67 | GEN 3:11 | उसने कहा, तुझे किसने बताया कि तू नंगा है? क्या तूने उस दरख़्त का फल खाया जिसके बारे में मैंने तुझ को हुक्म दिया था कि उसे न खाना? |
68 | GEN 3:12 | आदम ने कहा कि जिस 'औरत को तूने मेरे साथ किया है उसने मुझे उस दरख़्त का फल दिया और मैंने खाया। |
69 | GEN 3:13 | तब ख़ुदावन्द ख़ुदा ने, 'औरत से कहा कि तूने यह क्या किया? 'औरत ने कहा कि साँप ने मुझ को बहकाया तो मैंने खाया। |
72 | GEN 3:16 | फिर उसने 'औरत से कहा कि मैं तेरे दर्द — ए — हम्ल को बहुत बढ़ाऊँगा तू दर्द के साथ बच्चे जनेगी और तेरी रग़बत अपने शौहर की तरफ़ होगी और वह तुझ पर हुकूमत करेगा। |
73 | GEN 3:17 | और आदम से उसने कहा चूँकि तूने अपनी बीवी की बात मानी और उस दरख़्त का फल खाया जिस के बारे मैंने तुझे हुक्म दिया था कि उसे न खाना इसलिए ज़मीन तेरी वजह से ला'नती हुई। मशक़्क़त के साथ तू अपनी उम्र भर उसकी पैदावार खाएगा |
81 | GEN 4:1 | और आदम अपनी बीवी हव्वा के पास गया, और वह हामिला हुई और उसके क़ाइन पैदा हुआ। तब उसने कहा, मुझे ख़ुदावन्द से एक फ़र्ज़न्द मिला। |
89 | GEN 4:9 | तब ख़ुदावन्द ने क़ाइन से कहा कि तेरा भाई हाबिल कहाँ है? उसने कहा, मुझे मा'लूम नहीं; क्या मैं अपने भाई का मुहाफ़िज़ हूँ? |
90 | GEN 4:10 | फिर उसने कहा कि तूने यह क्या किया? तेरे भाई का ख़ून ज़मीन से मुझ को पुकारता है। |
92 | GEN 4:12 | जब तू ज़मीन को जोतेगा, तो वह अब तुझे अपनी पैदावार न देगी और ज़मीन पर तू ख़ानाख़राब और आवारा होगा। |
94 | GEN 4:14 | देख, आज तूने मुझे रू — ए — ज़मीन से निकाल दिया है, और मैं तेरे सामने से ग़ायब हो जाऊँगा; और ज़मीन पर खानाख़राब और आवारा रहूँगा, और ऐसा होगा कि जो कोई मुझे पाएगा क़त्ल कर डालेगा। |
103 | GEN 4:23 | और लमक ने अपनी बीवियों से कहा कि ऐ अदा और ज़िल्ला मेरी बात सुनो; ऐ लमक की बीवियो, मेरी बात पर कान लगाओ: मैंने एक आदमी को जिसने मुझे ज़ख़्मी किया, मार डाला। और एक जवान को जिसने मेरे चोट लगाई, क़त्ल कर डाला। |
105 | GEN 4:25 | और आदम फिर अपनी बीवी के पास गया और उसके एक और बेटा हुआ और उसका नाम सेत रख्खा: और वह कहने लगी कि ख़ुदा ने हाबिल के बदले जिसको क़ाइन ने क़त्ल किया, मुझे दूसरा फ़र्ज़न्द दिया। |
161 | GEN 7:1 | और ख़ुदावन्द ने नूह से कहा कि तू अपने पूरे ख़ान्दान के साथ कश्ती में आ; क्यूँकि मैंने तुझी को अपने सामने इस ज़माना में रास्तबाज़ देखा है। |
274 | GEN 11:7 | इसलिए आओ, हम वहाँ जाकर उनकी ज़बान में इख्तिलाफ़ डालें, ताकि वह एक दूसरे की बात समझ न सकें।” |
297 | GEN 11:30 | और सारय बाँझ थी; उसके कोई बाल — बच्चा न था। |
300 | GEN 12:1 | ख़ुदावन्द ने इब्रहाम से कहा, कि तू अपने वतन और अपने नातेदारों के बीच से और अपने बाप के घर से निकल कर उस मुल्क में जा जो मैं तुझे दिखाऊँगा। |
