3 | GEN 1:3 | फिर अल्लाह ने कहा, “रौशनी हो जाए” तो रौशनी पैदा हो गई। |
6 | GEN 1:6 | अल्लाह ने कहा, “पानी के दरमियान एक ऐसा गुंबद पैदा हो जाए जिससे निचला पानी ऊपर के पानी से अलग हो जाए।” |
9 | GEN 1:9 | अल्लाह ने कहा, “जो पानी आसमान के नीचे है वह एक जगह जमा हो जाए ताकि दूसरी तरफ़ ख़ुश्क जगह नज़र आए।” ऐसा ही हुआ। |
11 | GEN 1:11 | फिर उसने कहा, “ज़मीन हरियावल पैदा करे, ऐसे पौदे जो बीज रखते हों और ऐसे दरख़्त जिनके फल अपनी अपनी क़िस्म के बीज रखते हों।” ऐसा ही हुआ। |
14 | GEN 1:14 | अल्लाह ने कहा, “आसमान पर रौशनियाँ पैदा हो जाएँ ताकि दिन और रात में इम्तियाज़ हो और इसी तरह मुख़्तलिफ़ मौसमों, दिनों और सालों में भी। |
20 | GEN 1:20 | अल्लाह ने कहा, “पानी आबी जानदारों से भर जाए और फ़िज़ा में परिंदे उड़ते फिरें।” |
22 | GEN 1:22 | उसने उन्हें बरकत दी और कहा, “फलो-फूलो और तादाद में बढ़ते जाओ। समुंदर तुमसे भर जाए। इसी तरह परिंदे ज़मीन पर तादाद में बढ़ जाएँ।” |
24 | GEN 1:24 | अल्लाह ने कहा, “ज़मीन हर क़िस्म के जानदार पैदा करे : मवेशी, रेंगनेवाले और जंगली जानवर।” ऐसा ही हुआ। |
26 | GEN 1:26 | अल्लाह ने कहा, “आओ अब हम इनसान को अपनी सूरत पर बनाएँ, वह हमसे मुशाबहत रखे। वह तमाम जानवरों पर हुकूमत करे, समुंदर की मछलियों पर, हवा के परिंदों पर, मवेशियों पर, जंगली जानवरों पर और ज़मीन पर के तमाम रेंगनेवाले जानदारों पर।” |
28 | GEN 1:28 | अल्लाह ने उन्हें बरकत दी और कहा, “फलो-फूलो और तादाद में बढ़ते जाओ। दुनिया तुमसे भर जाए और तुम उस पर इख़्तियार रखो। समुंदर की मछलियों, हवा के परिंदों और ज़मीन पर के तमाम रेंगनेवाले जानदारों पर हुकूमत करो।” |
29 | GEN 1:29 | अल्लाह ने उनसे मज़ीद कहा, “तमाम बीजदार पौदे और फलदार दरख़्त तुम्हारे ही हैं। मैं उन्हें तुमको खाने के लिए देता हूँ। |
47 | GEN 2:16 | लेकिन रब ख़ुदा ने उसे आगाह किया, “तुझे हर दरख़्त का फल खाने की इजाज़त है। |
49 | GEN 2:18 | रब ख़ुदा ने कहा, “अच्छा नहीं कि आदमी अकेला रहे। मैं उसके लिए एक मुनासिब मददगार बनाता हूँ।” |
54 | GEN 2:23 | उसे देखकर वह पुकार उठा, “वाह! यह तो मुझ जैसी ही है, मेरी हड्डियों में से हड्डी और मेरे गोश्त में से गोश्त है। इसका नाम नारी रखा जाए क्योंकि वह नर से निकाली गई है।” |
57 | GEN 3:1 | साँप ज़मीन पर चलने-फिरनेवाले उन तमाम जानवरों से ज़्यादा चालाक था जिनको रब ख़ुदा ने बनाया था। उसने औरत से पूछा, “क्या अल्लाह ने वाक़ई कहा कि बाग़ के किसी भी दरख़्त का फल न खाना?” |
