109 | GEN 5:3 | आदम की उम्र 130 साल थी जब उसका बेटा सेत पैदा हुआ। सेत सूरत के लिहाज़ से अपने बाप की मानिंद था, वह उससे मुशाबहत रखता था। |
112 | GEN 5:6 | सेत 105 साल का था जब उसका बेटा अनूस पैदा हुआ। |
114 | GEN 5:8 | वह 912 साल की उम्र में फ़ौत हुआ। |
116 | GEN 5:10 | इसके बाद वह मज़ीद 815 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए। |
120 | GEN 5:14 | वह 910 साल की उम्र में फ़ौत हुआ। |
124 | GEN 5:18 | यारिद 162 साल का था जब उसका बेटा हनूक पैदा हुआ। |
131 | GEN 5:25 | मतूसिलह 187 साल का था जब उसका बेटा लमक पैदा हुआ। |
134 | GEN 5:28 | लमक 182 साल का था जब उसका बेटा पैदा हुआ। |
141 | GEN 6:3 | फिर रब ने कहा, “मेरी रूह हमेशा के लिए इनसान में न रहे क्योंकि वह फ़ानी मख़लूक़ है। अब से वह 120 साल से ज़्यादा ज़िंदा नहीं रहेगा।” |
154 | GEN 6:16 | कश्ती की छत को यों बनाना कि उसके नीचे 18 इंच खुला रहे। एक तरफ़ दरवाज़ा हो, और उस की तीन मनज़िलें हों। |
171 | GEN 7:11 | यह सब कुछ उस वक़्त हुआ जब नूह 600 साल का था। दूसरे महीने के 17वें दिन ज़मीन की गहराइयों में से तमाम चश्मे फूट निकले और आसमान पर पानी के दरीचे खुल गए। |
187 | GEN 8:3 | पानी घटता गया। 150 दिन के बाद वह काफ़ी कम हो गया था। |
188 | GEN 8:4 | सातवें महीने के 17वें दिन कश्ती अरारात के एक पहाड़ पर टिक गई। |
197 | GEN 8:13 | जब नूह 601 साल का था तो पहले महीने के पहले दिन ज़मीन की सतह पर पानी ख़त्म हो गया। तब नूह ने कश्ती की छत खोल दी और देखा कि ज़मीन की सतह पर पानी नहीं है। |
277 | GEN 11:10 | यह सिम का नसबनामा है : सिम 100 साल का था जब उसका बेटा अरफ़क्सद पैदा हुआ। यह सैलाब के दो साल बाद हुआ। |
292 | GEN 11:25 | इसके बाद वह मज़ीद 119 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए। |
351 | GEN 14:14 | जब अब्राम को पता चला कि भतीजे को गिरिफ़्तार कर लिया गया है तो उसने अपने घर में पैदा हुए तमाम जंगआज़मूदा ग़ुलामों को जमा करके दान तक दुश्मन का ताक़्क़ुब किया। उसके साथ 318 अफ़राद थे। |
415 | GEN 17:17 | इब्राहीम मुँह के बल गिर गया। लेकिन दिल ही दिल में वह हँस पड़ा और सोचा, “यह किस तरह हो सकता है? मैं तो 100 साल का हूँ। ऐसे आदमी के हाँ बच्चा किस तरह पैदा हो सकता है? और सारा जैसी उम्ररसीदा औरत के बच्चा किस तरह पैदा हो सकता है? उस की उम्र तो 90 साल है।” |
423 | GEN 17:25 | जबकि उसका बेटा इसमाईल 13 साल का था। |
431 | GEN 18:6 | इब्राहीम ख़ैमे की तरफ़ दौड़कर सारा के पास आया और कहा, “जल्दी करो! 16 किलोग्राम बेहतरीन मैदा ले और उसे गूँधकर रोटियाँ बना।” |
