311 | GEN 12:12 | मिसरी तुझे देखेंगे, फिर कहेंगे, ‘यह इसका शौहर है।’ नतीजे में वह मुझे मार डालेंगे और तुझे ज़िंदा छोड़ेंगे। |
360 | GEN 14:23 | कि मैं उसमें से कुछ नहीं लूँगा जो आपका है, चाहे वह धागा या जूती का तसमा ही क्यों न हो। ऐसा न हो कि आप कहें, ‘मैंने अब्राम को दौलतमंद बना दिया है।’ |
606 | GEN 24:14 | मैं उनमें से किसी से कहूँगा, ‘ज़रा अपना घड़ा नीचे करके मुझे पानी पिलाएँ।’ अगर वह जवाब दे, ‘पी लें, मैं आपके ऊँटों को भी पानी पिला देती हूँ,’ तो वह वही होगी जिसे तूने अपने ख़ादिम इसहाक़ के लिए चुन रखा है। अगर ऐसा हुआ तो मैं जान लूँगा कि तूने मेरे आक़ा पर मेहरबानी की है।” |
630 | GEN 24:38 | बल्कि मेरे बाप के घराने और मेरे रिश्तेदारों के पास जाकर उसके लिए बीवी लाओगे।’ |
631 | GEN 24:39 | मैंने अपने मालिक से कहा, ‘शायद वह औरत मेरे साथ आना न चाहे।’ |
633 | GEN 24:41 | लेकिन अगर तुम मेरे रिश्तेदारों के पास जाओ और वह इनकार करें तो फिर तुम अपनी क़सम से आज़ाद होगे।’ |
636 | GEN 24:44 | अगर वह कहे, “पी लें, मैं आपके ऊँटों के लिए भी पानी ले आऊँगी” तो इसका मतलब यह हो कि तूने उसे मेरे आक़ा के बेटे के लिए चुन लिया है कि उस की बीवी बन जाए।’ |
637 | GEN 24:45 | मैं अभी दिल में यह दुआ कर रहा था कि रिबक़ा शहर से निकल आई। उसके कंधे पर घड़ा था। वह चश्मे तक उतरी और अपना घड़ा भर लिया। मैंने उससे कहा, ‘ज़रा मुझे पानी पिलाएँ।’ |
638 | GEN 24:46 | जवाब में उसने जल्दी से अपने घड़े को कंधे पर से उतारकर कहा, ‘पी लें, मैं आपके ऊँटों को भी पानी पिलाती हूँ।’ मैंने पानी पिया, और उसने ऊँटों को भी पानी पिलाया। |
639 | GEN 24:47 | फिर मैंने उससे पूछा, ‘आप किसकी बेटी हैं?’ उसने जवाब दिया, ‘मेरा बाप बतुएल है। वह नहूर और मिलकाह का बेटा है।’ फिर मैंने उस की नाक में नथ और उस की कलाइयों में कंगन पहना दिए। |
735 | GEN 27:7 | ‘मेरे लिए किसी जानवर का शिकार करके ले आ। उसे तैयार करके मेरे लिए लज़ीज़ खाना पका। मरने से पहले मैं यह खाना खाकर तुझे रब के सामने बरकत देना चाहता हूँ।’ |
885 | GEN 31:11 | उस ख़ाब में अल्लाह के फ़रिश्ते ने मुझसे बात की, ‘याक़ूब!’ मैंने कहा, ‘जी, मैं हाज़िर हूँ।’ |
903 | GEN 31:29 | मैं आपको बहुत नुक़सान पहुँचा सकता हूँ। लेकिन पिछली रात आपके अब्बू के ख़ुदा ने मुझसे कहा, ‘ख़बरदार! याक़ूब को बुरा-भला न कहना।’ |
938 | GEN 32:10 | फिर याक़ूब ने दुआ की, “ऐ मेरे दादा इब्राहीम और मेरे बाप इसहाक़ के ख़ुदा, मेरी दुआ सुन! ऐ रब, तूने ख़ुद मुझे बताया, ‘अपने मुल्क और रिश्तेदारों के पास वापस जा, और मैं तुझे कामयाबी दूँगा।’ |
