8266 | 2SA 11:4 | और दाऊद ने लोग भेजकर उसे बुला लिया, वह उसके पास आई और उसने उससे सोहबत की (क्यूँकि वह अपनी नापाकी से पाक हो चुकी थी) फिर वह अपने घर को चली गई। |
12312 | NEH 1:11 | ऐ ख़ुदावन्द मैं तेरी मिन्नत करता हूँ कि अपने बन्दे की दुआ पर, और अपने बन्दों की दुआ पर जो तेरे नाम से डरना पसन्द करते है कान लगा और आज मैं तेरे मिन्नत करता हूँ अपने बन्दे को कामयाब कर और इस शख़्स के सामने उसपर फ़ज़्ल कर।” (मै तो बादशाह का साक़ी था) |
12318 | NEH 2:6 | तब बादशाह ने (मलिका भी उस के पास बैठी थी) मुझ से कहा, “तेरा सफ़र कितनी मुद्दत का होगा और तू कब लौटेगा?” ग़रज़ बादशाह की मर्ज़ी हुई कि मुझे भेजे:और मैंने वक़्त मुक़र्रर करके उसे बताया। |
23790 | MAT 17:21 | (लेकिन ये क़िस्म दुआ और रोज़े के सिवा और किसी तरह नहीं निकल सकती) |
24041 | MAT 24:15 | “पस जब तुम उस उजाड़ने वाली मकरूह चीज़ जिसका ज़िक्र दानीएल नबी की ज़रिए हुआ, मुक़द्दस मुक़ामों में खड़ा हुआ देखो (पढ़ने वाले समझ लें) |
24207 | MAT 27:9 | उस वक़्त वो पूरा हुआ जो यरमियाह नबी के ज़रिए कहा गया था कि जिसकी क़ीमत ठहराई गई थी, “उन्होंने उसकी क़ीमत के वो तीस रुपऐ ले लिए, (उसकी क़ीमत कुछ बनी इस्राईल ने ठहराई थी) |
24339 | MRK 2:10 | लेकिन इस लिए कि तुम जानों कि इब्न — ए आदम को ज़मीन पर गुनाह मु'आफ़ करने का इख़्तियार है” (उसने उस फ़ालिज के मारे हुए से कहा)। |
24917 | MRK 15:22 | और वो उसे मुक़ाम'ए गुल्गुता पर लाए जिसका तरजुमा (खोपड़ी की जगह) है। |
24993 | LUK 1:31 | तू हमिला हो कर एक बेटे को पैदा करेगी। तू उस का नाम ईसा (नजात देने वाला) रखना। |
25032 | LUK 1:70 | (जैसा उसने अपने पाक नबियों की ज़बानी कहा था जो कि दुनिया के शुरू' से होते आए है) |
25065 | LUK 2:23 | (जैसा कि ख़ुदावन्द की शरी'अत में लिखा है कि हर एक पहलौठा ख़ुदावन्द के लिए मुक़द्दस ठहरेगा) |
25117 | LUK 3:23 | जब ईसा ख़ुद ता'लीम देने लगा, क़रीबन तीस बरस का था और (जैसा कि समझा जाता था) यूसुफ़ का बेटा था; और वो 'एली का, |
25200 | LUK 5:24 | लेकिन इसलिए कि तुम जानो कि इब्न — ए — आदम को ज़मीन पर गुनाह मु'आफ़ करने का इख़्तियार है;” (उसने मफ़्लूज से कहा) मैं तुझ से कहता हूँ, उठ और अपनी चारपाई उठाकर अपने घर जा।” |
26023 | LUK 23:19 | (बर — अब्बा को इस लिए जेल में डाला गया था कि वह क़ातिल था और उस ने शहर में हुकूमत के ख़िलाफ़ बग़ावत की थी)। |
26151 | JHN 1:38 | ईसा ने फिरकर और उन्हें पीछे आते देखकर उनसे कहा, “तुम क्या ढूँडते हो?” उन्होंने उससे कहा, “ऐ रब्बी (या'नी ऐ उस्ताद), तू कहाँ रहता है?” |