457 | GEN 18:32 | इब्राहीम ने एक आख़िरी दफ़ा बात की, “रब ग़ुस्सा न करे अगर मैं एक और बार बात करूँ। शायद उसमें सिर्फ़ 10 पाए जाएँ।” रब ने कहा, “मैं उसे उन 10 लोगों के सबब से भी बरबाद नहीं करूँगा।” |
519 | GEN 21:5 | जब इसहाक़ पैदा हुआ उस वक़्त इब्राहीम 100 साल का था। |
573 | GEN 23:1 | सारा 127 साल की उम्र में हबरून में इंतक़ाल कर गई। |
614 | GEN 24:22 | ऊँट पानी पीने से फ़ारिग़ हुए तो उसने रिबक़ा को सोने की एक नथ और दो कंगन दिए। नथ का वज़न तक़रीबन 6 ग्राम था और कंगनों का 120 ग्राम। |
666 | GEN 25:7 | इब्राहीम 175 साल की उम्र में फ़ौत हुआ। ग़रज़ वह बहुत उम्ररसीदा और ज़िंदगी से आसूदा होकर इंतक़ाल करके अपने बापदादा से जा मिला। |
676 | GEN 25:17 | इसमाईल 137 साल का था जब वह कूच करके अपने बापदादा से जा मिला। |
944 | GEN 32:16 | 30 दूध देनेवाली ऊँटनियाँ बच्चों समेत, 40 गाएँ, 10 बैल, 20 गधियाँ और 10 गधे। |
980 | GEN 33:19 | उसके ख़ैमे हमोर की औलाद की ज़मीन पर लगे थे। उसने यह ज़मीन चाँदी के 100 सिक्कों के बदले ख़रीद ली। |
1040 | GEN 35:28 | इसहाक़ 180 साल का था जब वह उम्ररसीदा और ज़िंदगी से आसूदा होकर अपने बापदादा से जा मिला। उसके बेटे एसौ और याक़ूब ने उसे दफ़न किया। |
1086 | GEN 37:2 | यह याक़ूब के ख़ानदान का बयान है। उस वक़्त याक़ूब का बेटा यूसुफ़ 17 साल का था। वह अपने भाइयों यानी बिलहाह और ज़िलफ़ा के बेटों के साथ भेड़-बकरियों की देख-भाल करता था। यूसुफ़ अपने बाप को अपने भाइयों की बुरी हरकतों की इत्तला दिया करता था। |
1405 | GEN 46:18 | कुल 16 अफ़राद ज़िलफ़ा की औलाद थे जिसे लाबन ने अपनी बेटी लियाह को दिया था। |
1409 | GEN 46:22 | कुल 14 मर्द राख़िल की औलाद थे। |
1430 | GEN 47:9 | याक़ूब ने जवाब दिया, “मैं 130 साल से इस दुनिया का मेहमान हूँ। मेरी ज़िंदगी मुख़तसर और तकलीफ़देह थी, और मेरे बापदादा मुझसे ज़्यादा उम्ररसीदा हुए थे जब वह इस दुनिया के मेहमान थे।” |
1449 | GEN 47:28 | याक़ूब 17 साल मिसर में रहा। वह 147 साल का था जब फ़ौत हुआ। |
1529 | GEN 50:22 | यूसुफ़ अपने बाप के ख़ानदान समेत मिसर में रहा। वह 110 साल ज़िंदा रहा। |
1533 | GEN 50:26 | फिर यूसुफ़ फ़ौत हो गया। वह 110 साल का था। उसे हनूत करके मिसर में एक ताबूत में रखा गया। |
1672 | EXO 6:16 | लावी के तीन बेटे जैरसोन, क़िहात और मिरारी थे। (लावी 137 साल की उम्र में फ़ौत हुआ)। |
1674 | EXO 6:18 | क़िहात के चार बेटे अमराम, इज़हार, हबरून और उज़्ज़ियेल थे। (क़िहात 133 साल की उम्र में फ़ौत हुआ)। |
1676 | EXO 6:20 | अमराम ने अपनी फूफी यूकबिद से शादी की। उनके दो बेटे हारून और मूसा पैदा हुए। (अमराम 137 साल की उम्र में फ़ौत हुआ)। |
