Wildebeest analysis examples for:   urd-urdgvh   आ    February 25, 2023 at 01:29    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

1  GEN 1:1  इब्तिदा में अल्लाह ने समान और ज़मीन को बनाया।
7  GEN 1:7  ऐसा ही हुअल्लाह ने एक ऐसा गुंबद बनाया जिससे निचला पानी ऊपर के पानी से अलग हो गया।
8  GEN 1:8  अल्लाह ने गुंबद को समान का नाम दिया। शाम हुई, फिर सुबह। यों दूसरा दिन गुज़र गया।
9  GEN 1:9  अल्लाह ने कहा, “जो पानी समान के नीचे है वह एक जगह जमा हो जाए ताकि दूसरी तरफ़ ख़ुश्क जगह नज़र ए।” ऐसा ही हु
11  GEN 1:11  फिर उसने कहा, “ज़मीन हरियावल पैदा करे, ऐसे पौदे जो बीज रखते हों और ऐसे दरख़्त जिनके फल अपनी अपनी क़िस्म के बीज रखते हों।” ऐसा ही हु
14  GEN 1:14  अल्लाह ने कहा,समान पर रौशनियाँ पैदा हो जाएँ ताकि दिन और रात में इम्तियाज़ हो और इसी तरह मुख़्तलिफ़ मौसमों, दिनों और सालों में भी।
15  GEN 1:15  समान की यह रौशनियाँ दुनिया को रौशन करें।” ऐसा ही हु
17  GEN 1:17  उसने उन्हें समान पर रखा ताकि वह दुनिया को रौशन करें,
20  GEN 1:20  अल्लाह ने कहा, “पानी बी जानदारों से भर जाए और फ़िज़ा में परिंदे उड़ते फिरें।”
24  GEN 1:24  अल्लाह ने कहा, “ज़मीन हर क़िस्म के जानदार पैदा करे : मवेशी, रेंगनेवाले और जंगली जानवर।” ऐसा ही हु
26  GEN 1:26  अल्लाह ने कहा,अब हम इनसान को अपनी सूरत पर बनाएँ, वह हमसे मुशाबहत रखे। वह तमाम जानवरों पर हुकूमत करे, समुंदर की मछलियों पर, हवा के परिंदों पर, मवेशियों पर, जंगली जानवरों पर और ज़मीन पर के तमाम रेंगनेवाले जानदारों पर।”
30  GEN 1:30  इस तरह मैं तमाम जानवरों को खाने के लिए हरियाली देता हूँ। जिसमें भी जान है वह यह खा सकता है, ख़ाह वह ज़मीन पर चलने-फिरनेवाला जानवर, हवा का परिंदा या ज़मीन पर रेंगनेवाला क्यों न हो।” ऐसा ही हु
32  GEN 2:1  यों समानो-ज़मीन और उनकी तमाम चीज़ों की तख़लीक़ मुकम्मल हुई।
33  GEN 2:2  सातवें दिन अल्लाह का सारा काम तकमील को पहुँचा। इससे फ़ारिग़ होकर उसने राम किया।
34  GEN 2:3  अल्लाह ने सातवें दिन को बरकत दी और उसे मख़सूसो-मुक़द्दस किया। क्योंकि उस दिन उसने अपने तमाम तख़लीक़ी काम से फ़ारिग़ होकर राम किया।
35  GEN 2:4  यह समानो-ज़मीन की तख़लीक़ का बयान है। जब रब ख़ुदा ने समानो-ज़मीन को बनाया
36  GEN 2:5  तो शुरू में झाड़ियाँ और पौदे नहीं उगते थे। वजह यह थी कि अल्लाह ने बारिश का इंतज़ाम नहीं किया था। और अभी इनसान भी पैदा नहीं हु था कि ज़मीन की खेतीबाड़ी करता।
38  GEN 2:7  फिर रब ख़ुदा ने ज़मीन से मिट्टी लेकर इनसान को तश्कील दिया और उसके नथनों में ज़िंदगी का दम फूँका तो वह जीती जान हु
39  GEN 2:8  रब ख़ुदा ने मशरिक़ में मुल्के-अदन में एक बाग़ लगाया। उसमें उसने उस दमी को रखा जिसे उसने बनाया था।
41  GEN 2:10  अदन में से एक दरिया निकलकर बाग़ की बपाशी करता था। वहाँ से बहकर वह चार शाख़ों में तक़सीम हु
46  GEN 2:15  रब ख़ुदा ने पहले दमी को बाग़े-अदन में रखा ताकि वह उस की बाग़बानी और हिफ़ाज़त करे।
