Wildebeest analysis examples for:   hin-hin2017   ऊ    February 11, 2023 at 18:44    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

2  GEN 1:2  पृथ्वी बेडौल और सुनसान पड़ी थी, और गहरे जल के पर अंधियारा था; तथा परमेश्‍वर का आत्मा जल के पर मण्डराता था। (2 कुरि. 4:6)
7  GEN 1:7  तब परमेश्‍वर ने एक अन्तर करके उसके नीचे के जल और उसके पर के जल को अलग-अलग किया; और वैसा ही हो गया।
20  GEN 1:20  फिर परमेश्‍वर ने कहा, “जल जीवित प्राणियों से बहुत ही भर जाए, और पक्षी पृथ्वी के पर आकाश के अन्तर में उड़ें।”
29  GEN 1:29  फिर परमेश्‍वर ने उनसे कहा, “सुनो, जितने बीजवाले छोटे-छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के पर हैं और जितने वृक्षों में बीजवाले फल होते हैं, वे सब मैंने तुमको दिए हैं; वे तुम्हारे भोजन के लिये हैं; (रोम. 14:2)
49  GEN 2:18  फिर यहोवा परमेश्‍वर ने कहा, “आदम का अकेला रहना अच्छा नहीं*; मैं उसके लिये एक ऐसा सहायक बनाँगा जो उसके लिये उपयुक्‍त होगा।” (1 कुरि. 11:9)
62  GEN 3:6  अतः जब स्त्री ने देखा* कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा, और देखने में मनभा, और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उसमें से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया, जो उसके साथ था और उसने भी खाया। (1 तीमु. 2:14)
72  GEN 3:16  फिर स्त्री से उसने कहा, “मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दुःख को बहुत बढ़ाँगा; तू पीड़ित होकर बच्चे उत्‍पन्‍न करेगी; और तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी, और वह तुझ पर प्रभुता करेगा।” (1 कुरि. 11:3, इफि. 5:22, कुलु. 3:18)
74  GEN 3:18  और वह तेरे लिये काँटे और ँटकटारे उगाएगी, और तू खेत की उपज खाएगा;
139  GEN 6:1  फिर जब मनुष्य भूमि के पर बहुत बढ़ने लगे, और उनके बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं,
145  GEN 6:7  तब यहोवा ने कहा, “मैं मनुष्य को जिसकी मैंने सृष्टि की है पृथ्वी के पर से मिटा दूँगा;* क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या रेंगनेवाले जन्तु, क्या आकाश के पक्षी, सब को मिटा दूँगा, क्योंकि मैं उनके बनाने से पछताता हूँ।”
153  GEN 6:15  इस ढंग से तू उसको बनाना: जहाज की लम्बाई तीन सौ हाथ, चौड़ाई पचास हाथ, और ँचाई तीस हाथ की हो।
154  GEN 6:16  जहाज में एक खिड़की बनाना, और उसके एक हाथ पर से उसकी छत बनाना, और जहाज की एक ओर एक द्वार रखना, और जहाज में पहला, दूसरा, तीसरा खण्ड बनाना।
163  GEN 7:3  और आकाश के पक्षियों में से भी, सात-सात जोड़े, अर्थात् नर और मादा लेना, कि उनका वंश बचकर सारी पृथ्वी के पर बना रहे।
