Wildebeest analysis examples for:   hin-hin2017   “    February 11, 2023 at 18:44    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

3  GEN 1:3  तब परमेश्‍वर ने कहा, उजियाला हो*,” तो उजियाला हो गया।
6  GEN 1:6  फिर परमेश्‍वर ने कहा*, जल के बीच एक ऐसा अन्तर हो कि जल दो भाग हो जाए।”
9  GEN 1:9  फिर परमेश्‍वर ने कहा, आकाश के नीचे का जल एक स्थान में इकट्ठा हो जाए और सूखी भूमि दिखाई दे,” और वैसा ही हो गया। (2 पत. 3:5)
11  GEN 1:11  फिर परमेश्‍वर ने कहा, पृथ्वी से हरी घास, तथा बीजवाले छोटे-छोटे पेड़, और फलदाई वृक्ष भी जिनके बीज उन्हीं में एक-एक की जाति के अनुसार होते हैं पृथ्वी पर उगें,” और वैसा ही हो गया। (1 कुरि. 15:38)
14  GEN 1:14  फिर परमेश्‍वर ने कहा, दिन को रात से अलग करने के लिये आकाश के अन्तर में ज्योतियों हों; और वे चिन्हों, और नियत समयों, और दिनों, और वर्षों के कारण हों;
20  GEN 1:20  फिर परमेश्‍वर ने कहा, जल जीवित प्राणियों से बहुत ही भर जाए, और पक्षी पृथ्वी के ऊपर आकाश के अन्तर में उड़ें।”
22  GEN 1:22  परमेश्‍वर ने यह कहकर उनको आशीष दी*, फूलो-फलो, और समुद्र के जल में भर जाओ, और पक्षी पृथ्वी पर बढ़ें।”
24  GEN 1:24  फिर परमेश्‍वर ने कहा, पृथ्वी से एक-एक जाति के जीवित प्राणी, अर्थात् घरेलू पशु, और रेंगनेवाले जन्तु, और पृथ्वी के वन पशु, जाति-जाति के अनुसार उत्‍पन्‍न हों,” और वैसा ही हो गया।
26  GEN 1:26  फिर परमेश्‍वर ने कहा, हम मनुष्य* को अपने स्वरूप के अनुसार* अपनी समानता में बनाएँ; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगनेवाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।” (याकू. 3:9)
28  GEN 1:28  और परमेश्‍वर ने उनको आशीष दी; और उनसे कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुंद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओं पर अधिकार रखो।”
29  GEN 1:29  फिर परमेश्‍वर ने उनसे कहा, सुनो, जितने बीजवाले छोटे-छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर हैं और जितने वृक्षों में बीजवाले फल होते हैं, वे सब मैंने तुमको दिए हैं; वे तुम्हारे भोजन के लिये हैं; (रोम. 14:2)
47  GEN 2:16  और यहोवा परमेश्‍वर ने आदम को यह आज्ञा दी, तू वाटिका के किसी भी वृक्षों का फल खा सकता है;
49  GEN 2:18  फिर यहोवा परमेश्‍वर ने कहा, आदम का अकेला रहना अच्छा नहीं*; मैं उसके लिये एक ऐसा सहायक बनाऊँगा जो उसके लिये उपयुक्‍त होगा।” (1 कुरि. 11:9)
54  GEN 2:23  तब आदम ने कहा, अब यह मेरी हड्डियों में की हड्डी और मेरे माँस में का माँस है; इसलिए इसका नाम नारी होगा, क्योंकि यह नर में से निकाली गई है।”
57  GEN 3:1  यहोवा परमेश्‍वर ने जितने जंगली पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था, और उसने स्त्री से कहा, क्या सच है, कि परमेश्‍वर ने कहा, 'तुम इस वाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना'?” (प्रका. 12:9, प्रका. 20:2)
58  GEN 3:2  स्त्री ने सर्प से कहा, इस वाटिका के वृक्षों के फल हम खा सकते हैं;
60  GEN 3:4  तब सर्प ने स्त्री से कहा, तुम निश्चय न मरोगे
65  GEN 3:9  तब यहोवा परमेश्‍वर ने पुकारकर आदम से पूछा, तू कहाँ है?”
66  GEN 3:10  उसने कहा, मैं तेरा शब्द वाटिका में सुनकर डर गया, क्योंकि मैं नंगा था;* इसलिए छिप गया।”
67  GEN 3:11  यहोवा परमेश्‍वर ने कहा, किसने तुझे बताया कि तू नंगा है? जिस वृक्ष का फल खाने को मैंने तुझे मना किया था, क्या तूने उसका फल खाया है?”
