ भी आकर कहने लगीं, ‘हे स्वामी, हे स्वामी, हमारे लिये द्वार खोल दे।
24097  MAT 25:20  जिसको पाँच तोड़े मिले थे, उसने पाँच तोड़े और लाकर कहा, ‘हे स्वामी, तूने मुझे पाँच तोड़े सौंपे थे, देख मैंने पाँच तोड़े और कमाए हैं।
24098  MAT 25:21  उसके स्वामी ने उससे कहा, ‘धन्य हे अच्छे और विश्वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा; मैं तुझे बहुत वस्तुओं का अधिकारी बनाऊँगा। अपने स्वामी के आनन्द में सहभागी हो।
24099  MAT 25:22  “और जिसको दो तोड़े मिले थे, उसने भी आकर कहा, ‘हे स्वामी तूने मुझे दो तोड़े सौंपें थे, देख, मैंने दो तोड़े और कमाए।
24100  MAT 25:23  उसके स्वामी ने उससे कहा, ‘धन्य हे अच्छे और विश्वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा, मैं तुझे बहुत वस्तुओं का अधिकारी बनाऊँगा अपने स्वामी के आनन्द में सहभागी हो।
24101  MAT 25:24  “तब जिसको एक तोड़ा मिला था, उसने आकर कहा, ‘हे स्वामी, मैं तुझे जानता था, कि तू कठोर मनुष्य है: तू जहाँ कहीं नहीं बोता वहाँ काटता है, और जहाँ नहीं छींटता वहाँ से बटोरता है।
24102  MAT 25:25  इसलिए मैं डर गया और जाकर तेरा तोड़ा मिट्टी में छिपा दिया; देख, ‘जो तेरा है, वह यह है।
24113  MAT 25:36  मैं नंगा था, तुम ने मुझे कपड़े पहनाए; मैं बीमार था, तुम ने मेरी सुधि ली, मैं बन्दीगृह में था, तुम मुझसे मिलने आए।
24116  MAT 25:39  हमने कब तुझे बीमार या बन्दीगृह में देखा और तुझ से मिलने आए?
24117  MAT 25:40  तब राजा उन्हें उत्तर देगा, ‘मैं तुम से सच कहता हूँ, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से* किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया।
24120  MAT 25:43  मैं परदेशी था, और तुम ने मुझे अपने घर में नहीं ठहराया; मैं नंगा था, और तुम ने मुझे कपड़े नहीं पहनाए; बीमार और बन्दीगृह में था, और तुम ने मेरी सुधि न ली।
24121  MAT 25:44  “तब वे उत्तर देंगे, ‘हे प्रभु, हमने तुझे कब भूखा, या प्यासा, या परदेशी, या नंगा, या बीमार, या बन्दीगृह में देखा, और तेरी सेवा टहल न की?
24122  MAT 25:45  तब वह उन्हें उत्तर देगा, ‘मैं तुम से सच कहता हूँ कि तुम ने जो इन छोटे से छोटों में से किसी एक के साथ नहीं किया, वह मेरे साथ भी नहीं किया।
24154  MAT 26:31  तब यीशु ने उनसे कहा, “तुम सब आज ही रात को मेरे विषय में ठोकर खाओगे; क्योंकि लिखा है, ‘मैं चरवाहे को मारूँगा; और झुण्ड की भेड़ें तितर-बितर हो जाएँगी।
24240  MAT 27:42  “इसने दूसरों को बचाया, और अपने आप को नहीं बचा सकता। यह तो ‘इस्राएल का राजा है। अब क्रूस पर से उतर आए, तो हम उस पर विश्वास करें।
24241  MAT 27:43  उसने परमेश्‍वर का भरोसा रखा है, यदि वह इसको चाहता है, तो अब इसे छुड़ा ले, क्योंकि इसने कहा था, कि ‘मैं परमेश्‍वर का पुत्र हूँ।
24539  MRK 7:7  और ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं, क्योंकि मनुष्यों की आज्ञाओं को धर्मोपदेश करके सिखाते हैं। (यशा. 29:13)
24542  MRK 7:10  क्योंकि मूसा ने कहा है, ‘अपने पिता और अपनी माता का आदर कर; और ‘जो कोई पिता या माता को बुरा कहे, वह अवश्य मार डाला जाए। (निर्ग. 20:12, व्य. 5:16)
24543  MRK 7:11  परन्तु तुम कहते हो कि यदि कोई अपने पिता या माता से कहे, ‘जो कुछ तुझे मुझसे लाभ पहुँच सकता था, वह कुरबान* अर्थात् संकल्प हो चुका।
24665  MRK 10:8  और वे दोनों एक तन होंगे; इसलिए वे अब दो नहीं, पर एक तन हैं। (उत्प. 2:24)
24676  MRK 10:19  तू आज्ञाओं को तो जानता है: ‘हत्या न करना, व्यभिचार न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, छल न करना*, अपने पिता और अपनी माता का आदर करना। (निर्ग. 20:12-16, रोम. 13:9)
24712  MRK 11:3  यदि तुम से कोई पूछे, ‘यह क्यों करते हो? तो कहना, ‘प्रभु को इसका प्रयोजन है, और वह शीघ्र उसे यहाँ भेज देगा।”
24732  MRK 11:23  मैं तुम से सच कहता हूँ कि जो कोई इस पहाड़ से कहे, ‘तू उखड़ जा, और समुद्र में जा पड़, और अपने मन में सन्देह न करे, वरन् विश्वास करे, कि जो कहता हूँ वह हो जाएगा, तो उसके लिये वही होगा।
24740  MRK 11:31  तब वे आपस में विवाद करने लगे कि यदि हम कहें ‘स्वर्ग की ओर से, तो वह कहेगा, ‘फिर तुम ने उसका विश्वास क्यों नहीं की?
24741  MRK 11:32  और यदि हम कहें, ‘मनुष्यों की ओर से, तो लोगों का डर है, क्योंकि सब जानते हैं कि यूहन्ना सचमुच भविष्यद्वक्ता था।
24749  MRK 12:7  पर उन किसानों ने आपस में कहा; ‘यही तो वारिस है; आओ, हम उसे मार डालें, तब विरासत हमारी हो जाएगी।
24753  MRK 12:11  यह प्रभु की ओर से हुआ, और हमारी दृष्टि में अद्भुत है!” (भज. 118:23)
24768  MRK 12:26  मरे हुओं के जी उठने के विषय में क्या तुम ने मूसा की पुस्तक* में झाड़ी की कथा में नहीं पढ़ा कि परमेश्‍वर ने उससे कहा: ‘मैं अब्राहम का परमेश्‍वर, और इसहाक का परमेश्‍वर, और याकूब का परमेश्‍वर हूँ?
24772  MRK 12:30  और तू प्रभु अपने परमेश्‍वर से अपने सारे मन से, और अपने सारे प्राण से, और अपनी सारी बुद्धि से, और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना।
24773  MRK 12:31  और दूसरी यह है, ‘तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना। इससे बड़ी और कोई आज्ञा नहीं।”
24778  MRK 12:36  दाऊद ने आप ही पवित्र आत्मा में होकर कहा है: ‘प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा, “मेरे दाहिने बैठ, जब तक कि मैं तेरे बैरियों को तेरे पाँवों की चौकी न कर दूँ।” (भज. 110:1)
24792  MRK 13:6  बहुत सारे मेरे नाम से आकर कहेंगे, ‘मैं वही हूँ और बहुतों को भरमाएँगे।