Wildebeest analysis examples for:   hin-hin2017   ओ    February 25, 2023 at 00:21    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

21  GEN 1:21  इसलिए परमेश्‍वर ने जाति-जाति के बड़े-बड़े जल-जन्तुकी, और उन सब जीवित प्राणियों की भी सृष्टि की जो चलते-फिरते हैं जिनसे जल बहुत ही भर गया और एक-एक जाति के उड़नेवाले पक्षियों की भी सृष्टि की; और परमेश्‍वर ने देखा कि अच्छा है।
22  GEN 1:22  परमेश्‍वर ने यह कहकर उनको आशीष दी*, “फूलो-फलो, और समुद्र के जल में भर जा, और पक्षी पृथ्वी पर बढ़ें।”
25  GEN 1:25  इस प्रकार परमेश्‍वर ने पृथ्वी के जाति-जाति के वन-पशुको, और जाति-जाति के घरेलू पशुको, और जाति-जाति के भूमि पर सब रेंगनेवाले जन्तुको बनाया; और परमेश्‍वर ने देखा कि अच्छा है।
26  GEN 1:26  फिर परमेश्‍वर ने कहा, “हम मनुष्य* को अपने स्वरूप के अनुसार* अपनी समानता में बनाएँ; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगनेवाले जन्तुपर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।” (याकू. 3:9)
28  GEN 1:28  और परमेश्‍वर ने उनको आशीष दी; और उनसे कहा, “फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जा, और उसको अपने वश में कर लो; और समुंद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुपर अधिकार रखो।”
39  GEN 2:8  और यहोवा परमेश्‍वर ने पूर्व की र, अदन में एक वाटिका लगाई; और वहाँ आदम को जिसे उसने रचा था, रख दिया।
45  GEN 2:14  और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है; यह वही है जो अश्शूर के पूर्व की बहती है। और चौथी नदी का नाम फरात है।
50  GEN 2:19  और यहोवा परमेश्‍वर भूमि में से सब जाति के जंगली पशुं, और आकाश के सब भाँति के पक्षियों को रचकर आदम के पास ले आया कि देखे, कि वह उनका क्या-क्या नाम रखता है; और जिस-जिस जीवित प्राणी का जो-जो नाम आदम ने रखा वही उसका नाम हो गया।
51  GEN 2:20  अतः आदम ने सब जाति के घरेलू पशुं, और आकाश के पक्षियों, और सब जाति के जंगली पशुके नाम रखे; परन्तु आदम के लिये कोई ऐसा सहायक न मिला जो उससे मेल खा सके।
59  GEN 3:3  पर जो वृक्ष वाटिका के बीच में है, उसके फल के विषय में परमेश्‍वर ने कहा है कि न तो तुम उसको खाना और न ही उसको छूना, नहीं तो मर जागे।”
61  GEN 3:5  वरन् परमेश्‍वर आप जानता है कि जिस दिन तुम उसका फल खागे उसी दिन तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्‍वर के तुल्य हो जागे।”
70  GEN 3:14  तब यहोवा परमेश्‍वर ने सर्प से कहा, “तूने जो यह किया है इसलिए तू सब घरेलू पशुं, और सब जंगली पशुसे अधिक श्रापित है; तू पेट के बल चला करेगा, और जीवन भर मिट्टी चाटता रहेगा;
72  GEN 3:16  फिर स्त्री से उसने कहा, “मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दुःख को बहुत बढ़ाऊँगा; तू पीड़ित होकर बच्चे उत्‍पन्‍न करेगी; और तेरी लालसा तेरे पति की होगी, और वह तुझ पर प्रभुता करेगा।” (1 कुरि. 11:3, इफि. 5:22, कुलु. 3:18)
80  GEN 3:24  इसलिए आदम को उसने निकाल दिया* और जीवन के वृक्ष के मार्ग का पहरा देने के लिये अदन की वाटिका के पूर्व की करूबों को, और चारों घूमनेवाली अग्निमय तलवार को भी नियुक्त कर दिया।