26173 | JHN 2:9 | जब मजलिस के सरदार ने वो पानी चखा, जो मय बन गया था और जानता न था कि ये कहाँ से आई है (मगर ख़ादिम जिन्होंने पानी भरा था जानते थे), तो मजलिस के सरदार ने दुल्हा को बुलाकर उससे कहा, |
26213 | JHN 3:24 | (क्यूँकि यहून्ना उस वक़्त तक क़ैदख़ाने में डाला न गया था) |
26227 | JHN 4:2 | (अगरचे ईसा आप नहीं बल्कि उसके शागिर्द बपतिस्मा देते थे), |
26234 | JHN 4:9 | उस सामरी 'औरत ने उससे कहा, “तू यहूदी होकर मुझ सामरी 'औरत से पानी क्यूँ माँगता है?” (क्यूँकि यहूदी सामरियों से किसी तरह का बर्ताव नहीं रखते।) |
26349 | JHN 6:23 | (लेकिन कुछ छोटी नावें तिबरियास से उस जगह के नज़दीक आईं, जहाँ उन्होंने ख़ुदावन्द के शुक्र करने के बाद रोटी खाई थी।) |
26419 | JHN 7:22 | इस बारे में मूसा ने तुम्हें ख़तने का हुक्म दिया है (हालाँकि वो मूसा की तरफ़ से नहीं, बल्कि बाप — दादा से चला आया है), और तुम सबत के दिन आदमी का ख़तना करते हो। |
26516 | JHN 9:7 | उस ने उस से कहा, “जा, शिलोख़ के हौज़ में नहा ले।” (शिलोख़ का मतलब 'भेजा हुआ' है)। अंधे ने जा कर नहा लिया। जब वापस आया तो वह देख सकता था। |
26653 | JHN 12:4 | लेकिन ईसा के शागिर्द यहूदाह इस्करियोती ने एतराज़ किया (बाद में उसी ने ईसा को दुश्मन के हवाले कर दिया) उस ने कहा, |
26710 | JHN 13:11 | (ईसा को मालूम था कि कौन उसे दुश्मन के हवाले करेगा। इस लिए उस ने कहा कि सब के सब पाक — साफ़ नहीं हैं)। |
26759 | JHN 14:22 | यहूदाह (यहूदाह इस्करियोती नहीं) ने पूछा, “ख़ुदावन्द, क्या वजह है कि आप अपने आप को सिर्फ़ हम पर ज़ाहिर करेंगे और दुनियाँ पर नहीं?” |
26799 | JHN 16:4 | (जिस ने यह देखा है उस ने गवाही दी है और उस की गवाही सच्ची है। वह जानता है कि वह हक़ीक़त बयान कर रहा है और उस की गवाही का मक़्सद यह है कि आप भी ईमान लाएँ)” |
26864 | JHN 18:10 | शमौन पतरस के पास तलवार थी। अब उस ने उसे मियान से निकाल कर इमाम — ए — आज़म के ग़ुलाम का दहना कान उड़ा दिया (ग़ुलाम का नाम मलख़ुस था) |
26894 | JHN 18:40 | लेकिन जवाब में लोग चिल्लाने लगे, “नहीं, इस को नहीं बल्कि बर — अब्बा को।” (बर — अब्बा डाकू था) |
26907 | JHN 19:13 | इस तरह की बातें सुन कर पिलातुस ईसा को बाहर ले आया। फिर वह इंसाफ़ की कुर्सी पर बैठ गया। उस जगह का नाम “पच्चीकारी” था। (अरामी ज़बान में वह गब्बता कहलाती थी)। |
26911 | JHN 19:17 | वह अपनी सलीब उठाए शहर से निकला और उस जगह पहुँचा जिस का नाम खोपड़ी (अरामी ज़बान में गुल्गुता) था। |
26922 | JHN 19:28 | इस के बाद जब ईसा ने जान लिया कि मेरा काम मुकम्मल हो चुका है तो उस ने कहा, “मुझे प्यास लगी है।” (इस से भी कलाम — ए — मुक़द्दस की एक पेशीनगोई पूरी हुई)। |
