65 | GEN 3:9 | रब ख़ुदा ने पुकारकर कहा, “आदम, तू कहाँ है?” |
88 | GEN 4:8 | एक दिन क़ाबील ने अपने भाई से कहा, “आओ, हम बाहर खुले मैदान में चलें।” और जब वह खुले मैदान में थे तो क़ाबील ने अपने भाई हाबील पर हमला करके उसे मार डाला। |
270 | GEN 11:3 | तब वह एक दूसरे से कहने लगे, “आओ, हम मिट्टी से ईंटें बनाकर उन्हें आग में ख़ूब पकाएँ।” उन्होंने तामीरी काम के लिए पत्थर की जगह ईंटें और मसाले की जगह तारकोल इस्तेमाल किया। |
271 | GEN 11:4 | फिर वह कहने लगे, “आओ, हम अपने लिए शहर बना लें जिसमें ऐसा बुर्ज हो जो आसमान तक पहुँच जाए फिर हमारा नाम क़ायम रहेगा और हम रूए-ज़मीन पर बिखर जाने से बच जाएंगे।” |
362 | GEN 15:1 | इसके बाद रब रोया में अब्राम से हमकलाम हुआ, “अब्राम, मत डर। मैं ही तेरी सिपर हूँ, मैं ही तेरा बहुत बड़ा अज्र हूँ।” |
388 | GEN 16:6 | अब्राम ने जवाब दिया, “देखो, यह तुम्हारी लौंडी है और तुम्हारे इख़्तियार में है। जो तुम्हारा जी चाहे उसके साथ करो।” इस पर सारय उससे इतना बुरा सुलूक करने लगी कि हाजिरा फ़रार हो गई। |
416 | GEN 17:18 | उसने अल्लाह से कहा, “हाँ, इसमाईल ही तेरे सामने जीता रहे।” |
417 | GEN 17:19 | अल्लाह ने कहा, “नहीं, तेरी बीवी सारा के हाँ बेटा पैदा होगा। तू उसका नाम इसहाक़ यानी ‘वह हँसता है’ रखना। मैं उसके और उस की औलाद के साथ अबदी अहद बाँधूँगा। |
440 | GEN 18:15 | सारा डर गई। उसने झूट बोलकर इनकार किया, “मैं नहीं हँस रही थी।” रब ने कहा, “नहीं, तू ज़रूर हँस रही थी।” |
460 | GEN 19:2 | उसने कहा, “साहबो, अपने बंदे के घर तशरीफ़ लाएँ ताकि अपने पाँव धोकर रात को ठहरें और फिर कल सुबह-सवेरे उठकर अपना सफ़र जारी रखें।” उन्होंने कहा, “कोई बात नहीं, हम चौक में रात गुज़ारेंगे।” |
479 | GEN 19:21 | उसने कहा, “चलो, ठीक है। तेरी यह दरख़ास्त भी मंज़ूर है। मैं यह क़सबा तबाह नहीं करूँगा। |
502 | GEN 20:6 | अल्लाह ने कहा, “हाँ, मैं जानता हूँ कि इसमें तेरी नीयत अच्छी थी। इसलिए मैंने तुझे मेरा गुनाह करने और उसे छूने से रोक दिया। |
531 | GEN 21:17 | लेकिन अल्लाह ने बेटे की रोती हुई आवाज़ सुन ली। अल्लाह के फ़रिश्ते ने आसमान पर से पुकारकर हाजिरा से बात की, “हाजिरा, क्या बात है? मत डर, क्योंकि अल्लाह ने लड़के का जो वहाँ पड़ा है रोना सुन लिया है। |
549 | GEN 22:1 | कुछ अरसे के बाद अल्लाह ने इब्राहीम को आज़माया। उसने उससे कहा, “इब्राहीम!” उसने जवाब दिया, “जी, मैं हाज़िर हूँ।” |
555 | GEN 22:7 | इसहाक़ बोला, “अब्बू!” इब्राहीम ने कहा, “जी बेटा।” “अब्बू, आग और लकड़ियाँ तो हमारे पास हैं, लेकिन क़ुरबानी के लिए भेड़ या बकरी कहाँ है?” |
