Wildebeest analysis examples for:   urd-urd   ्    February 25, 2023 at 01:28    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

2  GEN 1:2  और ज़मीन वीरान और सुनसान थी और गहराओ के ऊपर अँधेरा था: और ख़ुदा की रूह पानी की सतह पर जुमबिश करती थी।
4  GEN 1:4  और ख़ुदा ने देखा कि रोशनी अचछी है, और ख़ुदा ने रोशनी को अँधेरे से जुदा किया।
9  GEN 1:9  और ख़ुदा ने कहा कि आसमान के नीचे का पानी एक जगह जमा हो कि ख़ुशकी नज़र आए, और ऐसा ही हुआ।
10  GEN 1:10  और ख़ुदा ने ख़ुशकी को ज़मीन कहा और जो पानी जमा हो गया था उसको समुनदर; और ख़ुदा ने देखा कि अचछा है।
11  GEN 1:11  और ख़ुदा ने कहा कि ज़मीन घास और बीजदार बूटियों को, और फलदार दरख़तों को जो अपनी — अपनी क़िसके मुताबिक़ फलें और जो ज़मीन पर अपने आप ही में बीज रखखें उगाए और ऐसा ही हुआ।
12  GEN 1:12  तब ज़मीन ने घास, और बूटियों को, जो अपनी — अपनी क़िसके मुताबिक़ बीज रखखें और फलदार दरख़तों को जिनके बीज उन की क़िसके मुताबिक़ उनमें हैं उगाया; और ख़ुदा ने देखा कि अचछा है।
14  GEN 1:14  और ख़ुदा ने कहा कि फ़लक पर सितारे हों कि दिन को रात से अलग करें; और वह निशान और ज़मानो और दिनों और बरसों के फ़रक़ के लिए हों।
16  GEN 1:16  फिर ख़ुदा ने दो बड़े चमकदार सितारे बनाए; एक बड़ा चमकदार सितारा, कि दिन पर हुककरे और एक छोटा चमकदार सितारा कि रात पर हुककरे और उसने सितारों को भी बनाया।
17  GEN 1:17  और ख़ुदा ने उनको फ़लक पर रखखा कि ज़मीन पर रोशनी डालें,
18  GEN 1:18  और दिन पर और रात पर हुककरें, और उजाले को अनधेरे से जुदा करें; और ख़ुदा ने देखा कि अचछा है।
20  GEN 1:20  और ख़ुदा ने कहा कि पानी जानदारों को कसरत से पैदा करे, और परिनदे ज़मीन के ऊपर फ़ज़ा में उड़ें।
21  GEN 1:21  और ख़ुदा ने बड़े बड़े दरियाई जानवरों को, और हर क़िसके जानदार को जो पानी से बकसरत पैदा हुए थे, उनकी क़िसके मुताबिक़ और हर क़िसके परिनदों को उनकी क़िसके मुताबिक़, पैदा किया; और ख़ुदा ने देखा कि अचछा है।
22  GEN 1:22  और ख़ुदा ने उनको यह कह कर बरकत दी कि फलो और बढ़ो और इन समुनदरों के पानी को भर दो, और परिनदे ज़मीन पर बहुत बढ़ जाएँ।
24  GEN 1:24  और ख़ुदा ने कहा कि ज़मीन जानदारों को, उनकी क़िसके मुताबिक़, चौपाये और रेंगनेवाले जानदार और जंगली जानवर उनकी क़िसके मुताबिक़ पैदा करे, और ऐसा ही हुआ।
25  GEN 1:25  और ख़ुदा ने जंगली जानवरों और चौपायों को उनकी क़िसके मुताबिक़ और ज़मीन के रेंगने वाले जानदारों को उनकी क़िसके मुताबिक़ बनाया; और ख़ुदा ने देखा कि अचछा है।
26  GEN 1:26  फिर ख़ुदा ने कहा कि हम इंसान को अपनी सूरत पर अपनी शबीह की तरह बनाएँ और वह समुनदर की मछलियों और आसमान के परिनदों और चौपायों, और तमाम ज़मीन और सब जानदारों पर जो ज़मीन पर रेंगते हैं इख़तियार रखखें।
28  GEN 1:28  और ख़ुदा ने उनको बरकत दी और कहा कि फलो और बढ़ो और ज़मीन को भर दो और हुकूमत करो और समुनदर की मछलियों और हवा के परिनदों और कुल जानवरों पर जो ज़मीन पर चलते हैं इख़ितयार रखखो।
29  GEN 1:29  और ख़ुदा ने कहा कि देखो, मैं तमाम रू — ए — ज़मीन की कुल बीजदार सबज़ी और हर दरख़जिसमें उसका बीजदार फल हो, तुम को देता हूँ; यह तुमहारे खाने को हों।
30  GEN 1:30  और ज़मीन के कुल जानवरों के लिए, और हवा के कुल परिनदों के लिए और उन सब के लिए जो ज़मीन पर रेंगने वाले हैं जिनमें ज़िनदगी का दम है, कुल हरी बूटियाँ खाने को देता हूँ, और ऐसा ही हुआ।
31  GEN 1:31  और ख़ुदा ने सब पर जो उसने बनाया था नज़र की, और देखा कि बहुत अचछा है, और शाम हुई और सुबह हुई तब छठा दिन हुआ।
32  GEN 2:1  तब आसमान और ज़मीन और उनके कुल लशकर का बनाना ख़तहुआ।