949 | GEN 32:21 | तुम्हें यह भी ज़रूर कहना है, आपके ख़ादिम याक़ूब हमारे पीछे आ रहे हैं।” क्योंकि याक़ूब ने सोचा, ‘मैं इन तोह्फ़ों से उसके साथ सुलह करूँगा। फिर जब उससे मुलाक़ात होगी तो शायद वह मुझे क़बूल कर ले।’ |
1285 | GEN 42:32 | हम बारह भाई हैं, एक ही बाप के बेटे। एक तो मर गया जबकि सबसे छोटा भाई इस वक़्त कनान में बाप के पास है।’ |
1294 | GEN 43:3 | लेकिन यहूदाह ने कहा, “उस मर्द ने सख़्ती से कहा था, ‘तुम सिर्फ़ इस सूरत में मेरे पास आ सकते हो कि तुम्हारा भाई साथ हो।’ |
1345 | GEN 44:20 | हमने जवाब दिया, ‘हमारा बाप है। वह बूढ़ा है। हमारा एक छोटा भाई भी है जो उस वक़्त पैदा हुआ जब हमारा बाप उम्ररसीदा था। उस लड़के का भाई मर चुका है। उस की माँ के सिर्फ़ यह दो बेटे पैदा हुए। अब वह अकेला ही रह गया है। उसका बाप उसे शिद्दत से प्यार करता है।’ |
1346 | GEN 44:21 | जनाबे-आली, आपने हमें बताया, ‘उसे यहाँ ले आओ ताकि मैं ख़ुद उसे देख सकूँ।’ |
1347 | GEN 44:22 | हमने जवाब दिया, ‘यह लड़का अपने बाप को छोड़ नहीं सकता, वरना उसका बाप मर जाएगा।’ |
1348 | GEN 44:23 | फिर आपने कहा, ‘तुम सिर्फ़ इस सूरत में मेरे पास आ सकोगे कि तुम्हारा सबसे छोटा भाई तुम्हारे साथ हो।’ |
1350 | GEN 44:25 | फिर उन्होंने हमसे कहा, ‘मिसर लौटकर कुछ ग़ल्ला ख़रीद लाओ।’ |
1351 | GEN 44:26 | हमने जवाब दिया, ‘हम जा नहीं सकते। हम सिर्फ़ इस सूरत में उस मर्द के पास जा सकते हैं कि हमारा सबसे छोटा भाई साथ हो। हम तब ही जा सकते हैं जब वह भी हमारे साथ चले।’ |
1357 | GEN 44:32 | न सिर्फ़ यह बल्कि मैंने बाप से कहा, ‘मैं ख़ुद इसका ज़ामिन हूँगा। अगर मैं इसे सलामती से वापस न पहुँचाऊँ तो फिर मैं ज़िंदगी के आख़िर तक क़ुसूरवार ठहरूँगा।’ |
1370 | GEN 45:11 | वहाँ मैं आपकी ज़रूरियात पूरी करूँगा, क्योंकि काल को अभी पाँच साल और लगेंगे। वरना आप, आपके घरवाले और जो भी आपके हैं बदहाल हो जाएंगे।’ |
1419 | GEN 46:32 | मैं उससे कहूँगा, ‘यह आदमी भेड़-बकरियों के चरवाहे हैं। वह मवेशी पालते हैं, इसलिए अपनी भेड़-बकरियाँ, गाय-बैल और बाक़ी सारा माल अपने साथ ले आए हैं।’ |
1421 | GEN 46:34 | फिर तुमको जवाब देना है, ‘आपके ख़ादिम बचपन से मवेशी पालते आए हैं। यह हमारे बापदादा का पेशा था और हमारा भी है।’ अगर तुम यह कहो तो तुम्हें जुशन में रहने की इजाज़त मिलेगी। क्योंकि भेड़-बकरियों के चरवाहे मिसरियों की नज़र में क़ाबिले-नफ़रत हैं।” |
1456 | GEN 48:4 | कहा, ‘मैं तुझे फलने फूलने दूँगा और तेरी औलाद बढ़ा दूँगा बल्कि तुझसे बहुत-सी क़ौमें निकलने दूँगा। और मैं तेरी औलाद को यह मुल्क हमेशा के लिए दे दूँगा।’ |
1512 | GEN 50:5 | कि मेरे बाप ने मुझे क़सम दिलाकर कहा था, ‘मैं मरनेवाला हूँ। मुझे उस क़ब्र में दफ़न करना जो मैंने मुल्के-कनान में अपने लिए बनवाई।’ अब मुझे इजाज़त दें कि मैं वहाँ जाऊँ और अपने बाप को दफ़न करके वापस आऊँ।” |