68  GEN 3:12  आदम ने कहा, जिस स्त्री को तूने मेरे संग रहने को दिया है उसी ने उस वृक्ष का फल मुझे दिया, और मैंने खाया।”
69  GEN 3:13  तब यहोवा परमेश्‍वर ने स्त्री से कहा, तूने यह क्या किया है?” स्त्री ने कहा, सर्प ने मुझे बहका दिया, तब मैंने खाया।” (रोम. 7:11, 2 कुरि. 11:3, 1 तीमु. 2:14)
70  GEN 3:14  तब यहोवा परमेश्‍वर ने सर्प से कहा, तूने जो यह किया है इसलिए तू सब घरेलू पशुओं, और सब जंगली पशुओं से अधिक श्रापित है; तू पेट के बल चला करेगा, और जीवन भर मिट्टी चाटता रहेगा;
72  GEN 3:16  फिर स्त्री से उसने कहा, मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दुःख को बहुत बढ़ाऊँगा; तू पीड़ित होकर बच्चे उत्‍पन्‍न करेगी; और तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी, और वह तुझ पर प्रभुता करेगा।” (1 कुरि. 11:3, इफि. 5:22, कुलु. 3:18)
73  GEN 3:17  और आदम से उसने कहा, तूने जो अपनी पत्‍नी की बात सुनी, और जिस वृक्ष के फल के विषय मैंने तुझे आज्ञा दी थी कि तू उसे न खाना, उसको तूने खाया है, इसलिए भूमि तेरे कारण श्रापित है। तू उसकी उपज जीवन भर दुःख के साथ खाया करेगा; (इब्रा. 6:8)
78  GEN 3:22  फिर यहोवा परमेश्‍वर ने कहा, मनुष्य भले बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है: इसलिए अब ऐसा न हो, कि वह हाथ बढ़ाकर जीवन के वृक्ष का फल भी तोड़ कर खा ले और सदा जीवित रहे।” (प्रका. 2:7, प्रका. 22:2,14, 19, उत्प. 3:24, प्रका. 2:7)
81  GEN 4:1  जब आदम अपनी पत्‍नी हव्वा के पास गया तब उसने गर्भवती होकर कैन को जन्म दिया और कहा, मैंने यहोवा की सहायता से एक पुत्र को जन्म दिया है।”