301 | GEN 12:2 | और मैं तुझे एक बड़ी क़ौम बनाऊँगा और बरकत दूँगा और तेरा नाम सरफ़राज़ करूँगा; इसलिए तू बरकत का ज़रिया' हो। |
302 | GEN 12:3 | जो तुझे मुबारक कहें उनको मैं बरकत दूँगा, और जो तुझ पर ला'नत करे उस पर मैं ला'नत करूँगा, और ज़मीन के सब क़बीले तेरे वसीले से बरकत पाएँगे। |
311 | GEN 12:12 | और यूँ होगा कि मिस्री तुझे देख कर कहेंगे कि यह उसकी बीवी है, इसलिए वह मुझे तो मार डालेंगे मगर तुझे ज़िन्दा रख लेंगे। |
317 | GEN 12:18 | तब फ़िर'औन ने इब्रहाम को बुला कर उससे कहा, कि तूने मुझ से यह क्या किया? तूने मुझे क्यूँ न बताया कि यह तेरी बीवी है। |
326 | GEN 13:7 | और इब्रहाम के चरवाहों और लूत के चरवाहों में झगड़ा हुआ; और कना'नी और फ़रिज़्ज़ी उस वक़्त मुल्क में रहते थे। |
327 | GEN 13:8 | तब इब्रहाम ने लूत से कहा कि मेरे और तेरे बीच और मेरे चरवाहों और तेरे चरवाहों के बीच झगड़ा न हुआ करे, क्यूँकि हम भाई हैं। |
328 | GEN 13:9 | क्या यह सारा मुल्क तेरे सामने नहीं? इसलिए तू मुझ से अलग हो जा: अगर तू बाएँ जाए तो मैं दहने जाऊँगा, और अगर तू दहने जाए तो मैं बाएँ जाऊँगा। |
334 | GEN 13:15 | क्यूँकि यह तमाम मुल्क जो तू देख रहा है, मैं तुझ को और तेरी नसल को हमेशा के लिए दूँगा। |
336 | GEN 13:17 | उठ, और इस मुल्क की लम्बाई और चौड़ाई में घूम, क्यूँकि मैं इसे तुझ को दूँगा। |
358 | GEN 14:21 | और सदूम के बादशाह ने इब्रहाम से कहा कि आदमियों को मुझे दे दे और माल अपने लिए रख ले। |
363 | GEN 15:2 | इब्रहाम ने कहा, “ऐ ख़ुदावन्द ख़ुदा, तू मुझे क्या देगा? क्यूँकि मैं तो बेऔलाद जाता हूँ, और मेरे घर का मुख़्तार दमिश्क़ी इली'एलियाज़र है।” |
364 | GEN 15:3 | फिर इब्रहाम ने कहा, “देख, तूने मुझे कोई औलाद नहीं दी और देख मेरा खानाज़ाद मेरा वारिस होगा।” |
368 | GEN 15:7 | और उसने उससे कहा कि मैं ख़ुदावन्द हूँ जो तुझे कसदियों के ऊर से निकाल लाया, कि तुझ को यह मुल्क मीरास में दूँ। |
372 | GEN 15:11 | तब शिकारी परिन्दे उन टुकड़ों पर झपटने लगे पर इब्रहाम उनकी हँकता रहा। |
384 | GEN 16:2 | और सारय ने इब्रहाम से कहा कि देख, ख़ुदावन्द ने मुझे तो औलाद से महरूम रख्खा है, इसलिए तू मेरी लौंडी के पास जा शायद उससे मेरा घर आबाद हो। और इब्रहाम ने सारय की बात मानी। |
387 | GEN 16:5 | तब सारय ने इब्रहाम से कहा, जो जु़ल्म मुझ पर हुआ वह तेरी गर्दन पर है। मैंने अपनी लौंडी तेरे आग़ोश में दी और अब जो उसने आपको हामिला देखा तो मैं उसकी नज़रों में हक़ीर हो गई; इसलिए ख़ुदावन्द मेरे और तेरे बीच इन्साफ़ करे। |