1524 | GEN 50:17 | कि यूसुफ़ को बताना, ‘अपने भाइयों के उस ग़लत काम को मुआफ़ कर देना जो उन्होंने तुम्हारे साथ किया।’ अब हमें जो आपके बाप के ख़ुदा के पैरोकार हैं मुआफ़ कर दें।” यह ख़बर सुनकर यूसुफ़ रो पड़ा। |
1595 | EXO 3:15 | रब जो तुम्हारे बापदादा का ख़ुदा, इब्राहीम का ख़ुदा, इसहाक़ का ख़ुदा और याक़ूब का ख़ुदा है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।’ यह अबद तक मेरा नाम रहेगा। लोग यही नाम लेकर मुझे नसल-दर-नसल याद करेंगे। |
1597 | EXO 3:17 | इसलिए मैंने फ़ैसला किया है कि तुम्हें मिसर की मुसीबत से निकालकर कनानियों, हित्तियों, अमोरियों, फ़रिज़्ज़ियों, हिव्वियों और यबूसियों के मुल्क में ले जाऊँ, ऐसे मुल्क में जहाँ दूध और शहद की कसरत है।’ |
1598 | EXO 3:18 | बुज़ुर्ग तेरी सुनेंगे। फिर उनके साथ मिसर के बादशाह के पास जाकर उससे कहना, ‘रब इबरानियों का ख़ुदा हम पर ज़ाहिर हुआ है। इसलिए हमें इजाज़त दें कि हम तीन दिन का सफ़र करके रेगिस्तान में रब अपने ख़ुदा के लिए क़ुरबानियाँ चढ़ाएँ।’ |
1744 | EXO 9:1 | फिर रब ने मूसा से कहा, “फ़िरौन के पास जाकर उसे बता कि रब इबरानियों का ख़ुदा फ़रमाता है, ‘मेरी क़ौम को जाने दे ताकि वह मेरी इबादत कर सकें।’ |
1815 | EXO 11:8 | मूसा ने यह कुछ फ़िरौन को बताया फिर कहा, “उस वक़्त आपके तमाम ओहदेदार आकर मेरे सामने झुक जाएंगे और मिन्नत करेंगे, ‘अपने पैरोकारों के साथ चले जाएँ।’ तब मैं चला ही जाऊँगा।” यह कहकर मूसा फ़िरौन के पास से चला गया। वह बड़े ग़ुस्से में था। |
1876 | EXO 13:8 | उस दिन अपने बेटे से यह कहो, ‘मैं यह ईद उस काम की ख़ुशी में मनाता हूँ जो रब ने मेरे लिए किया जब मैं मिसर से निकला।’ |
1930 | EXO 15:9 | दुश्मन ने डींग मारकर कहा, ‘मैं उनका पीछा करके उन्हें पकड़ लूँगा, मैं उनका लूटा हुआ माल तक़सीम करूँगा। मेरी लालची जान उनसे सेर हो जाएगी, मैं अपनी तलवार खींचकर उन्हें हलाक करूँगा।’ |
2033 | EXO 19:6 | लेकिन तुम मेरे लिए मख़सूस इमामों की बादशाही और मुक़द्दस क़ौम होगे।’ अब जाकर यह सारी बातें इसराईलियों को बता।” |
2078 | EXO 20:26 | क़ुरबानगाह को सीढ़ियों के बग़ैर बनाना है ताकि उस पर चढ़ने से तेरे लिबास के नीचे से तेरा नंगापन नज़र न आए।’ |
2462 | EXO 32:23 | उन्होंने मुझसे कहा, ‘हमारे लिए देवता बना दें जो हमारे आगे आगे चलते हुए हमारी राहनुमाई करें। क्योंकि क्या मालूम कि उस बंदे मूसा को क्या हुआ है जो हमें मिसर से निकाल लाया।’ |
2463 | EXO 32:24 | इसलिए मैंने उनको बताया, ‘जिसके पास सोने के ज़ेवरात हैं वह उन्हें उतार लाए।’ जो कुछ उन्होंने मुझे दिया उसे मैंने आग में फेंक दिया तो होते होते सोने का यह बछड़ा निकल आया।” |