58 | GEN 3:2 | औरत ने जवाब दिया, “हरगिज़ नहीं। हम बाग़ का हर फल खा सकते हैं, |
60 | GEN 3:4 | साँप ने औरत से कहा, “तुम हरगिज़ न मरोगे, |
65 | GEN 3:9 | रब ख़ुदा ने पुकारकर कहा, “आदम, तू कहाँ है?” |
66 | GEN 3:10 | आदम ने जवाब दिया, “मैंने तुझे बाग़ में चलते हुए सुना तो डर गया, क्योंकि मैं नंगा हूँ। इसलिए मैं छुप गया।” |
67 | GEN 3:11 | उसने पूछा, “किसने तुझे बताया कि तू नंगा है? क्या तूने उस दरख़्त का फल खाया है जिसे खाने से मैंने मना किया था?” |
68 | GEN 3:12 | आदम ने कहा, “जो औरत तूने मेरे साथ रहने के लिए दी है उसने मुझे फल दिया। इसलिए मैंने खा लिया।” |
69 | GEN 3:13 | अब रब ख़ुदा औरत से मुख़ातिब हुआ, “तूने यह क्यों किया?” औरत ने जवाब दिया, “साँप ने मुझे बहकाया तो मैंने खाया।” |
70 | GEN 3:14 | रब ख़ुदा ने साँप से कहा, “चूँकि तूने यह किया, इसलिए तू तमाम मवेशियों और जंगली जानवरों में लानती है। तू उम्र-भर पेट के बल रेंगेगा और ख़ाक चाटेगा। |
72 | GEN 3:16 | फिर रब ख़ुदा औरत से मुख़ातिब हुआ और कहा, “जब तू उम्मीद से होगी तो मैं तेरी तकलीफ़ को बहुत बढ़ाऊँगा। जब तेरे बच्चे होंगे तो तू शदीद दर्द का शिकार होगी। तू अपने शौहर की तमन्ना करेगी लेकिन वह तुझ पर हुकूमत करेगा।” |
73 | GEN 3:17 | आदम से उसने कहा, “तूने अपनी बीवी की बात मानी और उस दरख़्त का फल खाया जिसे खाने से मैंने मना किया था। इसलिए तेरे सबब से ज़मीन पर लानत है। उससे ख़ुराक हासिल करने के लिए तुझे उम्र-भर मेहनत-मशक़्क़त करनी पड़ेगी। |
78 | GEN 3:22 | उसने कहा, “इनसान हमारी मानिंद हो गया है, वह अच्छे और बुरे का इल्म रखता है। अब ऐसा न हो कि वह हाथ बढ़ाकर ज़िंदगी बख़्शनेवाले दरख़्त के फल से ले और उससे खाकर हमेशा तक ज़िंदा रहे।” |
81 | GEN 4:1 | आदम हव्वा से हमबिसतर हुआ तो उनका पहला बेटा क़ाबील पैदा हुआ। हव्वा ने कहा, “रब की मदद से मैंने एक मर्द हासिल किया है।” |
86 | GEN 4:6 | रब ने पूछा, “तू ग़ुस्से में क्यों आ गया है? तेरा मुँह क्यों लटका हुआ है? |
88 | GEN 4:8 | एक दिन क़ाबील ने अपने भाई से कहा, “आओ, हम बाहर खुले मैदान में चलें।” और जब वह खुले मैदान में थे तो क़ाबील ने अपने भाई हाबील पर हमला करके उसे मार डाला। |
89 | GEN 4:9 | तब रब ने क़ाबील से पूछा, “तेरा भाई हाबील कहाँ है?” क़ाबील ने जवाब दिया, “मुझे क्या पता! क्या अपने भाई की देख-भाल करना मेरी ज़िम्मादारी है?” |
90 | GEN 4:10 | रब ने कहा, “तूने क्या किया है? तेरे भाई का ख़ून ज़मीन में से पुकारकर मुझसे फ़रियाद कर रहा है। |
