Wildebeest analysis examples for:   urd-urdgvh   क    February 25, 2023 at 01:29    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

1  GEN 1:1  इब्तिदा में अल्लाह ने आसमान और ज़मीन बनाया।
2  GEN 1:2  अभी ज़मीन वीरान और ख़ाली थी। वह गहरे पानी सेहुई थी जिसऊपर अंधेरा ही अंधेरा था। अल्लाह रूह पानी ऊपर मँडला रहा था।
3  GEN 1:3  फिर अल्लाह ने हा, “रौशनी हो जाए” तो रौशनी पैदा हो गई।
4  GEN 1:4  अल्लाह ने देखा ि रौशनी अच्छी है, और उसने रौशनी तारीसे अलग दिया।
5  GEN 1:5  अल्लाह ने रौशनी दिन नाम दिया और तारीरात ा। शाम हुई, फिर सुबह। यों पहला दिन गुज़र गया।
6  GEN 1:6  अल्लाह ने हा, “पानी दरमियान ऐसा गुंबद पैदा हो जाए जिससे निचला पानी ऊपर पानी से अलग हो जाए।”
7  GEN 1:7  ऐसा ही हुआ। अल्लाह ने ऐसा गुंबद बनाया जिससे निचला पानी ऊपर पानी से अलग हो गया।
8  GEN 1:8  अल्लाह ने गुंबद आसमान नाम दिया। शाम हुई, फिर सुबह। यों दूसरा दिन गुज़र गया।
9  GEN 1:9  अल्लाह ने हा, “जो पानी आसमान नीचे है वह जगह जमा हो जाए ताि दूसरी तरफ़ ख़ुश् जगह नज़र आए।” ऐसा ही हुआ।
10  GEN 1:10  अल्लाह ने ख़ुश् जगह ज़मीन नाम दिया और जमाशुदा पानी समुंदर ा। और अल्लाह ने देखा ि यह अच्छा है।
11  GEN 1:11  फिर उसने हा, “ज़मीन हरियावल पैदा रे, ऐसे पौदे जो बीज रखते हों और ऐसे दरख़्त जिनफल अपनी अपनी ़िस्म बीज रखते हों।” ऐसा ही हुआ।
12  GEN 1:12  ज़मीन ने हरियावल पैदा ी, ऐसे पौदे जो अपनी अपनी ़िस्म बीज रखते और ऐसे दरख़्त जिनफल अपनी अपनी ़िस्म बीज रखते थे। अल्लाह ने देखा ि यह अच्छा है।
14  GEN 1:14  अल्लाह ने हा, “आसमान पर रौशनियाँ पैदा हो जाएँ ताि दिन और रात में इम्तियाज़ हो और इसी तरह मुख़्तलिफ़ मौसमों, दिनों और सालों में भी।
15  GEN 1:15  आसमान यह रौशनियाँ दुनिया रौशन रें।” ऐसा ही हुआ।
16  GEN 1:16  अल्लाह ने दो बड़ी रौशनियाँ बनाईं, सूरज जो बड़ा था दिन पर हुूमत रने और चाँद जो छोटा था रात पर। इनअलावा उसने सितारों भी बनाया।
17  GEN 1:17  उसने उन्हें आसमान पर रखा ताि वह दुनिया रौशन रें,
18  GEN 1:18  दिन और रात पर हुूमत रें और रौशनी और तारीमें इम्तियाज़ पैदा रें। अल्लाह ने देखा ि यह अच्छा है।
20  GEN 1:20  अल्लाह ने हा, “पानी आबी जानदारों से भर जाए और फ़िज़ा में परिंदे उड़ते फिरें।”
21  GEN 1:21  अल्लाह ने बड़े बड़े समुंदरी जानवर बनाए, पानी तमाम दीगर मख़लू़ात और हर ़िस्म पर रखनेवाले जानदार भी बनाए। अल्लाह ने देखा ि यह अच्छा है।
22  GEN 1:22  उसने उन्हें बरदी और हा, “फलो-फूलो और तादाद में बढ़ते जाओ। समुंदर तुमसे भर जाए। इसी तरह परिंदे ज़मीन पर तादाद में बढ़ जाएँ।”
24  GEN 1:24  अल्लाह ने हा, “ज़मीन हर ़िस्म जानदार पैदा रे : मवेशी, रेंगनेवाले और जंगली जानवर।” ऐसा ही हुआ।
25  GEN 1:25  अल्लाह ने हर ़िस्म मवेशी, रेंगनेवाले और जंगली जानवर बनाए। उसने देखा ि यह अच्छा है।
26  GEN 1:26  अल्लाह ने हा, “आओ अब हम इनसान अपनी सूरत पर बनाएँ, वह हमसे मुशाबहत रखे। वह तमाम जानवरों पर हुूमत रे, समुंदर मछलियों पर, हवा परिंदों पर, मवेशियों पर, जंगली जानवरों पर और ज़मीन पर तमाम रेंगनेवाले जानदारों पर।”
27  GEN 1:27  यों अल्लाह ने इनसान अपनी सूरत पर बनाया, अल्लाह सूरत पर। उसने उन्हें मर्द और औरत बनाया।
28  GEN 1:28  अल्लाह ने उन्हें बरदी और हा, “फलो-फूलो और तादाद में बढ़ते जाओ। दुनिया तुमसे भर जाए और तुम उस पर इख़्तियार रखो। समुंदर मछलियों, हवा परिंदों और ज़मीन पर तमाम रेंगनेवाले जानदारों पर हुूमत रो।”
29  GEN 1:29  अल्लाह ने उनसे मज़ीद हा, “तमाम बीजदार पौदे और फलदार दरख़्त तुम्हारे ही हैं। मैं उन्हें तुमखाने लिए देता हूँ।
30  GEN 1:30  इस तरह मैं तमाम जानवरों खाने लिए हरियाली देता हूँ। जिसमें भी जान है वह यह खाता है, ख़ाह वह ज़मीन पर चलने-फिरनेवाला जानवर, हवा परिंदा या ज़मीन पर रेंगनेवाला ्यों न हो।” ऐसा ही हुआ।
31  GEN 1:31  अल्लाह ने सब पर नज़र तो देखा ि वह बहुत अच्छा बन गया है। शाम हुई, फिर सुबह। छटा दिन गुज़र गया।
32  GEN 2:1  यों आसमानो-ज़मीन और उनतमाम चीज़ों तख़लीमुम्मल हुई।
33  GEN 2:2  सातवें दिन अल्लाह सारा ाम मील पहुँचा। इससे फ़ारिग़ होउसने आराम िया।