Wildebeest analysis examples for:   hin-hin2017   ः    February 25, 2023 at 00:21    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

51  GEN 2:20  अत आदम ने सब जाति के घरेलू पशुओं, और आकाश के पक्षियों, और सब जाति के जंगली पशुओं के नाम रखे; परन्तु आदम के लिये कोई ऐसा सहायक न मिला जो उससे मेल खा सके।
62  GEN 3:6  अत जब स्त्री ने देखा* कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उसमें से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया, जो उसके साथ था और उसने भी खाया। (1 तीमु. 2:14)
72  GEN 3:16  फिर स्त्री से उसने कहा, “मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दुको बहुत बढ़ाऊँगा; तू पीड़ित होकर बच्चे उत्‍पन्‍न करेगी; और तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी, और वह तुझ पर प्रभुता करेगा।” (1 कुरि. 11:3, इफि. 5:22, कुलु. 3:18)
73  GEN 3:17  और आदम से उसने कहा, “तूने जो अपनी पत्‍नी की बात सुनी, और जिस वृक्ष के फल के विषय मैंने तुझे आज्ञा दी थी कि तू उसे न खाना, उसको तूने खाया है, इसलिए भूमि तेरे कारण श्रापित है। तू उसकी उपज जीवन भर दुके साथ खाया करेगा; (इब्रा. 6:8)
166  GEN 7:6  नूह की आयु सौ वर्ष की थी, जब जल-प्रलय पृथ्वी पर आया।
171  GEN 7:11  जब नूह की आयु के सौवें वर्ष के दूसरे महीने का सत्रहवाँ दिन आया; उसी दिन बड़े गहरे समुद्र के सब सोते फूट निकले और आकाश के झरोखे खुल गए।
197  GEN 8:13  नूह की आयु के सौ एक वर्ष के पहले महीने के पहले दिन जल पृथ्वी पर से सूख गया। तब नूह ने जहाज की छत खोलकर क्या देखा कि धरती सूख गई है।
312  GEN 12:13  अत यह कहना, 'मैं उसकी बहन हूँ,’ जिससे तेरे कारण मेरा कल्याण हो और मेरा प्राण तेरे कारण बचे।”
363  GEN 15:2  अब्राम ने कहा, “हे प्रभु यहोवा, मैं तो सन्तानहीन* हूँ, और मेरे घर का वारिस यह दमिश्कवासी एलीएजेर होगा, अत तू मुझे क्या देगा?”
374  GEN 15:13  तब यहोवा ने अब्राम से कहा, “यह निश्चय जान कि तेरे वंश पराए देश में परदेशी होकर रहेंगे, और उस देश के लोगों के दास हो जाएँगे; और वे उनको चार सौ वर्ष तक दुदेंगे;
388  GEN 16:6  अब्राम ने सारै से कहा, “देख तेरी दासी तेरे वश में है; जैसा तुझे भला लगे वैसा ही उसके साथ कर।” तब सारै उसको दुदेने लगी और वह उसके सामने से भाग गई।
393  GEN 16:11  और यहोवा के दूत ने उससे कहा, “देख तू गर्भवती है, और पुत्र जनेगी; तू उसका नाम इश्माएल रखना; क्योंकि यहोवा ने तेरे दुका हाल सुन लिया है।
469  GEN 19:11  और उन्होंने क्या छोटे, क्या बड़े, सब पुरुषों को जो घर के द्वार पर थे अंधेर कर दिया, अत वे द्वार को टटोलते-टटोलते थक गए।
491  GEN 19:33  अत उन्होंने उसी दिन-रात के समय अपने पिता को दाखमधु पिलाया, तब बड़ी बेटी जाकर अपने पिता के पास लेट गई; पर उसने न जाना, कि वह कब लेटी, और कब उठ गई।
