Wildebeest analysis examples for:   urd-urd   आ    February 11, 2023 at 19:52    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

1  GEN 1:1  ख़ुदा ने सबसे पहले ज़मीन — ओ — समान को पैदा किया।
5  GEN 1:5  और ख़ुदा ने रोशनी को तो दिन कहा और अँधेरे को रात। और शाम हुई और सुबह हुई तब पहला दिन हु
7  GEN 1:7  फिर ख़ुदा ने फ़ज़ा को बनाया और फ़ज़ा के नीचे के पानी को फ़ज़ा के ऊपर के पानी से जुदा किया; और ऐसा ही हु
8  GEN 1:8  और ख़ुदा ने फ़ज़ा को समान कहा। और शाम हुई और सुबह हुई — तब दूसरा दिन हु
9  GEN 1:9  और ख़ुदा ने कहा कि समान के नीचे का पानी एक जगह जमा हो कि ख़ुश्की नज़र ए, और ऐसा ही हु
11  GEN 1:11  और ख़ुदा ने कहा कि ज़मीन घास और बीजदार बूटियों को, और फलदार दरख़्तों को जो अपनी — अपनी क़िस्म के मुताबिक़ फलें और जो ज़मीन पर अपने ही में बीज रख्खें उगाए और ऐसा ही हु
13  GEN 1:13  और शाम हुई और सुबह हुई — तब तीसरा दिन हु
15  GEN 1:15  और वह फ़लक पर रोशनी के लिए हों कि ज़मीन पर रोशनी डालें, और ऐसा ही हु
19  GEN 1:19  और शाम हुई और सुबह हुई — तब चौथा दिन हु
23  GEN 1:23  और शाम हुई और सुबह हुई — तब पाँचवाँ दिन हु
24  GEN 1:24  और ख़ुदा ने कहा कि ज़मीन जानदारों को, उनकी क़िस्म के मुताबिक़, चौपाये और रेंगनेवाले जानदार और जंगली जानवर उनकी क़िस्म के मुताबिक़ पैदा करे, और ऐसा ही हु
26  GEN 1:26  फिर ख़ुदा ने कहा कि हम इंसान को अपनी सूरत पर अपनी शबीह की तरह बनाएँ और वह समुन्दर की मछलियों और समान के परिन्दों और चौपायों, और तमाम ज़मीन और सब जानदारों पर जो ज़मीन पर रेंगते हैं इख़्तियार रख्खें।
30  GEN 1:30  और ज़मीन के कुल जानवरों के लिए, और हवा के कुल परिन्दों के लिए और उन सब के लिए जो ज़मीन पर रेंगने वाले हैं जिनमें ज़िन्दगी का दम है, कुल हरी बूटियाँ खाने को देता हूँ, और ऐसा ही हु
31  GEN 1:31  और ख़ुदा ने सब पर जो उसने बनाया था नज़र की, और देखा कि बहुत अच्छा है, और शाम हुई और सुबह हुई तब छठा दिन हु
32  GEN 2:1  तब समान और ज़मीन और उनके कुल लश्कर का बनाना ख़त्म हु
33  GEN 2:2  और ख़ुदा ने अपने काम को, जिसे वह करता था सातवें दिन ख़त्म किया, और अपने सारे काम से जिसे वह कर रहा था, सातवें दिन फ़ारिग़ हु
34  GEN 2:3  और ख़ुदा ने सातवें दिन को बरकत दी, और उसे मुक़द्दस ठहराया; क्यूँकि उसमें ख़ुदा सारी कायनात से जिसे उसने पैदा किया और बनाया फ़ारिग़ हु
35  GEN 2:4  यह है समान और ज़मीन की पैदाइश, जब वह पैदा हुए जिस दिन ख़ुदावन्द ख़ुदा ने ज़मीन और समान को बनाया;
