Wildebeest analysis examples for:   urd-urd   ग    February 11, 2023 at 19:52    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

2  GEN 1:2  और ज़मीन वीरान और सुनसान थी और हराओ के ऊपर अँधेरा था: और ख़ुदा की रूह पानी की सतह पर जुम्बिश करती थी।
3  GEN 1:3  और ख़ुदा ने कहा कि रोशनी हो जा, और रोशनी हो ई।
9  GEN 1:9  और ख़ुदा ने कहा कि आसमान के नीचे का पानी एकजमा हो कि ख़ुश्की नज़र आए, और ऐसा ही हुआ।
10  GEN 1:10  और ख़ुदा ने ख़ुश्की को ज़मीन कहा और जो पानी जमा हो या था उसको समुन्दर; और ख़ुदा ने देखा कि अच्छा है।
11  GEN 1:11  और ख़ुदा ने कहा कि ज़मीन घास और बीजदार बूटियों को, और फलदार दरख़्तों को जो अपनी — अपनी क़िस्म के मुताबिक़ फलें और जो ज़मीन पर अपने आप ही में बीज रख्खेंाए और ऐसा ही हुआ।
12  GEN 1:12  तब ज़मीन ने घास, और बूटियों को, जो अपनी — अपनी क़िस्म के मुताबिक़ बीज रख्खें और फलदार दरख़्तों को जिनके बीज उन की क़िस्म के मुताबिक़ उनमें हैंाया; और ख़ुदा ने देखा कि अच्छा है।
14  GEN 1:14  और ख़ुदा ने कहा कि फ़लक पर सितारे हों कि दिन को रात से अल करें; और वह निशान और ज़मानो और दिनों और बरसों के फ़र्क़ के लिए हों।
24  GEN 1:24  और ख़ुदा ने कहा कि ज़मीन जानदारों को, उनकी क़िस्म के मुताबिक़, चौपाये और रेंनेवाले जानदार और जंली जानवर उनकी क़िस्म के मुताबिक़ पैदा करे, और ऐसा ही हुआ।
25  GEN 1:25  और ख़ुदा ने जंली जानवरों और चौपायों को उनकी क़िस्म के मुताबिक़ और ज़मीन के रेंने वाले जानदारों को उनकी क़िस्म के मुताबिक़ बनाया; और ख़ुदा ने देखा कि अच्छा है।
26  GEN 1:26  फिर ख़ुदा ने कहा कि हम इंसान को अपनी सूरत पर अपनी शबीह की तरह बनाएँ और वह समुन्दर की मछलियों और आसमान के परिन्दों और चौपायों, और तमाम ज़मीन और सब जानदारों पर जो ज़मीन पर रेंते हैं इख़्तियार रख्खें।
30  GEN 1:30  और ज़मीन के कुल जानवरों के लिए, और हवा के कुल परिन्दों के लिए और उन सब के लिए जो ज़मीन पर रेंने वाले हैं जिनमें ज़िन्दका दम है, कुल हरी बूटियाँ खाने को देता हूँ, और ऐसा ही हुआ।
33  GEN 2:2  और ख़ुदा ने अपने काम को, जिसे वह करता था सातवें दिन ख़त्म किया, और अपने सारे काम से जिसे वह कर रहा था, सातवें दिन फ़ारिहुआ।
34  GEN 2:3  और ख़ुदा ने सातवें दिन को बरकत दी, और उसे मुक़द्दस ठहराया; क्यूँकि उसमें ख़ुदा सारी कायनात से जिसे उसने पैदा किया और बनाया फ़ारिहुआ।
36  GEN 2:5  और ज़मीन पर अब तक खेत का कोई पौधा न था और न मैदान की कोई सब्ज़ी अब तकथी, क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा ने ज़मीन पर पानी नहीं बरसाया था, और न ज़मीन जोतने को कोई इंसान था।
38  GEN 2:7  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने ज़मीन की मिट्टी से इंसान को बनाया और उसके नथनों में ज़िन्दका दम फूंका इंसान जीती जान हुआ।
39  GEN 2:8  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने मशरिक़ की तरफ़ अदन में एक बााया और इंसान को जिसे उसने बनाया था वहाँ रख्खा।
40  GEN 2:9  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने हर दरख़्त को जो देखने में ख़ुशनुमा और खाने के लिए अच्छा था ज़मीन सेाया और बाके बीच में ज़िन्दका दरख़्त और भले और बुरे की पहचान का दरख़्त भीाया।