493  GEN 19:35  अत उन्होंने उस दिन भी रात के समय अपने पिता को दाखमधु पिलाया, और छोटी बेटी जाकर उसके पास लेट गई; पर उसको उसके भी सोने और उठने का ज्ञान न था।
551  GEN 22:3  अत अब्राहम सवेरे तड़के उठा और अपने गदहे पर काठी कसकर अपने दो सेवक, और अपने पुत्र इसहाक को संग लिया, और होमबलि के लिये लकड़ी चीर ली; तब निकलकर उस स्थान की ओर चला, जिसकी चर्चा परमेश्‍वर ने उससे की थी।
561  GEN 22:13  तब अब्राहम ने आँखें उठाई, और क्या देखा, कि उसके पीछे एक मेढ़ा अपने सींगों से एक झाड़ी में फँसा हुआ है; अत अब्राहम ने जाकर उस मेढ़े को लिया, और अपने पुत्र के स्थान पर होमबलि करके चढ़ाया।
583  GEN 23:11  “हे मेरे प्रभु, ऐसा नहीं, मेरी सुन; वह भूमि मैं तुझे देता हूँ, और उसमें जो गुफा है, वह भी मैं तुझे देता हूँ; अपने जाति भाइयों के सम्मुख मैं उसे तुझको दिए देता हूँ; अत अपने मृतक को कब्र में रख।”
692  GEN 25:33  याकूब ने कहा, “मुझसे अभी शपथ खा,” अत उसने उससे शपथ खाई, और अपना पहलौठे का अधिकार याकूब के हाथ बेच डाला।
710  GEN 26:17  अत इसहाक वहाँ से चला गया, और गरार की घाटी में अपना तम्बू खड़ा करके वहाँ रहने लगा।
721  GEN 26:28  उन्होंने कहा, “हमने तो प्रत्यक्ष देखा है, कि यहोवा तेरे साथ रहता है; इसलिए हमने सोचा, कि तू तो यहोवा की ओर से धन्य है, अत हमारे तेरे बीच में शपथ खाई जाए, और हम तुझ से इस विषय की वाचा बन्धाएँ;
751  GEN 27:23  और उसने उसको नहीं पहचाना, क्योंकि उसके हाथ उसके भाई के से रोंआर थे। अत उसने उसको आशीर्वाद दिया।
762  GEN 27:34  अपने पिता की यह बात सुनते ही एसाव ने अत्यन्त ऊँचे और दुभरे स्वर से चिल्लाकर अपने पिता से कहा, “हे मेरे पिता, मुझको भी आशीर्वाद दे!”
800  GEN 29:4  अत याकूब ने चरवाहों से पूछा, “हे मेरे भाइयों, तुम कहाँ के हो?” उन्होंने कहा, “हम हारान के हैं।”
816  GEN 29:20  अत याकूब ने राहेल के लिये सात वर्ष सेवा की; और वे उसको राहेल की प्रीति के कारण थोड़े ही दिनों के बराबर जान पड़े।
818  GEN 29:22  अत लाबान ने उस स्थान के सब मनुष्यों को बुलाकर इकट्ठा किया, और एक भोज दिया।*
828  GEN 29:32  अत लिआ गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ, और उसने यह कहकर उसका नाम रूबेन रखा, “यहोवा ने मेरे दुपर दृष्टि की है, अब मेरा पति मुझसे प्रीति रखेगा।”
839  GEN 30:8  तब राहेल ने कहा, “मैंने अपनी बहन के साथ बड़े बल से लिपटकर मल्लयुद्ध किया और अब जीत गई।” अत उसने उसका नाम नप्ताली रखा।
851  GEN 30:20  तब लिआ ने कहा, “परमेश्‍वर ने मुझे अच्छा दान दिया है; अब की बार मेरा पति मेरे संग बना रहेगा, क्योंकि मेरे उससे पुत्र उत्‍पन्‍न हो चुके हैं।” इसलिए उसने उसका नाम जबूलून रखा।
866  GEN 30:35  अत उसने उसी दिन सब धारीवाले और चितकबरे बकरों, और सब चित्तीवाली और चितकबरी बकरियों को, अर्थात् जिनमें कुछ उजलापन था, उनको और सब काली भेड़ों को भी अलग करके अपने पुत्रों के हाथ सौंप दिया।
894  GEN 31:20  अत याकूब लाबान अरामी के पास से चोरी से चला गया, उसको न बताया कि मैं भागा जाता हूँ।
