Wildebeest analysis examples for:   urd-urd   ई    February 11, 2023 at 19:52    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

3  GEN 1:3  और ख़ुदा ने कहा कि रोशनी हो जा, और रोशनी हो
5  GEN 1:5  और ख़ुदा ने रोशनी को तो दिन कहा और अँधेरे को रात। और शाम हु और सुबह हु तब पहला दिन हुआ।
8  GEN 1:8  और ख़ुदा ने फ़ज़ा को आसमान कहा। और शाम हु और सुबह हु — तब दूसरा दिन हुआ।
13  GEN 1:13  और शाम हु और सुबह हु — तब तीसरा दिन हुआ।
19  GEN 1:19  और शाम हु और सुबह हु — तब चौथा दिन हुआ।
21  GEN 1:21  और ख़ुदा ने बड़े बड़े दरिया जानवरों को, और हर क़िस्म के जानदार को जो पानी से बकसरत पैदा हुए थे, उनकी क़िस्म के मुताबिक़ और हर क़िस्म के परिन्दों को उनकी क़िस्म के मुताबिक़, पैदा किया; और ख़ुदा ने देखा कि अच्छा है।
23  GEN 1:23  और शाम हु और सुबह हु — तब पाँचवाँ दिन हुआ।
31  GEN 1:31  और ख़ुदा ने सब पर जो उसने बनाया था नज़र की, और देखा कि बहुत अच्छा है, और शाम हु और सुबह हु तब छठा दिन हुआ।
36  GEN 2:5  और ज़मीन पर अब तक खेत का को पौधा न था और न मैदान की को सब्ज़ी अब तक उगी थी, क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा ने ज़मीन पर पानी नहीं बरसाया था, और न ज़मीन जोतने को को इंसान था।
51  GEN 2:20  और आदम ने सब चौपायों और हवा के परिन्दों और सब जंगली जानवरों के नाम रख्खे लेकिन आदम के लिए को मददगार उसकी तरह न मिला।
54  GEN 2:23  और आदम ने कहा कि यह तो अब मेरी हड्डियों में से हड्डी, और मेरे गोश्त में से गोश्त है; इसलिए वह 'औरत कहलाएगी क्यूँकि वह मर्द से निकाली
57  GEN 3:1  और साँप सब जंगली जानवरों से, जिनको ख़ुदावन्द ख़ुदा ने बनाया था चालाक था, और उसने 'औरत से कहा क्या वाक़' ख़ुदा ने कहा है, कि बाग़ के किसी दरख़्त का फल तुम न खाना?
63  GEN 3:7  तब दोनों की आँखें खुल और उनको मा'लूम हुआ कि वह नंगे हैं और उन्होंने अंजीर के पत्तों को सी कर अपने लिए लूंगियाँ बना
73  GEN 3:17  और आदम से उसने कहा चूँकि तूने अपनी बीवी की बात मानी और उस दरख़्त का फल खाया जिस के बारे मैंने तुझे हुक्म दिया था कि उसे न खाना इसलिए ज़मीन तेरी वजह से ला'नती हुमशक़्क़त के साथ तू अपनी उम्र भर उसकी पैदावार खाएगा
81  GEN 4:1  और आदम अपनी बीवी हव्वा के पास गया, और वह हामिला हु और उसके क़ाइन पैदा हुआ। तब उसने कहा, मुझे ख़ुदावन्द से एक फ़र्ज़न्द मिला।
82  GEN 4:2  फिर क़ाइन का भा हाबिल पैदा हुआ; और हाबिल भेड़ बकरियों का चरवाहा और क़ाइन किसान था।
88  GEN 4:8  और क़ाइन ने अपने भा हाबिल को कुछ कहा और जब वह दोनों खेत में थे तो ऐसा हुआ कि क़ाइन ने अपने भा हाबिल पर हमला किया और उसे क़त्ल कर डाला।
89  GEN 4:9  तब ख़ुदावन्द ने क़ाइन से कहा कि तेरा भा हाबिल कहाँ है? उसने कहा, मुझे मा'लूम नहीं; क्या मैं अपने भा का मुहाफ़िज़ हूँ?