38  GEN 2:7  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने ज़मीन की मिट्टी से इंसान को बनाया और उसके नथनों में ज़िन्दगी का दम फूंका इंसान जीती जान हु
41  GEN 2:10  और अदन से एक दरिया बाग़ के सेराब करने को निकला और वहाँ से चार नदियों में तक़सीम हु
46  GEN 2:15  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने दम को लेकर बाग़ — ए — 'अदन में रख्खा के उसकी बाग़वानी और निगहबानी करे।
47  GEN 2:16  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने दम को हुक्म दिया और कहा कि तू बाग़ के हर दरख़्त का फल बे रोक टोक खा सकता है।
49  GEN 2:18  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने कहा कि दम का अकेला रहना अच्छा नहीं मैं उसके लिए एक मददगार उसकी तरह बनाऊँगा।
50  GEN 2:19  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने सब जंगली जानवर और हवा के सब परिन्दे मिट्टी से बनाए और उनको दम के पास लाया कि देखे कि वह उनके क्या नाम रखता है और दम ने जिस जानवर को जो कहा वही उसका नाम ठहरा।
51  GEN 2:20  और दम ने सब चौपायों और हवा के परिन्दों और सब जंगली जानवरों के नाम रख्खे लेकिन दम के लिए कोई मददगार उसकी तरह न मिला।
52  GEN 2:21  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने दम पर गहरी नींद भेजी और वह सो गया और उसने उसकी पसलियों में से एक को निकाल लिया और उसकी जगह गोश्त भर दिया।
53  GEN 2:22  और ख़ुदावन्द ख़ुदा उस पसली से जो उसने दम में से निकाली थी एक 'औरत बना कर उसे दम के पास लाया।
54  GEN 2:23  और दम ने कहा कि यह तो अब मेरी हड्डियों में से हड्डी, और मेरे गोश्त में से गोश्त है; इसलिए वह 'औरत कहलाएगी क्यूँकि वह मर्द से निकाली गई।
55  GEN 2:24  इसलिए दमी अपने माँ बाप को छोड़ेगा और अपनी बीवी से मिला रहेगा और वह एक तन होंगे।
56  GEN 2:25  और दम और उसकी बीवी दोनों नंगे थे और शरमाते न थे।
61  GEN 3:5  बल्कि ख़ुदा जानता है कि जिस दिन तुम उसे खाओगे, तुम्हारी ँखें खुल जाएँगी, और तुम ख़ुदा की तरह भले और बुरे के जानने वाले बन जाओगे।
62  GEN 3:6  'औरत ने जो देखा कि वह दरख़्त खाने के लिए अच्छा और ँखों को ख़ुशनुमा मा'लूम होता है और अक्ल बख़्शने के लिए ख़ूब है तो उसके फल में से लिया और खाया और अपने शौहर को भी दिया और उसने खाया।
63  GEN 3:7  तब दोनों की ँखें खुल गई और उनको मा'लूम हु कि वह नंगे हैं और उन्होंने अंजीर के पत्तों को सी कर अपने लिए लूंगियाँ बनाई।
64  GEN 3:8  और उन्होंने ख़ुदावन्द ख़ुदा की वाज़ जो ठंडे वक़्त बाग़ में फिरता था सुनी और दम और उसकी बीवी ने अपने को ख़ुदावन्द ख़ुदा के सामने से बाग़ के दरख़तों में छिपाया।