559 | GEN 22:11 | ऐन उसी वक़्त रब के फ़रिश्ते ने आसमान पर से उसे आवाज़ दी, “इब्राहीम, इब्राहीम!” इब्राहीम ने कहा, “जी, मैं हाज़िर हूँ।” |
583 | GEN 23:11 | “नहीं, मेरे आक़ा! मेरी बात सुनें। मैं आपको यह खेत और उसमें मौजूद ग़ार दे देता हूँ। सब जो हाज़िर हैं मेरे गवाह हैं, मैं यह आपको देता हूँ। अपनी बीवी को वहाँ दफ़न कर दें।” |
610 | GEN 24:18 | रिबक़ा ने कहा, “जनाब, पी लें।” जल्दी से उसने अपने घड़े को कंधे पर से उतारकर हाथ में पकड़ा ताकि वह पी सके। |
649 | GEN 24:57 | उन्होंने कहा, “चलें, हम लड़की को बुलाकर उसी से पूछ लेते हैं।” |
650 | GEN 24:58 | उन्होंने रिबक़ा को बुलाकर उससे पूछा, “क्या तू अभी इस आदमी के साथ जाना चाहती है?” उसने कहा, “जी, मैं जाना चाहती हूँ।” |
729 | GEN 27:1 | इसहाक़ बूढ़ा हो गया तो उस की नज़र धुँधला गई। उसने अपने बड़े बेटे को बुलाकर कहा, “बेटा।” एसौ ने जवाब दिया, “जी, मैं हाज़िर हूँ।” |
746 | GEN 27:18 | याक़ूब ने अपने बाप के पास जाकर कहा, “अब्बू जी।” इसहाक़ ने कहा, “जी, बेटा। तू कौन है?” |
748 | GEN 27:20 | इसहाक़ ने पूछा, “बेटा, तुझे यह शिकार इतनी जल्दी किस तरह मिल गया?” उसने जवाब दिया, “रब आपके ख़ुदा ने उसे मेरे सामने से गुज़रने दिया।” |
749 | GEN 27:21 | इसहाक़ ने कहा, “बेटा, मेरे क़रीब आ ताकि मैं तुझे छू लूँ कि तू वाक़ई मेरा बेटा एसौ है कि नहीं।” |
752 | GEN 27:24 | तो भी उसने दुबारा पूछा, “क्या तू वाक़ई मेरा बेटा एसौ है?” याक़ूब ने जवाब दिया, “जी, मैं वही हूँ।” |
754 | GEN 27:26 | फिर कहा, “बेटा, मेरे पास आ और मुझे बोसा दे।” |
762 | GEN 27:34 | यह सुनकर एसौ ज़ोरदार और तलख़ चीख़ें मारने लगा। “अब्बू, मुझे भी बरकत दें,” उसने कहा। |
766 | GEN 27:38 | लेकिन एसौ ख़ामोश न हुआ बल्कि कहा, “अब्बू, क्या आपके पास वाक़ई सिर्फ़ यही बरकत थी? अब्बू, मुझे भी बरकत दें।” वह ज़ारो-क़तार रोने लगा। |
802 | GEN 29:6 | उसने पूछा, “क्या वह ख़ैरियत से है?” उन्होंने कहा, “जी, वह ख़ैरियत से है। देखो, उधर उस की बेटी राख़िल रेवड़ लेकर आ रही है।” |
909 | GEN 31:35 | राख़िल ने अपने बाप से कहा, “अब्बू, मुझसे नाराज़ न होना कि मैं आपके सामने खड़ी नहीं हो सकती। मैं ऐयामे-माहवारी के सबब से उठ नहीं सकती।” लाबन उसे छोड़कर ढूँडता रहा, लेकिन कुछ न मिला। |
973 | GEN 33:12 | “आओ, हम रवाना हो जाएँ। मैं तुम्हारे आगे आगे चलूँगा।” |
1013 | GEN 35:1 | अल्लाह ने याक़ूब से कहा, “उठ, बैतेल जाकर वहाँ आबाद हो। वहीं अल्लाह के लिए जो तुझ पर ज़ाहिर हुआ जब तू अपने भाई एसौ से भाग रहा था क़ुरबानगाह बना।” |
1090 | GEN 37:6 | उसने कहा, “सुनो, मैंने ख़ाब देखा। |
1092 | GEN 37:8 | उसके भाइयों ने कहा, “अच्छा, तू बादशाह बनकर हम पर हुकूमत करेगा?” उसके ख़ाबों और उस की बातों के सबब से उनकी उससे नफ़रत मज़ीद बढ़ गई। |