909  GEN 31:35  राहेल ने अपने पिता से कहा, “हे मेरे प्रभु; इससे अप्रसन्न न हो, कि मैं तेरे सामने नहीं उठी; क्योंकि मैं मासिक धर्म से हूँ।” अत उसके ढूँढ़ ढाँढ़ करने पर भी गृहदेवता उसको न मिले।
915  GEN 31:41  बीस वर्ष तक मैं तेरे घर में रहा; चौदह वर्ष तो मैंने तेरी दोनों बेटियों के लिये, और वर्ष तेरी भेड़-बकरियों के लिये सेवा की; और तूने मेरी मजदूरी को दस बार बदल डाला।
916  GEN 31:42  मेरे पिता का परमेश्‍वर अर्थात् अब्राहम का परमेश्‍वर, जिसका भय इसहाक भी मानता है, यदि मेरी ओर न होता, तो निश्चय तू अब मुझे खाली हाथ जाने देता। मेरे दुऔर मेरे हाथों के परिश्रम को देखकर परमेश्‍वर ने बीती हुई रात में तुझे डाँटा।”
924  GEN 31:50  यदि तू मेरी बेटियों को दुदे, या उनके सिवाय और स्त्रियाँ ब्याह ले, तो हमारे साथ कोई मनुष्य तो न रहेगा; पर देख मेरे तेरे बीच में परमेश्‍वर साक्षी रहेगा।”
985  GEN 34:4  अत शेकेम ने अपने पिता हमोर से कहा, “मुझे इस लड़की को मेरी पत्‍नी होने के लिये दिला दे।”
1002  GEN 34:21  “वे मनुष्य तो हमारे संग मेल से रहना चाहते हैं; अत उन्हें इस देश में रहकर लेन-देन करने दो; देखो, यह देश उनके लिये भी बहुत है; फिर हम लोग उनकी बेटियों को ब्याह लें, और अपनी बेटियों को उन्हें दिया करें।
1098  GEN 37:14  उसने उससे कहा, “जा, अपने भाइयों और भेड़-बकरियों का हाल देख आ कि वे कुशल से तो हैं, फिर मेरे पास समाचार ले आ।” अत उसने उसको हेब्रोन की तराई में विदा कर दिया, और वह शेकेम में आया।
1112  GEN 37:28  तब मिद्यानी व्यापारी उधर से होकर उनके पास पहुँचे। अत यूसुफ के भाइयों ने उसको उस गड्ढे में से खींचकर बाहर निकाला, और इश्माएलियों के हाथ चाँदी के बीस टुकड़ों में बेच दिया; और वे यूसुफ को मिस्र में ले गए। (प्रेरि. 7:9)
1116  GEN 37:32  और उन्होंने उस रंग बिरंगे अंगरखे को अपने पिता के पास भेजकर यह सन्‍देश दिया; “यह हमको मिला है, अत देखकर पहचान ले कि यह तेरे पुत्र का अंगरखा है कि नहीं।”
1117  GEN 37:33  उसने उसको पहचान लिया, और कहा, “हाँ यह मेरे ही पुत्र का अंगरखा है; किसी दुष्ट पशु ने उसको खा लिया है; निसन्देह यूसुफ फाड़ डाला गया है।”
1170  GEN 39:20  और यूसुफ के स्वामी ने उसको पकड़कर बन्दीगृह में, जहाँ राजा के कैदी बन्द थे, डलवा दिया; अत वह उस बन्दीगृह में रहा।
1177  GEN 40:4  तब अंगरक्षकों के प्रधान ने उनको यूसुफ के हाथ सौंपा, और वह उनकी सेवा-टहल करने लगा; अत वे कुछ दिन तक बन्दीगृह में रहे।
1187  GEN 40:14  अत जब तेरा भला हो जाए तब मुझे स्मरण करना, और मुझ पर कृपा करके फ़िरौन से मेरी चर्चा चलाना, और इस घर से मुझे छुड़वा देना।
1208  GEN 41:12  और वहाँ हमारे साथ एक इब्री जवान था, जो अंगरक्षकों के प्रधान का दास था; अत हमने उसको बताया, और उसने हमारे स्वप्नों का फल हम से कहा, हम में से एक-एक के स्वप्न का फल उसने बता दिया।
