Wildebeest analysis examples for:   urd-urdgvh   घ    February 25, 2023 at 01:29    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

42  GEN 2:11  पहली शाख़ का नाम फ़ीसून है। वह मुल्के-हवीला को ेरे हुए बहती है जहाँ ख़ालिस सोना, गूगल का गूँद और अक़ीक़े-अहमर पाए जाते हैं।
44  GEN 2:13  दूसरी का नाम जैहून है जो कूश को ेरे हुए बहती है।
80  GEN 3:24  इनसान को ख़ारिज करने के बाद उसने बाग़े-अदन के मशरिक़ में करूबी फ़रिश्ते खड़े किए और साथ साथ एक आतिशी तलवार रखी जो इधर-उधर ूमती थी ताकि उस रास्ते की हिफ़ाज़त करे जो ज़िंदगी बख़्शनेवाले दरख़्त तक पहुँचाता था।
161  GEN 7:1  फिर रब ने नूह से कहा, “अपने राने समेत कश्ती में दाख़िल हो जा, क्योंकि इस दौर के लोगों में से मैंने सिर्फ़ तुझे रास्तबाज़ पाया है।
187  GEN 8:3  पानी टता गया। 150 दिन के बाद वह काफ़ी कम हो गया था।
300  GEN 12:1  रब ने अब्राम से कहा, “अपने वतन, अपने रिश्तेदारों और अपने बाप के को छोड़कर उस मुल्क में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊँगा।
316  GEN 12:17  लेकिन रब ने सारय के सबब से फ़िरौन और उसके राने में सख़्त क़िस्म के अमराज़ फैलाए।
318  GEN 12:19  तूने क्यों कहा कि वह मेरी बहन है? इस धोके की बिना पर मैंने उसे में रख लिया ताकि उससे शादी करूँ। देख, तेरी बीवी हाज़िर है। इसे लेकर यहाँ से निकल जा!”
351  GEN 14:14  जब अब्राम को पता चला कि भतीजे को गिरिफ़्तार कर लिया गया है तो उसने अपने में पैदा हुए तमाम जंगआज़मूदा ग़ुलामों को जमा करके दान तक दुश्मन का ताक़्क़ुब किया। उसके साथ 318 अफ़राद थे।
364  GEN 15:3  तूने मुझे औलाद नहीं बख़्शी, इसलिए मेरे राने का नौकर मेरा वारिस होगा।”
410  GEN 17:12  लाज़िम है कि तू और तेरी औलाद नसल-दर-नसल अपने हर एक बेटे का आठवें दिन ख़तना करवाएँ। यह उसूल उस पर भी लागू है जो तेरे में रहता है लेकिन तुझसे रिश्ता नहीं रखता, चाहे वह में पैदा हुआ हो या किसी अजनबी से ख़रीदा गया हो।
411  GEN 17:13  के हर एक मर्द का ख़तना करना लाज़िम है, ख़ाह वह में पैदा हुआ हो या किसी अजनबी से ख़रीदा गया हो। यह इस बात का निशान होगा कि मेरा तेरे साथ अहद हमेशा तक क़ायम रहेगा।
421  GEN 17:23  उसी दिन इब्राहीम ने अल्लाह का हुक्म पूरा किया। उसने के हर एक मर्द का ख़तना करवाया, अपने बेटे इसमाईल का भी और उनका भी जो उसके में रहते लेकिन उससे रिश्ता नहीं रखते थे, चाहे वह उसके में पैदा हुए थे या ख़रीदे गए थे।
425  GEN 17:27  साथ साथ राने के तमाम बाक़ी मर्दों का ख़तना भी हुआ, बशमूल उनके जिनका इब्राहीम के साथ रिश्ता नहीं था, चाहे वह में पैदा हुए या किसी अजनबी से ख़रीदे गए थे।
428  GEN 18:3  उसने कहा, “मेरे आक़ा, अगर मुझ पर आपके करम की नज़र है तो आगे न बढ़ें बल्कि कुछ देर अपने बंदे के ठहरें।
430  GEN 18:5  साथ साथ मैं आपके लिए थोड़ा-बहुत खाना भी ले आऊँ ताकि आप तक़वियत पाकर आगे बढ़ सकें। मुझे यह करने दें, क्योंकि आप अपने ख़ादिम के आ गए हैं।” उन्होंने कहा, “ठीक है। जो कुछ तूने कहा है वह कर।”