86  GEN 4:6  तब यहोवा ने कैन से कहा, तू क्यों क्रोधित हुआ? और तेरे मुँह पर उदासी क्यों छा गई है?
89  GEN 4:9  तब यहोवा ने कैन से पूछा, तेरा भाई हाबिल कहाँ है?” उसने कहा, मालूम नहीं; क्या मैं अपने भाई का रखवाला हूँ?”
90  GEN 4:10  उसने कहा, तूने क्या किया है? तेरे भाई का लहू भूमि में से मेरी ओर चिल्लाकर मेरी दुहाई दे रहा है! (इब्रा. 12:24)
93  GEN 4:13  तब कैन ने यहोवा से कहा, मेरा दण्ड असहनीय है।
95  GEN 4:15  इस कारण यहोवा ने उससे कहा, जो कोई कैन की हत्‍या करेगा उससे सात गुणा पलटा लिया जाएगा।” और यहोवा ने कैन के लिये एक चिन्ह ठहराया ऐसा न हो कि कोई उसे पाकर मार डाले।
103  GEN 4:23  लेमेक ने अपनी पत्नियों से कहा, हे आदा और हे सिल्ला मेरी सुनो; हे लेमेक की पत्नियों, मेरी बात पर कान लगाओ: मैंने एक पुरुष को जो मुझे चोट लगाता था, अर्थात् एक जवान को जो मुझे घायल करता था, घात किया है।
105  GEN 4:25  और आदम अपनी पत्‍नी के पास फिर गया; और उसने एक पुत्र को जन्म दिया और उसका नाम यह कहकर शेत रखा कि परमेश्‍वर ने मेरे लिये हाबिल के बदले, जिसको कैन ने मारा था, एक और वंश प्रदान किया।” (उत्प. 5:3-4)
135  GEN 5:29  उसने यह कहकर उसका नाम नूह रखा, कि यहोवा ने जो पृथ्वी को श्राप दिया है, उसके विषय यह लड़का हमारे काम में, और उस कठिन परिश्रम में जो हम करते हैं, हमें शान्ति देगा।”
141  GEN 6:3  तब यहोवा ने कहा, मेरा आत्मा मनुष्‍य में सदा के लिए निवास न करेगा, क्योंकि मनुष्य भी शरीर ही है; उसकी आयु एक सौ बीस वर्ष की होगी।”
145  GEN 6:7  तब यहोवा ने कहा, मैं मनुष्य को जिसकी मैंने सृष्टि की है पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूँगा;* क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या रेंगनेवाले जन्तु, क्या आकाश के पक्षी, सब को मिटा दूँगा, क्योंकि मैं उनके बनाने से पछताता हूँ।”
151  GEN 6:13  तब परमेश्‍वर ने नूह से कहा, सब प्राणियों के अन्त करने का प्रश्न मेरे सामने आ गया है; क्योंकि उनके कारण पृथ्वी उपद्रव से भर गई है, इसलिए मैं उनको पृथ्वी समेत नाश कर डालूँगा।
161  GEN 7:1  तब यहोवा ने नूह से कहा, तू अपने सारे घराने समेत जहाज में जा; क्योंकि मैंने इस समय के लोगों में से केवल तुझी को अपनी दृष्टि में धर्मी पाया है।
200  GEN 8:16  तू अपने पुत्रों, पत्‍नी और बहुओं समेत जहाज में से निकल आ।
205  GEN 8:21  इस पर यहोवा ने सुखदायक सुगन्ध पाकर सोचा, मनुष्य के कारण मैं फिर कभी भूमि को श्राप न दूँगा, यद्यपि मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्‍पन्‍न होता है वह बुरा ही होता है; तो भी जैसा मैंने सब जीवों को अब मारा है, वैसा उनको फिर कभी न मारूँगा।
207  GEN 9:1  फिर परमेश्‍वर ने नूह और उसके पुत्रों को आशीष दी* और उनसे कहा, फूलो-फलो और बढ़ो और पृथ्वी में भर जाओ।
215  GEN 9:9  सुनो, मैं तुम्हारे साथ और तुम्हारे पश्चात् जो तुम्हारा वंश होगा, उसके साथ भी वाचा बाँधता हूँ;
218  GEN 9:12  फिर परमेश्‍वर ने कहा, जो वाचा मैं तुम्हारे साथ, और जितने जीवित प्राणी तुम्हारे संग हैं उन सबके साथ भी युग-युग की पीढ़ियों के लिये बाँधता हूँ; उसका यह चिन्ह है:
223  GEN 9:17  फिर परमेश्‍वर ने नूह से कहा, जो वाचा मैंने पृथ्वी भर के सब प्राणियों के साथ बाँधी है, उसका चिन्ह यही है*।”
231  GEN 9:25  इसलिए उसने कहा, कनान श्रापित हो: वह अपने भाई-बन्धुओं के दासों का दास हो।”