47  GEN 2:16  लेकिन रब ख़ुदा ने उसे गाह किया, “तुझे हर दरख़्त का फल खाने की इजाज़त है।
49  GEN 2:18  रब ख़ुदा ने कहा, “अच्छा नहीं कि दमी अकेला रहे। मैं उसके लिए एक मुनासिब मददगार बनाता हूँ।”
50  GEN 2:19  रब ख़ुदा ने मिट्टी से ज़मीन पर चलने-फिरनेवाले जानवर और हवा के परिंदे बनाए थे। अब वह उन्हें दमी के पास ले या ताकि मालूम हो जाए कि वह उनके क्या क्या नाम रखेगा। यों हर जानवर को दम की तरफ़ से नाम मिल गया।
51  GEN 2:20  दमी ने तमाम मवेशियों, परिंदों और ज़मीन पर फिरनेवाले जानदारों के नाम रखे। लेकिन उसे अपने लिए कोई मुनासिब मददगार न मिला।
53  GEN 2:22  पसली से उसने औरत बनाई और उसे दमी के पास ले या।
56  GEN 2:25  दोनों, दमी और औरत नंगे थे, लेकिन यह उनके लिए शर्म का बाइस नहीं था।
61  GEN 3:5  बल्कि अल्लाह जानता है कि जब तुम उसका फल खाओगे तो तुम्हारी ँखें खुल जाएँगी और तुम अल्लाह की मानिंद हो जाओगे, तुम जो भी अच्छा और बुरा है उसे जान लोगे।”
63  GEN 3:7  लेकिन खाते ही उनकी ँखें खुल गईं और उनको मालूम हु कि हम नंगे हैं। चुनाँचे उन्होंने अंजीर के पत्ते सीकर लुंगियाँ बना लीं।
65  GEN 3:9  रब ख़ुदा ने पुकारकर कहा,दम, तू कहाँ है?”
66  GEN 3:10  दम ने जवाब दिया, “मैंने तुझे बाग़ में चलते हुए सुना तो डर गया, क्योंकि मैं नंगा हूँ। इसलिए मैं छुप गया।”
68  GEN 3:12  दम ने कहा, “जो औरत तूने मेरे साथ रहने के लिए दी है उसने मुझे फल दिया। इसलिए मैंने खा लिया।”
69  GEN 3:13  अब रब ख़ुदा औरत से मुख़ातिब हु, “तूने यह क्यों किया?” औरत ने जवाब दिया, “साँप ने मुझे बहकाया तो मैंने खाया।”
72  GEN 3:16  फिर रब ख़ुदा औरत से मुख़ातिब हु और कहा, “जब तू उम्मीद से होगी तो मैं तेरी तकलीफ़ को बहुत बढ़ाऊँगा। जब तेरे बच्चे होंगे तो तू शदीद दर्द का शिकार होगी। तू अपने शौहर की तमन्ना करेगी लेकिन वह तुझ पर हुकूमत करेगा।”
73  GEN 3:17  दम से उसने कहा, “तूने अपनी बीवी की बात मानी और उस दरख़्त का फल खाया जिसे खाने से मैंने मना किया था। इसलिए तेरे सबब से ज़मीन पर लानत है। उससे ख़ुराक हासिल करने के लिए तुझे उम्र-भर मेहनत-मशक़्क़त करनी पड़ेगी।
76  GEN 3:20  दम ने अपनी बीवी का नाम हव्वा यानी ज़िंदगी रखा, क्योंकि बाद में वह तमाम ज़िंदों की माँ बन गई।
77  GEN 3:21  रब ख़ुदा ने दम और उस की बीवी के लिए खालों से लिबास बनाकर उन्हें पहनाया।
80  GEN 3:24  इनसान को ख़ारिज करने के बाद उसने बाग़े-अदन के मशरिक़ में करूबी फ़रिश्ते खड़े किए और साथ साथ एक तिशी तलवार रखी जो इधर-उधर घूमती थी ताकि उस रास्ते की हिफ़ाज़त करे जो ज़िंदगी बख़्शनेवाले दरख़्त तक पहुँचाता था।
81  GEN 4:1  दम हव्वा से हमबिसतर हु तो उनका पहला बेटा क़ाबील पैदा हुहव्वा ने कहा, “रब की मदद से मैंने एक मर्द हासिल किया है।”
82  GEN 4:2  बाद में क़ाबील का भाई हाबील पैदा हुहाबील भेड़-बकरियों का चरवाहा बन गया जबकि क़ाबील खेतीबाड़ी करने लगा।
84  GEN 4:4  हाबील ने भी नज़राना पेश किया, लेकिन उसने अपनी भेड़-बकरियों के कुछ पहलौठे उनकी चरबी समेत चढ़ाए। हाबील का नज़राना रब को पसंद या,