437  GEN 18:12  इसलिए सारा अंदर ही अंदर हँस पड़ी और सोचा, “यह कैसे हो सकता है? क्या जब मैं बुढ़ापे के बाइस िसे-फटे लिबास की मानिंद हूँ तो जवानी के जोबन का लुत्फ़ उठाऊँ? और मेरा शौहर भी बूढ़ा है।”
444  GEN 18:19  उसी को मैंने चुन लिया है ताकि वह अपनी औलाद और अपने बाद के राने को हुक्म दे कि वह रब की राह पर चलकर रास्त और मुंसिफ़ाना काम करें। क्योंकि अगर वह ऐसा करें तो रब इब्राहीम के साथ अपना वादा पूरा करेगा।”
458  GEN 18:33  इन बातों के बाद रब चला गया और इब्राहीम अपने को लौट आया।
460  GEN 19:2  उसने कहा, “साहबो, अपने बंदे के तशरीफ़ लाएँ ताकि अपने पाँव धोकर रात को ठहरें और फिर कल सुबह-सवेरे उठकर अपना सफ़र जारी रखें।” उन्होंने कहा, “कोई बात नहीं, हम चौक में रात गुज़ारेंगे।”
461  GEN 19:3  लेकिन लूत ने उन्हें बहुत मजबूर किया, और आख़िरकार वह उसके साथ उसके आए। उसने उनके लिए खाना पकाया और बेख़मीरी रोटी बनाई। फिर उन्होंने खाना खाया।
462  GEN 19:4  वह अभी सोने के लिए लेटे नहीं थे कि शहर के जवानों से लेकर बूढ़ों तक तमाम मर्दों ने लूत के को ेर लिया।
472  GEN 19:14  लूत से निकला और अपने दामादों से बात की जिनका उस की बेटियों के साथ रिश्ता हो चुका था। उसने कहा, “जल्दी करो, इस जगह से निकलो, क्योंकि रब इस शहर को तबाह करने को है।” लेकिन उसके दामादों ने इसे मज़ाक़ ही समझा।
488  GEN 19:30  लूत और उस की बेटियाँ ज़्यादा देर तक ज़ुग़र में न ठहरे। वह रवाना होकर पहाड़ों में आबाद हुए, क्योंकि लूत ज़ुग़र में रहने से डरता था। वहाँ उन्होंने एक ग़ार को अपना बना लिया।
499  GEN 20:3  लेकिन रात के वक़्त अल्लाह ख़ाब में अबीमलिक पर ज़ाहिर हुआ और कहा, “मौत तेरे सर पर खड़ी है, क्योंकि जो औरत तू अपने ले आया है वह शादीशुदा है।”
509  GEN 20:13  फिर जब अल्लाह ने होने दिया कि मैं अपने बाप के राने से निकलकर इधर-उधर फिरूँ तो मैंने अपनी बीवी से कहा, ‘मुझ पर यह मेहरबानी कर कि जहाँ भी हम जाएँ मेरे बारे में कह देना कि वह मेरा भाई है’।”
513  GEN 20:17  तब इब्राहीम ने अल्लाह से दुआ की और अल्लाह ने अबीमलिक, उस की बीवी और उस की लौंडियों को शफ़ा दी, क्योंकि रब ने अबीमलिक के राने की तमाम औरतों को सारा के सबब से बाँझ बना दिया था। लेकिन अब उनके हाँ दुबारा बच्चे पैदा होने लगे।
524  GEN 21:10  उसने इब्राहीम से कहा, “इस लौंडी और उसके बेटे को से निकाल दें, क्योंकि वह मेरे बेटे इसहाक़ के साथ मीरास नहीं पाएगा।”
528  GEN 21:14  इब्राहीम सुबह-सवेरे उठा। उसने रोटी और पानी की मशक हाजिरा के कंधों पर रखकर उसे लड़के के साथ से निकाल दिया। हाजिरा चलते चलते बैर-सबा के रेगिस्तान में इधर-उधर फिरने लगी।
576  GEN 23:4  “मैं आपके दरमियान परदेसी और ग़ैरशहरी की हैसियत से रहता हूँ। मुझे क़ब्र के लिए ज़मीन बेचें ताकि अपनी बीवी को अपने से ले जाकर दफ़न कर सकूँ।”
