67 | GEN 3:11 | उसने पूछा, “किसने तुझे बताया कि तू नंगा है? क्या तूने उस दरख़्त का फल खाया है जिसे खाने से मैंने मना किया था?” |
86 | GEN 4:6 | रब ने पूछा, “तू ग़ुस्से में क्यों आ गया है? तेरा मुँह क्यों लटका हुआ है? |
87 | GEN 4:7 | क्या अगर तू अच्छी नीयत रखता है तो अपनी नज़र उठाकर मेरी तरफ़ नहीं देख सकेगा? लेकिन अगर अच्छी नीयत नहीं रखता तो ख़बरदार! गुनाह दरवाज़े पर दबका बैठा है और तुझे चाहता है। लेकिन तेरा फ़र्ज़ है कि उस पर ग़ालिब आए।” |
90 | GEN 4:10 | रब ने कहा, “तूने क्या किया है? तेरे भाई का ख़ून ज़मीन में से पुकारकर मुझसे फ़रियाद कर रहा है। |
317 | GEN 12:18 | आख़िरकार फ़िरौन ने अब्राम को बुलाकर कहा, “तूने मेरे साथ क्या किया? तूने मुझे क्यों नहीं बताया कि सारय तेरी बीवी है? |
318 | GEN 12:19 | तूने क्यों कहा कि वह मेरी बहन है? इस धोके की बिना पर मैंने उसे घर में रख लिया ताकि उससे शादी करूँ। देख, तेरी बीवी हाज़िर है। इसे लेकर यहाँ से निकल जा!” |
415 | GEN 17:17 | इब्राहीम मुँह के बल गिर गया। लेकिन दिल ही दिल में वह हँस पड़ा और सोचा, “यह किस तरह हो सकता है? मैं तो 100 साल का हूँ। ऐसे आदमी के हाँ बच्चा किस तरह पैदा हो सकता है? और सारा जैसी उम्ररसीदा औरत के बच्चा किस तरह पैदा हो सकता है? उस की उम्र तो 90 साल है।” |
437 | GEN 18:12 | इसलिए सारा अंदर ही अंदर हँस पड़ी और सोचा, “यह कैसे हो सकता है? क्या जब मैं बुढ़ापे के बाइस घिसे-फटे लिबास की मानिंद हूँ तो जवानी के जोबन का लुत्फ़ उठाऊँ? और मेरा शौहर भी बूढ़ा है।” |
438 | GEN 18:13 | रब ने इब्राहीम से पूछा, “सारा क्यों हँस रही है? वह क्यों कह रही है, ‘क्या वाक़ई मेरे हाँ बच्चा पैदा होगा जबकि मैं इतनी उम्ररसीदा हूँ?’ |
439 | GEN 18:14 | क्या रब के लिए कोई काम नामुमकिन है? एक साल के बाद मुक़र्ररा वक़्त पर मैं वापस आऊँगा तो सारा के बेटा होगा।” |
442 | GEN 18:17 | रब ने दिल में कहा, “मैं इब्राहीम से वह काम क्यों छुपाए रखूँ जो मैं करने के लिए जा रहा हूँ? |
448 | GEN 18:23 | फिर उसने क़रीब आकर उससे बात की, “क्या तू रास्तबाज़ों को भी शरीरों के साथ तबाह कर देगा? |
449 | GEN 18:24 | हो सकता है कि शहर में 50 रास्तबाज़ हों। क्या तू फिर भी शहर को बरबाद कर देगा और उसे उन 50 के सबब से मुआफ़ नहीं करेगा? |
450 | GEN 18:25 | यह कैसे हो सकता है कि तू बेक़ुसूरों को शरीरों के साथ हलाक कर दे? यह तो नामुमकिन है कि तू नेक और शरीर लोगों से एक जैसा सुलूक करे। क्या लाज़िम नहीं कि पूरी दुनिया का मुंसिफ़ इनसाफ़ करे?” |
463 | GEN 19:5 | उन्होंने आवाज़ देकर लूत से कहा, “वह आदमी कहाँ हैं जो रात के वक़्त तेरे पास आए? उनको बाहर ले आ ताकि हम उनके साथ हरामकारी करें।” |
478 | GEN 19:20 | देख, क़रीब ही एक छोटा क़सबा है। वह इतना नज़दीक है कि मैं उस तरफ़ हिजरत कर सकता हूँ। मुझे वहाँ पनाह लेने दे। वह छोटा ही है, ना? फिर मेरी जान बचेगी।” |