1823 | EXO 12:6 | महीने के 14वें दिन तक उस की देख-भाल करो। उस दिन तमाम इसराईली सूरज के ग़ुरूब होते वक़्त अपने लेले ज़बह करें। |
1835 | EXO 12:18 | पहले महीने के 14वें दिन की शाम से लेकर 21वें दिन की शाम तक सिर्फ़ बेख़मीरी रोटी खाना। |
1948 | EXO 15:27 | फिर इसराईली रवाना होकर एलीम पहुँचे जहाँ 12 चश्मे और खजूर के 70 दरख़्त थे। वहाँ उन्होंने पानी के क़रीब अपने ख़ैमे लगाए। |
1949 | EXO 16:1 | इसके बाद इसराईल की पूरी जमात एलीम से सफ़र करके सीन के रेगिस्तान में पहुँची जो एलीम और सीना के दरमियान है। वह मिसर से निकलने के बाद दूसरे महीने के 15वें दिन पहुँचे। |
2243 | EXO 26:7 | बकरी के बालों से भी 11 परदे बनाना जिन्हें कपड़ेवाले ख़ैमे के ऊपर रखा जाए। |
2252 | EXO 26:16 | हर तख़्ते की ऊँचाई 15 फ़ुट हो और चौड़ाई सवा दो फ़ुट। |
2261 | EXO 26:25 | यों पिछले यानी मग़रिबी तख़्तों की पूरी तादाद 8 होगी और इनके लिए चाँदी के पाइयों की तादाद 16, हर तख़्ते के नीचे दो दो पाए होंगे। |
2282 | EXO 27:9 | मुक़द्दस ख़ैमे के लिए सहन बनाना। उस की चारदीवारी बारीक कतान के कपड़े से बनाई जाए। चारदीवारी की लंबाई जुनूब की तरफ़ 150 फ़ुट हो। |
2285 | EXO 27:12 | ख़ैमे के पीछे मग़रिब की तरफ़ चारदीवारी की चौड़ाई 75 फ़ुट हो और कपड़ा लकड़ी के 10 खंबों के साथ लगाया जाए। यह खंबे भी पीतल के पाइयों पर खड़े हों। |
2291 | EXO 27:18 | चारदीवारी की लंबाई 150 फ़ुट, चौड़ाई 75 फ़ुट और ऊँचाई साढ़े 7 फ़ुट हो। खंबों के तमाम पाए पीतल के हों। |
2396 | EXO 30:13 | जिस जिसका शुमार किया गया हो वह चाँदी के आधे सिक्के के बराबर रक़म उठानेवाली क़ुरबानी के तौर पर दे। सिक्के का वज़न मक़दिस के सिक्कों के बराबर हो। यानी चाँदी के सिक्के का वज़न 11 ग्राम हो, इसलिए छः ग्राम चाँदी देनी है। |
2581 | EXO 36:14 | उसने बकरी के बालों से भी 11 परदे बनाए जिन्हें कपड़ेवाले ख़ैमे के ऊपर रखना था। |
2588 | EXO 36:21 | हर तख़्ते की ऊँचाई 15 फ़ुट थी और चौड़ाई सवा दो फ़ुट। |
2597 | EXO 36:30 | यों पिछले यानी मग़रिबी तख़्तों की पूरी तादाद 8 थी और इनके लिए चाँदी के पाइयों की तादाद 16, हर तख़्ते के नीचे दो पाए। |
2643 | EXO 38:9 | फिर बज़लियेल ने सहन बनाया। उस की चारदीवारी बारीक कतान के कपड़े से बनाई गई। चारदीवारी की लंबाई जुनूब की तरफ़ 150 फ़ुट थी। |
2646 | EXO 38:12 | ख़ैमे के पीछे मग़रिब की तरफ़ चारदीवारी की चौड़ाई 75 फ़ुट थी। कपड़े के अलावा उसके लिए 10 खंबे, 10 पाए और कपड़ा लगाने के लिए चाँदी की हुकें और पट्टियाँ बनाई गईं। |