85  GEN 4:5  मगर क़ाबील का नज़राना मंज़ूर न हुयह देखकर क़ाबील बड़े ग़ुस्से में गया, और उसका मुँह बिगड़ गया।
86  GEN 4:6  रब ने पूछा, “तू ग़ुस्से में क्यों गया है? तेरा मुँह क्यों लटका हु है?
87  GEN 4:7  क्या अगर तू अच्छी नीयत रखता है तो अपनी नज़र उठाकर मेरी तरफ़ नहीं देख सकेगा? लेकिन अगर अच्छी नीयत नहीं रखता तो ख़बरदार! गुनाह दरवाज़े पर दबका बैठा है और तुझे चाहता है। लेकिन तेरा फ़र्ज़ है कि उस पर ग़ालिब ए।”
88  GEN 4:8  एक दिन क़ाबील ने अपने भाई से कहा,ओ, हम बाहर खुले मैदान में चलें।” और जब वह खुले मैदान में थे तो क़ाबील ने अपने भाई हाबील पर हमला करके उसे मार डाला।
94  GEN 4:14  तू मुझे ज़मीन की सतह से भगा रहा है और मुझे तेरे हुज़ूर से भी छुप जाना है। मैं मफ़रूर की हैसियत से मारा मारा फिरता रहूँगा, इसलिए जिसको भी पता चलेगा कि मैं कहाँ हूँ वह मुझे क़त्ल कर डालेगा।”
97  GEN 4:17  क़ाबील की बीवी हामिला हुई। बेटा पैदा हु जिसका नाम हनूक रखा गया। क़ाबील ने एक शहर तामीर किया और अपने बेटे की ख़ुशी में उसका नाम हनूक रखा।
102  GEN 4:22  ज़िल्ला के भी बेटा पैदा हु जिसका नाम तूबल-क़ाबील था। वह लोहार था। उस की नसल के लोग पीतल और लोहे की चीज़ें बनाते थे। तूबल-क़ाबील की बहन का नाम नामा था।
104  GEN 4:24  एक दमी ने मुझे ज़ख़मी किया तो मैंने उसे मार डाला। एक लड़के ने मेरे चोट लगाई तो मैंने उसे क़त्ल कर दिया। जो क़ाबील को क़त्ल करे उससे सात गुना बदला लिया जाएगा, लेकिन जो लमक को क़त्ल करे उससे सतत्तर गुना बदला लिया जाएगा।”
105  GEN 4:25  दम और हव्वा का एक और बेटा पैदा हुहव्वा ने उसका नाम सेत रखकर कहा, “अल्लाह ने मुझे हाबील की जगह जिसे क़ाबील ने क़त्ल किया एक और बेटा बख़्शा है।”
106  GEN 4:26  सेत के हाँ भी बेटा पैदा हुउसने उसका नाम अनूस रखा। उन दिनों में लोग रब का नाम लेकर इबादत करने लगे।
107  GEN 5:1  ज़ैल में दम का नसबनामा दर्ज है। जब अल्लाह ने इनसान को ख़लक़ किया तो उसने उसे अपनी सूरत पर बनाया।
108  GEN 5:2  उसने उन्हें मर्द और औरत पैदा किया। और जिस दिन उसने उन्हें ख़लक़ किया उसने उन्हें बरकत देकर उनका नाम दम यानी इनसान रखा।
109  GEN 5:3  दम की उम्र 130 साल थी जब उसका बेटा सेत पैदा हुसेत सूरत के लिहाज़ से अपने बाप की मानिंद था, वह उससे मुशाबहत रखता था।
110  GEN 5:4  सेत की पैदाइश के बाद दम मज़ीद 800 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए।
111  GEN 5:5  वह 930 साल की उम्र में फ़ौत हु
112  GEN 5:6  सेत 105 साल का था जब उसका बेटा अनूस पैदा हु
114  GEN 5:8  वह 912 साल की उम्र में फ़ौत हु
