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27931 | लेकिन वहाँ हम साहिल के साथ साथ चलते हुए बड़ी मुश्किल से एक जगह पहुँचे जिसका नाम ‘हसीन- बंदर’ था। शहर लसया उसके क़रीब वाक़े था। | |
27935 | चूँकि ‘हसीन- बंदर’ में जहाज़ को सर्दियों के मौसम के लिए रखना मुश्किल था इसलिए अकसर लोग आगे फ़ेनिक्स तक पहुँचकर सर्दियों का मौसम गुज़ारना चाहते थे। क्योंकि फ़ेनिक्स जज़ीराए-क्रेते की अच्छी बंदरगाह थी जो सिर्फ़ जुनूब-मग़रिब और शिमाल-मग़रिब की तरफ़ खुली थी। |