93 | GEN 4:13 | क़ाबील ने कहा, “मेरी सज़ा निहायत सख़्त है। मैं इसे बरदाश्त नहीं कर पाऊँगा। |
95 | GEN 4:15 | लेकिन रब ने उससे कहा, “हरगिज़ नहीं। जो क़ाबील को क़त्ल करे उससे सात गुना बदला लिया जाएगा।” फिर रब ने उस पर एक निशान लगाया ताकि जो भी क़ाबील को देखे वह उसे क़त्ल न कर दे। |
103 | GEN 4:23 | एक दिन लमक ने अपनी बीवियों से कहा, “अदा और ज़िल्ला, मेरी बात सुनो! लमक की बीवियो, मेरे अलफ़ाज़ पर ग़ौर करो! |
105 | GEN 4:25 | आदम और हव्वा का एक और बेटा पैदा हुआ। हव्वा ने उसका नाम सेत रखकर कहा, “अल्लाह ने मुझे हाबील की जगह जिसे क़ाबील ने क़त्ल किया एक और बेटा बख़्शा है।” |
135 | GEN 5:29 | उसने उसका नाम नूह यानी तसल्ली रखा, क्योंकि उसने उसके बारे में कहा, “हमारा खेतीबाड़ी का काम निहायत तकलीफ़देह है, इसलिए कि अल्लाह ने ज़मीन पर लानत भेजी है। लेकिन अब हम बेटे की मारिफ़त तसल्ली पाएँगे।” |
141 | GEN 6:3 | फिर रब ने कहा, “मेरी रूह हमेशा के लिए इनसान में न रहे क्योंकि वह फ़ानी मख़लूक़ है। अब से वह 120 साल से ज़्यादा ज़िंदा नहीं रहेगा।” |
145 | GEN 6:7 | उसने कहा, “गो मैं ही ने इनसान को ख़लक़ किया मैं उसे रूए-ज़मीन पर से मिटा डालूँगा। मैं न सिर्फ़ लोगों को बल्कि ज़मीन पर चलने-फिरने और रेंगनेवाले जानवरों और हवा के परिंदों को भी हलाक कर दूँगा, क्योंकि मैं पछताता हूँ कि मैंने उनको बनाया।” |
151 | GEN 6:13 | तब अल्लाह ने नूह से कहा, “मैंने तमाम जानदारों को ख़त्म करने का फ़ैसला किया है, क्योंकि उनके सबब से पूरी दुनिया ज़ुल्मो-तशद्दुद से भर गई है। चुनाँचे मैं उनको ज़मीन समेत तबाह कर दूँगा। |
161 | GEN 7:1 | फिर रब ने नूह से कहा, “अपने घराने समेत कश्ती में दाख़िल हो जा, क्योंकि इस दौर के लोगों में से मैंने सिर्फ़ तुझे रास्तबाज़ पाया है। |
200 | GEN 8:16 | “अपनी बीवी, बेटों और बहुओं के साथ कश्ती से निकल आ। |
205 | GEN 8:21 | यह क़ुरबानियाँ देखकर रब ख़ुश हुआ और अपने दिल में कहा, “अब से मैं कभी ज़मीन पर इनसान की वजह से लानत नहीं भेजूँगा, क्योंकि उसका दिल बचपन ही से बुराई की तरफ़ मायल है। अब से मैं कभी इस तरह तमाम जान रखनेवाली मख़लूक़ात को रूए-ज़मीन पर से नहीं मिटाऊँगा। |
207 | GEN 9:1 | फिर अल्लाह ने नूह और उसके बेटों को बरकत देकर कहा, “फलो-फूलो और तादाद में बढ़ते जाओ। दुनिया तुमसे भर जाए। |
215 | GEN 9:9 | “अब मैं तुम्हारे और तुम्हारी औलाद के साथ अहद क़ायम करता हूँ। |