164  GEN 7:4  क्योंकि अब सात दिन और बीतने पर मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूँगा; और जितने प्राणी मैंने बनाये हैं उन सबको भूमि के पर से मिटा दूँगा।”
177  GEN 7:17  पृथ्वी पर चालीस दिन तक जल-प्रलय होता रहा; और पानी बहुत बढ़ता ही गया, जिससे जहाज पर को उठने लगा, और वह पृथ्वी पर से ँचा उठ गया।
178  GEN 7:18  जल बढ़ते-बढ़ते पृथ्वी पर बहुत ही बढ़ गया, और जहाज जल के पर-पर तैरता रहा।
180  GEN 7:20  जल तो पन्द्रह हाथ पर बढ़ गया, और पहाड़ भी डूब गए।
193  GEN 8:9  उस कबूतरी को अपने पैर टेकने के लिये कोई आधार न मिला, तो वह उसके पास जहाज में लौट आई: क्योंकि सारी पृथ्वी के पर जल ही जल छाया था तब उसने हाथ बढ़ाकर उसे अपने पास जहाज में ले लिया।
220  GEN 9:14  और जब मैं पृथ्वी पर बादल फैलातब बादल में धनुष दिखाई देगा।
258  GEN 10:23  आराम के पुत्र: स, हूल, गेतेर और मश हुए।
262  GEN 10:27  हदोराम, जाल, दिक्ला,
275  GEN 11:8  इस प्रकार यहोवा ने उनको वहाँ से सारी पृथ्वी के पर फैला दिया*; और उन्होंने उस नगर का बनाना छोड़ दिया।
276  GEN 11:9  इस कारण उस नगर का नाम बाबेल पड़ा; क्योंकि सारी पृथ्वी की भाषा में जो गड़बड़ी है, वह यहोवा ने वहीं डाली, और वहीं से यहोवा ने मनुष्यों को सारी पृथ्वी के पर फैला दिया।
295  GEN 11:28  और हारान अपने पिता के सामने ही, कसदियों के नाम नगर में, जो उसकी जन्म-भूमि थी, मर गया।
298  GEN 11:31  और तेरह अपना पुत्र अब्राम, और अपना पोता लूत, जो हारान का पुत्र था, और अपनी बहू सारै, जो उसके पुत्र अब्राम की पत्‍नी थी, इन सभी को लेकर कसदियों के नगर से निकल कनान देश जाने को चला; पर हारान नामक देश में पहुँचकर वहीं रहने लगा।
300  GEN 12:1  यहोवा ने अब्राम से कहा*, “अपने देश, और अपनी जन्म-भूमि, और अपने पिता के घर को छोड़कर उस देश में चला जा जो मैं तुझे दिखाँगा। (प्रेरि. 7:3, इब्रा 11:8)
301  GEN 12:2  और मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाँगा, और तुझे आशीष दूँगा, और तेरा नाम महान करूँगा, और तू आशीष का मूल होगा।
315  GEN 12:16  और फ़िरौन ने उसके कारण अब्राम की भलाई की; और उसको भेड़-बकरी, गाय-बैल, दास-दासियाँ, गदहे-गदहियाँ, और ँट मिले।
328  GEN 13:9  क्या सारा देश तेरे सामने नहीं? सो मुझसे अलग हो, यदि तू बाईं ओर जाए तो मैं दाहिनी ओर जाँगा; और यदि तू दाहिनी ओर जाए तो मैं बाईं ओर जाँगा।”
329  GEN 13:10  तब लूत ने आँख उठाकर, यरदन नदी के पास वाली सारी तराई को देखा कि वह सब सिंची हुई है। जब तक यहोवा ने सदोम और गमोरा को नाश न किया था, तब तक सोअर के मार्ग तक वह तराई यहोवा की वाटिका, और मिस्र देश के समान उपजा थी।
361  GEN 14:24  पर जो कुछ इन जवानों ने खा लिया है और उनका भाग जो मेरे साथ गए थे; अर्थात् आनेर, एशकोल, और मम्रे मैं नहीं लौटाँगा वे तो अपना-अपना भाग रख लें।”