500 | GEN 20:4 | असल में अबीमलिक अभी तक सारा के क़रीब नहीं गया था। उसने कहा, “मेरे आक़ा, क्या तू एक बेक़ुसूर क़ौम को भी हलाक करेगा? |
501 | GEN 20:5 | क्या इब्राहीम ने मुझसे नहीं कहा था कि सारा मेरी बहन है? और सारा ने उस की हाँ में हाँ मिलाई। मेरी नीयत अच्छी थी और मैंने ग़लत काम नहीं किया।” |
505 | GEN 20:9 | फिर अबीमलिक ने इब्राहीम को बुलाकर कहा, “आपने हमारे साथ क्या किया है? मैंने आपके साथ क्या ग़लत काम किया कि आपने मुझे और मेरी सलतनत को इतने संगीन जुर्म में फँसा दिया है? जो सुलूक आपने हमारे साथ कर दिखाया है वह किसी भी शख़्स के साथ नहीं करना चाहिए। |
521 | GEN 21:7 | इससे पहले कौन इब्राहीम से यह कहने की जुर्रत कर सकता था कि सारा अपने बच्चों को दूध पिलाएगी? और अब मेरे हाँ बेटा पैदा हुआ है, अगरचे इब्राहीम बूढ़ा हो गया है।” |
531 | GEN 21:17 | लेकिन अल्लाह ने बेटे की रोती हुई आवाज़ सुन ली। अल्लाह के फ़रिश्ते ने आसमान पर से पुकारकर हाजिरा से बात की, “हाजिरा, क्या बात है? मत डर, क्योंकि अल्लाह ने लड़के का जो वहाँ पड़ा है रोना सुन लिया है। |
586 | GEN 23:14 | इफ़रोन ने जवाब दिया, “मेरे आक़ा, सुनें। इस ज़मीन की क़ीमत सिर्फ़ 400 चाँदी के सिक्के है। आपके और मेरे दरमियान यह क्या है? अपनी बीवी को दफ़न कर दें।” |
615 | GEN 24:23 | उसने पूछा, “आप किसकी बेटी हैं? क्या उसके हाँ इतनी जगह है कि हम वहाँ रात गुज़ार सकें?” |
623 | GEN 24:31 | लाबन ने कहा, “रब के मुबारक बंदे, मेरे साथ आएँ। आप यहाँ शहर के बाहर क्यों खड़े हैं? मैंने अपने घर में आपके लिए सब कुछ तैयार किया है। आपके ऊँटों के लिए भी काफ़ी जगह है।” |
641 | GEN 24:49 | अब मुझे बताएँ, क्या आप मेरे आक़ा पर अपनी मेहरबानी और वफ़ादारी का इज़हार करना चाहते हैं? अगर ऐसा है तो रिबक़ा की इसहाक़ के साथ शादी क़बूल करें। अगर आप मुत्तफ़िक़ नहीं हैं तो मुझे बताएँ ताकि मैं कोई और क़दम उठा सकूँ।” |
720 | GEN 26:27 | इसहाक़ ने पूछा, “आप क्यों मेरे पास आए हैं? आप तो मुझसे नफ़रत रखते हैं। क्या आपने मुझे अपने दरमियान से ख़ारिज नहीं किया था?” |
761 | GEN 27:33 | इसहाक़ घबराकर शिद्दत से काँपने लगा। उसने पूछा, “फिर वह कौन था जो किसी जानवर का शिकार करके मेरे पास ले आया? तेरे आने से ज़रा पहले मैंने उस शिकार का खाना खाकर उस शख़्स को बरकत दी। अब वह बरकत उसी पर रहेगी।” |
766 | GEN 27:38 | लेकिन एसौ ख़ामोश न हुआ बल्कि कहा, “अब्बू, क्या आपके पास वाक़ई सिर्फ़ यही बरकत थी? अब्बू, मुझे भी बरकत दें।” वह ज़ारो-क़तार रोने लगा। |
821 | GEN 29:25 | जब सुबह हुई तो याक़ूब ने देखा कि लियाह ही मेरे पास है। उसने लाबन के पास जाकर कहा, “यह आपने मेरे साथ क्या किया है? क्या मैंने राख़िल के लिए काम नहीं किया? आपने मुझे धोका क्यों दिया?” |