231 | GEN 9:25 | उसने कहा, “कनान पर लानत! वह अपने भाइयों का ज़लीलतरीन ग़ुलाम होगा। |
244 | GEN 10:9 | रब के नज़दीक वह ज़बरदस्त शिकारी था। इसलिए आज भी किसी अच्छे शिकारी के बारे में कहा जाता है, “वह नमरूद की मानिंद है जो रब के नज़दीक ज़बरदस्त शिकारी था।” |
270 | GEN 11:3 | तब वह एक दूसरे से कहने लगे, “आओ, हम मिट्टी से ईंटें बनाकर उन्हें आग में ख़ूब पकाएँ।” उन्होंने तामीरी काम के लिए पत्थर की जगह ईंटें और मसाले की जगह तारकोल इस्तेमाल किया। |
271 | GEN 11:4 | फिर वह कहने लगे, “आओ, हम अपने लिए शहर बना लें जिसमें ऐसा बुर्ज हो जो आसमान तक पहुँच जाए फिर हमारा नाम क़ायम रहेगा और हम रूए-ज़मीन पर बिखर जाने से बच जाएंगे।” |
273 | GEN 11:6 | रब ने कहा, “यह लोग एक ही क़ौम हैं और एक ही ज़बान बोलते हैं। और यह सिर्फ़ उसका आग़ाज़ है जो वह करना चाहते हैं। अब से जो भी वह मिलकर करना चाहेंगे उससे उन्हें रोका नहीं जा सकेगा। |
300 | GEN 12:1 | रब ने अब्राम से कहा, “अपने वतन, अपने रिश्तेदारों और अपने बाप के घर को छोड़कर उस मुल्क में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊँगा। |
306 | GEN 12:7 | वहाँ रब अब्राम पर ज़ाहिर हुआ और उससे कहा, “मैं तेरी औलाद को यह मुल्क दूँगा।” इसलिए उसने वहाँ रब की ताज़ीम में क़ुरबानगाह बनाई जहाँ वह उस पर ज़ाहिर हुआ था। |
310 | GEN 12:11 | जब वह मिसर की सरहद के क़रीब आए तो उसने अपनी बीवी सारय से कहा, “मैं जानता हूँ कि तू कितनी ख़ूबसूरत है। |
317 | GEN 12:18 | आख़िरकार फ़िरौन ने अब्राम को बुलाकर कहा, “तूने मेरे साथ क्या किया? तूने मुझे क्यों नहीं बताया कि सारय तेरी बीवी है? |
327 | GEN 13:8 | तब अब्राम ने लूत से बात की, “ऐसा नहीं होना चाहिए कि तेरे और मेरे दरमियान झगड़ा हो या तेरे चरवाहों और मेरे चरवाहों के दरमियान। हम तो भाई हैं। |
333 | GEN 13:14 | लूत अब्राम से जुदा हुआ तो रब ने अब्राम से कहा, “अपनी नज़र उठाकर चारों तरफ़ यानी शिमाल, जुनूब, मशरिक़ और मग़रिब की तरफ़ देख। |
356 | GEN 14:19 | उसने अब्राम को बरकत देकर कहा, “अब्राम पर अल्लाह तआला की बरकत हो, जो आसमानो-ज़मीन का ख़ालिक़ है। |
358 | GEN 14:21 | सदूम के बादशाह ने अब्राम से कहा, “मुझे मेरे लोग वापस कर दें और बाक़ी चीज़ें अपने पास रख लें।” |
359 | GEN 14:22 | लेकिन अब्राम ने उससे कहा, “मैंने रब से क़सम खाई है, अल्लाह तआला से जो आसमानो-ज़मीन का ख़ालिक़ है |
362 | GEN 15:1 | इसके बाद रब रोया में अब्राम से हमकलाम हुआ, “अब्राम, मत डर। मैं ही तेरी सिपर हूँ, मैं ही तेरा बहुत बड़ा अज्र हूँ।” |