368  GEN 15:7  और उसने उससे कहा, “मैं वही यहोवा हूँ जो तुझे कसदियों के नगर से बाहर ले आया, कि तुझको इस देश का अधिकार दूँ।”
392  GEN 16:10  और यहोवा के दूत ने उससे कहा, “मैं तेरे वंश को बहुत बढ़ाँगा,* यहाँ तक कि बहुतायत के कारण उसकी गिनती न हो सकेगी।”
400  GEN 17:2  मैं तेरे साथ वाचा बाँधूँगा, और तेरे वंश को अत्यन्त ही बढ़ाँगा।”
418  GEN 17:20  इश्माएल के विषय में भी मैंने तेरी सुनी है; मैं उसको भी आशीष दूँगा, और उसे फलवन्त करूँगा और अत्यन्त ही बढ़ा दूँगा; उससे बारह प्रधान उत्‍पन्‍न होंगे, और मैं उससे एक बड़ी जाति बनाँगा।
420  GEN 17:22  तब परमेश्‍वर ने अब्राहम से बातें करनी बन्द की और उसके पास से पर चढ़ गया।
430  GEN 18:5  फिर मैं एक टुकड़ा रोटी लेँ, और उससे आप अपने-अपने जीव को तृप्त करें; तब उसके पश्चात् आगे बढ़ें क्योंकि आप अपने दास के पास इसलिए पधारे हैं।” उन्होंने कहा, “जैसा तू कहता है वैसा ही कर।”
435  GEN 18:10  उसने कहा, “मैं वसन्त ऋतु में निश्चय तेरे पास फिरँगा; और तेरी पत्‍नी सारा के एक पुत्र उत्‍पन्‍न होगा।” सारा तम्बू के द्वार पर जो अब्राहम के पीछे था सुन रही थी। (रोम. 9:9)
439  GEN 18:14  क्या यहोवा के लिये कोई काम कठिन है? नियत समय में, अर्थात् वसन्त ऋतु में, मैं तेरे पास फिरँगा, और सारा के पुत्र उत्‍पन्‍न होगा।”
466  GEN 19:8  सुनो, मेरी दो बेटियाँ हैं जिन्होंने अब तक पुरुष का मुँह नहीं देखा, इच्छा हो तो मैं उन्हें तुम्हारे पास बाहर लेँ, और तुम को जैसा अच्छा लगे वैसा व्यवहार उनसे करो: पर इन पुरुषों से कुछ न करो; क्योंकि ये मेरी छत के तले आए हैं।”
477  GEN 19:19  देख, तेरे दास पर तेरी अनुग्रह की दृष्टि हुई है, और तूने इसमें बड़ी कृपा दिखाई, कि मेरे प्राण को बचाया है; पर मैं पहाड़ पर भाग नहीं सकता, कहीं ऐसा न हो, कि कोई विपत्ति मुझ पर आ पड़े, और मैं मर जाँ।
505  GEN 20:9  तब अबीमेलेक ने अब्राहम को बुलवाकर कहा, “तूने हम से यह क्या किया है? और मैंने तेरा क्या बिगाड़ा था कि तूने मेरे और मेरे राज्य के पर ऐसा बड़ा पाप डाल दिया है? तूने मेरे साथ वह काम किया है जो उचित न था।”
532  GEN 21:18  उठ, अपने लड़के को उठा और अपने हाथ से सम्भाल; क्योंकि मैं उसके द्वारा एक बड़ी जाति बनाँगा।”
538  GEN 21:24  अब्राहम ने कहा, “मैं शपथ खाँगा।”
547  GEN 21:33  फिर अब्राहम ने बेर्शेबा में झा का एक वृक्ष लगाया, और वहाँ यहोवा से जो सनातन परमेश्‍वर है, प्रार्थना की।
550  GEN 22:2  उसने कहा, “अपने पुत्र को अर्थात् अपने एकलौते पुत्र इसहाक को, जिससे तू प्रेम रखता है, संग लेकर मोरिय्याह देश में चला जा, और वहाँ उसको एक पहाड़ के पर जो मैं तुझे बताँगा होमबलि करके चढ़ा।”