1248  GEN 41:52  दूसरे का नाम उसने यह कहकर एप्रैम रखा, कि ‘मुझे दुभोगने के देश में परमेश्‍वर ने फलवन्त किया है।’
1256  GEN 42:3  अत यूसुफ के दस भाई अन्न मोल लेने के लिये मिस्र को गए।
1268  GEN 42:15  अत इसी रीति से तुम परखे जाओगे, फ़िरौन के जीवन की शपथ, जब तक तुम्हारा छोटा भाई यहाँ न आए तब तक तुम यहाँ से न निकलने पाओगे।
1274  GEN 42:21  उन्होंने आपस में कहा, “निसन्देह हम अपने भाई के विषय में दोषी हैं, क्योंकि जब उसने हम से गिड़गिड़ाकर विनती की, तब भी हमने यह देखकर, कि उसका जीवन कैसे संकट में पड़ा है, उसकी न सुनी; इसी कारण हम भी अब इस संकट में पड़े हैं।”
1278  GEN 42:25  तब यूसुफ ने आज्ञा दी, कि उनके बोरे अन्न से भरो और एक-एक जन के बोरे में उसके रुपये को भी रख दो, फिर उनको मार्ग के लिये भोजनवस्तु दो। अत उनके साथ ऐसा ही किया गया।
1354  GEN 44:29  अत यदि तुम इसको भी मेरी आँख की आड़ में ले जाओ, और कोई विपत्ति इस पर पड़े, तो तुम्हारे कारण मैं इस बुढ़ापे की अवस्था में शोक के साथ अधोलोक में उतर जाऊँगा।'
1359  GEN 44:34  क्योंकि लड़के के बिना संग रहे मैं कैसे अपने पिता के पास जा सकूँगा; ऐसा न हो कि मेरे पिता पर जो दुपड़ेगा वह मुझे देखना पड़े।”
1368  GEN 45:9  अत शीघ्र मेरे पिता के पास जाकर कहो, 'तेरा पुत्र यूसुफ इस प्रकार कहता है, कि परमेश्‍वर ने मुझे सारे मिस्र का स्वामी ठहराया है; इसलिए तू मेरे पास बिना विलम्ब किए चला आ। (प्रेरि. 7:14)
1430  GEN 47:9  याकूब ने फ़िरौन से कहा, “मैं तो एक सौ तीस वर्ष परदेशी होकर अपना जीवन बिता चुका हूँ; मेरे जीवन के दिन थोड़े और दुसे भरे हुए भी थे, और मेरे बापदादे परदेशी होकर जितने दिन तक जीवित रहे उतने दिन का मैं अभी नहीं हुआ।”
1452  GEN 47:31  फिर उसने कहा, “मुझसे शपथ खा।” अत उसने उससे शपथ खाई। तब इस्राएल ने खाट के सिरहाने की ओर सिर झुकाकर प्रार्थना की। (इब्रा. 11:21)
1544  EXO 1:11  इसलिए उन्होंने उन पर बेगारी करानेवालों* को नियुक्त किया कि वे उन पर भार डाल-डालकर उनको दुदिया करें; तब उन्होंने फ़िरौन के लिये पितोम और रामसेस नामक भण्डारवाले नगरों को बनाया।
1545  EXO 1:12  पर ज्यों-ज्यों वे उनको दुदेते गए त्यों-त्यों वे बढ़ते और फैलते चले गए; इसलिए वे इस्राएलियों से अत्यन्त डर गए।
1547  EXO 1:14  और उनके जीवन को गारे, ईंट और खेती के भाँति-भाँति के काम की कठिन सेवा से दुखी कर डाला; जिस किसी काम में वे उनसे सेवा करवाते थे उसमें वे कठोरता का व्यवहार करते थे।
1566  EXO 2:11  उन दिनों में ऐसा हुआ कि जब मूसा जवान हुआ, और बाहर अपने भाई-बन्धुओं के पास जाकर उनके दुखों पर दृष्टि करने लगा; तब उसने देखा कि कोई मिस्री जन मेरे एक इब्री भाई को मार रहा है।
1587  EXO 3:7  फिर यहोवा ने कहा, “मैंने अपनी प्रजा के लोग जो मिस्र में हैं उनके दुको निश्चय देखा है, और उनकी जो चिल्लाहट परिश्रम करानेवालों के कारण होती है उसको भी मैंने सुना है, और उनकी पीड़ा पर मैंने चित्त लगाया है;