2475 | EXO 33:1 | रब ने मूसा से कहा, “इस जगह से रवाना हो जा। उन लोगों को लेकर जिनको तू मिसर से निकाल लाया है उस मुल्क को जा जिसका वादा मैंने इब्राहीम, इसहाक़ और याक़ूब से किया है। उन्हीं से मैंने क़सम खाकर कहा था, ‘मैं यह मुल्क तुम्हारी औलाद को दूँगा।’ |
2486 | EXO 33:12 | मूसा ने रब से कहा, “देख, तू मुझसे कहता आया है कि इस क़ौम को कनान ले चल। लेकिन तू मेरे साथ किस को भेजेगा? तूने अब तक यह बात मुझे नहीं बताई हालाँकि तूने कहा है, ‘मैं तुझे बनाम जानता हूँ, तुझे मेरा करम हासिल हुआ है।’ |
3098 | LEV 13:45 | वबाई जिल्दी बीमारी का मरीज़ फटे कपड़े पहने। उसके बाल बिखरे रहें। वह अपनी मूँछों को किसी कपड़े से छुपाए और पुकारता रहे, ‘नापाक, नापाक।’ |
3343 | LEV 20:24 | लेकिन तुमसे मैंने कहा, ‘तुम ही उनकी ज़मीन पर क़ब्ज़ा करोगे। मैं ही उसे तुम्हें दे दूँगा, ऐसा मुल्क जिसमें कसरत का दूध और शहद है।’ मैं रब तुम्हारा ख़ुदा हूँ, जिसने तुमको दीगर क़ौमों में से चुनकर अलग कर दिया है। |
3815 | NUM 5:22 | जब लानत का यह पानी आपके पेट में उतरे तो आप बाँझ हो जाएँ और आपका पेट फूल जाए।’ इस पर औरत कहे, ‘आमीन, ऐसा ही हो।’ |
3850 | NUM 6:26 | रब की नज़रे-करम तुझ पर हो, और वह तुझे सलामती बख़्शे।’ |
4037 | NUM 11:12 | क्या मैंने हामिला होकर इस पूरी क़ौम को जन्म दिया कि तू मुझसे कहता है, ‘इसे उस तरह उठाकर ले चलना जिस तरह आया शीरख़ार बच्चे को उठाकर हर जगह साथ लिए फिरती है। इसी तरह इसे उस मुल्क में ले जाना जिसका वादा मैंने क़सम खाकर इनके बापदादा से किया है।’ |
4125 | NUM 14:16 | ‘रब इन लोगों को उस मुल्क में ले जाने के क़ाबिल नहीं था जिसका वादा उसने उनसे क़सम खाकर किया था। इसी लिए उसने उन्हें रेगिस्तान में हलाक कर दिया।’ |
4127 | NUM 14:18 | ‘रब तहम्मुल और शफ़क़त से भरपूर है। वह गुनाह और नाफ़रमानी मुआफ़ करता है, लेकिन हर एक को उस की मुनासिब सज़ा भी देता है। जब वालिदैन गुनाह करें तो उनकी औलाद को भी तीसरी और चौथी पुश्त तक सज़ा के नतायज भुगतने पड़ेंगे।’ |
4424 | NUM 23:7 | बिलाम बोल उठा, “बलक़ मुझे अराम से यहाँ लाया है, मोआबी बादशाह ने मुझे मशरिक़ी पहाड़ों से बुलाकर कहा, ‘आओ, याक़ूब पर मेरे लिए लानत भेजो। आओ, इसराईल को बददुआ दो।’ |
4732 | NUM 32:12 | बुज़ुर्गों में से सिर्फ़ कालिब बिन यफ़ुन्ना क़निज़्ज़ी और यशुअ बिन नून मुल्क में दाख़िल होंगे, इसलिए कि उन्होंने पूरी वफ़ादारी से मेरी पैरवी की।’ |
5187 | DEU 9:28 | वरना मिसरी कहेंगे, ‘रब उन्हें उस मुल्क में लाने के क़ाबिल नहीं था जिसका वादा उसने किया था, बल्कि वह उनसे नफ़रत करता था। हाँ, वह उन्हें हलाक करने के लिए रेगिस्तान में ले आया।’ |