33  GEN 2:2  और ख़ुदा ने अपने काम को, जिसे वह करता था सातवें दिन ख़तकिया, और अपने सारे काम से जिसे वह कर रहा था, सातवें दिन फ़ारिग़ हुआ।
34  GEN 2:3  और ख़ुदा ने सातवें दिन को बरकत दी, और उसे मुक़ददस ठहराया;यूँकि उसमें ख़ुदा सारी कायनात से जिसे उसने पैदा किया और बनाया फ़ारिग़ हुआ।
35  GEN 2:4  यह है आसमान और ज़मीन की पैदाइश, जब वह पैदा हुए जिस दिन ख़ुदावनख़ुदा ने ज़मीन और आसमान को बनाया;
36  GEN 2:5  और ज़मीन पर अब तक खेत का कोई पौधा न था और न मैदान की कोई सबज़ी अब तक उगी थी,यूँकि ख़ुदावनख़ुदा ने ज़मीन पर पानी नहीं बरसाया था, और न ज़मीन जोतने को कोई इंसान था।
37  GEN 2:6  बलकि ज़मीन से कुहर उठती थी, और तमाम रू — ए — ज़मीन को सेराब करती थी।
38  GEN 2:7  और ख़ुदावनख़ुदा ने ज़मीन की मिटटी से इंसान को बनाया और उसके नथनों में ज़िनदगी का दम फूंका इंसान जीती जान हुआ।
39  GEN 2:8  और ख़ुदावनख़ुदा ने मशरिक़ की तरफ़ अदन में एक बाग़ लगाया और इंसान को जिसे उसने बनाया था वहाँ रखखा।
40  GEN 2:9  और ख़ुदावनख़ुदा ने हर दरख़को जो देखने में ख़ुशनुमा और खाने के लिए अचछा था ज़मीन से उगाया और बाग़ के बीच में ज़िनदगी का दरख़और भले और बुरे की पहचान का दरख़भी लगाया।
46  GEN 2:15  और ख़ुदावनख़ुदा ने आदम को लेकर बाग़ — ए — 'अदन में रखखा के उसकी बाग़वानी और निगहबानी करे।
47  GEN 2:16  और ख़ुदावनख़ुदा ने आदम को हुकदिया और कहा कि तू बाग़ के हर दरख़का फल बे रोक टोक खा सकता है।
48  GEN 2:17  लेकिन भले और बुरे की पहचान के दरख़का कभी न खानायूँकि जिस रोज़ तूने उसमें से खायेगा तू मर जायेगा।
49  GEN 2:18  और ख़ुदावनख़ुदा ने कहा कि आदम का अकेला रहना अचछा नहीं मैं उसके लिए एक मददगार उसकी तरह बनाऊँगा।
50  GEN 2:19  और ख़ुदावनख़ुदा ने सब जंगली जानवर और हवा के सब परिनदे मिटटी से बनाए और उनको आदम के पास लाया कि देखे कि वह उनकेया नाम रखता है और आदम ने जिस जानवर को जो कहा वही उसका नाम ठहरा।
51  GEN 2:20  और आदम ने सब चौपायों और हवा के परिनदों और सब जंगली जानवरों के नाम रखखे लेकिन आदम के लिए कोई मददगार उसकी तरह न मिला।
52  GEN 2:21  और ख़ुदावनख़ुदा ने आदम पर गहरी नींद भेजी और वह सो गया और उसने उसकी पसलियों में से एक को निकाल लिया और उसकी जगह गोशभर दिया।
53  GEN 2:22  और ख़ुदावनख़ुदा उस पसली से जो उसने आदम में से निकाली थी एक 'औरत बना कर उसे आदम के पास लाया।
54  GEN 2:23  और आदम ने कहा कि यह तो अब मेरी हडडियों में से हडडी, और मेरे गोशमें से गोशहै; इसलिए वह 'औरत कहलाएगीयूँकि वह मरसे निकाली गई।
57  GEN 3:1  और साँप सब जंगली जानवरों से, जिनको ख़ुदावनख़ुदा ने बनाया था चालाक था, और उसने 'औरत से कहाया वाक़'ई ख़ुदा ने कहा है, कि बाग़ के किसी दरख़का फल तुम न खाना?
58  GEN 3:2  'औरत ने साँप से कहा कि बाग़ के दरख़तों का फल तो हम खाते हैं।
59  GEN 3:3  लेकिन जो दरख़बाग़ के बीच में है उसके फल के बारे में ख़ुदा ने कहा है कि तुम न तो उसे खाना और न छूना वरना मर जाओगे।
61  GEN 3:5  बलकि ख़ुदा जानता है कि जिस दिन तुम उसे खाओगे, तुमहारी आँखें खुल जाएँगी, और तुम ख़ुदा की तरह भले और बुरे के जानने वाले बन जाओगे।
62  GEN 3:6  'औरत ने जो देखा कि वह दरख़खाने के लिए अचछा और आँखों को ख़ुशनुमा मा'लूम होता है और अकबख़शने के लिए ख़ूब है तो उसके फल में से लिया और खाया और अपने शौहर को भी दिया और उसने खाया।
63  GEN 3:7  तब दोनों की आँखें खुल गई और उनको मा'लूम हुआ कि वह नंगे हैं और उनहोंने अंजीर के पततों को सी कर अपने लिए लूंगियाँ बनाई।
64  GEN 3:8  और उनहोंने ख़ुदावनख़ुदा की आवाज़ जो ठंडे वक़बाग़ में फिरता था सुनी और आदम और उसकी बीवी ने अपने आप को ख़ुदावनख़ुदा के सामने से बाग़ के दरख़तों में छिपाया।
65  GEN 3:9  तब ख़ुदावनख़ुदा ने आदम को पुकारा और उससे कहा कि तू कहाँ है?