388 | GEN 16:6 | इब्रहाम ने सारय से कहा कि तेरी लौंडी तेरे हाथ में है; जो तुझे भला दिखाई दे वैसा ही उसके साथ कर। तब सारय उस पर सख़्ती करने लगी और वह उसके पास से भाग गई। |
400 | GEN 17:2 | और मैं अपने और तेरे बीच 'अहद बाँधूंगा और तुझे बहुत ज़्यादा बढ़ाऊँगा। |
403 | GEN 17:5 | और तेरा नाम फिर इब्रहाम नहीं कहलाएगा बल्कि तेरा नाम अब्रहाम होगा, क्यूँकि मैंने तुझे बहुत क़ौमों का बाप ठहरा दिया है। |
404 | GEN 17:6 | और मैं तुझे बहुत कामयाब करूँगा और क़ौमें तेरी नसल से होंगी और बादशाह तेरी औलाद में से निकलेंगे। |
406 | GEN 17:8 | और मैं तुझ को और तेरे बाद तेरी नसल को, कनान का तमाम मुल्क जिसमें तू परदेसी है ऐसा दूँगा, कि वह हमेशा की मिल्कियत हो जाए; और मैं उनका ख़ुदा हूँगा। |
414 | GEN 17:16 | और मैं उसे बरकत दूँगा और उससे भी तुझे एक बेटा बख्शूँगा; यक़ीनन मैं उसे बरकत दूँगा कि क़ौमें उसकी नसल से होंगी और 'आलम के बादशाह उससे पैदा होंगे। |
417 | GEN 17:19 | तब ख़ुदा ने फ़रमाया, कि बेशक तेरी बीवी सारा के तुझ से बेटा होगा, तू उसका नाम इस्हाक़ रखना; और मैं उससे और फिर उसकी औलाद से अपना 'अहद जो अबदी 'अहद है बाँधूगा। |
427 | GEN 18:2 | और उसने अपनी आँखें उठा कर नज़र की और क्या देखता है कि तीन मर्द उसके सामने खड़े हैं। वह उनको देख कर खे़मे के दरवाज़े से उनसे मिलने को दौड़ा और ज़मीन तक झुका। |
428 | GEN 18:3 | और कहने लगा कि ऐ मेरे ख़ुदावन्द, अगर मुझ पर आपने करम की नज़र की है तो अपने ख़ादिम के पास से चले न जाएँ। |
450 | GEN 18:25 | ऐसा करना तुझ से दूर है कि नेक को बद के साथ मार डाले और नेक बद के बराबर हो जाएँ। ये तुझ से दूर है। क्या तमाम दुनिया का इन्साफ़ करने वाला इन्साफ़ न करेगा?” |
451 | GEN 18:26 | और ख़ुदावन्द ने फ़रमाया, कि अगर मुझे सदूम में शहर के अन्दर पचास रास्तबाज़ मिलें, तो मैं उनकी ख़ातिर उस मक़ाम को छोड़ दूँगा। |
453 | GEN 18:28 | शायद पचास रास्तबाज़ों में पाँच कम हों; क्या उन पाँच की कमी की वजह से तू तमाम शहर को बर्बाद करेगा? उस ने कहा अगर मुझे वहाँ पैंतालीस मिलें तो मैं उसे बर्बाद नहीं करूँगा। |
455 | GEN 18:30 | फिर उसने कहा, “ख़ुदावन्द नाराज़ न हो तो मैं कुछ और 'अर्ज़ करूँ। शायद वहाँ तीस मिलें।” उसने कहा, “अगर मुझे वहाँ तीस भी मिलें तो भी ऐसा नहीं करूँगा।” |
459 | GEN 19:1 | और वह दोनों फ़रिश्ता शाम को सदूम में आए और लूत सदूम के फाटक पर बैठा था। और लूत उनको देख कर उनके इस्तक़बाल के लिए उठा और ज़मीन तक झुका, |
477 | GEN 19:19 | देख, तूने अपने ख़ादिम पर करम की नज़र की है और ऐसा बड़ा फ़ज़ल किया कि मेरी जान बचाई; मैं पहाड़ तक जा नहीं सकता, कहीं ऐसा न हो कि मुझ पर मुसीबत आ पड़े और मैं मर जाऊँ। |