5489 | DEU 22:17 | अब इसने उस की बदनामी करके कहा है, ‘मुझे पता चला कि तुम्हारी बेटी कुँवारी नहीं है।’ लेकिन यहाँ सबूत है कि मेरी बेटी कुँवारी थी।” फिर वालिदैन शहर के बुज़ुर्गों को मज़कूरा कपड़ा दिखाएँ। |
5602 | DEU 27:15 | ‘उस पर लानत जो बुत तराशकर या ढालकर चुपके से खड़ा करे। रब को कारीगर के हाथों से बनी हुई ऐसी चीज़ से घिन है।’ जवाब में सब लोग कहें, ‘आमीन!’ |
5603 | DEU 27:16 | फिर लावी कहें, ‘उस पर लानत जो अपने बाप या माँ की तहक़ीर करे।’ सब लोग कहें, ‘आमीन!’ |
5604 | DEU 27:17 | ‘उस पर लानत जो अपने पड़ोसी की ज़मीन की हुदूद आगे पीछे करे।’ सब लोग कहें, ‘आमीन!’ |
5605 | DEU 27:18 | ‘उस पर लानत जो किसी अंधे की राहनुमाई करके उसे ग़लत रास्ते पर ले जाए।’ सब लोग कहें, ‘आमीन!’ |
5606 | DEU 27:19 | ‘उस पर लानत जो परदेसियों, यतीमों या बेवाओं के हुक़ूक़ क़ायम न रखे।’ सब लोग कहें, ‘आमीन!’ |
5607 | DEU 27:20 | ‘उस पर लानत जो अपने बाप की बीवी से हमबिसतर हो जाए, क्योंकि वह अपने बाप की बेहुरमती करता है।’ सब लोग कहें, ‘आमीन!’ |
5608 | DEU 27:21 | ‘उस पर लानत जो जानवर से जिंसी ताल्लुक़ रखे।’ सब लोग कहें, ‘आमीन!’ |
5609 | DEU 27:22 | ‘उस पर लानत जो अपनी सगी बहन, अपने बाप की बेटी या अपनी माँ की बेटी से हमबिसतर हो जाए।’ सब लोग कहें, ‘आमीन!’ |
5610 | DEU 27:23 | ‘उस पर लानत जो अपनी सास से हमबिसतर हो जाए।’ सब लोग कहें, ‘आमीन!’ |
5611 | DEU 27:24 | ‘उस पर लानत जो चुपके से अपने हमवतन को क़त्ल कर दे।’ सब लोग कहें, ‘आमीन!’ |
5612 | DEU 27:25 | ‘उस पर लानत जो पैसे लेकर किसी बेक़ुसूर शख़्स को क़त्ल करे।’ सब लोग कहें, ‘आमीन!’ |
5613 | DEU 27:26 | ‘उस पर लानत जो इस शरीअत की बातें क़ायम न रखे, न इन पर अमल करे।’ सब लोग कहें, ‘आमीन!’ |
5700 | DEU 29:18 | तुम सबने वह लानतें सुनी हैं जो रब नाफ़रमानों पर भेजेगा। तो भी हो सकता है कि कोई अपने आपको रब की बरकत का वारिस समझकर कहे, ‘बेशक मैं अपनी ग़लत राहों से हटने के लिए तैयार नहीं हूँ, लेकिन कोई बात नहीं। मैं महफ़ूज़ रहूँगा।’ ख़बरदार, ऐसी हरकत से वह न सिर्फ़ अपने ऊपर बल्कि पूरे मुल्क पर तबाही लाएगा। |
5709 | DEU 29:27 | वह इतना ग़ुस्से हुआ कि उसने उन्हें जड़ से उखाड़कर एक अजनबी मुल्क में फेंक दिया जहाँ वह आज तक आबाद हैं।’ |
5732 | DEU 31:2 | “अब मैं 120 साल का हो चुका हूँ। मेरा चलना-फिरना मुश्किल हो गया है। और वैसे भी रब ने मुझे बताया है, ‘तू दरियाए-यरदन को पार नहीं करेगा।’ |
5866 | JOS 1:13 | “यह बात याद रखें जो रब के ख़ादिम मूसा ने आपसे कही थी, ‘रब तुम्हारा ख़ुदा तुमको दरियाए-यरदन के मशरिक़ी किनारे पर का यह इलाक़ा देता है ताकि तुम यहाँ अमनो-अमान के साथ रह सको।’ |