87  GEN 4:7  यदि तू भला करे, तो क्या तेरी भेंट ग्रहण न की जाएगी? और यदि तू भला न करे, तो पाप द्वार पर छिपा रहता है, और उसकी लालसा तेरी होगी, और तुझे उस पर प्रभुता करनी है।”
90  GEN 4:10  उसने कहा, “तूने क्या किया है? तेरे भाई का लहू भूमि में से मेरी चिल्लाकर मेरी दुहाई दे रहा है! (इब्रा. 12:24)
91  GEN 4:11  इसलिए अब भूमि जिसने तेरे भाई का लहू तेरे हाथ से पीने के लिये अपना मुँह खोला है, उसकी से तू श्रापित* है।
96  GEN 4:16  तब कैन यहोवा के सम्मुख से निकल गया और नोद नामक देश में, जो अदन के पूर्व की है, रहने लगा।
100  GEN 4:20  आदा ने याबाल को जन्म दिया। वह उन लोगों का पिता था जो तम्बूमें रहते थे और पशुका पालन करके जीवन निर्वाह करते थे।
103  GEN 4:23  लेमेक ने अपनी पत्नियों से कहा, “हे आदा और हे सिल्ला मेरी सुनो; हे लेमेक की पत्नियों, मेरी बात पर कान लगा: मैंने एक पुरुष को जो मुझे चोट लगाता था, अर्थात् एक जवान को जो मुझे घायल करता था, घात किया है।
154  GEN 6:16  जहाज में एक खिड़की बनाना, और उसके एक हाथ ऊपर से उसकी छत बनाना, और जहाज की एक एक द्वार रखना, और जहाज में पहला, दूसरा, तीसरा खण्ड बनाना।
156  GEN 6:18  परन्तु तेरे संग मैं वाचा बाँधता हूँ;* इसलिए तू अपने पुत्रों, स्त्री, और बहुसमेत जहाज में प्रवेश करना।
162  GEN 7:2  सब जाति के शुद्ध पशुमें से तो तू सात-सात जोड़े, अर्थात् नर और मादा लेना: पर जो पशु शुद्ध नहीं हैं, उनमें से दो-दो लेना, अर्थात् नर और मादा:
167  GEN 7:7  नूह अपने पुत्रों, पत्‍नी और बहुसमेत, जल-प्रलय से बचने के लिये जहाज में गया।
168  GEN 7:8  शुद्ध, और अशुद्ध दोनों प्रकार के पशुमें से, पक्षियों,
173  GEN 7:13  ठीक उसी दिन नूह अपने पुत्र शेम, हाम, और येपेत, और अपनी पत्‍नी, और तीनों बहुसमेत,
200  GEN 8:16  “तू अपने पुत्रों, पत्‍नी और बहुसमेत जहाज में से निकल आ।
204  GEN 8:20  तब नूह ने यहोवा के लिये एक वेदी बनाई;* और सब शुद्ध पशुं, और सब शुद्ध पक्षियों में से, कुछ-कुछ लेकर वेदी पर होमबलि चढ़ाया।
207  GEN 9:1  फिर परमेश्‍वर ने नूह और उसके पुत्रों को आशीष दी* और उनसे कहा, “फूलो-फलो और बढ़ो और पृथ्वी में भर जा
208  GEN 9:2  तुम्हारा डर और भय पृथ्वी के सब पशुं, और आकाश के सब पक्षियों, और भूमि पर के सब रेंगनेवाले जन्तुं, और समुद्र की सब मछलियों पर बना रहेगा वे सब तुम्हारे वश में कर दिए जाते हैं।
211  GEN 9:5  और निश्चय मैं तुम्हारा लहू अर्थात् प्राण का बदला लूँगा: सब पशुं, और मनुष्यों, दोनों से मैं उसे लूँगा; मनुष्य के प्राण का बदला मैं एक-एक के भाई बन्धु से लूँगा।
213  GEN 9:7  और तुम तो फूलो-फलो और बढ़ो और पृथ्वी पर बहुतायत से सन्तान उत्‍पन्‍न करके उसमें भर जा।”
229  GEN 9:23  तब शेम और येपेत दोनों ने कपड़ा लेकर अपने कंधों पर रखा और पीछे की उलटा चलकर अपने पिता के नंगे तन को ढाँप दिया और वे अपना मुख पीछे किए हुए थे इसलिए उन्होंने अपने पिता को नंगा न देखा।
231  GEN 9:25  इसलिए उसने कहा, “कनान श्रापित हो: वह अपने भाई-बन्धुके दासों का दास हो।”
233  GEN 9:27  परमेश्‍वर येपेत के वंश को फैलाए; और वह शेम के तम्बूमें बसे, और कनान उसका दास हो।”