501 | GEN 20:5 | क्या उसने ख़ुद मुझ से नहीं कहा, कि यह मेरी बहन है? और वह ख़ुद भी यही कहती थी, कि वह मेरा भाई है; मैंने तो अपने सच्चे दिल और पाकीज़ा हाथों से यह किया। |
502 | GEN 20:6 | और ख़ुदा ने उसे ख़्वाब में कहा, “हाँ, मैं जानता हूँ कि तूने अपने सच्चे दिल से यह किया, और मैंने भी तुझे रोका कि तू मेरा गुनाह न करे; इसी लिए मैंने तुझे उसको छूने न दिया। |
505 | GEN 20:9 | और अबीमलिक ने अब्रहाम को बुला कर उससे कहा, कि तूने हम से यह क्या किया? और मुझ से तेरा क्या कु़सूर हुआ कि तू मुझ पर और मेरी बादशाही पर एक गुनाह — ए — अज़ीम लाया? तूने मुझ से वह काम किए जिनका करना मुनासिब न था। |
506 | GEN 20:10 | अबीमलिक ने अब्रहाम से यह भी कहा कि तूने क्या समझ कर ये बात की? |
507 | GEN 20:11 | अब्रहाम ने कहा, कि मेरा ख़्याल था कि ख़ुदा का ख़ौफ़ तो इस जगह हरगिज़ न होगा, और वह मुझे मेरी बीवी की वजह से मार डालेंगे। |
509 | GEN 20:13 | और जब ख़ुदा ने मेरे बाप के घर से मुझे आवारा किया तो मैंने इससे कहा कि मुझ पर यह तेरी मेहरबानी होगी कि जहाँ कहीं हम जाएँ तू मेरे हक़ में यही कहना कि यह मेरा भाई है। |
520 | GEN 21:6 | और सारा ने कहा, कि ख़ुदा ने मुझे हँसाया और सब सुनने वाले मेरे साथ हँसेंगे। |
526 | GEN 21:12 | और ख़ुदा ने अब्रहाम से कहा कि तुझे इस लड़के और अपनी लौंडी की वजह से बुरा न लगे; जो कुछ सारा तुझ से कहती है तू उसकी बात मान क्यूँकि इस्हाक़ से तेरी नसल का नाम चलेगा। |
529 | GEN 21:15 | और जब मश्क का पानी ख़त्म हो गया तो उसने लड़के को एक झाड़ी के नीचे डाल दिया। |
531 | GEN 21:17 | और ख़ुदा ने उस लड़के की आवाज़ सुनी और ख़ुदा के फ़रिश्ता ने आसमान से हाजिरा को पुकारा और उससे कहा, “ऐ हाजिरा, तुझ को क्या हुआ? मत डर, क्यूँकि ख़ुदा ने उस जगह से जहाँ लड़का पड़ा है उसकी आवाज़ सुन ली है। |
537 | GEN 21:23 | इसलिए तू अब मुझ से ख़ुदा की क़सम खा, कि तू न मुझ से न मेरे बेटे से और न मेरे पोते से दग़ा करेगा; बल्कि जो मेहरबानी मैंने तुझ पर की है वैसे ही तू भी मुझ पर और इस मुल्क पर, जिसमें तूने क़याम किया है, करेगा। |
539 | GEN 21:25 | और अब्रहाम ने पानी के एक कुएँ की वजह से, जिसे अबीमलिक के नौकरों ने ज़बरदस्ती छीन लिया था, अबीमलिक को झिड़का। |
540 | GEN 21:26 | अबीमलिक ने कहा, “मुझे ख़बर नहीं कि किसने यह काम किया, और तूने भी मुझे नहीं बताया, न मैंने आज से पहले इसके बारे में कुछ सुना।” |
547 | GEN 21:33 | तब अब्रहाम ने बैरसबा' में झाऊ का एक दरख़्त लगाया और वहाँ उसने ख़ुदावन्द से जो अबदी ख़ुदा है दुआ की। |
550 | GEN 22:2 | तब उसने कहा कि तू अपने बेटे इस्हाक़ को जो तेरा इकलौता है और जिसे तू प्यार करता है, साथ लेकर मोरियाह के मुल्क में जा और वहाँ उसे पहाड़ों में से एक पहाड़ पर जो मैं तुझे बताऊँगा, सोख़्तनी क़ुर्बानी के तौर पर चढ़ा। |