26929 | JHN 19:35 | (जिस ने यह देखा है उस ने गवाही दी है और उस की गवाही सच्ची है। वह जानता है कि वह हक़ीक़त बयान कर रहा है और उस की गवाही का मक़्सद यह है कि आप भी ईमान लाएँ)। |
26932 | JHN 19:38 | बाद में अरिमतियाह के रहने वाले यूसुफ़ ने पिलातुस से ईसा की लाश उतारने की इजाज़त माँगी। (यूसुफ़ ईसा का ख़ुफ़िया शागिर्द था, क्यूँकि वह यहूदियों से डरता था)। इस की इजाज़त मिलने पर वह आया और लाश को उतार लिया। |
26945 | JHN 20:9 | (लेकिन अब भी वह कलाम — ए — मुक़द्दस की नबुव्वत नहीं समझते थे कि उसे मुर्दों में से जी उठना है)। |
26974 | JHN 21:7 | इस पर ईसा के प्यारे शागिर्द ने पतरस से कहा, “यह तो ख़ुदावन्द है।” यह सुनते ही कि ख़ुदावन्द है शमौन पतरस अपनी चादर ओढ़ कर पानी में कूद पड़ा (उस ने चादर को काम करने के लिए उतार लिया था)। |
26986 | JHN 21:19 | (ईसा की यह बात इस तरफ़ इशारा था कि पतरस किस क़िस्म की मौत से ख़ुदा को जलाल देगा)। फिर उस ने उसे बताया, “मेरे पीछे चल।” |
27439 | ACT 13:8 | मगर इलीमास जादूगर ने (यही उसके नाम का तर्जुमा है), उनकी मुख़ालिफ़त की और सूबेदार को ईमान लाने से रोकना चाहा। |
27613 | ACT 17:21 | (इस लिए कि सब अथेनवी और परदेसी जो वहाँ मुक़ीम थे, अपनी फ़ुरसत का वक़्त नई नई बातें करने सुनने के सिवा और किसी काम में सर्फ़ न करते थे) |
27761 | ACT 21:29 | (उन्होंने उस से पहले त्रुफ़िमुस इफ़िसी को उसके साथ शहर में देखा था। उसी के बारे में उन्होंने ख़याल किया कि पौलुस उसे हैकल में ले आया है)। |
28107 | ROM 4:17 | चुनाँचे लिखा है (“मैंने तुझे बहुत सी क़ौमों का बाप बनाया”) उस ख़ुदा के सामने जिस पर वो ईमान लाया और जो मुर्दों को ज़िन्दा करता है और जो चीज़ें नहीं हैं उन्हें इस तरह से बुला लेता है कि गोया वो हैं। |
28566 | 1CO 7:11 | (और अगर जुदा हो तो बे'निकाह रहे या अपने शौहर से फिर मिलाप कर ले) न शौहर बीवी को छोड़े। |
28629 | 1CO 9:21 | बेशरा लोगों के लिए बेशरा' बना ताकि बेशरा' लोगों को खींच लाऊँ; (अगरचे ख़ुदा के नज़दीक बेशरा' न था; बल्कि मसीह की शरी'अत के ताबे था) |
28897 | 2CO 2:5 | और अगर कोई शख़्स ग़म का बा'इस हुआ है तो वो मेरे ही ग़म का नहीं बल्कि, (ताकि उस पर ज़्यादा सख़्ती न करूँ) किस क़दर तुम सब के ग़म का ज़रिया हुआ। |
29078 | 2CO 11:21 | मेरा ये कहना ज़िल्लत के तौर पर सही कि हम कमज़ोर से थे मगर जिस किसी बात में कोई दिलेर है (अगरचे ये कहना बेवक़ूफ़ी है) मैं भी दिलेर हूँ। |