1103 | GEN 37:19 | उन्होंने कहा, “देखो, ख़ाब देखनेवाला आ रहा है। |
1105 | GEN 37:21 | जब रूबिन ने उनकी बातें सुनीं तो उसने यूसुफ़ को बचाने की कोशिश की। उसने कहा, “नहीं, हम उसे क़त्ल न करें। |
1263 | GEN 42:10 | उन्होंने कहा, “जनाब, हरगिज़ नहीं। आपके ग़ुलाम ग़ल्ला ख़रीदने आए हैं। |
1265 | GEN 42:12 | लेकिन यूसुफ़ ने इसरार किया, “नहीं, तुम देखने आए हो कि हमारा मुल्क किन किन जगहों पर ग़ैरमहफ़ूज़ है।” |
1319 | GEN 43:28 | उन्होंने जवाब दिया, “जी, आपके ख़ादिम हमारे बाप अब तक ज़िंदा हैं।” वह दुबारा मुँह के बल झुक गए। |
1389 | GEN 46:2 | रात को अल्लाह रोया में उससे हमकलाम हुआ। उसने कहा, “याक़ूब, याक़ूब!” याक़ूब ने जवाब दिया, “जी, मैं हाज़िर हूँ।” |
1470 | GEN 48:18 | उसने कहा, “अब्बू, ऐसे नहीं। दूसरा लड़का बड़ा है। उसी पर अपना दहना हाथ रखें।” |
1513 | GEN 50:6 | फ़िरौन ने जवाब दिया, “जा, अपने बाप को दफ़न कर जिस तरह उसने तुझे क़सम दिलाई थी।” |
1563 | EXO 2:8 | फ़िरौन की बेटी ने कहा, “हाँ, जाओ।” लड़की चली गई और बच्चे की सगी माँ को लेकर वापस आई। |
1569 | EXO 2:14 | आदमी ने जवाब दिया, “किसने आपको हम पर हुक्मरान और क़ाज़ी मुक़र्रर किया है? क्या आप मुझे भी क़त्ल करना चाहते हैं जिस तरह मिसरी को मार डाला था?” तब मूसा डर गया। उसने सोचा, “हाय, मेरा भेद खुल गया है!” |
1584 | EXO 3:4 | जब रब ने देखा कि मूसा झाड़ी को देखने आ रहा है तो उसने उसे झाड़ी में से पुकारा, “मूसा, मूसा!” मूसा ने कहा, “जी, मैं हाज़िर हूँ।” |
1667 | EXO 6:11 | “जा, मिसर के बादशाह फ़िरौन को बता देना कि इसराईलियों को अपने मुल्क से जाने दे।” |
1687 | EXO 7:1 | लेकिन रब ने कहा, “देख, मेरे कहने पर तू फ़िरौन के लिए अल्लाह की हैसियत रखेगा और तेरा भाई हारून तेरा पैग़ंबर होगा। |
1736 | EXO 8:21 | फिर फ़िरौन ने मूसा और हारून को बुलाकर कहा, “चलो, इसी मुल्क में अपने ख़ुदा को क़ुरबानियाँ पेश करो।” |
1740 | EXO 8:25 | मूसा ने कहा, “ठीक, मैं जाते ही रब से दुआ करूँगा। कल ही मक्खियाँ फ़िरौन, उसके ओहदेदारों और उस की क़ौम से दूर हो जाएँगी। लेकिन हमें दुबारा फ़रेब न देना बल्कि हमें जाने देना ताकि हम रब को क़ुरबानियाँ पेश कर सकें।” |
1786 | EXO 10:8 | तब मूसा और हारून को फ़िरौन के पास बुलाया गया। उसने उनसे कहा, “जाओ, अपने ख़ुदा की इबादत करो। लेकिन यह बताओ कि कौन कौन साथ जाएगा?” |
1802 | EXO 10:24 | तब फ़िरौन ने मूसा को फिर बुलवाया और कहा, “जाओ, रब की इबादत करो! तुम अपने साथ बाल-बच्चों को भी ले जा सकते हो। सिर्फ़ अपनी भेड़-बकरियाँ और गाय-बैल पीछे छोड़ देना।” |