560 | GEN 22:12 | फिर उसने कहा कि तू अपना हाथ लड़के पर न चला और न उससे कुछ कर; क्यूँकि मैं अब जान गया कि तू ख़ुदा से डरता है, इसलिए कि तूने अपने बेटे को भी जो तेरा इकलौता है मुझ से दरेग न किया। |
561 | GEN 22:13 | और अब्रहाम ने निगाह की और अपने पीछे एक मेंढा देखा जिसके सींग झाड़ी में अटके थे; तब अब्रहाम ने जाकर उस मेंढे को पकड़ा और अपने बेटे के बदले सोख़्तनी क़ुर्बानी के तौर पर चढ़ाया। |
565 | GEN 22:17 | मैं तुझे बरकत पर बरकत दूँगा, और तेरी नसल को बढ़ाते — बढ़ाते आसमान के तारों और समुन्दर के किनारे की रेत की तरह कर दूँगा, और तेरी औलाद अपने दुश्मनों के फाटक की मालिक होगी। |
576 | GEN 23:4 | मैं तुम्हारे बीच परदेसी और ग़रीब — उल — वतन हूँ। तुम अपने यहाँ क़ब्रिस्तान के लिए कोई मिलिकयत मुझे दो, ताकि मैं अपने मुर्दे को आँख के सामने से हटाकर दफ़्न कर दूँ। |
578 | GEN 23:6 | ऐ ख़ुदावन्द हमारी सुनः तू हमारे बीच ज़बरदस्त सरदार है। हमारी कब्रों में जो सबसे अच्छी हो उसमें तू अपने मुर्दे को दफ़्न कर; हम में ऐसा कोई नहीं जो तुझ से अपनी क़ब्र का इन्कार करे, ताकि तू अपना मुर्दा दफ़न न कर सके। |
581 | GEN 23:9 | कि वह मकफ़ीला के ग़ार को जो उसका है और उसके खेत के किनारे पर है, उसकी पूरी क़ीमत लेकर मुझे दे दे, ताकि वह क़ब्रिस्तान के लिए तुम्हारे बीच मेरी मिल्कियत हो जाए। |
583 | GEN 23:11 | “ऐ मेरे ख़ुदावन्द! यूँ न होगा, बल्कि मेरी सुन! मैं यह खेत तुझे देता हूँ, और वह ग़ार भी जो उसमें है तुझे दिए देता हूँ। यह मैं अपनी क़ौम के लोगों के सामने तुझे देता हूँ, तू अपने मुर्दे को दफ़्न कर।” |
584 | GEN 23:12 | तब अब्रहाम उस मुल्क के लोगों के सामने झुका। |
585 | GEN 23:13 | फिर उसने उस मुल्क के लोगों के सुनते हुए 'इफ़रोन से कहा कि अगर तू देना ही चाहता है तो मेरी सुन, मैं तुझे उस खेत का दाम दूँगा; यह तू मुझ से ले ले, तो मैं अपने मुर्दे को वहाँ दफ़्न करूँगा। |
595 | GEN 24:3 | मैं तुझ से ख़ुदावन्द की जो ज़मीन — ओ — आसमान का ख़ुदा है क़सम लें, कि तू कना'नियों की बेटियों में से जिनमें मैं रहता हूँ, किसी को मेरे बेटे से नहीं ब्याहेगा। |
599 | GEN 24:7 | ख़ुदावन्द, आसमान का ख़ुदा, जो मुझे मेरे बाप के घर और मेरी पैदाइशी जगह से निकाल लाया, और जिसने मुझ से बातें कीं और क़सम खाकर मुझ से कहा, कि मैं तेरी नसल को यह मुल्क दूँगा; वही तेरे आगे — आगे अपना फ़िरिश्ता भेजेगा कि तू वहाँ से मेरे बेटे के लिए बीवी लाए। |
606 | GEN 24:14 | इसलिए ऐ ख़ुदावन्द ऐसा हो कि जिस लड़की से मैं कहूँ, कि तू ज़रा अपना घड़ा झुका दे तो मैं पानी पी लूँ और वह कहे, कि ले पी, और मैं तेरे ऊँटों को भी पिला दूँगी'; तो वह वही हो जिसे तूने अपने बन्दे इस्हाक़ के लिए ठहराया है; और इसी से मैं समझ लूँगा कि तूने मेरे आक़ा पर करम किया है।” |