846 | GEN 30:15 | लियाह ने जवाब दिया, “क्या यही काफ़ी नहीं कि तुमने मेरे शौहर को मुझसे छीन लिया है? अब मेरे बेटे के मर्दुमगयाह को भी छीनना चाहती हो।” राख़िल ने कहा, “अगर तुम मुझे अपने बेटे के मर्दुमगयाह में से दो तो आज रात याक़ूब के साथ सो सकती हो।” |
900 | GEN 31:26 | उसने याक़ूब से कहा, “यह आपने क्या किया है? आप मुझे धोका देकर मेरी बेटियों को क्यों जंगी क़ैदियों की तरह हाँक लाए हैं? |
901 | GEN 31:27 | आप क्यों मुझे फ़रेब देकर ख़ामोशी से भाग आए हैं? अगर आप मुझे इत्तला देते तो मैं आपको ख़ुशी ख़ुशी दफ़ और सरोद के साथ गाते बजाते रुख़सत करता। |
910 | GEN 31:36 | फिर याक़ूब को ग़ुस्सा आया और वह लाबन से झगड़ने लगा। उसने पूछा, “मुझसे क्या जुर्म सरज़द हुआ है? मैंने क्या गुनाह किया है कि आप इतनी तुंदी से मेरे ताक़्क़ुब के लिए निकले हैं? |
911 | GEN 31:37 | आपने टटोल टटोलकर मेरे सारे सामान की तलाशी ली है। तो आपका क्या निकला है? उसे यहाँ अपने और मेरे रिश्तेदारों के सामने रखें। फिर वह फ़ैसला करें कि हममें से कौन हक़ पर है। |
946 | GEN 32:18 | जो नौकर पहले रेवड़ लेकर आगे निकला उससे याक़ूब ने कहा, “मेरा भाई एसौ तुमसे मिलेगा और पूछेगा, ‘तुम्हारा मालिक कौन है? तुम कहाँ जा रहे हो? तुम्हारे सामने के जानवर किसके हैं?’ |
976 | GEN 33:15 | एसौ ने कहा, “क्या मैं अपने आदमियों में से कुछ आपके पास छोड़ दूँ?” लेकिन याक़ूब ने कहा, “क्या ज़रूरत है? सबसे अहम बात यह है कि आपने मुझे क़बूल कर लिया है।” |
1002 | GEN 34:21 | “यह आदमी हमसे झगड़नेवाले नहीं हैं, इसलिए क्यों न वह इस मुल्क में हमारे साथ रहें और हमारे दरमियान तिजारत करें? हमारे मुल्क में उनके लिए भी काफ़ी जगह है। आओ, हम उनकी बेटियों और बेटों से शादियाँ करें। |
1110 | GEN 37:26 | तब यहूदाह ने अपने भाइयों से कहा, “हमें क्या फ़ायदा है अगर अपने भाई को क़त्ल करके उसके ख़ून को छुपा दें? |
1159 | GEN 39:9 | घर के इंतज़ाम पर उनका इख़्तियार मेरे इख़्तियार से ज़्यादा नहीं है। आपके सिवा उन्होंने कोई भी चीज़ मुझसे बाज़ नहीं रखी। तो फिर मैं किस तरह इतना ग़लत काम करूँ? मैं किस तरह अल्लाह का गुनाह करूँ?” |
1254 | GEN 42:1 | जब याक़ूब को मालूम हुआ कि मिसर में अनाज है तो उसने अपने बेटों से कहा, “तुम क्यों एक दूसरे का मुँह तकते हो? |
1297 | GEN 43:6 | याक़ूब ने कहा, “तुमने उसे क्यों बताया कि हमारा एक और भाई भी है? इससे तुमने मुझे बड़ी मुसीबत में डाल दिया है।” |
1298 | GEN 43:7 | उन्होंने जवाब दिया, “वह आदमी हमारे और हमारे ख़ानदान के बारे में पूछता रहा, ‘क्या तुम्हारा बाप अब तक ज़िंदा है? क्या तुम्हारा कोई और भाई है?’ फिर हमें जवाब देना पड़ा। हमें क्या पता था कि वह हमें अपने भाई को साथ लाने को कहेगा।” |
