Wildebeest analysis examples for:   urd-urd   य    February 11, 2023 at 19:52    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

1  GEN 1:1  ख़ुदा ने सबसे पहले ज़मीन — ओ — आसमान को पैदा किा।
4  GEN 1:4  और ख़ुदा ने देखा कि रोशनी अच्छी है, और ख़ुदा ने रोशनी को अँधेरे से जुदा किा।
6  GEN 1:6  और ख़ुदा ने कहा कि पानिों के बीच फ़ज़ा हो ताकि पानी, पानी से जुदा हो जाए।
7  GEN 1:7  फिर ख़ुदा ने फ़ज़ा को बनाऔर फ़ज़ा के नीचे के पानी को फ़ज़ा के ऊपर के पानी से जुदा किा; और ऐसा ही हुआ।
10  GEN 1:10  और ख़ुदा ने ख़ुश्की को ज़मीन कहा और जो पानी जमा होथा उसको समुन्दर; और ख़ुदा ने देखा कि अच्छा है।
11  GEN 1:11  और ख़ुदा ने कहा कि ज़मीन घास और बीजदार बूटिों को, और फलदार दरख़्तों को जो अपनी — अपनी क़िस्म के मुताबिक़ फलें और जो ज़मीन पर अपने आप ही में बीज रख्खें उगाए और ऐसा ही हुआ।
12  GEN 1:12  तब ज़मीन ने घास, और बूटिों को, जो अपनी — अपनी क़िस्म के मुताबिक़ बीज रख्खें और फलदार दरख़्तों को जिनके बीज उन की क़िस्म के मुताबिक़ उनमें हैं उगाा; और ख़ुदा ने देखा कि अच्छा है।
16  GEN 1:16  फिर ख़ुदा ने दो बड़े चमकदार सितारे बनाए; एक बड़ा चमकदार सितारा, कि दिन पर हुक्म करे और एक छोटा चमकदार सितारा कि रात पर हुक्म करे और उसने सितारों को भी बनाा।
21  GEN 1:21  और ख़ुदा ने बड़े बड़े दरिाई जानवरों को, और हर क़िस्म के जानदार को जो पानी से बकसरत पैदा हुए थे, उनकी क़िस्म के मुताबिक़ और हर क़िस्म के परिन्दों को उनकी क़िस्म के मुताबिक़, पैदा किा; और ख़ुदा ने देखा कि अच्छा है।
22  GEN 1:22  और ख़ुदा ने उनको कह कर बरकत दी कि फलो और बढ़ो और इन समुन्दरों के पानी को भर दो, और परिन्दे ज़मीन पर बहुत बढ़ जाएँ।
24  GEN 1:24  और ख़ुदा ने कहा कि ज़मीन जानदारों को, उनकी क़िस्म के मुताबिक़, चौपाऔर रेंगनेवाले जानदार और जंगली जानवर उनकी क़िस्म के मुताबिक़ पैदा करे, और ऐसा ही हुआ।
25  GEN 1:25  और ख़ुदा ने जंगली जानवरों और चौपाों को उनकी क़िस्म के मुताबिक़ और ज़मीन के रेंगने वाले जानदारों को उनकी क़िस्म के मुताबिक़ बनाा; और ख़ुदा ने देखा कि अच्छा है।
26  GEN 1:26  फिर ख़ुदा ने कहा कि हम इंसान को अपनी सूरत पर अपनी शबीह की तरह बनाएँ और वह समुन्दर की मछलिों और आसमान के परिन्दों और चौपाों, और तमाम ज़मीन और सब जानदारों पर जो ज़मीन पर रेंगते हैं इख़्तिार रख्खें।
27  GEN 1:27  और ख़ुदा ने इंसान को अपनी सूरत पर पैदा किख़ुदा की सूरत पर उसको पैदा कि— नर — ओ — नारी उनको पैदा किा।
28  GEN 1:28  और ख़ुदा ने उनको बरकत दी और कहा कि फलो और बढ़ो और ज़मीन को भर दो और हुकूमत करो और समुन्दर की मछलिों और हवा के परिन्दों और कुल जानवरों पर जो ज़मीन पर चलते हैं इख़ितार रख्खो।
29  GEN 1:29  और ख़ुदा ने कहा कि देखो, मैं तमाम रू — ए — ज़मीन की कुल बीजदार सब्ज़ी और हर दरख़्त जिसमें उसका बीजदार फल हो, तुम को देता हूँ; तुम्हारे खाने को हों।
30  GEN 1:30  और ज़मीन के कुल जानवरों के लिए, और हवा के कुल परिन्दों के लिए और उन सब के लिए जो ज़मीन पर रेंगने वाले हैं जिनमें ज़िन्दगी का दम है, कुल हरी बूटिाँ खाने को देता हूँ, और ऐसा ही हुआ।
31  GEN 1:31  और ख़ुदा ने सब पर जो उसने बनाथा नज़र की, और देखा कि बहुत अच्छा है, और शाम हुई और सुबह हुई तब छठा दिन हुआ।
33  GEN 2:2  और ख़ुदा ने अपने काम को, जिसे वह करता था सातवें दिन ख़त्म किा, और अपने सारे काम से जिसे वह कर रहा था, सातवें दिन फ़ारिग़ हुआ।