5919 | JOS 4:7 | तो उन्हें बताना, ‘यह हमें याद दिलाते हैं कि दरियाए-यरदन का बहाव रुक गया जब रब का अहद का संदूक़ उसमें से गुज़रा।’ यह पत्थर अबद तक इसराईल को याद दिलाते रहेंगे कि यहाँ क्या कुछ हुआ था।” |
5934 | JOS 4:22 | तो उन्हें बताना, ‘यह वह जगह है जहाँ इसराईली क़ौम ने ख़ुश्क ज़मीन पर दरियाए-यरदन को पार किया।’ |
5991 | JOS 7:13 | अब उठ और लोगों को मेरे लिए मख़सूसो-मुक़द्दस कर। उन्हें बता देना, ‘अपने आपको कल के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस करना, क्योंकि रब जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि ऐ इसराईल, तेरे दरमियान ऐसा माल है जो मेरे लिए मख़सूस है। जब तक तुम उसे अपने दरमियान से निकाल न दो अपने दुश्मनों के सामने क़ायम नहीं रह सकोगे।’ |
6050 | JOS 9:11 | तब हमारे बुज़ुर्गों बल्कि हमारे मुल्क के तमाम बाशिंदों ने हमसे कहा, ‘सफ़र के लिए खाना लेकर उनसे मिलने जाएँ। उनसे बात करें कि हम आपकी ख़िदमत के लिए हाज़िर हैं। आएँ, हमारे साथ मुआहदा करें।’ |
6198 | JOS 14:9 | उस दिन मूसा ने क़सम खाकर मुझसे वादा किया, ‘जिस ज़मीन पर तेरे पाँव चले हैं वह हमेशा तक तेरी और तेरी औलाद की विरासत में रहेगी। क्योंकि तू रब मेरे ख़ुदा का वफ़ादार रहा है।’ |
6455 | JOS 22:27 | बल्कि आपको और आनेवाली नसलों को इस बात की याद दिलाने के लिए कि हमें भी रब के ख़ैमे में भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ, ज़बह की क़ुरबानियाँ और सलामती की क़ुरबानियाँ चढ़ाने का हक़ है। यह क़ुरबानगाह हमारे और आपके दरमियान गवाह रहेगी। अब आपकी औलाद कभी भी हमारी औलाद से नहीं कह सकेगी, ‘आपको रब की जमात के हुक़ूक़ हासिल नहीं।’ |
6456 | JOS 22:28 | और अगर वह किसी वक़्त यह बात करे तो हमारी औलाद कह सकेगी, ‘यह क़ुरबानगाह देखें जो रब की क़ुरबानगाह की हूबहू नक़ल है। हमारे बापदादा ने इसे बनाया था, लेकिन इसलिए नहीं कि हम इस पर भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ और ज़बह की क़ुरबानियाँ चढ़ाएँ बल्कि आपको और हमें गवाही देने के लिए कि हमें मिलकर रब की इबादत करने का हक़ है।’ |
6549 | JDG 2:2 | और मैंने हुक्म दिया, ‘इस मुल्क की क़ौमों के साथ अहद मत बाँधना बल्कि उनकी क़ुरबानगाहों को गिरा देना।’ लेकिन तुमने मेरी न सुनी। यह तुमने क्या किया? |
6648 | JDG 5:23 | रब के फ़रिश्ते ने कहा, ‘मीरोज़ शहर पर लानत करो, उसके बाशिंदों पर ख़ूब लानत करो! क्योंकि वह रब की मदद करने न आए, वह सूरमाओं के ख़िलाफ़ रब की मदद करने न आए।’ |
6655 | JDG 5:30 | ‘वह लूटा हुआ माल आपस में बाँट रहे होंगे। हर मर्द के लिए एक दो लड़कियाँ और सीसरा के लिए रंगदार लिबास होगा। हाँ, वह रंगदार लिबास और मेरी गरदन को सजाने के लिए दो नफ़ीस रंगदार कपड़े ला रहे होंगे।’ |