1318 | GEN 43:27 | उसने उनसे ख़ैरियत दरियाफ़्त की और फिर कहा, “तुमने अपने बूढ़े बाप का ज़िक्र किया। क्या वह ठीक हैं? क्या वह अब तक ज़िंदा हैं?” |
1320 | GEN 43:29 | जब यूसुफ़ ने अपने सगे भाई बिनयमीन को देखा तो उसने कहा, “क्या यह तुम्हारा सबसे छोटा भाई है जिसका तुमने ज़िक्र किया था? बेटा, अल्लाह की नज़रे-करम तुम पर हो।” |
1329 | GEN 44:4 | वह अभी शहर से निकलकर दूर नहीं गए थे कि यूसुफ़ ने अपने घर पर मुक़र्रर मुलाज़िम से कहा, “जल्दी करो। उन आदमियों का ताक़्क़ुब करो। उनके पास पहुँचकर यह पूछना, ‘आपने हमारी भलाई के जवाब में ग़लत काम क्यों किया है? |
1330 | GEN 44:5 | आपने मेरे मालिक का चाँदी का प्याला क्यों चुराया है? उससे वह न सिर्फ़ पीते हैं बल्कि उसे ग़ैबदानी के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। आप एक निहायत संगीन जुर्म के मुरतकिब हुए हैं’।” |
1332 | GEN 44:7 | जवाब में उन्होंने कहा, “हमारे मालिक ऐसी बातें क्यों करते हैं? कभी नहीं हो सकता कि आपके ख़ादिम ऐसा करें। |
1333 | GEN 44:8 | आप तो जानते हैं कि हम मुल्के-कनान से वह पैसे वापस ले आए जो हमारी बोरियों में थे। तो फिर हम क्यों आपके मालिक के घर से चाँदी या सोना चुराएँगे? |
1340 | GEN 44:15 | यूसुफ़ ने कहा, “यह तुमने क्या किया है? क्या तुम नहीं जानते कि मुझ जैसा आदमी ग़ैब का इल्म रखता है?” |
1341 | GEN 44:16 | यहूदाह ने कहा, “जनाबे-आली, हम क्या कहें? अब हम अपने दिफ़ा में क्या कहें? अल्लाह ही ने हमें क़ुसूरवार ठहराया है। अब हम सब आपके ग़ुलाम हैं, न सिर्फ़ वह जिसके पास से प्याला मिल गया।” |
1359 | GEN 44:34 | अगर लड़का मेरे साथ न हुआ तो मैं किस तरह अपने बाप को मुँह दिखा सकता हूँ? मैं बरदाश्त नहीं कर सकूँगा कि वह इस मुसीबत में मुब्तला हो जाएँ।” |
1420 | GEN 46:33 | बादशाह तुम्हें बुलाकर पूछेगा कि तुम क्या काम करते हो? |
1436 | GEN 47:15 | जब मिसर और कनान के पैसे ख़त्म हो गए तो मिसरियों ने यूसुफ़ के पास आकर कहा, “हमें रोटी दें! हम आपके सामने क्यों मरें? हमारे पैसे ख़त्म हो गए हैं।” |
1440 | GEN 47:19 | हम क्यों आपकी आँखों के सामने मर जाएँ? हमारी ज़मीन क्यों तबाह हो जाए? हमें रोटी दें तो हम और हमारी ज़मीन बादशाह की होगी। हम फ़िरौन के ग़ुलाम होंगे। हमें बीज दें ताकि हम जीते बचें और ज़मीन तबाह न हो जाए।” |
1483 | GEN 49:9 | यहूदाह शेरबबर का बच्चा है। मेरे बेटे, तुम अभी अभी शिकार मारकर वापस आए हो। यहूदाह शेरबबर बल्कि शेरनी की तरह दबककर बैठ जाता है। कौन उसे छेड़ने की जुर्रत करेगा? |
1526 | GEN 50:19 | लेकिन यूसुफ़ ने कहा, “मत डरो। क्या मैं अल्लाह की जगह हूँ? हरगिज़ नहीं! |
1551 | EXO 1:18 | तब मिसर के बादशाह ने उन्हें दुबारा बुलाकर पूछा, “तुमने यह क्यों किया? तुम लड़कों को क्यों जीता छोड़ देती हो?” |