580  GEN 23:8  उसने कहा, “अगर आप इसके लिए तैयार हैं कि मैं अपनी बीवी को अपने से ले जाकर दफ़न करूँतो सुहर के बेटे इफ़रोन से मेरी सिफ़ारिश करें
594  GEN 24:2  एक दिन उसने अपने के सबसे बुज़ुर्ग नौकर से जो उस की जायदाद का पूरा इंतज़ाम चलाता था बात की। “क़सम के लिए अपना हाथ मेरी रान के नीचे रखो।
599  GEN 24:7  रब जो आसमान का ख़ुदा है अपना फ़रिश्ता तुम्हारे आगे भेजेगा, इसलिए तुम वहाँ मेरे बेटे के लिए बीवी चुनने में ज़रूर कामयाब होगे। क्योंकि वही मुझे मेरे बाप के और मेरे वतन से यहाँ ले आया है, और उसी ने क़सम खाकर मुझसे वादा किया है कि मैं कनान का यह मुल्क तेरी औलाद को दूँगा।
606  GEN 24:14  मैं उनमें से किसी से कहूँगा, ‘ज़रा अपना ड़ा नीचे करके मुझे पानी पिलाएँ।’ अगर वह जवाब दे, ‘पी लें, मैं आपके ऊँटों को भी पानी पिला देती हूँ,’ तो वह वही होगी जिसे तूने अपने ख़ादिम इसहाक़ के लिए चुन रखा है। अगर ऐसा हुआ तो मैं जान लूँगा कि तूने मेरे आक़ा पर मेहरबानी की है।”
607  GEN 24:15  वह अभी दुआ कर ही रहा था कि रिबक़ा शहर से निकल आई। उसके कंधे पर ड़ा था। वह बतुएल की बेटी थी (बतुएल इब्राहीम के भाई नहूर की बीवी मिलकाह का बेटा था)।
608  GEN 24:16  रिबक़ा निहायत ख़ूबसूरत जवान लड़की थी, और वह कुँवारी भी थी। वह चश्मे तक उतरी, अपना ड़ा भरा और फिर वापस ऊपर आई।
609  GEN 24:17  इब्राहीम का नौकर दौड़कर उससे मिला। उसने कहा, “ज़रा मुझे अपने ड़े से थोड़ा-सा पानी पिलाएँ।”
610  GEN 24:18  रिबक़ा ने कहा, “जनाब, पी लें।” जल्दी से उसने अपने ड़े को कंधे पर से उतारकर हाथ में पकड़ा ताकि वह पी सके।
612  GEN 24:20  जल्दी से उसने अपने ड़े का पानी हौज़ में उंडेल दिया और फिर भागकर कुएँ से इतना पानी लाती रही कि तमाम ऊँटों की प्यास बुझ गई।
620  GEN 24:28  लड़की भागकर अपनी माँ के चली गई। वहाँ उसने सब कुछ बता दिया जो हुआ था।
623  GEN 24:31  लाबन ने कहा, “रब के मुबारक बंदे, मेरे साथ आएँ। आप यहाँ शहर के बाहर क्यों खड़े हैं? मैंने अपने में आपके लिए सब कुछ तैयार किया है। आपके ऊँटों के लिए भी काफ़ी जगह है।”
624  GEN 24:32  वह नौकर को लेकर पहुँचा। ऊँटों से सामान उतारा गया, और उनको भूसा और चारा दिया गया। पानी भी लाया गया ताकि इब्राहीम का नौकर और उसके आदमी अपने पाँव धोएँ।
630  GEN 24:38  बल्कि मेरे बाप के राने और मेरे रिश्तेदारों के पास जाकर उसके लिए बीवी लाओगे।’
632  GEN 24:40  उसने कहा, ‘रब जिसके सामने मैं चलता रहा हूँ अपने फ़रिश्ते को तुम्हारे साथ भेजेगा और तुम्हें कामयाबी बख़्शेगा। तुम्हें ज़रूर मेरे रिश्तेदारों और मेरे बाप के राने से मेरे बेटे के लिए बीवी मिलेगी।
635  GEN 24:43  अब मैं इस कुएँ के पास खड़ा हूँ। जब कोई जवान औरत शहर से निकलकर यहाँ आए तो मैं उससे कहूँगा, “ज़रा मुझे अपने ड़े से थोड़ा-सा पानी पिलाएँ।”
637  GEN 24:45  मैं अभी दिल में यह दुआ कर रहा था कि रिबक़ा शहर से निकल आई। उसके कंधे पर ड़ा था। वह चश्मे तक उतरी और अपना ड़ा भर लिया। मैंने उससे कहा, ‘ज़रा मुझे पानी पिलाएँ।’