6848 | JDG 11:17 | क़ादिस से उन्होंने अदोम के बादशाह के पास क़ासिद भेजकर गुज़ारिश की, ‘हमें अपने मुल्क में से गुज़रने दें।’ लेकिन उसने इनकार किया। फिर इसराईलियों ने मोआब के बादशाह से दरख़ास्त की, लेकिन उसने भी अपने मुल्क में से गुज़रने की इजाज़त न दी। इस पर हमारी क़ौम कुछ देर के लिए क़ादिस में रही। |
6850 | JDG 11:19 | वहाँ से इसराईलियों ने हसबोन के रहनेवाले अमोरी बादशाह सीहोन को पैग़ाम भिजवाया, ‘हमें अपने मुल्क में से गुज़रने दें ताकि हम अपने मुल्क में दाख़िल हो सकें।’ |
7271 | 1SA 2:29 | तो फिर तुम लोग ज़बह और ग़ल्ला की वह क़ुरबानियाँ हक़ीर क्यों जानते हो जो मुझे ही पेश की जाती हैं और जो मैंने अपनी सुकूनतगाह के लिए मुक़र्रर की थीं? एली, तू अपने बेटों का मुझसे ज़्यादा एहतराम करता है। तुम तो मेरी क़ौम इसराईल की हर क़ुरबानी के बेहतरीन हिस्से खा खाकर मोटे हो गए हो।’ |
7472 | 1SA 12:10 | हर दफ़ा आपके बापदादा ने चीख़ते-चिल्लाते रब से मदद माँगी और इक़रार किया, ‘हमने गुनाह किया है, क्योंकि हमने रब को तर्क करके बाल और अस्तारात के बुतों की पूजा की है। लेकिन अब हमें दुश्मनों से बचा! फिर हम सिर्फ़ तेरी ही ख़िदमत करेंगे।’ |
7499 | 1SA 13:12 | तो मैंने सोचा, ‘फ़िलिस्ती यहाँ जिलजाल में आकर मुझ पर हमला करने को हैं, हालाँकि मैंने अभी रब से दुआ नहीं की कि वह हम पर मेहरबानी करे।’ इसलिए मैंने जुर्रत करके ख़ुद क़ुरबानियाँ पेश कीं।” |
7580 | 1SA 15:18 | और उसने आपको भेजकर हुक्म दिया, ‘जा और अमालीक़ियों को पूरे तौर पर हलाक करके मेरे हवाले कर। उस वक़्त तक इन शरीर लोगों से लड़ता रह जब तक वह सबके सब मिट न जाएँ।’ |
7735 | 1SA 20:3 | लेकिन दाऊद ने क़सम खाकर इसरार किया, “ज़ाहिर है कि आपको इसके बारे में इल्म नहीं। आपके बाप को साफ़ मालूम है कि मैं आपको पसंद हूँ। ‘वह तो सोचते होंगे, यूनतन को इस बात का इल्म न हो, वरना वह दुख महसूस करेगा।’ लेकिन रब की और आपकी जान की क़सम, मैं बड़े ख़तरे में हूँ, और मौत से बचना मुश्किल ही है।” |
7738 | 1SA 20:6 | अगर आपके बाप मेरा पता करें तो उन्हें कह देना, ‘दाऊद ने बड़े ज़ोर से मुझसे अपने शहर बैत-लहम को जाने की इजाज़त माँगी। उसे बड़ी जल्दी थी, क्योंकि उसका पूरा ख़ानदान अपनी सालाना क़ुरबानी चढ़ाना चाहता है।’ |
7761 | 1SA 20:29 | उसने कहा, ‘मेहरबानी करके मुझे जाने दें, क्योंकि मेरा ख़ानदान एक ख़ास क़ुरबानी चढ़ा रहा है, और मेरे भाई ने मुझे आने का हुक्म दिया है। अगर आपको मंज़ूर हो तो बराहे-करम मुझे अपने भाइयों के पास जाने की इजाज़त दें।’ यही वजह है कि वह बादशाह की ज़ियाफ़त में शरीक नहीं हुआ।” |