557  GEN 22:9  जब वे उस स्थान को जिसे परमेश्‍वर ने उसको बताया था पहुँचे; तब अब्राहम ने वहाँ वेदी बनाकर लकड़ी को चुन-चुनकर रखा, और अपने पुत्र इसहाक को बाँध कर वेदी पर रखी लड़कियों के पर रख दिया। (याकू. 2:21)
569  GEN 22:21  मिल्का के पुत्र तो ये हुए, अर्थात् उसका जेठा स, और का भाई बूज, और कमूएल, जो अराम का पिता हुआ।
602  GEN 24:10  तब वह दास अपने स्वामी के ँटों में से दस ँट छाँटकर उसके सब उत्तम-उत्तम पदार्थों में से कुछ-कुछ लेकर चला; और अरम्नहरैम में नाहोर के नगर के पास पहुँचा।
603  GEN 24:11  और उसने ँटों को नगर के बाहर एक कुएँ के पास बैठाया। वह संध्या का समय था, जिस समय स्त्रियाँ जल भरने के लिये निकलती हैं।
606  GEN 24:14  इसलिए ऐसा होने दे कि जिस कन्या से मैं कहूँ, 'अपना घड़ा मेरी ओर झुका, कि मैं पीँ,' और वह कहे, 'ले, पी ले, बाद में मैं तेरे ँटों को भी पिलाँगी,' यह वही हो जिसे तूने अपने दास इसहाक के लिये ठहराया हो; इसी रीति मैं जान लूँगा कि तूने मेरे स्वामी पर करुणा की है।”
608  GEN 24:16  वह अति सुन्दर, और कुमारी थी, और किसी पुरुष का मुँह न देखा था। वह कुएँ में सोते के पास उतर गई, और अपना घड़ा भर कर फिर पर आई।
611  GEN 24:19  जब वह उसको पिला चुकी, तक कहा, “मैं तेरे ँटों के लिये भी तब तक पानी भर-भर लाँगी, जब तक वे पी न चुकें।”
612  GEN 24:20  तब वह फुर्ती से अपने घड़े का जल हौदे में उण्डेलकर फिर कुएँ पर भरने को दौड़ गई; और उसके सब ँटों के लिये पानी भर दिया।
614  GEN 24:22  जब ँट पी चुके, तब उस पुरुष ने आधा तोला सोने का एक नत्थ निकालकर उसको दिया, और दस तोले सोने के कंगन उसके हाथों में पहना दिए;
622  GEN 24:30  और ऐसा हुआ कि जब उसने वह नत्थ और अपनी बहन रिबका के हाथों में वे कंगन भी देखे, और उसकी यह बात भी सुनी कि उस पुरुष ने मुझसे ऐसी बातें कहीं; तब वह उस पुरुष के पास गया; और क्या देखा, कि वह सोते के निकट ँटों के पास खड़ा है।
623  GEN 24:31  उसने कहा, “हे यहोवा की ओर से धन्य पुरुष भीतर आ तू क्यों बाहर खड़ा है? मैंने घर को, और ँटों के लिये भी स्थान तैयार किया है।”
624  GEN 24:32  इस पर वह पुरुष घर में गया; और लाबान ने ँटों की काठियाँ खोलकर पुआल और चारा दिया; और उसके और उसके साथियों के पाँव धोने को जल दिया।
625  GEN 24:33  तब अब्राहम के दास के आगे जलपान के लिये कुछ रखा गया; पर उसने कहा “मैं जब तक अपना प्रयोजन न कह दूँ, तब तक कुछ न खाँगा।” लाबान ने कहा, “कह दे।”
627  GEN 24:35  यहोवा ने मेरे स्वामी को बड़ी आशीष दी है; इसलिए वह महान पुरुष हो गया है; और उसने उसको भेड़-बकरी, गाय-बैल, सोना-रूपा, दास-दासियाँ, ँट और गदहे दिए हैं।