41  GEN 2:10  और अदन से एक दरिया बाके सेराब करने को निकला और वहाँ से चार नदियों में तक़सीम हुआ।
43  GEN 2:12  और इस ज़मीन का सोना चोखा है। और वहाँ मोती और सं-ए-सुलेमानी भी हैं।
46  GEN 2:15  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने आदम को लेकर बा— ए — 'अदन में रख्खा के उसकी बा़वानी और निहबानी करे।
47  GEN 2:16  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने आदम को हुक्म दिया और कहा कि तू बाके हर दरख़्त का फल बे रोक टोक खा सकता है।
48  GEN 2:17  लेकिन भले और बुरे की पहचान के दरख़्त का कभी न खाना क्यूँकि जिस रोज़ तूने उसमें से खायेतू मर जायेा।
49  GEN 2:18  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने कहा कि आदम का अकेला रहना अच्छा नहीं मैं उसके लिए एक मददार उसकी तरह बनाऊँा।
50  GEN 2:19  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने सब जंली जानवर और हवा के सब परिन्दे मिट्टी से बनाए और उनको आदम के पास लाया कि देखे कि वह उनके क्या नाम रखता है और आदम ने जिस जानवर को जो कहा वही उसका नाम ठहरा।
51  GEN 2:20  और आदम ने सब चौपायों और हवा के परिन्दों और सब जंली जानवरों के नाम रख्खे लेकिन आदम के लिए कोई मददार उसकी तरह न मिला।
52  GEN 2:21  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने आदम पर हरी नींद भेजी और वह सो या और उसने उसकी पसलियों में से एक को निकाल लिया और उसकीोश्त भर दिया।
54  GEN 2:23  और आदम ने कहा कि यह तो अब मेरी हड्डियों में से हड्डी, और मेरे ोश्त में से ोश्त है; इसलिए वह 'औरत कहलाएक्यूँकि वह मर्द से निकाली ई।
55  GEN 2:24  इसलिए आदमी अपने माँ बाप को छोड़ेऔर अपनी बीवी से मिला रहेऔर वह एक तन होंे।
56  GEN 2:25  और आदम और उसकी बीवी दोनों नंथे और शरमाते न थे।
57  GEN 3:1  और साँप सब जंली जानवरों से, जिनको ख़ुदावन्द ख़ुदा ने बनाया था चालाक था, और उसने 'औरत से कहा क्या वाक़'ई ख़ुदा ने कहा है, कि बाके किसी दरख़्त का फल तुम न खाना?
58  GEN 3:2  'औरत ने साँप से कहा कि बाके दरख़्तों का फल तो हम खाते हैं।
59  GEN 3:3  लेकिन जो दरख़्त बाके बीच में है उसके फल के बारे में ख़ुदा ने कहा है कि तुम न तो उसे खाना और न छूना वरना मर जाओे।
60  GEN 3:4  तब साँप ने 'औरत से कहा कि तुम हरिज़ मरोे!
61  GEN 3:5  बल्कि ख़ुदा जानता है कि जिस दिन तुम उसे खाओे, तुम्हारी आँखें खुल जाएँी, और तुम ख़ुदा की तरह भले और बुरे के जानने वाले बन जाओे।
63  GEN 3:7  तब दोनों की आँखें खुल और उनको मा'लूम हुआ कि वह नंहैं और उन्होंने अंजीर के पत्तों को सी कर अपने लिए लूंियाँ बनाई।
64  GEN 3:8  और उन्होंने ख़ुदावन्द ख़ुदा की आवाज़ जो ठंडे वक़्त बामें फिरता था सुनी और आदम और उसकी बीवी ने अपने आप को ख़ुदावन्द ख़ुदा के सामने से बाके दरख़तों में छिपाया।
66  GEN 3:10  उसने कहा, मैंने बामें तेरी आवाज़ सुनी और मैं डरा क्यूँकि मैं नंथा और मैंने अपने आप को छिपाया।
67  GEN 3:11  उसने कहा, तुझे किसने बताया कि तू नंहै? क्या तूने उस दरख़्त का फल खाया जिसके बारे में मैंने तुझ को हुक्म दिया था कि उसे न खाना?