240  GEN 10:5  इनके वंश अन्यजातियों के द्वीपों के देशों में ऐसे बँट गए कि वे भिन्न-भिन्न भाषां, कुलों, और जातियों के अनुसार अलग-अलग हो गए।
255  GEN 10:20  हाम के वंश में ये ही हुए; और ये भिन्न-भिन्न कुलों, भाषां, देशों, और जातियों के अनुसार अलग-अलग हो गए।
263  GEN 10:28  बाल, अबीमाएल, शेबा,
264  GEN 10:29  पीर, हवीला, और योबाब को जन्म दिया: ये ही सब योक्तान के पुत्र हुए।
266  GEN 10:31  शेम के पुत्र ये ही हुए; और ये भिन्न-भिन्न कुलों, भाषां, देशों और जातियों के अनुसार अलग-अलग हो गए।
269  GEN 11:2  उस समय लोग पूर्व की चलते-चलते शिनार देश में एक मैदान पाकर उसमें बस गए।
270  GEN 11:3  तब वे आपस में कहने लगे, “आ, हम ईटें बना-बनाकर भली-भाँति आग में पकाएँ।” और उन्होंने पत्थर के स्थान पर ईंट से, और मिट्टी के गारे के स्थान में चूने से काम लिया।
271  GEN 11:4  फिर उन्होंने कहा, “आ, हम एक नगर और एक मीनार बना लें, जिसकी चोटी आकाश से बातें करे, इस प्रकार से हम अपना नाम करें, ऐसा न हो कि हमको सारी पृथ्वी पर फैलना पड़े।”
274  GEN 11:7  इसलिए, हम उतर कर उनकी भाषा में बड़ी गड़बड़ी डालें, कि वे एक दूसरे की बोली को न समझ सके।”
307  GEN 12:8  फिर वहाँ से आगे बढ़कर, वह उस पहाड़ पर आया, जो बेतेल के पूर्व की है; और अपना तम्बू उस स्थान में खड़ा किया जिसके पश्चिम की तो बेतेल, और पूर्व की आई है; और वहाँ भी उसने यहोवा के लिये एक वेदी बनाई: और यहोवा से प्रार्थना की।
308  GEN 12:9  और अब्राम आगे बढ़ करके दक्षिण देश की चला गया।
328  GEN 13:9  क्या सारा देश तेरे सामने नहीं? सो मुझसे अलग हो, यदि तू बाईं जाए तो मैं दाहिनी जाऊँगा; और यदि तू दाहिनी जाए तो मैं बाईं जाऊँगा।”
330  GEN 13:11  सो लूत अपने लिये यरदन की सारी तराई को चुन के पूर्व की चला, और वे एक दूसरे से अलग हो गये।
333  GEN 13:14  जब लूत अब्राम से अलग हो गया तब उसके पश्चात् यहोवा ने अब्राम से कहा,* “आँख उठाकर जिस स्थान पर तू है वहाँ से उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम, चारों दृष्टि कर।
338  GEN 14:1  शिनार के राजा अम्रापेल, और एल्लासार के राजा अर्योक, और एलाम के राजा कदोर्लामेर, और गोयीम के राजा तिदाल के दिनों में ऐसा हुआ,
339  GEN 14:2  कि उन्होंने सदोम के राजा बेरा, और गमोरा के राजा बिर्शा, और अदमा के राजा शिनाब, और सबोयीम के राजा शेमेबेर, और बेला जो सोअर भी कहलाता है, इन राजाके विरुद्ध युद्ध किया।
341  GEN 14:4  बारह वर्ष तक तो ये कदोर्लामेर के अधीन रहे; पर तेरहवें वर्ष में उसके विरुद्ध उठे।
342  GEN 14:5  चौदहवें वर्ष में कदोर्लामेर, और उसके संगी राजा आए, और अश्तारोत्कनम में रापाइयों को, और हाम में जूजियों को, और शावे-किर्यातैम में एमियों को,
346  GEN 14:9  अर्थात् एलाम के राजा कदोर्लामेर, गोयीम के राजा तिदाल, शिनार के राजा अम्रापेल, और एल्लासार के राजा अर्योक, इन चारों के विरुद्ध उन पाँचों ने पाँति बाँधी।
348  GEN 14:11  तब वे सदोम और गमोरा के सारे धन और भोजन वस्तुको लूट लाट कर चले गए।
352  GEN 14:15  और अपने दासों के अलग-अलग दल बाँधकर रात को उन पर चढ़ाई करके उनको मार लिया और होबा तक, जो दमिश्क की उत्तर की है, उनका पीछा किया।