363 | GEN 15:2 | लेकिन अब्राम ने एतराज़ किया, “ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़, तू मुझे क्या देगा जबकि अभी तक मेरे हाँ कोई बच्चा नहीं है और इलियज़र दमिश्क़ी मेरी मीरास पाएगा। |
365 | GEN 15:4 | तब अब्राम को अल्लाह से एक और कलाम मिला। “यह आदमी इलियज़र तेरा वारिस नहीं होगा बल्कि तेरा अपना ही बेटा तेरा वारिस होगा।” |
366 | GEN 15:5 | रब ने उसे बाहर ले जाकर कहा, “आसमान की तरफ़ देख और सितारों को गिनने की कोशिश कर। तेरी औलाद इतनी ही बेशुमार होगी।” |
368 | GEN 15:7 | फिर रब ने उससे कहा, “मैं रब हूँ जो तुझे कसदियों के ऊर से यहाँ ले आया ताकि तुझे यह मुल्क मीरास में दे दूँ।” |
369 | GEN 15:8 | अब्राम ने पूछा, “ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़, मैं किस तरह जानूँ कि इस मुल्क पर क़ब्ज़ा करूँगा?” |
370 | GEN 15:9 | जवाब में रब ने कहा, “मेरे हुज़ूर एक तीन-साला गाय, एक तीन-साला बकरी और एक तीन-साला मेंढा ले आ। एक क़ुम्री और एक कबूतर का बच्चा भी ले आना।” |
374 | GEN 15:13 | फिर रब ने उससे कहा, “जान ले कि तेरी औलाद ऐसे मुल्क में रहेगी जो उसका नहीं होगा। वहाँ वह अजनबी और ग़ुलाम होगी, और उस पर 400 साल तक बहुत ज़ुल्म किया जाएगा। |
379 | GEN 15:18 | उस वक़्त रब ने अब्राम के साथ अहद किया। उसने कहा, “मैं यह मुल्क मिसर की सरहद से फ़ुरात तक तेरी औलाद को दूँगा, |
384 | GEN 16:2 | और एक दिन सारय ने अब्राम से कहा, “रब ने मुझे बच्चे पैदा करने से महरूम रखा है, इसलिए मेरी लौंडी के साथ हमबिसतर हों। शायद मुझे उस की मारिफ़त बच्चा मिल जाए।” अब्राम ने सारय की बात मान ली। |
387 | GEN 16:5 | तब सारय ने अब्राम से कहा, “जो ज़ुल्म मुझ पर किया जा रहा है वह आप ही पर आए। मैंने ख़ुद इसे आपके बाज़ुओं में दे दिया था। अब जब इसे मालूम हुआ है कि उम्मीद से है तो मुझे हक़ीर जानने लगी है। रब मेरे और आपके दरमियान फ़ैसला करे।” |
388 | GEN 16:6 | अब्राम ने जवाब दिया, “देखो, यह तुम्हारी लौंडी है और तुम्हारे इख़्तियार में है। जो तुम्हारा जी चाहे उसके साथ करो।” इस पर सारय उससे इतना बुरा सुलूक करने लगी कि हाजिरा फ़रार हो गई। |
390 | GEN 16:8 | उसने कहा, “सारय की लौंडी हाजिरा, तू कहाँ से आ रही है और कहाँ जा रही है?” हाजिरा ने जवाब दिया, “मैं अपनी मालिकन सारय से फ़रार हो रही हूँ।” |
391 | GEN 16:9 | रब के फ़रिश्ते ने उससे कहा, “अपनी मालिकन के पास वापस चली जा और उसके ताबे रह। |