65  GEN 3:9  तब ख़ुदावन्द ख़ुदा ने दम को पुकारा और उससे कहा कि तू कहाँ है?
66  GEN 3:10  उसने कहा, मैंने बाग़ में तेरी वाज़ सुनी और मैं डरा क्यूँकि मैं नंगा था और मैंने अपने को छिपाया।
68  GEN 3:12  दम ने कहा कि जिस 'औरत को तूने मेरे साथ किया है उसने मुझे उस दरख़्त का फल दिया और मैंने खाया।
73  GEN 3:17  और दम से उसने कहा चूँकि तूने अपनी बीवी की बात मानी और उस दरख़्त का फल खाया जिस के बारे मैंने तुझे हुक्म दिया था कि उसे न खाना इसलिए ज़मीन तेरी वजह से ला'नती हुई। मशक़्क़त के साथ तू अपनी उम्र भर उसकी पैदावार खाएगा
76  GEN 3:20  और दम ने अपनी बीवी का नाम हव्वा रख्खा, इसलिए कि वह सब ज़िन्दों की माँ है।
77  GEN 3:21  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने दम और उसकी बीवी के लिए चमड़े के कुर्तें बना कर उनको पहनाए।
80  GEN 3:24  चुनाँचे उसने दम को निकाल दिया और बाग — ए — 'अदन के मशरिक़ की तरफ़ करूबियों को और चारों तरफ़ घूमने वाली शो'लाज़न तलवार को रख्खा, कि वह ज़िन्दगी के दरख़्त की राह की हिफ़ाज़त करें।
81  GEN 4:1  और दम अपनी बीवी हव्वा के पास गया, और वह हामिला हुई और उसके क़ाइन पैदा हुतब उसने कहा, मुझे ख़ुदावन्द से एक फ़र्ज़न्द मिला।
82  GEN 4:2  फिर क़ाइन का भाई हाबिल पैदा हु; और हाबिल भेड़ बकरियों का चरवाहा और क़ाइन किसान था।
83  GEN 4:3  कुछ दिन के बाद ऐसा हु कि क़ाइन अपने खेत के फल का हदिया ख़ुदावन्द के लिए लाया।
85  GEN 4:5  लेकिन क़ाइन को और उसके हदिये को क़ुबूल न किया। इसलिए क़ाइन बहुत ग़ुस्सा हु और उसका मुँह बिगड़ा।
86  GEN 4:6  और ख़ुदावन्द ने क़ाइन से कहा, तू क्यूँ ग़ुस्सा हु? और तेरा मुँह क्यूँ बिगड़ा हु है?
87  GEN 4:7  अगर तू भला करे तो क्या तू मक़्बूल न होगा? और अगर तू भला न करे तो गुनाह दरवाज़े पर दुबका बैठा है और तेरा मुश्ताक़ है, लेकिन तू उस पर ग़ालिब
88  GEN 4:8  और क़ाइन ने अपने भाई हाबिल को कुछ कहा और जब वह दोनों खेत में थे तो ऐसा हु कि क़ाइन ने अपने भाई हाबिल पर हमला किया और उसे क़त्ल कर डाला।
91  GEN 4:11  और अब तू ज़मीन की तरफ़ से ला'नती हु, जिसने अपना मुँह पसारा कि तेरे हाथ से तेरे भाई का ख़ून ले।
92  GEN 4:12  जब तू ज़मीन को जोतेगा, तो वह अब तुझे अपनी पैदावार न देगी और ज़मीन पर तू ख़ानाख़राब और वारा होगा।
94  GEN 4:14  देख, तूने मुझे रू — ए — ज़मीन से निकाल दिया है, और मैं तेरे सामने से ग़ायब हो जाऊँगा; और ज़मीन पर खानाख़राब और वारा रहूँगा, और ऐसा होगा कि जो कोई मुझे पाएगा क़त्ल कर डालेगा।
97  GEN 4:17  और क़ाइन अपनी बीवी के पास गया और वह हामिला हुई और उसके हनूक पैदा हु; और उसने एक शहर बसाया और उसका नाम अपने बेटे के नाम पर हनूक रख्खा।
98  GEN 4:18  और हनूक से ईराद पैदा हु, और ईराद से महुयाएल पैदा हु, और महुयाएल से मतूसाएल पैदा हु, और मत्तूसाएल से लमक पैदा हु
100  GEN 4:20  और अदा के याबल पैदा हु: वह उनका बाप था जो ख़ेमों में रहते और जानवर पालते हैं।
102  GEN 4:22  और ज़िल्ला के भी तूबलक़ाइन पैदा हु: जो पीतल और लोहे के सब तेज़ हथियारों का बनाने वाला था; और नामा तूबलक़ाइन की बहन थी।
103  GEN 4:23  और लमक ने अपनी बीवियों से कहा कि ऐ अदा और ज़िल्ला मेरी बात सुनो; ऐ लमक की बीवियो, मेरी बात पर कान लगाओ: मैंने एक दमी को जिसने मुझे ज़ख़्मी किया, मार डाला। और एक जवान को जिसने मेरे चोट लगाई, क़त्ल कर डाला।