70  GEN 3:14  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने साँप से कहा, इसलिए कि तूने यह किया तू सब चौपायों और जंली जानवरों में ला'नती ठहरा; तू अपने पेट के बल चलेा, और अपनी उम्र भर खाक चाटेा।
71  GEN 3:15  और मैं तेरे और 'औरत के बीच और तेरी नसल और औरत की नसल के बीच 'अदावत डालूँवह तेरे सिर को कुचलेऔर तू उसकी एड़ी पर काटेा।
72  GEN 3:16  फिर उसने 'औरत से कहा कि मैं तेरे दर्द — ए — हम्ल को बहुत बढ़ाऊँतू दर्द के साथ बच्चे जनेऔर तेरी़बत अपने शौहर की तरफ़ होऔर वह तुझ पर हुकूमत करेा।
73  GEN 3:17  और आदम से उसने कहा चूँकि तूने अपनी बीवी की बात मानी और उस दरख़्त का फल खाया जिस के बारे मैंने तुझे हुक्म दिया था कि उसे न खाना इसलिए ज़मीन तेरी वजह से ला'नती हुई। मशक़्क़त के साथ तू अपनी उम्र भर उसकी पैदावार खाए
74  GEN 3:18  और वह तेरे लिए काँटे और ऊँटकटारेाएऔर तू खेत की सब्ज़ी खाएा।
75  GEN 3:19  तू अपने मुँह के पसीने की रोटी खाएजब तक कि ज़मीन में तू फिर लौट न जाए इसलिए कि तू उससे निकाला या है क्यूँकि तू ख़ाक है और ख़ाक में फिर लौट जाएा।
78  GEN 3:22  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने कहा, देखो इंसान भले और बुरे की पहचान में हम में से एक की तरह हो या: अब कहीं ऐसा न हो कि वह अपना हाथ बढ़ाए और ज़िन्दके दरख़्त से भी कुछ लेकर खाए और हमेशा ज़िन्दा रहे।
79  GEN 3:23  इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा ने उसको बा — ए — 'अदन से बाहर कर दिया, ताकि वह उस ज़मीन की जिसमें से वह लिया या था, खेती करे।
80  GEN 3:24  चुनाँचे उसने आदम को निकाल दिया और बा — ए — 'अदन के मशरिक़ की तरफ़ करूबियों को और चारों तरफ़ घूमने वाली शो'लाज़न तलवार को रख्खा, कि वह ज़िन्दके दरख़्त की राह की हिफ़ाज़त करें।
81  GEN 4:1  और आदम अपनी बीवी हव्वा के पास या, और वह हामिला हुई और उसके क़ाइन पैदा हुआ। तब उसने कहा, मुझे ख़ुदावन्द से एक फ़र्ज़न्द मिला।
85  GEN 4:5  लेकिन क़ाइन को और उसके हदिये को क़ुबूल न किया। इसलिए क़ाइन बहुत ़ुस्सा हुआ और उसका मुँह बिड़ा।
86  GEN 4:6  और ख़ुदावन्द ने क़ाइन से कहा, तू क्यूँ ़ुस्सा हुआ? और तेरा मुँह क्यूँ बिड़ा हुआ है?
87  GEN 4:7  तू भला करे तो क्या तू मक़्बूल न होा? औरतू भला न करे तो ुनाह दरवाज़े पर दुबका बैठा है और तेरा मुश्ताक़ है, लेकिन तू उस पर ़ालिब आ।
92  GEN 4:12  जब तू ज़मीन को जोतेा, तो वह अब तुझे अपनी पैदावार न देऔर ज़मीन पर तू ख़ानाख़राब और आवारा होा।