393 | GEN 16:11 | रब के फ़रिश्ते ने मज़ीद कहा, “तू उम्मीद से है। एक बेटा पैदा होगा। उसका नाम इसमाईल यानी ‘अल्लाह सुनता है’ रख, क्योंकि रब ने मुसीबत में तेरी आवाज़ सुनी। |
395 | GEN 16:13 | रब के उसके साथ बात करने के बाद हाजिरा ने उसका नाम अत्ताएल-रोई यानी ‘तू एक माबूद है जो मुझे देखता है’ रखा। उसने कहा, “क्या मैंने वाक़ई उसके पीछे देखा है जिसने मुझे देखा है?” |
399 | GEN 17:1 | जब अब्राम 99 साल का था तो रब उस पर ज़ाहिर हुआ। उसने कहा, “मैं अल्लाह क़ादिरे-मुतलक़ हूँ। मेरे हुज़ूर चलता रह और बेइलज़ाम हो। |
402 | GEN 17:4 | “मेरा तेरे साथ अहद है कि तू बहुत क़ौमों का बाप होगा। |
407 | GEN 17:9 | अल्लाह ने इब्राहीम से यह भी कहा, “तुझे और तेरी औलाद को नसल-दर-नसल मेरे अहद की शरायत पूरी करनी हैं। |
413 | GEN 17:15 | अल्लाह ने इब्राहीम से यह भी कहा, “अपनी बीवी सारय का नाम भी बदल देना। अब से उसका नाम सारय नहीं बल्कि सारा यानी शहज़ादी होगा। |
415 | GEN 17:17 | इब्राहीम मुँह के बल गिर गया। लेकिन दिल ही दिल में वह हँस पड़ा और सोचा, “यह किस तरह हो सकता है? मैं तो 100 साल का हूँ। ऐसे आदमी के हाँ बच्चा किस तरह पैदा हो सकता है? और सारा जैसी उम्ररसीदा औरत के बच्चा किस तरह पैदा हो सकता है? उस की उम्र तो 90 साल है।” |
416 | GEN 17:18 | उसने अल्लाह से कहा, “हाँ, इसमाईल ही तेरे सामने जीता रहे।” |
417 | GEN 17:19 | अल्लाह ने कहा, “नहीं, तेरी बीवी सारा के हाँ बेटा पैदा होगा। तू उसका नाम इसहाक़ यानी ‘वह हँसता है’ रखना। मैं उसके और उस की औलाद के साथ अबदी अहद बाँधूँगा। |
428 | GEN 18:3 | उसने कहा, “मेरे आक़ा, अगर मुझ पर आपके करम की नज़र है तो आगे न बढ़ें बल्कि कुछ देर अपने बंदे के घर ठहरें। |
430 | GEN 18:5 | साथ साथ मैं आपके लिए थोड़ा-बहुत खाना भी ले आऊँ ताकि आप तक़वियत पाकर आगे बढ़ सकें। मुझे यह करने दें, क्योंकि आप अपने ख़ादिम के घर आ गए हैं।” उन्होंने कहा, “ठीक है। जो कुछ तूने कहा है वह कर।” |
431 | GEN 18:6 | इब्राहीम ख़ैमे की तरफ़ दौड़कर सारा के पास आया और कहा, “जल्दी करो! 16 किलोग्राम बेहतरीन मैदा ले और उसे गूँधकर रोटियाँ बना।” |
434 | GEN 18:9 | उन्होंने पूछा, “तेरी बीवी सारा कहाँ है?” उसने जवाब दिया, “ख़ैमे में।” |
435 | GEN 18:10 | रब ने कहा, “ऐन एक साल के बाद मैं वापस आऊँगा तो तेरी बीवी सारा के बेटा होगा।” सारा यह बातें सुन रही थी, क्योंकि वह उसके पीछे ख़ैमे के दरवाज़े के पास थी। |