105  GEN 4:25  और दम फिर अपनी बीवी के पास गया और उसके एक और बेटा हु और उसका नाम सेत रख्खा: और वह कहने लगी कि ख़ुदा ने हाबिल के बदले जिसको क़ाइन ने क़त्ल किया, मुझे दूसरा फ़र्ज़न्द दिया।
106  GEN 4:26  और सेत के यहाँ भी एक बेटा पैदा हु, जिसका नाम उसने अनूस रख्खा; उस वक़्त से लोग यहोवा का नाम लेकर दु करने लगे।
107  GEN 5:1  यह दम का नसबनामा है। जिस दिन ख़ुदा ने दम को पैदा किया; तो उसे अपनी शबीह पर बनाया।
108  GEN 5:2  मर्द और औरत उनको पैदा किया और उनको बरकत दी, और जिस दिन वह पैदा हुए उनका नाम दम रख्खा।
109  GEN 5:3  और दम एक सौ तीस साल का था जब उसकी सूरत — ओ — शबीह का एक बेटा उसके यहाँ पैदा हु; और उसने उसका नाम सेत रख्खा।
110  GEN 5:4  और सेत की पैदाइश के बाद दम सौ साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
111  GEN 5:5  और दम की कुल उम्र नौ सौ तीस साल की हुई, तब वह मरा।
112  GEN 5:6  और सेत एक सौ पाँच साल का था जब उससे अनूस पैदा हु
113  GEN 5:7  और अनूस की पैदाइश के बाद सेत सौ सात साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
115  GEN 5:9  और अनूस नव्वे साल का था जब उससे क़ीनान पैदा हु
116  GEN 5:10  और क़ीनान की पैदाइश के बाद अनूस सौ पन्द्रह साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
118  GEN 5:12  और क़ीनान सत्तर साल का था जब उससे महललेल पैदा हु
119  GEN 5:13  और महललेल की पैदाइश के बाद क़ीनान सौ चालीस साल ज़िन्दा रहाऔर उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
121  GEN 5:15  और महललेल पैंसठ साल का था जब उससे यारिद पैदा हु
122  GEN 5:16  और यारिद की पैदाइश के बाद महललेल सौ तीस साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
123  GEN 5:17  और महललेल की कुल उम्र सौ पचानवे साल की हुई, तब वह मरा।
124  GEN 5:18  और यारिद एक सौ बासठ साल का था जब उससे हनूक पैदा हु
125  GEN 5:19  और हनूक की पैदाइश के बाद यारिद सौ साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
127  GEN 5:21  और हनूक पैंसठ साल का था उससे मतुसिलह पैदा हु
131  GEN 5:25  और मतूसिलह एक सौ सतासी साल का था जब उससे लमक पैदा हु
134  GEN 5:28  और लमक एक सौ बयासी साल का था जब उससे एक बेटा पैदा हु
135  GEN 5:29  और उसने उसका नाम नूह रख्खा और कहा, कि यह हमारे हाथों की मेहनत और मशक़्क़त से जो ज़मीन की वजह से है जिस पर ख़ुदा ने ला'नत की है, हमें राम देगा।
139  GEN 6:1  जब रु — ए — ज़मीन पर दमी बहुत बढ़ने लगे और उनके बेटियाँ पैदा हुई।
140  GEN 6:2  तो ख़ुदा के बेटों ने दमी की बेटियों को देखा कि वह ख़ूबसूरत हैं; और जिनको उन्होंने चुना उनसे ब्याह कर लिया।
144  GEN 6:6  तब ख़ुदावन्द ज़मीन पर इंसान के पैदा करने से दुखी हु और दिल में ग़म किया।
146  GEN 6:8  मगर नूह ख़ुदावन्द की नज़र में मक़्बूल हु
149  GEN 6:11  लेकिन ज़मीन ख़ुदा के गे नापाक हो गई थी, और वह ज़ुल्म से भरी थी।
151  GEN 6:13  और ख़ुदा ने नूह से कहा कि पूरे इंसान का ख़ातिमा मेरे सामने पहुँचा है; क्यूँकि उनकी वजह से ज़मीन जुल्म से भर गई, इसलिए देख, मैं ज़मीन के साथ उनको हलाक करूँगा।
158  GEN 6:20  और परिन्दों की हर क़िस्म में से, और चरिन्दों की हर क़िस्म में से, और ज़मीन पर रेंगने वालों की हर क़िस्म में से दो दो तेरे पास एँ, ताकि वह जीते बचें।