2658 | EXO 38:24 | उस सोने का वज़न जो लोगों के हदियों से जमा हुआ और मक़दिस की तामीर के लिए इस्तेमाल हुआ तक़रीबन 1,000 किलोग्राम था (उसे मक़दिस के बाटों के हिसाब से तोला गया)। |
2661 | EXO 38:27 | चूँकि दीवारों के तख़्तों के पाए और मुक़द्दसतरीन कमरे के दरवाज़े के सतूनों के पाए चाँदी के थे इसलिए तक़रीबन पूरी चाँदी इन 100 पाइयों के लिए सर्फ़ हुई। |
3050 | LEV 12:5 | अगर उसके लड़की पैदा हो जाए तो वह माहवारी के ऐयाम की तरह नापाक है। यह नापाकी 14 दिन तक रहेगी। फिर वह मज़ीद 66 दिन इंतज़ार करे। इसके बाद उस की वह नापाकी दूर हो जाएगी जो ख़ून बहने से पैदा हुई है। |
3576 | LEV 27:5 | उस लड़के के लिए जिसकी उम्र 5 और 20 साल के दरमियान हो चाँदी के 20 सिक्के, इसी उम्र की लड़की के लिए चाँदी के 10 सिक्के, |
3578 | LEV 27:7 | साठ साल से बड़े आदमी के लिए चाँदी के 15 सिक्के और इसी उम्र की औरत के लिए चाँदी के 10 सिक्के। |
3587 | LEV 27:16 | अगर कोई अपनी मौरूसी ज़मीन में से कुछ रब के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस करे तो उस की क़ीमत उस बीज की मिक़दार के मुताबिक़ मुक़र्रर की जाए जो उसमें बोना होता है। जिस खेत में 135 किलोग्राम जौ का बीज बोया जाए उस की क़ीमत चाँदी के 50 सिक्के होगी। |
3596 | LEV 27:25 | वापस ख़रीदने के लिए मुस्तामल सिक्के मक़दिस के सिक्कों के बराबर हों। उसके चाँदी के सिक्कों का वज़न 11 ग्राम है। |
3645 | NUM 1:40 | आशर के क़बीले के 41,500 मर्द, |
3668 | NUM 2:9 | तीनों क़बीलों के फ़ौजियों की कुल तादाद 1,86,400 थी। रवाना होते वक़्त यह आगे चलते थे। |
3675 | NUM 2:16 | तीनों क़बीलों के फ़ौजियों की कुल तादाद 1,51,450 थी। रवाना होते वक़्त यह मशरिक़ी क़बीलों के पीछे चलते थे। |
3683 | NUM 2:24 | तीनों क़बीलों के फ़ौजियों की कुल तादाद 1,08,100 थी। रवाना होते वक़्त यह जुनूबी क़बीलों के पीछे चलते थे। |
3687 | NUM 2:28 | और जिसके 41,500 फ़ौजी थे। |
3690 | NUM 2:31 | तीनों क़बीलों की कुल तादाद 1,57,600 थी। वह आख़िर में अपना अलम उठाकर रवाना होते थे। |
3740 | NUM 3:47 | हर एक के एवज़ चाँदी के पाँच सिक्के ले जो मक़दिस के वज़न के मुताबिक़ हों (फ़ी सिक्का तक़रीबन 11 ग्राम)। |
3743 | NUM 3:50 | यों उसने चाँदी के 1,365 सिक्के (तक़रीबन 16 किलोग्राम) जमा करके |
3865 | NUM 7:14 | इनके अलावा नहसोन ने यह चीज़ें पेश कीं : सोने का प्याला जिसका वज़न 110 ग्राम था और जो बख़ूर से भरा हुआ था, |
3935 | NUM 7:84 | इसराईल के इन सरदारों ने मिलकर क़ुरबानगाह की मख़सूसियत के लिए चाँदी के 12 थाल, छिड़काव के चाँदी के 12 कटोरे और सोने के 12 प्याले पेश किए। |