1838 | EXO 12:21 | फिर मूसा ने तमाम इसराईली बुज़ुर्गों को बुलाकर उनसे कहा, “जाओ, अपने ख़ानदानों के लिए भेड़ या बकरी के बच्चे चुनकर उन्हें फ़सह की ईद के लिए ज़बह करो। |
1915 | EXO 14:25 | उनके रथों के पहिये निकल गए तो उन पर क़ाबू पाना मुश्किल हो गया। मिसरियों ने कहा, “आओ, हम इसराईलियों से भाग जाएँ, क्योंकि रब उनके साथ है। वही मिसर का मुक़ाबला कर रहा है।” |
2006 | EXO 18:6 | उसने मूसा को पैग़ाम भेजा था, “मैं, आपका सुसर यितरो आपकी बीवी और दो बेटों को साथ लेकर आपके पास आ रहा हूँ।” |
2179 | EXO 24:1 | रब ने मूसा से कहा, “तू, हारून, नदब, अबीहू और इसराईल के 70 बुज़ुर्ग मेरे पास ऊपर आएँ। कुछ फ़ासले पर खड़े होकर मुझे सिजदा करो। |
2440 | EXO 32:1 | पहाड़ के दामन में लोग मूसा के इंतज़ार में रहे, लेकिन बहुत देर हो गई। एक दिन वह हारून के गिर्द जमा होकर कहने लगे, “आएँ, हमारे लिए देवता बना दें जो हमारे आगे आगे चलते हुए हमारी राहनुमाई करें। क्योंकि क्या मालूम कि उस बंदे मूसा को क्या हुआ है जो हमें मिसर से निकाल लाया।” |
2470 | EXO 32:31 | चुनाँचे मूसा ने रब के पास वापस जाकर कहा, “हाय, इस क़ौम ने निहायत संगीन गुनाह किया है। उन्होंने अपने लिए सोने का देवता बना लिया। |
2486 | EXO 33:12 | मूसा ने रब से कहा, “देख, तू मुझसे कहता आया है कि इस क़ौम को कनान ले चल। लेकिन तू मेरे साथ किस को भेजेगा? तूने अब तक यह बात मुझे नहीं बताई हालाँकि तूने कहा है, ‘मैं तुझे बनाम जानता हूँ, तुझे मेरा करम हासिल हुआ है।’ |
2495 | EXO 33:21 | फिर रब ने फ़रमाया, “देख, मेरे पास एक जगह है। वहाँ की चटान पर खड़ा हो जा। |
2503 | EXO 34:6 | मूसा के सामने से गुज़रते हुए उसने पुकारा, “रब, रब, रहीम और मेहरबान ख़ुदा। तहम्मुल, शफ़क़त और वफ़ा से भरपूर। |
2997 | LEV 10:19 | हारून ने मूसा को जवाब देकर कहा, “देखें, आज लोगों ने अपने लिए गुनाह की क़ुरबानी और भस्म होनेवाली क़ुरबानी रब को पेश की है जबकि मुझ पर यह आफ़त गुज़री है। अगर मैं आज गुनाह की क़ुरबानी से खाता तो क्या यह रब को अच्छा लगता?” |
3238 | LEV 17:2 | “हारून, उसके बेटों और तमाम इसराईलियों को हिदायत देना |
3388 | LEV 22:18 | “हारून, उसके बेटों और इसराईलियों को बताना कि अगर तुममें से कोई इसराईली या परदेसी रब को भस्म होनेवाली क़ुरबानी पेश करना चाहे तो तरीक़े-कार में कोई फ़रक़ नहीं है, चाहे वह यह मन्नत मानकर या वैसे ही दिली ख़ुशी से कर रहा हो। |
4106 | NUM 13:30 | कालिब ने मूसा के सामने जमाशुदा लोगों को इशारा किया कि वह ख़ामोश हो जाएँ। फिर उसने कहा, “आएँ, हम मुल्क में दाख़िल हो जाएँ और उस पर क़ब्ज़ा कर लें, क्योंकि हम यक़ीनन यह करने के क़ाबिल हैं।” |
4113 | NUM 14:4 | उन्होंने एक दूसरे से कहा, “आओ, हम राहनुमा चुनकर मिसर वापस चले जाएँ।” |