638  GEN 24:46  जवाब में उसने जल्दी से अपने ड़े को कंधे पर से उतारकर कहा, ‘पी लें, मैं आपके ऊँटों को भी पानी पिलाती हूँ।’ मैंने पानी पिया, और उसने ऊँटों को भी पानी पिलाया।
684  GEN 25:25  पहला बच्चा निकला तो सुर्ख़-सा था, और ऐसा लग रहा था कि वह ने बालों का कोट ही पहने हुए है। इसलिए उसका नाम एसौ यानी ‘बालोंवाला’ रखा गया।
739  GEN 27:11  लेकिन याक़ूब ने एतराज़ किया, “आप जानती हैं कि एसौ के जिस्म पर ने बाल हैं जबकि मेरे बाल कम हैं।
743  GEN 27:15  एसौ के ख़ास मौक़ों के लिए अच्छे लिबास रिबक़ा के पास में थे। उसने उनमें से बेहतरीन लिबास चुनकर अपने छोटे बेटे को पहना दिया।
755  GEN 27:27  याक़ूब ने पास आकर उसे बोसा दिया। इसहाक़ ने उसके लिबास को सूँकर उसे बरकत दी। उसने कहा, “मेरे बेटे की ख़ुशबू उस खुले मैदान की ख़ुशबू की मानिंद है जिसे रब ने बरकत दी है।
757  GEN 27:29  क़ौमें तेरी ख़िदमत करें, और उम्मतें तेरे सामने झुक जाएँ। अपने भाइयों का हुक्मरान बन, और तेरी माँ की औलाद तेरे सामने ुटने टेके। जो तुझ पर लानत करे वह ख़ुद लानती हो और जो तुझे बरकत दे वह ख़ुद बरकत पाए।”
761  GEN 27:33  इसहाक़ बराकर शिद्दत से काँपने लगा। उसने पूछा, “फिर वह कौन था जो किसी जानवर का शिकार करके मेरे पास ले आया? तेरे आने से ज़रा पहले मैंने उस शिकार का खाना खाकर उस शख़्स को बरकत दी। अब वह बरकत उसी पर रहेगी।”
776  GEN 28:2  अब सीधे मसोपुतामिया में अपने नाना बतुएल के जा और वहाँ अपने मामूँ लाबन की लड़कियों में से किसी एक से शादी कर।
779  GEN 28:5  यों इसहाक़ ने याक़ूब को मसोपुतामिया में लाबन के भेजा। लाबन अरामी मर्द बतुएल का बेटा और रिबक़ा का भाई था।
791  GEN 28:17  वह डर गया और कहा, “यह कितना ख़ौफ़नाक मक़ाम है। यह तो अल्लाह ही का और आसमान का दरवाज़ा है।”
793  GEN 28:19  उसने मक़ाम का नाम बैतेल यानी ‘अल्लाह का र’ रखा (पहले साथवाले शहर का नाम लूज़ था)।
795  GEN 28:21  और मैं सलामती से अपने बाप के वापस पहुँचूँ तो फिर वह मेरा ख़ुदा होगा।
796  GEN 28:22  जहाँ यह पत्थर सतून के तौर पर खड़ा है वहाँ अल्लाह का होगा, और जो भी तू मुझे देगा उसका दसवाँ हिस्सा तुझे दिया करूँगा।”
809  GEN 29:13  जब लाबन ने सुना कि मेरा भानजा याक़ूब आया है तो वह दौड़कर उससे मिलने गया और उसे गले लगाकर अपने ले आया। याक़ूब ने उसे सब कुछ बता दिया जो हुआ था।
856  GEN 30:25  यूसुफ़ की पैदाइश के बाद याक़ूब ने लाबन से कहा, “अब मुझे इजाज़त दें कि मैं अपने वतन और को वापस जाऊँ।
861  GEN 30:30  जो थोड़ा-बहुत मेरे आने से पहले आपके पास था वह अब बहुत ज़्यादा बढ़ गया है। रब ने मेरे काम से आपको बहुत बरकत दी है। अब वह वक़्त आ गया है कि मैं अपने के लिए कुछ करूँ।”
904  GEN 31:30  ठीक है, आप इसलिए चले गए कि अपने बाप के वापस जाने के बड़े आरज़ूमंद थे। लेकिन यह आपने क्या किया है कि मेरे बुत चुरा लाए हैं?”