232  GEN 9:26  फिर उसने कहा, शेम का परमेश्‍वर यहोवा धन्य है, और कनान शेम का दास हो।
244  GEN 10:9  वही यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलनेवाला ठहरा, इससे यह कहावत चली है; निम्रोद के समान यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलनेवाला।”
270  GEN 11:3  तब वे आपस में कहने लगे, आओ, हम ईटें बना-बनाकर भली-भाँति आग में पकाएँ।” और उन्होंने पत्थर के स्थान पर ईंट से, और मिट्टी के गारे के स्थान में चूने से काम लिया।
271  GEN 11:4  फिर उन्होंने कहा, आओ, हम एक नगर और एक मीनार बना लें, जिसकी चोटी आकाश से बातें करे, इस प्रकार से हम अपना नाम करें, ऐसा न हो कि हमको सारी पृथ्वी पर फैलना पड़े।”
273  GEN 11:6  और यहोवा ने कहा, मैं क्या देखता हूँ, कि सब एक ही दल के हैं और भाषा भी उन सब की एक ही है, और उन्होंने ऐसा ही काम भी आरम्भ किया; और अब जो कुछ वे करने का यत्न करेंगे, उसमें से कुछ भी उनके लिये अनहोना न होगा।
300  GEN 12:1  यहोवा ने अब्राम से कहा*, अपने देश, और अपनी जन्म-भूमि, और अपने पिता के घर को छोड़कर उस देश में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊँगा। (प्रेरि. 7:3, इब्रा 11:8)
306  GEN 12:7  तब यहोवा ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, यह देश मैं तेरे वंश को दूँगा।” और उसने वहाँ यहोवा के लिये, जिसने उसे दर्शन दिया था, एक वेदी बनाई। (गला. 3:16)
310  GEN 12:11  फिर ऐसा हुआ कि मिस्र के निकट पहुँचकर, उसने अपनी पत्‍नी सारै से कहा, सुन, मुझे मालूम है, कि तू एक सुन्दर स्त्री है;
317  GEN 12:18  तब फ़िरौन ने अब्राम को बुलवाकर कहा, तूने मेरे साथ यह क्या किया? तूने मुझे क्यों नहीं बताया कि वह तेरी पत्‍नी है?
327  GEN 13:8  तब अब्राम लूत से कहने लगा, मेरे और तेरे बीच, और मेरे और तेरे चरवाहों के बीच में झगड़ा न होने पाए; क्योंकि हम लोग भाई बन्धु हैं।
333  GEN 13:14  जब लूत अब्राम से अलग हो गया तब उसके पश्चात् यहोवा ने अब्राम से कहा,* आँख उठाकर जिस स्थान पर तू है वहाँ से उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम, चारों ओर दृष्टि कर।
356  GEN 14:19  और उसने अब्राम को यह आशीर्वाद दिया, परमप्रधान परमेश्‍वर की ओर से, जो आकाश और पृथ्वी का अधिकारी है, तू धन्य हो।
358  GEN 14:21  तब सदोम के राजा ने अब्राम से कहा, प्राणियों को तो मुझे दे, और धन को अपने पास रख।”
359  GEN 14:22  अब्राम ने सदोम के राजा ने कहा, परमप्रधान परमेश्‍वर यहोवा, जो आकाश और पृथ्वी का अधिकारी है,
362  GEN 15:1  इन बातों के पश्चात् यहोवा का यह वचन दर्शन में अब्राम के पास पहुँचा हे अब्राम, मत डर; मैं तेरी ढाल और तेरा अत्यन्त बड़ा प्रतिफल हूँ।”
363  GEN 15:2  अब्राम ने कहा, हे प्रभु यहोवा, मैं तो सन्तानहीन* हूँ, और मेरे घर का वारिस यह दमिश्कवासी एलीएजेर होगा, अतः तू मुझे क्या देगा?”
364  GEN 15:3  और अब्राम ने कहा, मुझे तो तूने वंश नहीं दिया, और क्या देखता हूँ, कि मेरे घर में उत्‍पन्‍न हुआ एक जन मेरा वारिस होगा।”
365  GEN 15:4  तब यहोवा का यह वचन उसके पास पहुँचा, यह तेरा वारिस न होगा, तेरा जो निज पुत्र होगा, वही तेरा वारिस होगा।”
366  GEN 15:5  और उसने उसको बाहर ले जाकर कहा, आकाश की ओर दृष्टि करके तारागण को गिन, क्या तू उनको गिन सकता है?” फिर उसने उससे कहा, तेरा वंश ऐसा ही होगा।” (रोम. 4:18)
368  GEN 15:7  और उसने उससे कहा, मैं वही यहोवा हूँ जो तुझे कसदियों के ऊर नगर से बाहर ले आया, कि तुझको इस देश का अधिकार दूँ।”