4257 | NUM 17:27 | लेकिन इसराईलियों ने मूसा से कहा, “हाय, हम मर जाएंगे। हाय, हम हलाक हो जाएंगे, हम सब हलाक हो जाएंगे। |
4430 | NUM 23:13 | फिर बलक़ ने उससे कहा, “आएँ, हम एक और जगह जाएँ जहाँ से आप इसराईली क़ौम को देख सकेंगे, गो उनकी ख़ैमागाह का सिर्फ़ किनारा ही नज़र आएगा। आप सबको नहीं देख सकेंगे। वहीं से उन पर मेरे लिए लानत भेजें।” |
4444 | NUM 23:27 | तब बलक़ ने बिलाम से कहा, “आएँ, मैं आपको एक और जगह ले जाऊँ। शायद अल्लाह राज़ी हो जाए कि आप मेरे लिए वहाँ से उन पर लानत भेजें।” |
4470 | NUM 24:23 | एक और दफ़ा उसने बात की, “हाय, कौन ज़िंदा रह सकता है जब अल्लाह यों करेगा? |
5012 | DEU 4:6 | इन्हें मानो और इन पर अमल करो तो दूसरी क़ौमों को तुम्हारी दानिशमंदी और समझ नज़र आएगी। फिर वह इन तमाम अहकाम के बारे में सुनकर कहेंगी, “वाह, यह अज़ीम क़ौम कैसी दानिशमंद और समझदार है!” |
5182 | DEU 9:23 | क़ादिस-बरनीअ में भी ऐसा ही हुआ। वहाँ से रब ने तुम्हें भेजकर कहा था, “जाओ, उस मुल्क पर क़ब्ज़ा करो जो मैंने तुम्हें दे दिया है।” लेकिन तुमने सरकश होकर रब अपने ख़ुदा के हुक्म की ख़िलाफ़वरज़ी की। तुमने उस पर एतमाद न किया, न उस की सुनी। |
5199 | DEU 10:11 | उसने कहा, “जा, क़ौम की राहनुमाई कर ताकि वह जाकर उस मुल्क पर क़ब्ज़ा करें जिसका वादा मैंने क़सम खाकर उनके बापदादा से किया था।” |
5276 | DEU 13:3 | जो वाक़ई वुजूद में आए। साथ साथ वह कहें, “आ, हम दीगर माबूदों की पूजा करें, हम उनकी ख़िदमत करें जिनसे तू अब तक वाक़िफ़ नहीं है।” |
5875 | JOS 2:4 | लेकिन राहब ने दोनों आदमियों को छुपा रखा था। उसने कहा, “जी, यह आदमी मेरे पास आए तो थे लेकिन मुझे मालूम नहीं था कि कहाँ से आए हैं। |
5950 | JOS 5:14 | आदमी ने कहा, “नहीं, मैं रब के लशकर का सरदार हूँ और अभी अभी तेरे पास पहुँचा हूँ।” यह सुनकर यशुअ ने गिरकर उसे सिजदा किया और पूछा, “मेरे आक़ा अपने ख़ादिम को क्या फ़रमाना चाहते हैं?” |
5958 | JOS 6:7 | फिर उसने बाक़ी लोगों से कहा, “आएँ, शहर की फ़सील के साथ साथ चलकर एक चक्कर लगाएँ। मुसल्लह आदमी रब के संदूक़ के आगे आगे चलें।” |
5985 | JOS 7:7 | यशुअ ने कहा, “हाय, ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़! तूने इस क़ौम को दरियाए-यरदन में से गुज़रने क्यों दिया अगर तेरा मक़सद सिर्फ़ यह था कि हमें अमोरियों के हवाले करके हलाक करे? काश हम दरिया के मशरिक़ी किनारे पर रहने के लिए तैयार होते! |
5997 | JOS 7:19 | यशुअ ने उससे कहा, “बेटा, रब इसराईल के ख़ुदा को जलाल दो और उस की सताइश करो। मुझे बता दो कि तुमने क्या किया। कोई भी बात मुझसे मत छुपाना।” |