1569 | EXO 2:14 | आदमी ने जवाब दिया, “किसने आपको हम पर हुक्मरान और क़ाज़ी मुक़र्रर किया है? क्या आप मुझे भी क़त्ल करना चाहते हैं जिस तरह मिसरी को मार डाला था?” तब मूसा डर गया। उसने सोचा, “हाय, मेरा भेद खुल गया है!” |
1575 | EXO 2:20 | रऊएल ने कहा, “वह आदमी कहाँ है? तुम उसे क्यों छोड़कर आई हो? उसे बुलाओ ताकि वह हमारे साथ खाना खाए।” |
1583 | EXO 3:3 | मूसा ने सोचा, “यह तो अजीब बात है। क्या वजह है कि जलती हुई झाड़ी भस्म नहीं हो रही? मैं ज़रा वहाँ जाकर यह हैरतअंगेज़ मंज़र देखूँ।” |
1613 | EXO 4:11 | रब ने कहा, “किसने इनसान का मुँह बनाया? कौन एक को गूँगा और दूसरे को बहरा बना देता है? कौन एक को देखने की क़ाबिलियत देता है और दूसरे को इससे महरूम रखता है? क्या मैं जो रब हूँ यह सब कुछ नहीं करता? |
1616 | EXO 4:14 | तब रब मूसा से सख़्त ख़फ़ा हुआ। उसने कहा, “क्या तेरा लावी भाई हारून ऐसे काम के लिए हाज़िर नहीं है? मैं जानता हूँ कि वह अच्छी तरह बोल सकता है। देख, वह तुझसे मिलने के लिए निकल चुका है। तुझे देखकर वह निहायत ख़ुश होगा। |
1635 | EXO 5:2 | फ़िरौन ने जवाब दिया, “यह रब कौन है? मैं क्यों उसका हुक्म मानकर इसराईलियों को जाने दूँ? न मैं रब को जानता हूँ, न इसराईलियों को जाने दूँगा।” |
1637 | EXO 5:4 | लेकिन मिसर के बादशाह ने इनकार किया, “मूसा और हारून, तुम लोगों को काम से क्यों रोक रहे हो? जाओ, जो काम हमने तुमको दिया है उस पर लग जाओ! |
1648 | EXO 5:15 | फिर इसराईली निगरान फ़िरौन के पास गए। उन्होंने शिकायत करके कहा, “आप अपने ख़ादिमों के साथ ऐसा सुलूक क्यों कर रहे हैं? |
1655 | EXO 5:22 | यह सुनकर मूसा रब के पास वापस आया और कहा, “ऐ आक़ा, तूने इस क़ौम से ऐसा बुरा सुलूक क्यों किया? क्या तूने इसी मक़सद से मुझे यहाँ भेजा है? |
1737 | EXO 8:22 | लेकिन मूसा ने कहा, “यह मुनासिब नहीं है। जो क़ुरबानियाँ हम रब अपने ख़ुदा को पेश करेंगे वह मिसरियों की नज़र में घिनौनी हैं। अगर हम यहाँ ऐसा करें तो क्या वह हमें संगसार नहीं करेंगे? |
1781 | EXO 10:3 | मूसा और हारून फ़िरौन के पास गए। उन्होंने उससे कहा, “रब इबरानियों के ख़ुदा का फ़रमान है, ‘तू कब तक मेरे सामने हथियार डालने से इनकार करेगा? मेरी क़ौम को मेरी इबादत करने के लिए जाने दे, |
1785 | EXO 10:7 | इस पर दरबारियों ने फ़िरौन से बात की, “हम कब तक इस मर्द के जाल में फँसे रहें? इसराईलियों को रब अपने ख़ुदा की इबादत करने के लिए जाने दें। क्या आपको अभी तक मालूम नहीं कि मिसर बरबाद हो गया है?” |
1788 | EXO 10:10 | फ़िरौन ने तंज़न कहा, “ठीक है, जाओ और रब तुम्हारे साथ हो। नहीं, मैं किस तरह तुम सबको बाल-बच्चों समेत जाने दे सकता हूँ? तुमने कोई बुरा मनसूबा बनाया है। |
1803 | EXO 10:25 | मूसा ने जवाब दिया, “क्या आप ही हमें क़ुरबानियों के लिए जानवर देंगे ताकि उन्हें रब अपने ख़ुदा को पेश करें? |