914  GEN 31:40  मैं दिन की शदीद गरमी के बाइस पिगया और रात की शदीद सर्दी के बाइस जम गया। काम इतना सख़्त था कि मैं नींद से महरूम रहा।
929  GEN 32:1  अगले दिन सुबह-सवेरे लाबन ने अपने नवासे-नवासियों और बेटियों को बोसा देकर उन्हें बरकत दी। फिर वह अपने वापस चला गया।
936  GEN 32:8  याक़ूब बराकर बहुत परेशान हुआ। उसने अपने साथ के तमाम लोगों, भेड़-बकरियों, गाय-बैलों और ऊँटों को दो गुरोहों में तक़सीम किया।
982  GEN 34:1  एक दिन याक़ूब और लियाह की बेटी दीना कनानी औरतों से मिलने के लिए से निकली।
1007  GEN 34:26  जिनमें हमोर और उसका बेटा सिकम भी शामिल थे। फिर वह दीना को सिकम के से लेकर चले गए।
1010  GEN 34:29  उन्होंने सारे माल पर क़ब्ज़ा किया, औरतों और बच्चों को क़ैदी बना लिया और तमाम रों का सामान भी ले गए।
1014  GEN 35:2  चुनाँचे याक़ूब ने अपने रवालों और बाक़ी सारे साथियों से कहा, “जो भी अजनबी बुत आपके पास हैं उन्हें फेंक दें। अपने आपको पाक-साफ़ करके अपने कपड़े बदलें,
1019  GEN 35:7  याक़ूब ने वहाँ क़ुरबानगाह बनाकर मक़ाम का नाम बैतेल यानी ‘अल्लाह का र’ रखा। क्योंकि वहाँ अल्लाह ने अपने आपको उस पर ज़ाहिर किया था जब वह अपने भाई से फ़रार हो रहा था।
1028  GEN 35:16  फिर याक़ूब अपने रवालों के साथ बैतेल को छोड़कर इफ़राता की तरफ़ चल पड़ा। राख़िल उम्मीद से थी, और रास्ते में बच्चे की पैदाइश का वक़्त आ गया। बच्चा बड़ी मुश्किल से पैदा हुआ।
1047  GEN 36:6  बाद में एसौ दूसरे मुल्क में चला गया। उसने अपनी बीवियों, बेटे-बेटियों और के रहनेवालों को अपने तमाम मवेशियों और मुल्के-कनान में हासिल किए हुए माल समेत अपने साथ लिया।
1131  GEN 38:11  तब यहूदाह ने अपनी बहू तमर से कहा, “अपने बाप के वापस चली जाओ और उस वक़्त तक बेवा रहो जब तक मेरा बेटा सेला बड़ा न हो जाए।” उसने यह इसलिए कहा कि उसे डर था कि कहीं सेला भी अपने भाइयों की तरह मर न जाए चुनाँचे तमर अपने मैके चली गई।
1139  GEN 38:19  फिर तमर उठकर अपने वापस चली गई। उसने अपनी चादर उतारकर दुबारा बेवा के कपड़े पहन लिए।
1152  GEN 39:2  रब यूसुफ़ के साथ था। जो भी काम वह करता उसमें कामयाब रहता। वह अपने मिसरी मालिक के में रहता था
1154  GEN 39:4  चुनाँचे यूसुफ़ को मालिक की ख़ास मेहरबानी हासिल हुई, और फ़ूतीफ़ार ने उसे अपना ज़ाती नौकर बना लिया। उसने उसे अपने राने के इंतज़ाम पर मुक़र्रर किया और अपनी पूरी मिलकियत उसके सुपुर्द कर दी।
1155  GEN 39:5  जिस वक़्त से फ़ूतीफ़ार ने अपने राने का इंतज़ाम और पूरी मिलकियत यूसुफ़ के सुपुर्द की उस वक़्त से रब ने फ़ूतीफ़ार को यूसुफ़ के सबब से बरकत दी। उस की बरकत फ़ूतीफ़ार की हर चीज़ पर थी, ख़ाह में थी या खेत में।
1159  GEN 39:9  के इंतज़ाम पर उनका इख़्तियार मेरे इख़्तियार से ज़्यादा नहीं है। आपके सिवा उन्होंने कोई भी चीज़ मुझसे बाज़ नहीं रखी। तो फिर मैं किस तरह इतना ग़लत काम करूँ? मैं किस तरह अल्लाह का गुनाह करूँ?”