6439 | JOS 22:11 | इसराईलियों को ख़बर दी गई, “रूबिन, जद और मनस्सी के आधे क़बीले ने कनान की सरहद पर गलीलोत में क़ुरबानगाह बना ली है। यह क़ुरबानगाह दरियाए-यरदन के मग़रिब में यानी हमारे ही इलाक़े में है!” |
6514 | JDG 1:3 | तब यहूदाह के क़बीले ने अपने भाइयों शमौन के क़बीले से कहा, “आएँ, हमारे साथ निकलें ताकि हम मिलकर कनानियों को उस इलाक़े से निकाल दें जो क़ुरा ने यहूदाह के क़बीले के लिए मुक़र्रर किया है। इसके बदले हम बाद में आपकी मदद करेंगे जब आप अपने इलाक़े पर क़ब्ज़ा करने के लिए निकलेंगे।” चुनाँचे शमौन के मर्द यहूदाह के साथ निकले। |
6623 | JDG 4:22 | कुछ देर के बाद बरक़ सीसरा के ताक़्क़ुब में वहाँ से गुज़रा। याएल ख़ैमे से निकलकर उससे मिलने आई और बोली, “आएँ, मैं आपको वह आदमी दिखाती हूँ जिसे आप ढूँड रहे हैं।” बरक़ उसके साथ ख़ैमे में दाख़िल हुआ तो क्या देखा कि सीसरा की लाश ज़मीन पर पड़ी है और मेख़ उस की कनपटी में से गुज़रकर ज़मीन में गड़ गई है। |
6705 | JDG 7:9 | जब रात हुई तो रब जिदौन से हमकलाम हुआ, “उठ, मिदियानी ख़ैमागाह के पास उतरकर उस पर हमला कर, क्योंकि मैं उसे तेरे हाथ में दे दूँगा। |
6736 | JDG 8:15 | जिदौन उनके पास गया और कहा, “देखो, यह हैं ज़िबह और ज़लमुन्ना! तुमने इन्हीं की वजह से मेरा मज़ाक़ उड़ाकर कहा था कि हम आपके थकेहारे फ़ौजियों को रोटी क्यों दें? क्या आप ज़िबह और ज़लमुन्ना को पकड़ चुके हैं कि हम ऐसा करें?” |
6792 | JDG 9:36 | उन्हें देखकर जाल ने ज़बूल से कहा, “देखो, लोग पहाड़ों की चोटियों से उतर रहे हैं!” ज़बूल ने जवाब दिया, “नहीं, नहीं, जो आपको आदमी लग रहे हैं वह सिर्फ़ पहाड़ों के साय हैं।” |
6793 | JDG 9:37 | लेकिन जाल को तसल्ली न हुई। वह दुबारा बोल उठा, “देखो, लोग दुनिया की नाफ़ से उतर रहे हैं। और एक और गुरोह रम्मालों के बलूत से होकर आ रहा है।” |
6837 | JDG 11:6 | उन्होंने गुज़ारिश की, “आएँ, अम्मोनियों से लड़ने में हमारी राहनुमाई करें।” |
6867 | JDG 11:36 | बेटी ने कहा, “अब्बू, आपने क़सम खाकर रब से वादा किया है, इसलिए लाज़िम है कि मेरे साथ वह कुछ करें जिसकी क़सम आपने खाई है। आख़िर उसी ने आपको दुश्मन से बदला लेने की कामयाबी बख़्श दी है। |
6897 | JDG 13:11 | मनोहा उठकर अपनी बीवी के पीछे पीछे फ़रिश्ते के पास आया। उसने पूछा, “क्या आप वही आदमी हैं जिसने पिछले दिनों में मेरी बीवी से बात की थी?” फ़रिश्ते ने जवाब दिया, “जी, मैं ही था।” |
6908 | JDG 13:22 | वह पुकार उठा, “हाय, हम मर जाएंगे, क्योंकि हमने अल्लाह को देखा है!” |
6960 | JDG 16:9 | कुछ फ़िलिस्ती आदमी साथवाले कमरे में छुप गए। फिर दलीला चिल्ला उठी, “समसून, फ़िलिस्ती आपको पकड़ने आए हैं!” यह सुनकर समसून ने नसों को यों तोड़ दिया जिस तरह डोरी टूट जाती है जब आग में से गुज़रती है। चुनाँचे उस की ताक़त का पोल न खुला। |