1895 | EXO 14:5 | जब मिसर के बादशाह को इत्तला दी गई कि इसराईली हिजरत कर गए हैं तो उसने और उसके दरबारियों ने अपना ख़याल बदलकर कहा, “हमने क्या किया है? हमने उन्हें जाने दिया है, और अब हम उनकी ख़िदमत से महरूम हो गए हैं।” |
1901 | EXO 14:11 | उन्होंने मूसा से कहा, “क्या मिसर में क़ब्रों की कमी थी कि आप हमें रेगिस्तान में ले आए हैं? हमें मिसर से निकालकर आपने हमारे साथ क्या किया है? |
1902 | EXO 14:12 | क्या हमने मिसर में आपसे दरख़ास्त नहीं की थी कि मेहरबानी करके हमें छोड़ दें, हमें मिसरियों की ख़िदमत करने दें? यहाँ आकर रेगिस्तान में मर जाने की निसबत बेहतर होता कि हम मिसरियों के ग़ुलाम रहते।” |
1905 | EXO 14:15 | फिर रब ने मूसा से कहा, “तू मेरे सामने क्यों चीख़ रहा है? इसराईलियों को आगे बढ़ने का हुक्म दे। |
1932 | EXO 15:11 | ऐ रब, कौन-सा माबूद तेरी मानिंद है? कौन तेरी तरह जलाली और क़ुद्दूस है? कौन तेरी तरह हैरतअंगेज़ काम करता और अज़ीम मोजिज़े दिखाता है? कोई भी नहीं। |
1976 | EXO 16:28 | तब रब ने मूसा से कहा, “तुम लोग कब तक मेरे अहकाम और हिदायात पर अमल करने से इनकार करोगे? |
1986 | EXO 17:2 | इसलिए वह मूसा के साथ यह कहकर झगड़ने लगे, “हमें पीने के लिए पानी दो।” मूसा ने जवाब दिया, “तुम मुझसे क्यों झगड़ रहे हो? रब को क्यों आज़मा रहे हो?” |
1987 | EXO 17:3 | लेकिन लोग बहुत प्यासे थे। वह मूसा के ख़िलाफ़ बुड़बुड़ाने से बाज़ न आए बल्कि कहा, “आप हमें मिसर से क्यों लाए हैं? क्या इसलिए कि हम अपने बच्चों और रेवड़ों समेत प्यासे मर जाएँ?” |
1988 | EXO 17:4 | तब मूसा ने रब के हुज़ूर फ़रियाद की, “मैं इन लोगों के साथ क्या करूँ? हालात ज़रा भी और बिगड़ जाएँ तो वह मुझे संगसार कर देंगे।” |
1991 | EXO 17:7 | उसने उस जगह का नाम मस्सा और मरीबा यानी ‘आज़माना और झगड़ना’ रखा, क्योंकि वहाँ इसराईली बुड़बुड़ाए और यह पूछकर रब को आज़माया कि क्या रब हमारे दरमियान है कि नहीं? |
2014 | EXO 18:14 | जब यितरो ने यह सब कुछ देखा तो उसने पूछा, “यह क्या है जो आप लोगों के साथ कर रहे हैं? सारा दिन वह आपको घेरे रहते और आप उनकी अदालत करते रहते हैं। आप यह सब कुछ अकेले ही क्यों कर रहे हैं?” |
2141 | EXO 22:26 | क्योंकि इसी को वह सोने के लिए इस्तेमाल करता है। वरना वह क्या चीज़ ओढ़कर सोएगा? अगर तू चादर वापस न करे और वह शख़्स चिल्लाकर मुझसे फ़रियाद करे तो मैं उस की सुनूँगा, क्योंकि मैं मेहरबान हूँ। |
2450 | EXO 32:11 | लेकिन मूसा ने कहा, “ऐ रब, तू अपनी क़ौम पर अपना ग़ुस्सा क्यों उतारना चाहता है? तू ख़ुद अपनी अज़ीम क़ुदरत से उसे मिसर से निकाल लाया है। |
2486 | EXO 33:12 | मूसा ने रब से कहा, “देख, तू मुझसे कहता आया है कि इस क़ौम को कनान ले चल। लेकिन तू मेरे साथ किस को भेजेगा? तूने अब तक यह बात मुझे नहीं बताई हालाँकि तूने कहा है, ‘मैं तुझे बनाम जानता हूँ, तुझे मेरा करम हासिल हुआ है।’ |