7846 | 1SA 24:5 | दाऊद के आदमियों ने आहिस्ता से उससे कहा, “रब ने तो आपसे वादा किया था, ‘मैं तेरे दुश्मन को तेरे हवाले कर दूँगा, और तू जो जी चाहे उसके साथ कर सकेगा।’ अब यह वक़्त आ गया है!” दाऊद रेंगते रेंगते आगे साऊल के क़रीब पहुँच गया। चुपके से उसने साऊल के लिबास के किनारे का टुकड़ा काट लिया और फिर वापस आ गया। |
7852 | 1SA 24:11 | आज आप अपनी आँखों से देख सकते हैं कि यह झूट ही झूट है। ग़ार में आप अल्लाह की मरज़ी से मेरे क़ब्ज़े में आ गए थे। मेरे लोगों ने ज़ोर दिया कि मैं आपको मार दूँ, लेकिन मैंने आपको न छेड़ा। मैं बोला, ‘मैं कभी भी बादशाह को नुक़सान नहीं पहुँचाऊँगा, क्योंकि रब ने ख़ुद उसे मसह करके चुन लिया है।’ |
7855 | 1SA 24:14 | क़दीम क़ौल यही बात बयान करता है, ‘बदकारों से बदकारी पैदा होती है।’ मेरी नीयत तो साफ़ है, इसलिए मैं कभी ऐसा नहीं करूँगा। |
8032 | 2SA 1:7 | कि उसने मुड़कर मुझे देखा और अपने पास बुलाया। मैंने कहा, ‘जी, मैं हाज़िर हूँ।’ |
8033 | 2SA 1:8 | उसने पूछा, ‘तुम कौन हो?’ मैंने जवाब दिया, ‘मैं अमालीक़ी हूँ।’ |
8034 | 2SA 1:9 | फिर उसने मुझे हुक्म दिया, ‘आओ और मुझे मार डालो! क्योंकि गो मैं ज़िंदा हूँ मेरी जान निकल रही है।’ |
8210 | 2SA 7:27 | ऐ रब्बुल-अफ़वाज, इसराईल के ख़ुदा, तूने अपने ख़ादिम के कान को इस बात के लिए खोल दिया है। तू ही ने फ़रमाया, ‘मैं तेरे लिए घर तामीर करूँगा।’ सिर्फ़ इसी लिए तेरे ख़ादिम ने यों तुझसे दुआ करने की जुर्रत की है। |
8299 | 2SA 12:10 | चूँकि तूने मुझे हक़ीर जानकर ऊरियाह हित्ती की बीवी को उससे छीन लिया इसलिए आइंदा तलवार तेरे घराने से नहीं हटेगी।’ |
8366 | 2SA 14:7 | उस वक़्त से पूरा कुंबा मेरे ख़िलाफ़ उठ खड़ा हुआ है। वह तक़ाज़ा करते हैं कि मैं अपने बेटे को उनके हवाले करूँ। वह कहते हैं, ‘उसने अपने भाई को मार दिया है, इसलिए हम बदले में उसे सज़ाए-मौत देंगे। इस तरह वारिस भी नहीं रहेगा।’ यों वह मेरी उम्मीद की आख़िरी किरण को ख़त्म करना चाहते हैं। क्योंकि अगर मेरा यह बेटा भी मर जाए तो मेरे शौहर का नाम क़ायम नहीं रहेगा, और उसका ख़ानदान रूए-ज़मीन पर से मिट जाएगा।” |
8426 | 2SA 15:34 | बेहतर है कि आप लौटकर शहर में जाएँ और अबीसलूम से कहें, ‘ऐ बादशाह, मैं आपकी ख़िदमत में हाज़िर हूँ। पहले मैं आपके बाप की ख़िदमत करता था, और अब आप ही की ख़िदमत करूँगा।’ अगर आप ऐसा करें तो आप अख़ीतुफ़ल के मशवरे नाकाम बनाने में मेरी बड़ी मदद करेंगे। |
8493 | 2SA 18:12 | लेकिन आदमी ने एतराज़ किया, “अगर आप मुझे चाँदी के हज़ार सिक्के भी देते तो भी मैं बादशाह के बेटे को हाथ न लगाता। हमारे सुनते सुनते बादशाह ने आप, अबीशै और इत्ती को हुक्म दिया, ‘मेरी ख़ातिर अबीसलूम को नुक़सान न पहुँचाएँ।’ |