6963 | JDG 16:12 | दलीला ने नए रस्से लेकर उसे उनसे बाँध लिया। इस मरतबा भी फ़िलिस्ती साथवाले कमरे में छुप गए थे। फिर दलीला चिल्ला उठी, “समसून, फ़िलिस्ती आपको पकड़ने आए हैं!” लेकिन इस बार भी समसून ने रस्सों को यों तोड़ लिया जिस तरह आम आदमी डोरी को तोड़ लेता है। |
6965 | JDG 16:14 | जब समसून सो रहा था तो दलीला ने ऐसा ही किया। उस की सात ज़ुल्फ़ों को ताने के साथ बुनकर उसने उसे शटल के ज़रीए खड्डी के साथ लगाया। फिर वह चिल्ला उठी, “समसून, फ़िलिस्ती आपको पकड़ने आए हैं!” समसून जाग उठा और अपने बालों को शटल समेत खड्डी से निकाल लिया। |
6969 | JDG 16:18 | दलीला ने जान लिया कि अब समसून ने मुझे पूरी हक़ीक़त बताई है। उसने फ़िलिस्ती सरदारों को इत्तला दी, “आओ, क्योंकि इस मरतबा उसने मुझे अपने दिल की हर बात बताई है।” यह सुनकर वह मुक़र्ररा चाँदी अपने साथ लेकर दलीला के पास आए। |
6971 | JDG 16:20 | फिर वह चिल्ला उठी, “समसून, फ़िलिस्ती आपको पकड़ने आए हैं!” समसून जाग उठा और सोचा, “मैं पहले की तरह अब भी अपने आपको बचाकर बंधन को तोड़ दूँगा।” अफ़सोस, उसे मालूम नहीं था कि रब ने उसे छोड़ दिया है। |
7004 | JDG 18:9 | जासूसों ने जवाब में कहा, “आएँ, हम जंग के लिए निकलें! हमें एक बेहतरीन इलाक़ा मिल गया है। आप क्यों झिजक रहे हैं? जल्दी करें, हम निकलें और उस मुल्क पर क़ब्ज़ा कर लें! |
7036 | JDG 19:10 | लेकिन अब लावी किसी भी सूरत में एक और रात ठहरना नहीं चाहता था। वह अपने गधों पर ज़ीन कसकर अपनी बीवी और नौकर के साथ रवाना हुआ। चलते चलते दिन ढलने लगा। वह यबूस यानी यरूशलम के क़रीब पहुँच गए थे। शहर को देखकर नौकर ने मालिक से कहा, “आएँ, हम यबूसियों के इस शहर में जाकर वहाँ रात गुज़ारें।” |
7038 | JDG 19:12 | लेकिन लावी ने एतराज़ किया, “नहीं, यह अजनबियों का शहर है। हमें ऐसी जगह रात नहीं गुज़ारना चाहिए जो इसराईली नहीं है। बेहतर है कि हम आगे जाकर जिबिया की तरफ़ बढ़ें। |
7049 | JDG 19:23 | बूढ़ा आदमी बाहर गया ताकि उन्हें समझाए, “नहीं, भाइयो, ऐसा शैतानी अमल मत करना। यह अजनबी मेरा मेहमान है। ऐसी शर्मनाक हरकत मत करना! |
7054 | JDG 19:28 | वह बोला, “उठो, हम चलते हैं।” लेकिन दाश्ता ने जवाब न दिया। यह देखकर आदमी ने उसे गधे पर लाद लिया और अपने घर चला गया। |
7078 | JDG 20:22 | इसराईली बैतेल चले गए और शाम तक रब के हुज़ूर रोते रहे। उन्होंने रब से पूछा, “क्या हम दुबारा अपने बिनयमीनी भाइयों से लड़ने जाएँ?” रब ने जवाब दिया, “हाँ, उन पर हमला करो!” यह सुनकर इसराईलियों का हौसला बढ़ गया और वह अगले दिन वहीं खड़े हो गए जहाँ पहले दिन खड़े हुए थे। |