437 | GEN 18:12 | इसलिए सारा अंदर ही अंदर हँस पड़ी और सोचा, “यह कैसे हो सकता है? क्या जब मैं बुढ़ापे के बाइस घिसे-फटे लिबास की मानिंद हूँ तो जवानी के जोबन का लुत्फ़ उठाऊँ? और मेरा शौहर भी बूढ़ा है।” |
438 | GEN 18:13 | रब ने इब्राहीम से पूछा, “सारा क्यों हँस रही है? वह क्यों कह रही है, ‘क्या वाक़ई मेरे हाँ बच्चा पैदा होगा जबकि मैं इतनी उम्ररसीदा हूँ?’ |
440 | GEN 18:15 | सारा डर गई। उसने झूट बोलकर इनकार किया, “मैं नहीं हँस रही थी।” रब ने कहा, “नहीं, तू ज़रूर हँस रही थी।” |
442 | GEN 18:17 | रब ने दिल में कहा, “मैं इब्राहीम से वह काम क्यों छुपाए रखूँ जो मैं करने के लिए जा रहा हूँ? |
445 | GEN 18:20 | फिर रब ने कहा, “सदूम और अमूरा की बदी के बाइस लोगों की आहें बुलंद हो रही हैं, क्योंकि उनसे बहुत संगीन गुनाह सरज़द हो रहे हैं। |
448 | GEN 18:23 | फिर उसने क़रीब आकर उससे बात की, “क्या तू रास्तबाज़ों को भी शरीरों के साथ तबाह कर देगा? |
451 | GEN 18:26 | रब ने जवाब दिया, “अगर मुझे शहर में 50 रास्तबाज़ मिल जाएँ तो उनके सबब से तमाम को मुआफ़ कर दूँगा।” |
452 | GEN 18:27 | इब्राहीम ने कहा, “मैं मुआफ़ी चाहता हूँ कि मैंने रब से बात करने की जुर्रत की है अगरचे मैं ख़ाक और राख ही हूँ। |
453 | GEN 18:28 | लेकिन हो सकता है कि सिर्फ़ 45 रास्तबाज़ उसमें हों। क्या तू फिर भी उन पाँच लोगों की कमी के सबब से पूरे शहर को तबाह करेगा?” उसने कहा, “अगर मुझे 45 भी मिल जाएँ तो उसे बरबाद नहीं करूँगा।” |
454 | GEN 18:29 | इब्राहीम ने अपनी बात जारी रखी, “और अगर सिर्फ़ 40 नेक लोग हों तो?” रब ने कहा, “मैं उन 40 के सबब से उन्हें छोड़ दूँगा।” |
455 | GEN 18:30 | इब्राहीम ने कहा, “रब ग़ुस्सा न करे कि मैं एक दफ़ा और बात करूँ। शायद वहाँ सिर्फ़ 30 हों।” उसने जवाब दिया, “फिर भी उन्हें छोड़ दूँगा।” |
456 | GEN 18:31 | इब्राहीम ने कहा, “मैं मुआफ़ी चाहता हूँ कि मैंने रब से बात करने की जुर्रत की है। अगर सिर्फ़ 20 पाए जाएँ?” रब ने कहा, “मैं 20 के सबब से शहर को बरबाद करने से बाज़ रहूँगा।” |
457 | GEN 18:32 | इब्राहीम ने एक आख़िरी दफ़ा बात की, “रब ग़ुस्सा न करे अगर मैं एक और बार बात करूँ। शायद उसमें सिर्फ़ 10 पाए जाएँ।” रब ने कहा, “मैं उसे उन 10 लोगों के सबब से भी बरबाद नहीं करूँगा।” |
460 | GEN 19:2 | उसने कहा, “साहबो, अपने बंदे के घर तशरीफ़ लाएँ ताकि अपने पाँव धोकर रात को ठहरें और फिर कल सुबह-सवेरे उठकर अपना सफ़र जारी रखें।” उन्होंने कहा, “कोई बात नहीं, हम चौक में रात गुज़ारेंगे।” |