1597  EXO 3:17  और मैंने ठान लिया है कि तुमको मिस्र के दुखों में से निकालकर कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी हिव्वी, और यबूसी लोगों के देश में ले चलूँगा, जो ऐसा देश है कि जिसमें दूध और मधु की धारा बहती है।'
1608  EXO 4:6  फिर यहोवा ने उससे यह भी कहा, “अपना हाथ छाती पर रखकर ढाँप।” अत उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढाँप लिया; फिर जब उसे निकाला तब क्या देखा, कि उसका हाथ कोढ़ के कारण हिम के समान श्वेत हो गया है।
1633  EXO 4:31  और लोगों ने उन पर विश्वास किया; और यह सुनकर कि यहोवा ने इस्राएलियों की सुधि ली और उनके दुखों पर दृष्टि की है, उन्होंने सिर झुकाकर दण्डवत् किया। (निर्ग. 3:15, 18)
1741  EXO 8:26  अत मूसा ने फ़िरौन के पास से बाहर जाकर यहोवा से विनती की।
1791  EXO 10:13  अत मूसा ने अपनी लाठी को मिस्र देश के ऊपर बढ़ाया, तब यहोवा ने दिन भर और रात भर देश पर पुरवाई बहाई; और जब भोर हुआ तब उस पुरवाई में टिड्डियाँ आईं।
1854  EXO 12:37  तब इस्राएली रामसेस से कूच करके सुक्कोत को चले, और बाल-बच्चों को छोड़ वे कोई लाख पैदल चलने वाले पुरुष थे।
1897  EXO 14:7  उसने सौ अच्छे से अच्छे रथ वरन् मिस्र के सब रथ लिए और उन सभी पर सरदार बैठाए।
1974  EXO 16:26  दिन तो तुम उसे बटोरा करोगे; परन्तु सातवाँ दिन तो विश्राम का दिन है, उसमें वह न मिलेगा।”
1978  EXO 16:30  अत लोगों ने सातवें दिन विश्राम किया।
2025  EXO 18:25  अत उसने सब इस्राएलियों में से गुणी पुरुष चुनकर उन्हें हजार-हजार, सौ-सौ, पचास-पचास, दस-दस, लोगों के ऊपर प्रधान ठहराया।
2052  EXO 19:25  अत ये बातें मूसा ने लोगों के पास उतरकर उनको सुनाईं।
2061  EXO 20:9  दिन तो तू परिश्रम करके अपना सब काम-काज करना;
2063  EXO 20:11  क्योंकि दिन में यहोवा ने आकाश और पृथ्वी, और समुद्र, और जो कुछ उनमें है, सबको बनाया, और सातवें दिन विश्राम किया; इस कारण यहोवा ने विश्रामदिन को आशीष दी और उसको पवित्र ठहराया।
2080  EXO 21:2  “जब तुम कोई इब्री दास* मोल लो, तब वह वर्ष तक सेवा करता रहे, और सातवें वर्ष स्वतंत्र होकर सेंत-मेंत चला जाए।
2136  EXO 22:21  किसी विधवा या अनाथ बालक को दुन देना।
2137  EXO 22:22  यदि तुम ऐसों को किसी प्रकार का दुदो, और वे कुछ भी मेरी दुहाई दें, तो मैं निश्चय उनकी दुहाई सुनूँगा;
2155  EXO 23:10  “छ वर्ष तो अपनी भूमि में बोना और उसकी उपज इकट्ठी करना;
2157  EXO 23:12  दिन तक तो अपना काम-काज करना, और सातवें दिन विश्राम करना; कि तेरे बैल और गदहे सुस्ताएँ, और तेरी दासियों के बेटे और परदेशी भी अपना जी ठण्डा कर सके।
2174  EXO 23:29  मैं उनको तेरे आगे से एक ही वर्ष में तो न निकाल दूँगा, ऐसा न हो कि देश उजाड़ हो जाए, और जंगली पशु बढ़कर तुझे दुदेने लगें।
2194  EXO 24:16  तब यहोवा के तेज ने सीनै पर्वत पर निवास किया, और वह बादल उस पर दिन तक छाया रहा; और सातवें दिन उसने मूसा को बादल के बीच में से पुकारा।