629  GEN 24:37  मेरे स्वामी ने मुझे यह शपथ खिलाई है, कि 'मैं उसके पुत्र के लिये कनानियों की लड़कियों में से जिनके देश में वह रहता है, कोई स्त्री न लेँगा।
630  GEN 24:38  मैं उसके पिता के घर, और कुल के लोगों के पास जाकर उसके पुत्र के लिये एक स्त्री लेँगा।'
636  GEN 24:44  और वह मुझसे कहे, “पी ले, और मैं तेरे ँटों के पीने के लिये भी पानी भर दूँगी,” वह वही स्त्री हो जिसको तूने मेरे स्वामी के पुत्र के लिये ठहराया है।
638  GEN 24:46  और उसने जल्दी से अपने घड़े को कंधे पर से उतार के कहा, 'ले, पी ले, पीछे मैं तेरे ँटों को भी पिलाँगी,' इस प्रकार मैंने पी लिया, और उसने ँटों को भी पिला दिया।
640  GEN 24:48  फिर मैंने सिर झुकाकर यहोवा को दण्डवत् किया, और अपने स्वामी अब्राहम के परमेश्‍वर यहोवा को धन्य कहा, क्योंकि उसने मुझे ठीक मार्ग से पहुँचाया कि मैं अपने स्वामी के पुत्र के लिये उसके कुटुम्बी की पुत्री को ले जाँ।
641  GEN 24:49  इसलिए अब, यदि तुम मेरे स्वामी के साथ कृपा और सच्चाई का व्यवहार करना चाहते हो, तो मुझसे कहो; और यदि नहीं चाहते हो; तो भी मुझसे कह दो; ताकि मैं दाहिनी ओर, या बाईं ओर फिर जाँ।”
648  GEN 24:56  उसने उनसे कहा, “यहोवा ने जो मेरी यात्रा को सफल किया है; इसलिए तुम मुझे मत रोको अब मुझे विदा कर दो, कि मैं अपने स्वामी के पास जाँ।”
650  GEN 24:58  और उन्होंने रिबका को बुलाकर उससे पूछा, “क्या तू इस मनुष्य के संग जाएगी?” उसने कहा, “हाँ मैं जाँगी।”
653  GEN 24:61  तब रिबका अपनी सहेलियों समेत चली; और ँट पर चढ़कर उस पुरुष के पीछे हो ली। इस प्रकार वह दास रिबका को साथ लेकर चल दिया।
655  GEN 24:63  सांझ के समय वह मैदान में ध्यान करने के लिये निकला था; और उसने आँखें उठाकर क्या देखा, कि ँट चले आ रहे हैं।
656  GEN 24:64  रिबका ने भी आँखें उठाकर इसहाक को देखा, और देखते ही ँट पर से उतर पड़ी।
695  GEN 26:2  वहाँ यहोवा ने उसको दर्शन देकर* कहा, “मिस्र में मत जा; जो देश मैं तुझे बताउसी में रह।
717  GEN 26:24  और उसी दिन यहोवा ने रात को उसे दर्शन देकर कहा, “मैं तेरे पिता अब्राहम का परमेश्‍वर हूँ; मत डर, क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ, और अपने दास अब्राहम के कारण तुझे आशीष दूँगा, और तेरा वंश बढ़ाँगा।”
737  GEN 27:9  कि बकरियों के पास जाकर बकरियों के दो अच्छे-अच्छे बच्चे ले आ; और मैं तेरे पिता के लिये उसकी रूचि के अनुसार उनके माँस का स्वादिष्ट भोजन बनाँगी।
740  GEN 27:12  कदाचित् मेरा पिता मुझे टटोलने लगे, तो मैं उसकी दृष्टि में ठग ठहरूँगा; और आशीष के बदले श्राप ही कमाँगा।
762  GEN 27:34  अपने पिता की यह बात सुनते ही एसाव ने अत्यन्त ँचे और दुःख भरे स्वर से चिल्लाकर अपने पिता से कहा, “हे मेरे पिता, मुझको भी आशीर्वाद दे!”