2490 | EXO 33:16 | अगर तू हमारे साथ न जाए तो किस तरह पता चलेगा कि मुझे और तेरी क़ौम को तेरा करम हासिल हुआ है? हम सिर्फ़ इसी वजह से दुनिया की दीगर क़ौमों से अलग और मुमताज़ हैं।” |
2995 | LEV 10:17 | “तुमने गुनाह की क़ुरबानी का गोश्त क्यों नहीं खाया? तुम्हें उसे मुक़द्दस जगह पर खाना था। यह एक निहायत मुक़द्दस हिस्सा है जो रब ने तुम्हें दिया ताकि तुम जमात का क़ुसूर दूर करके रब के सामने लोगों का कफ़्फ़ारा दो। |
3973 | NUM 9:7 | कहने लगे, “हमने लाश छू ली है, इसलिए नापाक हैं। लेकिन हमें इस सबब से ईदे-फ़सह को मनाने से क्यों रोका जाए? हम भी मुक़र्ररा वक़्त पर बाक़ी इसराईलियों के साथ रब की क़ुरबानी पेश करना चाहते हैं।” |
4029 | NUM 11:4 | इसराईलियों के साथ जो अजनबी सफ़र कर रहे थे वह गोश्त खाने की शदीद आरज़ू करने लगे। तब इसराईली भी रो पड़े और कहने लगे, “कौन हमें गोश्त खिलाएगा? |
4036 | NUM 11:11 | उसने रब से पूछा, “तूने अपने ख़ादिम के साथ इतना बुरा सुलूक क्यों किया? मैंने किस काम से तुझे इतना नाराज़ किया कि तूने इन तमाम लोगों का बोझ मुझ पर डाल दिया? |
4038 | NUM 11:13 | ऐ अल्लाह, मैं इन तमाम लोगों को कहाँ से गोश्त मुहैया करूँ? वह मेरे सामने रोते रहते हैं कि हमें खाने के लिए गोश्त दो। |
4046 | NUM 11:21 | लेकिन मूसा ने एतराज़ किया, “अगर क़ौम के पैदल चलनेवाले गिने जाएँ तो छः लाख हैं। तू किस तरह हमें एक माह तक गोश्त मुहैया करेगा? |
4047 | NUM 11:22 | क्या गाय-बैलों या भेड़-बकरियों को इतनी मिक़दार में ज़बह किया जा सकता है कि काफ़ी हो? अगर समुंदर की तमाम मछलियाँ उनके लिए पकड़ी जाएँ तो क्या काफ़ी होंगी?” |
4048 | NUM 11:23 | रब ने कहा, “क्या रब का इख़्तियार कम है? अब तू ख़ुद देख लेगा कि मेरी बातें दुरुस्त हैं कि नहीं।” |
4054 | NUM 11:29 | लेकिन मूसा ने जवाब दिया, “क्या तू मेरी ख़ातिर ग़ैरत खा रहा है? काश रब के तमाम लोग नबी होते और वह उन सब पर अपना रूह नाज़िल करता!” |
4062 | NUM 12:2 | उन्होंने पूछा, “क्या रब सिर्फ़ मूसा की मारिफ़त बात करता है? क्या उसने हमसे भी बात नहीं की?” रब ने उनकी यह बातें सुनीं। |
4074 | NUM 12:14 | रब ने जवाब में मूसा से कहा, “अगर मरियम का बाप उसके मुँह पर थूकता तो क्या वह पूरे हफ़ते तक शर्म महसूस न करती? उसे एक हफ़ते के लिए ख़ैमागाह के बाहर बंद रख। इसके बाद उसे वापस लाया जा सकता है।” |
4094 | NUM 13:18 | मालूम करो कि यह किस तरह का मुल्क है और उसके बाशिंदे कैसे हैं। क्या वह ताक़तवर हैं या कमज़ोर, तादाद में कम हैं या ज़्यादा? |
4095 | NUM 13:19 | जिस मुल्क में वह बसते हैं क्या वह अच्छा है कि नहीं? वह किस क़िस्म के शहरों में रहते हैं? क्या उनकी चारदीवारियाँ हैं कि नहीं? |
4096 | NUM 13:20 | मुल्क की ज़मीन ज़रख़ेज़ है या बंजर? उसमें दरख़्त हैं कि नहीं? और जुर्रत करके मुल्क का कुछ फल चुनकर ले आओ।” उस वक़्त पहले अंगूर पक गए थे। |