369  GEN 15:8  उसने कहा, हे प्रभु यहोवा मैं कैसे जानूँ कि मैं इसका अधिकारी हूँगा?”
370  GEN 15:9  यहोवा ने उससे कहा, मेरे लिये तीन वर्ष की एक बछिया, और तीन वर्ष की एक बकरी, और तीन वर्ष का एक मेढ़ा, और एक पिंडुक और कबूतर का एक बच्चा ले।”
374  GEN 15:13  तब यहोवा ने अब्राम से कहा, यह निश्चय जान कि तेरे वंश पराए देश में परदेशी होकर रहेंगे, और उस देश के लोगों के दास हो जाएँगे; और वे उनको चार सौ वर्ष तक दुःख देंगे;
379  GEN 15:18  उसी दिन यहोवा ने अब्राम के साथ यह वाचा बाँधी, मिस्र के महानद से लेकर फरात नामक बड़े नद तक जितना देश है,
384  GEN 16:2  सारै ने अब्राम से कहा, देख, यहोवा ने तो मेरी कोख बन्द कर रखी है* इसलिए मैं तुझ से विनती करती हूँ कि तू मेरी दासी के पास जा; सम्भव है कि मेरा घर उसके द्वारा बस जाए।” सारै की यह बात अब्राम ने मान ली।
387  GEN 16:5  तब सारै ने अब्राम से कहा, जो मुझ पर उपद्रव हुआ वह तेरे ही सिर पर हो। मैंने तो अपनी दासी को तेरी पत्‍नी कर दिया; पर जब उसने जाना कि वह गर्भवती है, तब वह मुझे तुच्छ समझने लगी, इसलिए यहोवा मेरे और तेरे बीच में न्याय करे।”
388  GEN 16:6  अब्राम ने सारै से कहा, देख तेरी दासी तेरे वश में है; जैसा तुझे भला लगे वैसा ही उसके साथ कर।” तब सारै उसको दुःख देने लगी और वह उसके सामने से भाग गई।
390  GEN 16:8  हे सारै की दासी हाजिरा, तू कहाँ से आती और कहाँ को जाती है?” उसने कहा, मैं अपनी स्वामिनी सारै के सामने से भाग आई हूँ।”
391  GEN 16:9  यहोवा के दूत ने उससे कहा, अपनी स्वामिनी के पास लौट जा और उसके वश में रह।”
392  GEN 16:10  और यहोवा के दूत ने उससे कहा, मैं तेरे वंश को बहुत बढ़ाऊँगा,* यहाँ तक कि बहुतायत के कारण उसकी गिनती न हो सकेगी।”
393  GEN 16:11  और यहोवा के दूत ने उससे कहा, देख तू गर्भवती है, और पुत्र जनेगी; तू उसका नाम इश्माएल रखना; क्योंकि यहोवा ने तेरे दुःख का हाल सुन लिया है।
395  GEN 16:13  तब उसने यहोवा का नाम जिसने उससे बातें की थीं, अत्ताएलरोई रखकर कहा, क्या मैं यहाँ भी उसको जाते हुए देखने पाई और देखने के बाद भी जीवित रही?”
399  GEN 17:1  जब अब्राम निन्यानवे वर्ष का हो गया, तब यहोवा ने उसको दर्शन देकर कहा, मैं सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर हूँ; मेरी उपस्थिति में चल और सिद्ध होता जा।
402  GEN 17:4  देख, मेरी वाचा तेरे साथ बंधी रहेगी, इसलिए तू जातियों के समूह का मूलपिता हो जाएगा।
407  GEN 17:9  फिर परमेश्‍वर ने अब्राहम से कहा, तू भी मेरे साथ बाँधी हुई वाचा का पालन करना; तू और तेरे पश्चात् तेरा वंश भी अपनी-अपनी पीढ़ी में उसका पालन करे।
413  GEN 17:15  फिर परमेश्‍वर ने अब्राहम से कहा, तेरी जो पत्‍नी सारै है, उसको तू अब सारै न कहना, उसका नाम सारा* होगा।
415  GEN 17:17  तब अब्राहम मुँह के बल गिर पड़ा और हँसा, और मन ही मन कहने लगा, क्या सौ वर्ष के पुरुष के भी सन्तान होगा और क्या सारा जो नब्बे वर्ष की है पुत्र जनेगी?”