767  GEN 27:39  उसके पिता इसहाक ने उससे कहा, “सुन, तेरा निवास उपजा भूमि से दूर हो, और पर से आकाश की ओस उस पर न पड़े।
787  GEN 28:13  और यहोवा उसके पर खड़ा होकर कहता है, “मैं यहोवा, तेरे दादा अब्राहम का परमेश्‍वर, और इसहाक का भी परमेश्‍वर हूँ; जिस भूमि पर तू लेटा है, उसे मैं तुझको और तेरे वंश को दूँगा।
789  GEN 28:15  और सुन, मैं तेरे संग रहूँगा, और जहाँ कहीं तू जाए वहाँ तेरी रक्षा करूँगा, और तुझे इस देश में लौटा लेँगा: मैं अपने कहे हुए को जब तक पूरा न कर लूँ तब तक तुझको न छोड़ूँगा।” (यशा. 41:10)
795  GEN 28:21  और मैं अपने पिता के घर में कुशल क्षेम से लौटँ; तो यहोवा मेरा परमेश्‍वर ठहरेगा।
807  GEN 29:11  तब याकूब ने राहेल को चूमा, और ँचे स्वर से रोया।
817  GEN 29:21  तब याकूब ने लाबान से कहा, “मेरी पत्‍नी मुझे दे, और मैं उसके पास जाँगा, क्योंकि मेरा समय पूरा हो गया है।”
832  GEN 30:1  जब राहेल ने देखा कि याकूब के लिये मुझसे कोई सन्तान नहीं होती, तब वह अपनी बहन से डाह करने लगी और याकूब से कहा, “मुझे भी सन्तान दे, नहीं तो मर जाँगी।”
856  GEN 30:25  जब राहेल से यूसुफ उत्‍पन्‍न हुआ, तब याकूब ने लाबान से कहा, “मुझे विदा कर कि मैं अपने देश और स्थान को जाँ।
857  GEN 30:26  मेरी स्त्रियाँ और मेरे बच्चे, जिनके लिये मैंने तेरी सेवा की है, उन्हें मुझे दे कि मैं चला जाँ; तू तो जानता है कि मैंने तेरी कैसी सेवा की है।”
861  GEN 30:30  मेरे आने से पहले वे कितने थे, और अब कितने हो गए हैं; और यहोवा ने मेरे आने पर तुझे आशीष दी है। पर मैं अपने घर का काम कब करने पाँगा?”
862  GEN 30:31  उसने फिर कहा, “मैं तुझे क्या दूँ?” याकूब ने कहा, “तू मुझे कुछ न दे; यदि तू मेरे लिये एक काम करे, तो मैं फिर तेरी भेड़-बकरियों को चराँगा, और उनकी रक्षा करूँगा।
874  GEN 30:43  इस प्रकार वह पुरुष अत्यन्त धनाढ्य हो गया, और उसके बहुत सी भेड़-बकरियाँ, और दासियाँ और दास और ँट और गदहे हो गए।
891  GEN 31:17  तब याकूब ने अपने बच्चों और स्त्रियों को ँटों पर चढ़ाया;
893  GEN 31:19  लाबान तो अपनी भेड़ों का कतरने के लिये चला गया था, और राहेल अपने पिता के गृहदेवताओं को चुरा ले गई।
908  GEN 31:34  राहेल तो गृहदेवताओं को ँट की काठी में रखकर उन पर बैठी थी। लाबान ने उसके सारे तम्बू में टटोलने पर भी उन्हें न पाया।
926  GEN 31:52  यह ढेर और यह खम्भा दोनों इस बात के साक्षी रहें कि हानि करने की मनसा से न तो मैं इस ढेर को लाँघकर तेरे पास जाँगा, न तू इस ढेर और इस खम्भे को लाँघकर मेरे पास आएगा।