354  GEN 14:17  जब वह कदोर्लामेर और उसके साथी राजाको जीतकर लौटा आता था तब सदोम का राजा शावे नामक तराई में, जो राजा की तराई भी कहलाती है, उससे भेंट करने के लिये आया।
356  GEN 14:19  और उसने अब्राम को यह आशीर्वाद दिया, “परमप्रधान परमेश्‍वर की से, जो आकाश और पृथ्वी का अधिकारी है, तू धन्य हो।
366  GEN 15:5  और उसने उसको बाहर ले जाकर कहा, “आकाश की दृष्टि करके तारागण को गिन, क्या तू उनको गिन सकता है?” फिर उसने उससे कहा, “तेरा वंश ऐसा ही होगा।” (रोम. 4:18)
394  GEN 16:12  और वह मनुष्य जंगली गदहे के समान होगा, उसका हाथ सबके विरुद्ध उठेगा, और सबके हाथ उसके विरुद्ध उठेंगे; और वह अपने सब भाई-बन्धुके मध्य में बसा रहेगा।”
441  GEN 18:16  फिर वे पुरुष वहाँ से चलकर, सदोम की दृष्टि की; और अब्राहम उन्हें विदा करने के लिये उनके संग-संग चला।
447  GEN 18:22  तब वे पुरुष वहाँ से मुड़ कर सदोम की जाने लगे; पर अब्राहम यहोवा के आगे खड़ा रह गया।
460  GEN 19:2  “हे मेरे प्रभुं, अपने दास के घर में पधारिए, और रात भर विश्राम कीजिए, और अपने पाँव धोइये, फिर भोर को उठकर अपने मार्ग पर जाइए।” उन्होंने कहा, “नहीं; हम चौक ही में रात बिताएँगे।”
462  GEN 19:4  उनके सो जाने के पहले, सदोम नगर के पुरुषों ने, जवानों से लेकर बूढ़ों तक, वरन् चारों के सब लोगों ने आकर उस घर को घेर लिया;
475  GEN 19:17  और ऐसा हुआ कि जब उन्होंने उनको बाहर निकाला, तब उसने कहा, “अपना प्राण लेकर भाग जा; पीछे की न ताकना, और तराई भर में न ठहरना; उस पहाड़ पर भाग जाना, नहीं तो तू भी भस्म हो जाएगा।”
482  GEN 19:24  तब यहोवा ने अपनी से सदोम और गमोरा पर आकाश से गन्धक और आग बरसाई; (लूका 17:29)
486  GEN 19:28  और सदोम, और गमोरा, और उस तराई के सारे देश की आँख उठाकर क्या देखा कि उस देश में से धधकती हुई भट्ठी का सा धुआँ उठ रहा है।
551  GEN 22:3  अतः अब्राहम सवेरे तड़के उठा और अपने गदहे पर काठी कसकर अपने दो सेवक, और अपने पुत्र इसहाक को संग लिया, और होमबलि के लिये लकड़ी चीर ली; तब निकलकर उस स्थान की चला, जिसकी चर्चा परमेश्‍वर ने उससे की थी।
565  GEN 22:17  इस कारण मैं निश्चय तुझे आशीष दूँगा; और निश्चय तेरे वंश को आकाश के तारागण, और समुद्र तट के रेतकणों के समान अनगिनत करूँगा, और तेरा वंश अपने शत्रुके नगरों का अधिकारी होगा; (इब्रा. 6:13,14)
576  GEN 23:4  “मैं तुम्हारे बीच अतिथि और परदेशी हूँ; मुझे अपने मध्य में कब्रिस्तान के लिये ऐसी भूमि दो जो मेरी निज की हो जाए, कि मैं अपने मृतक को गाड़कर अपने आँख की करूँ।”
580  GEN 23:8  “यदि तुम्हारी यह इच्छा हो कि मैं अपने मृतक को गाड़कर अपनी आँख की करूँ, तो मेरी प्रार्थना है, कि सोहर के पुत्र एप्रोन* से मेरे लिये विनती करो,
589  GEN 23:17  इस प्रकार एप्रोन की भूमि, जो मम्रे के सम्मुख की मकपेला में थी, वह गुफा समेत, और उन सब वृक्षों समेत भी जो उसमें और उसके चारों सीमा पर थे,
592  GEN 23:20  इस प्रकार वह भूमि गुफा समेत, जो उसमें थी, हित्तियों की से कब्रिस्तान के लिये अब्राहम के अधिकार में पूरी रीति से आ गई।
606  GEN 24:14  इसलिए ऐसा होने दे कि जिस कन्या से मैं कहूँ, 'अपना घड़ा मेरी झुका, कि मैं पीऊँ,' और वह कहे, 'ले, पी ले, बाद में मैं तेरे ऊँटों को भी पिलाऊँगी,' यह वही हो जिसे तूने अपने दास इसहाक के लिये ठहराया हो; इसी रीति मैं जान लूँगा कि तूने मेरे स्वामी पर करुणा की है।”