416  GEN 17:18  और अब्राहम ने परमेश्‍वर से कहा, इश्माएल तेरी दृष्टि में बना रहे! यही बहुत है।”
417  GEN 17:19  तब परमेश्‍वर ने कहा, निश्चय तेरी पत्‍नी सारा के तुझसे एक पुत्र उत्‍पन्‍न होगा; और तू उसका नाम इसहाक रखना; और मैं उसके साथ ऐसी वाचा बाँधूँगा जो उसके पश्चात् उसके वंश के लिये युग-युग की वाचा होगी। (गला. 4:7-8)
428  GEN 18:3  हे प्रभु, यदि मुझ पर तेरी अनुग्रह की दृष्टि है तो मैं विनती करता हूँ, कि अपने दास के पास से चले न जाना।
430  GEN 18:5  फिर मैं एक टुकड़ा रोटी ले आऊँ, और उससे आप अपने-अपने जीव को तृप्त करें; तब उसके पश्चात् आगे बढ़ें क्योंकि आप अपने दास के पास इसलिए पधारे हैं।” उन्होंने कहा, जैसा तू कहता है वैसा ही कर।”
431  GEN 18:6  तब अब्राहम तुरन्त तम्बू में सारा के पास गया और कहा, तीन सआ मैदा जल्दी से गूँध, और फुलके बना।”
434  GEN 18:9  उन्होंने उससे पूछा, तेरी पत्‍नी सारा कहाँ है?” उसने कहा, वह तो तम्बू में है।”
435  GEN 18:10  उसने कहा, मैं वसन्त ऋतु में निश्चय तेरे पास फिर आऊँगा; और तेरी पत्‍नी सारा के एक पुत्र उत्‍पन्‍न होगा।” सारा तम्बू के द्वार पर जो अब्राहम के पीछे था सुन रही थी। (रोम. 9:9)
437  GEN 18:12  इसलिए सारा मन में हँस कर कहने लगी, मैं तो बूढ़ी हूँ, और मेरा स्वामी भी बूढ़ा है, तो क्या मुझे यह सुख होगा?”
438  GEN 18:13  तब यहोवा ने अब्राहम से कहा, सारा यह कहकर क्यों हँसी, कि क्या मेरे, जो ऐसी बुढ़िया हो गई हूँ, सचमुच एक पुत्र उत्‍पन्‍न होगा?
440  GEN 18:15  तब सारा डर के मारे यह कहकर मुकर गई, मैं नहीं हँसी।” उसने कहा, नहीं; तू हँसी तो थी।” (1 पत. 3:6)
442  GEN 18:17  तब यहोवा ने कहा, यह जो मैं करता हूँ उसे क्या अब्राहम से छिपा रखूँ?
445  GEN 18:20  फिर यहोवा ने कहा, सदोम और गमोरा के विरुद्ध चिल्लाहट* बढ़ गई है, और उनका पाप बहुत भारी हो गया है;
448  GEN 18:23  तब अब्राहम उसके समीप जाकर कहने लगा, क्या तू सचमुच दुष्ट के संग धर्मी भी नाश करेगा?
451  GEN 18:26  यहोवा ने कहा, यदि मुझे सदोम में पचास धर्मी मिलें, तो उनके कारण उस सारे स्थान को छोड़ूँगा।”
452  GEN 18:27  फिर अब्राहम ने कहा, हे प्रभु, सुन मैं तो मिट्टी और राख हूँ; तो भी मैंने इतनी ढिठाई की कि तुझ से बातें करूँ।
453  GEN 18:28  कदाचित् उन पचास धर्मियों में पाँच घट जाएँ; तो क्या तू पाँच ही के घटने के कारण उस सारे नगर का नाश करेगा?” उसने कहा, यदि मुझे उसमें पैंतालीस भी मिलें, तो भी उसका नाश न करूँगा।”
454  GEN 18:29  फिर उसने उससे यह भी कहा, कदाचित् वहाँ चालीस मिलें।” उसने कहा, तो मैं चालीस के कारण भी ऐसा न करूँगा।”