1161  GEN 39:11  एक दिन वह काम करने के लिए में गया। में और कोई नौकर नहीं था।
1164  GEN 39:14  तो उसने के नौकरों को बुलाकर कहा, “यह देखो! मेरे मालिक इस इबरानी को हमारे पास ले आए हैं ताकि वह हमें ज़लील करे। वह मेरी इसमतदरी करने के लिए मेरे कमरे में आ गया, लेकिन मैं ऊँची आवाज़ से चीख़ने लगी।
1167  GEN 39:17  जब वह वापस आया तो उसने उसे यही कहानी सुनाई, “यह इबरानी ग़ुलाम जो आप ले आए हैं मेरी तज़लील के लिए मेरे पास आया।
1239  GEN 41:43  फिर उसने उसे अपने दूसरे रथ में सवार किया और लोग उसके आगे आगे पुकारते रहे,ुटने टेको! ुटने टेको!” यों यूसुफ़ पूरे मिसर का हाकिम बना।
1247  GEN 41:51  उसने पहले का नाम मनस्सी यानी ‘जो भुला देता है’ रखा। क्योंकि उसने कहा, “अल्लाह ने मेरी मुसीबत और मेरे बाप का राना मेरी याददाश्त से निकाल दिया है।”
1272  GEN 42:19  अगर तुम वाक़ई शरीफ़ लोग हो तो ऐसा करो कि तुममें से एक यहाँ क़ैदख़ाने में रहे जबकि बाक़ी सब अनाज लेकर अपने भूके रवालों के पास वापस जाएँ।
1286  GEN 42:33  फिर उस मुल्क के मालिक ने हमसे कहा, ‘इससे मुझे पता चलेगा कि तुम शरीफ़ लोग हो कि एक भाई को मेरे पास छोड़ दो और अपने भूके रवालों के लिए ख़ुराक लेकर चले जाओ।
1307  GEN 43:16  जब यूसुफ़ ने बिनयमीन को उनके साथ देखा तो उसने अपने पर मुक़र्रर मुलाज़िम से कहा, “इन आदमियों को मेरे ले जाओ ताकि वह दोपहर का खाना मेरे साथ खाएँ। जानवर को ज़बह करके खाना तैयार करो।”
1308  GEN 43:17  मुलाज़िम ने ऐसा ही किया और भाइयों को यूसुफ़ के ले गया।
1309  GEN 43:18  जब उन्हें उसके पहुँचाया जा रहा था तो वह डरकर सोचने लगे, “हमें उन पैसों के सबब से यहाँ लाया जा रहा है जो पहली दफ़ा हमारी बोरियों में वापस किए गए थे। वह हम पर अचानक हमला करके हमारे गधे छीन लेंगे और हमें ग़ुलाम बना लेंगे।”
1310  GEN 43:19  इसलिए के दरवाज़े पर पहुँचकर उन्होंने पर मुक़र्रर मुलाज़िम से कहा,
1315  GEN 43:24  फिर उसने भाइयों को यूसुफ़ के में ले जाकर उन्हें पाँव धोने के लिए पानी और गधों को चारा दिया।
1317  GEN 43:26  जब यूसुफ़ पहुँचा तो वह अपने तोह्फ़े लेकर उसके सामने आए और मुँह के बल झुक गए।
1326  GEN 44:1  यूसुफ़ ने पर मुक़र्रर मुलाज़िम को हुक्म दिया, “उन मर्दों की बोरियाँ ख़ुराक से इतनी भर देना जितनी वह उठाकर ले जा सकें। हर एक के पैसे उस की अपनी बोरी के मुँह में रख देना।
1329  GEN 44:4  वह अभी शहर से निकलकर दूर नहीं गए थे कि यूसुफ़ ने अपने पर मुक़र्रर मुलाज़िम से कहा, “जल्दी करो। उन आदमियों का ताक़्क़ुब करो। उनके पास पहुँचकर यह पूछना, ‘आपने हमारी भलाई के जवाब में ग़लत काम क्यों किया है?
1333  GEN 44:8  आप तो जानते हैं कि हम मुल्के-कनान से वह पैसे वापस ले आए जो हमारी बोरियों में थे। तो फिर हम क्यों आपके मालिक के से चाँदी या सोना चुराएँगे?
1339  GEN 44:14  जब यहूदाह और उसके भाई यूसुफ़ के पहुँचे तो वह अभी वहीं था। वह उसके सामने मुँह के बल गिर गए।
1361  GEN 45:2  वह इतने ज़ोर से रो पड़ा कि मिसरियों ने उस की आवाज़ सुनी और फ़िरौन के राने को पता चल गया।