90  GEN 4:10  फिर उसने कहा कि तूने यह क्या किया? तेरे भा का ख़ून ज़मीन से मुझ को पुकारता है।
91  GEN 4:11  और अब तू ज़मीन की तरफ़ से ला'नती हुआ, जिसने अपना मुँह पसारा कि तेरे हाथ से तेरे भा का ख़ून ले।
94  GEN 4:14  देख, आज तूने मुझे रू — ए — ज़मीन से निकाल दिया है, और मैं तेरे सामने से ग़ायब हो जाऊँगा; और ज़मीन पर खानाख़राब और आवारा रहूँगा, और ऐसा होगा कि जो को मुझे पाएगा क़त्ल कर डालेगा।
95  GEN 4:15  तब ख़ुदावन्द ने उसे कहा, नहीं, बल्कि जो क़ाइन को क़त्ल करे उससे सात गुना बदला लिया जाएगा। और ख़ुदावन्द ने क़ाइन के लिए एक निशान ठहराया कि को उसे पा कर मार न डाले।
97  GEN 4:17  और क़ाइन अपनी बीवी के पास गया और वह हामिला हु और उसके हनूक पैदा हुआ; और उसने एक शहर बसाया और उसका नाम अपने बेटे के नाम पर हनूक रख्खा।
98  GEN 4:18  और हनूक से राद पैदा हुआ, और राद से महुयाएल पैदा हुआ, और महुयाएल से मतूसाएल पैदा हुआ, और मत्तूसाएल से लमक पैदा हुआ।
101  GEN 4:21  और उसके भा का नाम यूबल था: वह बीन और बांसली बजाने वालों का बाप था।
103  GEN 4:23  और लमक ने अपनी बीवियों से कहा कि ऐ अदा और ज़िल्ला मेरी बात सुनो; ऐ लमक की बीवियो, मेरी बात पर कान लगाओ: मैंने एक आदमी को जिसने मुझे ज़ख़्मी किया, मार डाला। और एक जवान को जिसने मेरे चोट लगा, क़त्ल कर डाला।
110  GEN 5:4  और सेत की पैदाइश के बाद आदम आठ सौ साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हु
111  GEN 5:5  और आदम की कुल उम्र नौ सौ तीस साल की हु, तब वह मरा।
113  GEN 5:7  और अनूस की पैदाइश के बाद सेत आठ सौ सात साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हु
114  GEN 5:8  और सेत की कुल उम्र नौ सौ बारह साल की हु, तब वह मरा।
116  GEN 5:10  और क़ीनान की पैदाइश के बाद अनूस आठ सौ पन्द्रह साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हु
117  GEN 5:11  और अनूस की कुल उम्र नौ सौ पाँच साल की हु, तब वह मरा।
119  GEN 5:13  और महललेल की पैदाइश के बाद क़ीनान आठ सौ चालीस साल ज़िन्दा रहाऔर उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हु
120  GEN 5:14  और क़ीनान की कुल उम्र नौ सौ दस साल की हु, तब वह मरा।
122  GEN 5:16  और यारिद की पैदाइश के बाद महललेल आठ सौ तीस साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हु
123  GEN 5:17  और महललेल की कुल उम्र आठ सौ पचानवे साल की हु, तब वह मरा।
125  GEN 5:19  और हनूक की पैदाइश के बाद यारिद आठ सौ साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हु
126  GEN 5:20  और यारिद की कुल उम्र नौ सौ बासठ साल की हु, तब वह मरा।
128  GEN 5:22  और मतूसिलह की पैदाइश के बाद हनूक तीन सौ साल तक ख़ुदा के साथ — साथ चलता रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हु
129  GEN 5:23  और हनूक की कुल उम्र तीन सौ पैंसठ साल की हु
132  GEN 5:26  और लमक की पैदाइश के बाद मतूसिलह सात सौ बयासी साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हु
133  GEN 5:27  और मतूसिलह की कुल उम्र नौ सौ उनहत्तर साल की हु, तब वह मरा।
136  GEN 5:30  और नूह की पैदाइश के बाद लमक पाँच सौ पंचानवे साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हु
137  GEN 5:31  और लमक की कुल उम्र सात सौ सत्तर साल की हु, तब वह मरा।