3937 | NUM 7:86 | बख़ूर से भरे हुए सोने के प्यालों का कुल वज़न तक़रीबन डेढ़ किलोग्राम था (फ़ी प्याला 110 ग्राम)। |
3938 | NUM 7:87 | सरदारों ने मिलकर भस्म होनेवाली क़ुरबानी के लिए 12 जवान बैल, 12 मेंढे और भेड़ के 12 यकसाला बच्चे उनकी ग़ल्ला की नज़रों समेत पेश किए। गुनाह की क़ुरबानी के लिए उन्होंने 12 बकरे पेश किए |
4044 | NUM 11:19 | तुम उसे न सिर्फ़ एक, दो या पाँच दिन खाओगे बल्कि 10 या 20 दिन से भी ज़्यादा अरसे तक। |
4244 | NUM 17:14 | तो भी 14,700 अफ़राद वबा से मर गए। इसमें वह शामिल नहीं हैं जो क़ोरह के सबब से मर गए थे। |
4247 | NUM 17:17 | “इसराईलियों से बात करके उनसे 12 लाठियाँ मँगवा ले, हर क़बीले के सरदार से एक लाठी। हर लाठी पर उसके मालिक का नाम लिखना। |
4251 | NUM 17:21 | चुनाँचे मूसा ने इसराईलियों से बात की, और क़बीलों के हर सरदार ने उसे अपनी लाठी दी। इन 12 लाठियों में हारून की लाठी भी शामिल थी। |
4274 | NUM 18:16 | जब वह एक माह के हैं तो उनके एवज़ चाँदी के पाँच सिक्के देना। (हर सिक्के का वज़न मक़दिस के बाटों के मुताबिक़ 11 ग्राम हो)। |
4542 | NUM 26:51 | इसराईली मर्दों की कुल तादाद 6,01,730 थी। |
4623 | NUM 29:13 | ईद के पहले दिन रब को 13 जवान बैल, 2 मेंढे और 14 भेड़ के यकसाला बच्चे भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर पेश करना। इनकी ख़ुशबू उसे पसंद है। सब नुक़्स के बग़ैर हों। |
4627 | NUM 29:17 | ईद के बाक़ी छः दिन यही क़ुरबानियाँ पेश करनी हैं। लेकिन हर दिन एक बैल कम हो यानी दूसरे दिन 12, तीसरे दिन 11, चौथे दिन 10, पाँचवें दिन 9, छटे दिन 8 और सातवें दिन 7 बैल। हर दिन गुनाह की क़ुरबानी के लिए बकरा और मामूल की रोज़ाना की क़ुरबानियाँ भी पेश करना। |
4670 | NUM 31:4 | हर क़बीले के 1,000 मर्द जंग लड़ने के लिए भेजो।” |
4671 | NUM 31:5 | चुनाँचे हर क़बीले के 1,000 मुसल्लह मर्द यानी कुल 12,000 आदमी चुने गए। |
4698 | NUM 31:32 | उन्होंने 6,75,000 भेड़-बकरियाँ, 72,000 गाय-बैल और 61,000 गधे गिने। |
4702 | NUM 31:36 | फ़ौजियों को तमाम चीज़ों का आधा हिस्सा मिल गया यानी 3,37,500 भेड़-बकरियाँ, 36,000 गाय-बैल, 30,500 गधे और 16,000 क़ैदी कुँवारियाँ। इनमें से उन्होंने 675 भेड़-बकरियाँ, 72 गाय-बैल, 61 गधे और 32 लड़कियाँ रब को दीं। |
4718 | NUM 31:52 | जो चीज़ें उन्होंने अफ़सरान के लूटे हुए माल में से रब को उठानेवाली क़ुरबानी के तौर पर पेश कीं उनका पूरा वज़न तक़रीबन 190 किलोग्राम था। |
4771 | NUM 33:9 | मारा से वह एलीम चले गए जहाँ 12 चश्मे और खजूर के 70 दरख़्त थे। वहाँ ठहरने के बाद |
4801 | NUM 33:39 | उस वक़्त हारून 123 साल का था। |