2228  EXO 25:32  और उसके किनारों से डालियाँ निकलें, तीन डालियाँ तो दीवट की एक ओर से और तीन डालियाँ उसकी दूसरी ओर से निकली हुई हों;
2245  EXO 26:9  और पाँच परदे अलग और फिर परदे अलग जुड़वाना, और छठवें परदे को तम्बू के सामने मोड़ कर दुहरा कर देना।
2258  EXO 26:22  और निवास की पिछली ओर, अर्थात् पश्चिम की ओर के लिए तख्ते बनवाना।
2304  EXO 28:10  उनके नामों में से तो एक मणि पर, और शेष नाम दूसरे मणि पर, इस्राएल के पुत्रों की उत्पत्ति के अनुसार खुदवाना।
2436  EXO 31:15  दिन तो काम-काज किया जाए, पर सातवाँ दिन पवित्र विश्राम का दिन और यहोवा के लिये पवित्र है; इसलिए जो कोई विश्राम के दिन में कुछ काम-काज करे वह निश्चय मार डाला जाए।
2438  EXO 31:17  वह मेरे और इस्राएलियों के बीच सदा एक चिन्ह रहेगा, क्योंकि दिन में यहोवा ने आकाश और पृथ्वी को बनाया, और सातवें दिन विश्राम करके अपना जी ठण्डा किया'।”
2474  EXO 32:35  अत यहोवा ने उन लोगों पर विपत्ति डाली, क्योंकि हारून के बनाए हुए बछड़े को उन्हीं ने बनवाया था।
2518  EXO 34:21  “छ दिन तो परिश्रम करना, परन्तु सातवें दिन विश्राम करना; वरन् हल जोतने और लवने के समय में भी विश्राम करना।
2534  EXO 35:2  दिन तो काम-काज किया जाए, परन्तु सातवाँ दिन तुम्हारे लिये पवित्र और यहोवा के लिये पवित्र विश्राम का दिन ठहरे; उसमें जो कोई काम-काज करे वह मार डाला जाए;
2583  EXO 36:16  इनमें से उसने पाँच परदे अलग और परदे अलग जोड़ दिए।
2594  EXO 36:27  और निवास की पिछली ओर, अर्थात् पश्चिम ओर के लिये उसने तख्ते बनाए।
2623  EXO 37:18  और दीवट से निकली हुई डालियाँ बनीं; तीन डालियाँ तो उसकी एक ओर से और तीन डालियाँ उसकी दूसरी ओर से निकली हुई बनीं।
2660  EXO 38:26  अर्थात् जितने बीस वर्ष के और उससे अधिक आयु के गिने गए थे, वे लाख तीन हजार साढ़े पाँच सौ पुरुष थे, और एक-एक जन की ओर से पवित्रस्‍थान के शेकेल के अनुसार आधा शेकेल, जो एक बेका होता है, मिला।
2850  LEV 5:19  यह दोषबलि ठहरे; क्योंकि वह मनुष्य निसन्देह यहोवा के सम्मुख दोषी ठहरेगा।”
2996  LEV 10:18  देखो, उसका लहू पवित्रस्‍थान के भीतर तो लाया ही नहीं गया, निसन्देह उचित था कि तुम मेरी आज्ञा के अनुसार उसके माँस को पवित्रस्‍थान में खाते।”
3315  LEV 19:33  “यदि कोई परदेशी तुम्हारे देश में तुम्हारे संग रहे, तो उसको दुन देना।
3340  LEV 20:21  यदि कोई अपनी भाभी को अपनी पत्‍नी बनाए, तो इसे घिनौना काम जानना; और वह अपने भाई का तन उघाड़नेवाला ठहरेगा, इस कारण वे दोनों निसन्तान रहेंगे। (मत्ती 14:3-4)
3406  LEV 23:3  दिन काम-काज किया जाए, पर सातवाँ दिन परमविश्राम* का और पवित्र सभा का दिन है; उसमें किसी प्रकार का काम-काज न किया जाए; वह तुम्हारे सब घरों में यहोवा का विश्राम दिन ठहरे।
3453  LEV 24:6  तब उनकी दो पंक्तियाँ करके, एक-एक पंक्ति में छ: रोटियाँ, स्वच्छ मेज पर यहोवा के सामने रखना।