29080 | 2CO 11:23 | क्या वही मसीह के ख़ादिम हैं? (मेरा ये कहना दीवानगी है) मैं ज़्यादा तर हूँ मेहनतों में ज़्यादा क़ैद में ज़्यादा कोड़े खाने में हद से ज़्यादा बारहा मौत के ख़तरों में रहा हूँ। |
29307 | EPH 2:11 | पस याद करो कि तुम जो जिस्मानी तौर से ग़ैर — क़ौम वाले हो (और वो लोग जो जिस्म में हाथ से किए हुए ख़तने की वजह से कहलाते हैं, तुम को नामख़्तून कहते है) |
29349 | EPH 4:10 | और ये उतरने वाला वही है जो सब आसमानों से भी ऊपर चढ़ गया, ताकि सब चीज़ों को मा'मूर करे)। |
29380 | EPH 5:9 | (इसलिए कि नूर का फल हर तरह की नेकी और रास्तबाज़ी और सच्चाई है) |
29406 | EPH 6:2 | “अपने बाप और माँ की इज़्ज़त कर (ये पहला हुक्म है जिसके साथ वा'दा भी है) |
29589 | COL 3:5 | चुनाँचे उन दुनियावी चीज़ों को मार डालो जो तुम्हारे अन्दर काम कर रही हैं: ज़िनाकारी, नापाकी, शहवतपरस्ती, बुरी ख़्वाहिशात और लालच (लालच तो एक क़िस्म की बुतपरस्ती है) |
29619 | COL 4:10 | अरिस्तरख़ुस जो मेरे साथ क़ैद में है तुम को सलाम कहता है और इसी तरह बरनबास का चचेरा भाई मरकुस भी। (तुम को उस के बारे में हिदायत दी गई हैं। जब वह तुम्हारे पास आए तो उसे ख़ुशआमदीद कहना)। |
29803 | 1TI 3:5 | (जब कोई अपने घर ही का बन्दोबस्त करना नहीं जानता तो ख़ुदा कि कलीसिया की देख भाल क्या करेगा?) |
30142 | HEB 7:11 | अगर लावी की कहानित (जिस पर शरी'अत मुन्हसिर थी) कामिलियत पैदा कर सकती तो फिर एक और क़िस्म के इमाम की क्या ज़रूरत होती, उस की जो हारून जैसा न हो बल्कि मलिक — ए — सिद्क़ जैसा? |
30150 | HEB 7:19 | (मूसा की शरी'अत तो किसी चीज़ को कामिल नहीं बना सकती थी) और अब एक बेहतर उम्मीद मुहय्या की गई है जिस से हम ख़ुदा के क़रीब आ जाते हैं। |
30197 | HEB 9:25 | दुनिया का इमाम — ए — आज़म तो सालाना किसी और (यानी जानवर) का ख़ून ले कर पाकतरीन कमरे में दाख़िल होता है। लेकिन मसीह इस लिए आसमान में दाख़िल न हुआ कि वह अपने आप को बार बार क़ुर्बानी के तौर पर पेश करे। |
30794 | REV 2:9 | मैं तेरी मुसीबत और ग़रीबी को जानता हूँ (मगर तू दौलतमन्द है), और जो अपने आप को यहूदी कहते हैं, और हैं नहीं बल्कि शैतान के गिरोह हैं, उनके ला'न ता'न को भी जानता हूँ। |
30822 | REV 3:8 | मैं तेरे कामों को जानता हूँ (देख, मैंने तेरे सामने एक दरवाज़ा खोल रख्खा है, कोई उसे बन्द नहीं कर सकता) कि तुझ में थोड़ा सा ज़ोर है और तू ने मेरे कलाम पर अमल किया और मेरे नाम का इन्कार नहीं किया। |
31038 | REV 16:15 | “(देखो, मैं चोर की तरह आता हूँ; मुबारिक़ वो है जो जागता है और अपनी पोशाक की हिफ़ाज़त करता है ताकि नंगा न फिरे, और लोग उसका नंगापन न देखें)” |