609 | GEN 24:17 | तब वह नौकर उससे मिलने को दौड़ा और कहा कि ज़रा अपने घड़े से थोड़ा सा पानी मुझे पिला दे। |
615 | GEN 24:23 | और कहा कि ज़रा मुझे बता कि तू किसकी बेटी है? और क्या तेरे बाप के घर में हमारे टिकने की जगह है? |
618 | GEN 24:26 | तब उस आदमी ने झुक कर ख़ुदावन्द को सिज्दा किया, |
619 | GEN 24:27 | और कहा, “ख़ुदावन्द मेरे आक़ा अब्रहाम का ख़ुदा मुबारक हो, जिसने मेरे आक़ा को अपने करम और सच्चाई से महरूम नहीं रख्खा और मुझे तो ख़ुदावन्द ठीक राह पर चलाकर मेरे आक़ा के भाइयों के घर लाया।” |
622 | GEN 24:30 | और ऐसा हुआ कि जब उसने वह नथ देखी, और वह कड़े भी जो उसकी बहन के हाथों में थे, और अपनी बहन रिब्क़ा का बयान भी सुन लिया कि उस शख़्स ने मुझ से ऐसी — ऐसी बातें कहीं, तो वह उस आदमी के पास आया और देखा कि वह चश्मा के नज़दीक ऊँटों के पास खड़ा है। |
629 | GEN 24:37 | और मेरे आक़ा ने मुझे क़सम दे कर कहा है, कि तू कना'नियों की बेटियों में से, जिनके मुल्क में मैं रहता हूँ किसी को मेरे बेटे से न ब्याहना। |
632 | GEN 24:40 | तब उसने मुझ से कहा, 'ख़ुदावन्द, जिसके सामने मैं चलता रहा हूँ, अपना फ़रिश्ता तेरे साथ भेजेगा और तेरा सफ़र मुबारक करेगा; तू मेरे रिश्तेदारों और मेरे बाप के ख़ान्दान में से मेरे बेटे के लिए बीवी लाना। |
635 | GEN 24:43 | तो देख, मैं पानी के चश्मा के पास खड़ा होता हूँ, और ऐसा हो कि जो लड़की पानी भरने निकले और मैं उससे कहूँ, 'ज़रा अपने घड़े से थोड़ा पानी मुझे पिला दे, |
636 | GEN 24:44 | और वह मुझे कहे कि तू भी पी और मैं तेरे ऊँटों के लिए भी भर दूँगी, तो वो वही 'औरत हो जिसे ख़ुदावन्द ने मेरे आक़ा के बेटे के लिए ठहराया है। |
637 | GEN 24:45 | मैं दिल में यह कह ही रहा था कि रिब्क़ा अपना घड़ा कन्धे पर लिए हुए बाहर निकली, और नीचे चश्मा के पास गई, और पानी भरा। तब मैंने उससे कहा, 'ज़रा मुझे पानी पिला दे। |
640 | GEN 24:48 | और मैंने झुक कर ख़ुदावन्द को सिज्दा किया और ख़ुदावन्द, अपने आक़ा अब्रहाम के ख़ुदा को मुबारक कहा, जिसने मुझे ठीक राह पर चलाया कि अपने आक़ा के भाई की बेटी उसके बेटे के लिए ले जाऊँ। |
641 | GEN 24:49 | इसलिए अब अगर तुम करम और सच्चाई से मेरे आक़ा के साथ पेश आना चाहते हो तो मुझे बताओ, और अगर नहीं तो कह दो, ताकि मैं दहनी या बाएँ तरफ़ फिर जाऊँ। |
642 | GEN 24:50 | तब लाबन और बैतूएल ने जवाब दिया, कि यह बात ख़ुदावन्द की तरफ़ से हुई है, हम तुझे कुछ बुरा या भला नहीं कह सकते। |
644 | GEN 24:52 | जब अब्रहाम के नौकर ने उनकी बातें सुनीं, तो ज़मीन तक झुक कर ख़ुदावन्द को सिज्दा किया। |