139  GEN 6:1  जब रु — ए — ज़मीन पर आदमी बहुत बढ़ने लगे और उनके बेटियाँ पैदा हु
142  GEN 6:4  उन दिनों में ज़मीन पर जब्बार थे, और बाद में जब ख़ुदा के बेटे इंसान की बेटियों के पास गए, तो उनके लिए उनसे औलाद हुयही पुराने ज़माने के सूर्मा हैं, जो बड़े नामवर हुए हैं।
143  GEN 6:5  और ख़ुदावन्द ने देखा कि ज़मीन पर इंसान की बदी बहुत बढ़, और उसके दिल के तसव्वुर और ख़याल हमेशा बुरे ही होते हैं।
149  GEN 6:11  लेकिन ज़मीन ख़ुदा के आगे नापाक हो थी, और वह ज़ुल्म से भरी थी।
150  GEN 6:12  और ख़ुदा ने ज़मीन पर नज़र की और देखा, कि वह नापाक हो है; क्यूँकि हर इंसान ने ज़मीन पर अपना तरीक़ा बिगाड़ लिया था।
151  GEN 6:13  और ख़ुदा ने नूह से कहा कि पूरे इंसान का ख़ातिमा मेरे सामने आ पहुँचा है; क्यूँकि उनकी वजह से ज़मीन जुल्म से भर, इसलिए देख, मैं ज़मीन के साथ उनको हलाक करूँगा।
153  GEN 6:15  और ऐसा करना कि कश्ती की लम्बा तीन सौ हाथ, उसकी चौड़ा पचास हाथ और उसकी ऊँचा तीस हाथ हो।
156  GEN 6:18  लेकिन तेरे साथ मैं अपना 'अहद क़ाकरूँगा; और तू कश्ती में जाना — तू और तेरे साथ तेरे बेटे और तेरी बीवी और तेरे बेटों की बीवियाँ।
171  GEN 7:11  नूह की उम्र का छ: सौवां साल था, कि उसके दूसरे महीने के ठीक सत्रहवीं तारीख़ को बड़े समुन्दर के सब सोते फूट निकले और आसमान की खिड़कियाँ खुल
177  GEN 7:17  और चालीस दिन तक ज़मीन पर तूफ़ान रहा, और पानी बढ़ा और उसने कश्ती को ऊपर उठा दिया; तब कश्ती ज़मीन पर से उठ
185  GEN 8:1  फिर ख़ुदा ने नूह को और सब जानदार और सब चौपायों को जो उसके साथ कश्ती में थे याद किया; और ख़ुदा ने ज़मीन पर एक हवा चला और पानी रुक गया।
186  GEN 8:2  और समुन्दर के सोते और आसमान के दरीचे बन्द किए गए, और आसमान से जो बारिश हो रही थी थम;
188  GEN 8:4  और सातवें महीने की सत्रहवीं तारीख़ को कश्ती अरारात के पहाड़ों पर टिक
189  GEN 8:5  और पानी दसवें महीने तक बराबर घटता रहा, और दसवें महीने की पहली तारीख़ को पहाड़ों की चोटियाँ नज़र
190  GEN 8:6  और चालीस दिन के बाद ऐसा हुआ, कि नूह ने कश्ती की खिड़की जो उसने बना थी खोली,
193  GEN 8:9  लेकिन कबूतरी ने पंजा टेकने की जगह न पा और उसके पास कश्ती को लौट, क्यूँकि तमाम रू — ए — ज़मीन पर पानी था। तब उसने हाथ बढ़ाकर उसे ले लिया और अपने पास कश्ती में रख्खा।
195  GEN 8:11  और वह कबूतरी शाम के वक़्त उसके पास लौट, और देखा तो जैतून की एक ताज़ा पत्ती उसकी चोंच में थी। तब नूह ने मा'लूम किया कि पानी ज़मीन पर से कम हो गया।
197  GEN 8:13  और छ: सौ पहले साल के पहले महीने की पहली तारीख़ को ऐसा हुआ, कि ज़मीन पर से पानी सूख गया; और नूह ने कश्ती की छत खोली और देखा कि ज़मीन की सतह सूख है।
198  GEN 8:14  और दूसरे महीने की सतास्वीं तारीख़ को ज़मीन बिल्कुल सूख
206  GEN 8:22  बल्कि जब तक ज़मीन क़ाहै बीज बोना और फ़सल कटना, सर्दी और तपिश, गर्मी और जाड़ा और रात ख़त्म न होंगे।
208  GEN 9:2  और ज़मीन के सब जानदारों और हवा के सब परिन्दों पर तुम्हारी दहशत और तुम्हारा रौब होगा; यह और तमाम कीड़े जिन से ज़मीन भरी पड़ी है, और समुन्दर की कुल मछलियाँ तुम्हारे क़ब्ज़े में की
211  GEN 9:5  मैं तुम्हारे खू़न का बदला ज़रूर लुँगा, हर जानवर से उसका बदला लूँगा; आदमी की जान का बदला आदमी से और उसके भा बन्द से लुँगा।