115  GEN 5:9  अनूस 90 बरस का था जब उसका बेटा क़ीनान पैदा हु
117  GEN 5:11  वह 905 साल की उम्र में फ़ौत हु
118  GEN 5:12  क़ीनान 70 साल का था जब उसका बेटा महललेल पैदा हु
120  GEN 5:14  वह 910 साल की उम्र में फ़ौत हु
121  GEN 5:15  महललेल 65 साल का था जब उसका बेटा यारिद पैदा हु
123  GEN 5:17  वह 895 साल की उम्र में फ़ौत हु
124  GEN 5:18  यारिद 162 साल का था जब उसका बेटा हनूक पैदा हु
126  GEN 5:20  वह 962 साल की उम्र में फ़ौत हु
127  GEN 5:21  हनूक 65 साल का था जब उसका बेटा मतूसिलह पैदा हु
130  GEN 5:24  हनूक अल्लाह के साथ साथ चलता था। 365 साल की उम्र में वह ग़ायब हु, क्योंकि अल्लाह ने उसे उठा लिया।
131  GEN 5:25  मतूसिलह 187 साल का था जब उसका बेटा लमक पैदा हु
133  GEN 5:27  वह 969 साल की उम्र में फ़ौत हु
134  GEN 5:28  लमक 182 साल का था जब उसका बेटा पैदा हु
137  GEN 5:31  वह 777 साल की उम्र में फ़ौत हु
140  GEN 6:2  तब समानी हस्तियों ने देखा कि बनी नौ इनसान की बेटियाँ ख़ूबसूरत हैं, और उन्होंने उनमें से कुछ चुनकर उनसे शादी की।
142  GEN 6:4  उन दिनों में और बाद में भी दुनिया में देवक़ामत अफ़राद थे जो इनसानी औरतों और उन समानी हस्तियों की शादियों से पैदा हुए थे। यह देवक़ामत अफ़राद क़दीम ज़माने के मशहूर सूरमा थे।
144  GEN 6:6  वह पछताया कि मैंने इनसान को बनाकर दुनिया में रख दिया है, और उसे सख़्त दुख हु
158  GEN 6:20  हर क़िस्म के पर रखनेवाले जानवर और हर क़िस्म के ज़मीन पर फिरने या रेंगनेवाले जानवर दो दो होकर तेरे पास एँगे ताकि जीते बच जाएँ।
166  GEN 7:6  वह 600 साल का था जब यह तूफ़ानी सैलाब ज़मीन पर या।
167  GEN 7:7  तूफ़ानी सैलाब से बचने के लिए नूह अपने बेटों, अपनी बीवी और बहुओं के साथ कश्ती में सवार हु
168  GEN 7:8  ज़मीन पर फिरनेवाले पाक और नापाक जानवर, पर रखनेवाले और तमाम रेंगनेवाले जानवर भी ए।
169  GEN 7:9  नरो-मादा की सूरत में दो दो होकर वह नूह के पास कर कश्ती में सवार हुए। सब कुछ वैसा ही हु जैसा अल्लाह ने नूह को हुक्म दिया था।
170  GEN 7:10  एक हफ़ते के बाद तूफ़ानी सैलाब ज़मीन पर गया।
171  GEN 7:11  यह सब कुछ उस वक़्त हु जब नूह 600 साल का था। दूसरे महीने के 17वें दिन ज़मीन की गहराइयों में से तमाम चश्मे फूट निकले और समान पर पानी के दरीचे खुल गए।
175  GEN 7:15  हर क़िस्म के जानदार दो दो होकर नूह के पास कर कश्ती में सवार हो चुके थे।
176  GEN 7:16  नरो-मादा थे। सब कुछ वैसा ही हु था जैसा अल्लाह ने नूह को हुक्म दिया था। फिर रब ने दरवाज़े को बंद कर दिया।