613  GEN 24:21  और वह पुरुष उसकी चुपचाप अचम्भे के साथ ताकता हुआ यह सोचता था कि यहोवा ने मेरी यात्रा को सफल किया है कि नहीं।
619  GEN 24:27  “धन्य है मेरे स्वामी अब्राहम का परमेश्‍वर यहोवा, जिसने अपनी करुणा और सच्चाई को मेरे स्वामी पर से हटा नहीं लिया: यहोवा ने मुझको ठीक मार्ग पर चलाकर मेरे स्वामी के भाई-बन्धुके घर पर पहुँचा दिया है।”
623  GEN 24:31  उसने कहा, “हे यहोवा की से धन्य पुरुष भीतर आ तू क्यों बाहर खड़ा है? मैंने घर को, और ऊँटों के लिये भी स्थान तैयार किया है।”
641  GEN 24:49  इसलिए अब, यदि तुम मेरे स्वामी के साथ कृपा और सच्चाई का व्यवहार करना चाहते हो, तो मुझसे कहो; और यदि नहीं चाहते हो; तो भी मुझसे कह दो; ताकि मैं दाहिनी र, या बाईं फिर जाऊँ।”
642  GEN 24:50  तब लाबान और बतूएल ने उत्तर दिया, “यह बात यहोवा की से हुई है; इसलिए हम लोग तुझ से न तो भला कह सकते हैं न बुरा।
677  GEN 25:18  और उसके वंश हवीला से शूर तक, जो मिस्र के सम्मुख अश्शूर के मार्ग में है, बस गए; और उनका भाग उनके सब भाई-बन्धुके सम्मुख पड़ा।
686  GEN 25:27  फिर वे लड़के बढ़ने लगे और एसाव तो वनवासी होकर चतुर शिकार खेलनेवाला हो गया, पर याकूब सीधा मनुष्य था, और तम्बूमें रहा करता था।
698  GEN 26:5  क्योंकि अब्राहम ने मेरी मानी, और जो मैंने उसे सौंपा था उसको और मेरी आज्ञां, विधियों और व्यवस्था का पालन किया।”
708  GEN 26:15  इसलिए जितने कुको उसके पिता अब्राहम के दासों ने अब्राहम के जीते जी खोदा था, उनको पलिश्तियों ने मिट्टी से भर दिया।
721  GEN 26:28  उन्होंने कहा, “हमने तो प्रत्यक्ष देखा है, कि यहोवा तेरे साथ रहता है; इसलिए हमने सोचा, कि तू तो यहोवा की से धन्य है, अतः हमारे तेरे बीच में शपथ खाई जाए, और हम तुझ से इस विषय की वाचा बन्धाएँ;
756  GEN 27:28  परमेश्‍वर तुझे आकाश से स, और भूमि की उत्तम से उत्तम उपज, और बहुत सा अनाज और नया दाखमधु दे;
767  GEN 27:39  उसके पिता इसहाक ने उससे कहा, “सुन, तेरा निवास उपजाऊ भूमि से दूर हो, और ऊपर से आकाश की उस पर न पड़े।
784  GEN 28:10  याकूब बेर्शेबा से निकलकर हारान की चला।
788  GEN 28:14  और तेरा वंश भूमि की धूल के किनकों के समान बहुत होगा, और पश्चिम, पूरब, उत्तर, दक्षिण, चारों फैलता जाएगा: और तेरे और तेरे वंश के द्वारा पृथ्वी के सारे कुल आशीष पाएँगे।
803  GEN 29:7  उसने कहा, “देखो, अभी तो दिन बहुत है, पशुके इकट्ठे होने का समय नहीं; इसलिए भेड़-बकरियों को जल पिलाकर फिर ले जाकर चरा।”
871  GEN 30:40  तब याकूब ने भेड़ों के बच्चों को अलग-अलग किया, और लाबान की भेड़-बकरियों के मुँह को चित्तीवाले और सबकाले बच्चों की कर दिया; और अपने झुण्डों को उनसे अलग रखा, और लाबान की भेड़-बकरियों से मिलने न दिया।
892  GEN 31:18  और जितने पशुको वह पद्दनराम में इकट्ठा करके धनाढ्य हो गया था, सबको कनान में अपने पिता इसहाक के पास जाने की मनसा से, साथ ले गया।
893  GEN 31:19  लाबान तो अपनी भेड़ों का ऊन कतरने के लिये चला गया था, और राहेल अपने पिता के गृहदेवताको चुरा ले गई।