217  GEN 9:11  मैं इस 'अहद को तुम्हारे साथ क़ारखूँगा कि सब जानदार तूफ़ान के पानी से फिर हलाक न होंगे, और न कभी ज़मीन को तबाह करने के लिए फिर तूफ़ान आएगा
220  GEN 9:14  और ऐसा होगा कि जब मैं ज़मीन पर बादल लाऊँगा, तो मेरी कमान बादल में दिखा देगी।
223  GEN 9:17  तब ख़ुदा ने नूह से कहा कि यह उस 'अहद का निशान है जो मैं अपने और ज़मीन के कुल जानदारों के बीच क़ाकरता हूँ।
235  GEN 9:29  और नूह की कुल उम्र साढ़े नौ सौ साल की हुतब उसने वफ़ात पा
245  GEN 10:10  और उस की बादशाही का पहला मुल्क सिन'आर में बाबुल और अरक और अक्काद और कलना से हु
246  GEN 10:11  उसी मुल्क से निकल कर वह असूर में आया, और नीनवा और रहोबोत और कलह को,
256  GEN 10:21  और सिम के यहाँ भी जो तमाम बनी इब्र का बाप और याफ़त का बड़ा भा था, औलाद हु
260  GEN 10:25  और इब्र के यहाँ दो बेटे पैदा हुए; एक का नाम फ़लज था क्यूँकि ज़मीन उसके दिनों में बटी, और उसके भा का नाम युक्तान था।
267  GEN 10:32  नूह के बेटों के ख़ान्दान उनके गिरोह और नसलों के ऐतबार से यही हैं, और तूफ़ान के बाद जो क़ौमें ज़मीन पर इधर उधर बट वह इन्हीं में से थीं।
270  GEN 11:3  और उन्होंने आपस में कहा, 'आओ, हम टें बनाएँ और उनको आग में खू़ब पकाएँ। तब उन्होंने पत्थर की जगह से और चूने की जगह गारे से काम लिया।
278  GEN 11:11  और अरफ़कसद की पैदाइश के बाद सिम पाँच सौ साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हु
280  GEN 11:13  और सिलह की पैदाइश के बाद अरफ़कसद चार सौ तीन साल और ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हु
282  GEN 11:15  और इब्र की पैदाइश के बाद सिलह चार सौ तीन साल और ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हु
284  GEN 11:17  और फ़लज की पैदाइश के बाद इब्र चार सौ तीस साल और ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हु
286  GEN 11:19  और र'ऊ की पैदाइश के बाद फ़लज दो सौ नौ साल और ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हु
288  GEN 11:21  और सरूज की पैदाइश के बाद र'ऊ दो सौ सात साल और ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हु
290  GEN 11:23  और नहूर की पैदाइश के बाद सरूज दो सौ साल और ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुं।
292  GEN 11:25  और तारह की पैदाइश के बाद नहूर एक सौ उन्नीस साल और ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हु
297  GEN 11:30  और सारय बाँझ थी; उसके को बाल — बच्चा न था।
299  GEN 11:32  और तारह की उम्र दो सौ पाँच साल की हु और उस ने हारान में वफ़ात पा
306  GEN 12:7  तब ख़ुदावन्द ने इब्रहाम को दिखा देकर कहा कि यही मुल्क मैं तेरी नसल को दूँगा। और उसने वहाँ ख़ुदावन्द के लिए जो उसे दिखा दिया था, एक क़ुर्बानगाह बना
307  GEN 12:8  और वहाँ से कूच करके उस पहाड़ की तरफ़ गया जो बैत — एल के मशरिक़ में है, और अपना डेरा ऐसे लगाया कि बैत — एल मग़रिब में और 'एे मशरिक़ में पड़ा; और वहाँ उसने ख़ुदावन्द के लिए एक क़ुर्बानगाह बना और ख़ुदावन्द से दुआ की।
314  GEN 12:15  और फ़िर'औन के हाकिमों ने उसे देख कर फ़िर'औन के सामने में उसकी ता'रीफ़ की, और वह 'औरत फ़िर'औन के घर में पहुँचा