34  GEN 2:3  और ख़ुदा ने सातवें दिन को बरकत दी, और उसे मुक़द्दस ठहराा; क्ूँकि उसमें ख़ुदा सारी कानात से जिसे उसने पैदा किऔर बनाफ़ारिग़ हुआ।
35  GEN 2:4  है आसमान और ज़मीन की पैदाइश, जब वह पैदा हुए जिस दिन ख़ुदावन्द ख़ुदा ने ज़मीन और आसमान को बनाा;
36  GEN 2:5  और ज़मीन पर अब तक खेत का कोई पौधा न था और न मैदान की कोई सब्ज़ी अब तक उगी थी, क्ूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा ने ज़मीन पर पानी नहीं बरसाथा, और न ज़मीन जोतने को कोई इंसान था।
38  GEN 2:7  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने ज़मीन की मिट्टी से इंसान को बनाऔर उसके नथनों में ज़िन्दगी का दम फूंका इंसान जीती जान हुआ।
39  GEN 2:8  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने मशरिक़ की तरफ़ अदन में एक बाग़ लगाऔर इंसान को जिसे उसने बनाथा वहाँ रख्खा।
40  GEN 2:9  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने हर दरख़्त को जो देखने में ख़ुशनुमा और खाने के लिए अच्छा था ज़मीन से उगाऔर बाग़ के बीच में ज़िन्दगी का दरख़्त और भले और बुरे की पहचान का दरख़्त भी लगाा।
41  GEN 2:10  और अदन से एक दरिबाग़ के सेराब करने को निकला और वहाँ से चार नदिों में तक़सीम हुआ।
47  GEN 2:16  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने आदम को हुक्म दिऔर कहा कि तू बाग़ के हर दरख़्त का फल बे रोक टोक खा सकता है।
48  GEN 2:17  लेकिन भले और बुरे की पहचान के दरख़्त का कभी न खाना क्ूँकि जिस रोज़ तूने उसमें से खाेगा तू मर जाेगा।
50  GEN 2:19  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने सब जंगली जानवर और हवा के सब परिन्दे मिट्टी से बनाए और उनको आदम के पास लाकि देखे कि वह उनके क्नाम रखता है और आदम ने जिस जानवर को जो कहा वही उसका नाम ठहरा।
51  GEN 2:20  और आदम ने सब चौपाों और हवा के परिन्दों और सब जंगली जानवरों के नाम रख्खे लेकिन आदम के लिए कोई मददगार उसकी तरह न मिला।
52  GEN 2:21  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने आदम पर गहरी नींद भेजी और वह सोऔर उसने उसकी पसलिों में से एक को निकाल लिऔर उसकी जगह गोश्त भर दिा।
53  GEN 2:22  और ख़ुदावन्द ख़ुदा उस पसली से जो उसने आदम में से निकाली थी एक 'औरत बना कर उसे आदम के पास लाा।
54  GEN 2:23  और आदम ने कहा कि तो अब मेरी हड्डिों में से हड्डी, और मेरे गोश्त में से गोश्त है; इसलिए वह 'औरत कहलाएगी क्ूँकि वह मर्द से निकाली गई।
57  GEN 3:1  और साँप सब जंगली जानवरों से, जिनको ख़ुदावन्द ख़ुदा ने बनाथा चालाक था, और उसने 'औरत से कहा क्वाक़'ई ख़ुदा ने कहा है, कि बाग़ के किसी दरख़्त का फल तुम न खाना?
62  GEN 3:6  'औरत ने जो देखा कि वह दरख़्त खाने के लिए अच्छा और आँखों को ख़ुशनुमा मा'लूम होता है और अक्ल बख़्शने के लिए ख़ूब है तो उसके फल में से लिऔर खाऔर अपने शौहर को भी दिऔर उसने खाा।
63  GEN 3:7  तब दोनों की आँखें खुल गई और उनको मा'लूम हुआ कि वह नंगे हैं और उन्होंने अंजीर के पत्तों को सी कर अपने लिए लूंगिाँ बनाई।
64  GEN 3:8  और उन्होंने ख़ुदावन्द ख़ुदा की आवाज़ जो ठंडे वक़्त बाग़ में फिरता था सुनी और आदम और उसकी बीवी ने अपने आप को ख़ुदावन्द ख़ुदा के सामने से बाग़ के दरख़तों में छिपाा।
66  GEN 3:10  उसने कहा, मैंने बाग़ में तेरी आवाज़ सुनी और मैं डरा क्ूँकि मैं नंगा था और मैंने अपने आप को छिपाा।
67  GEN 3:11  उसने कहा, तुझे किसने बताकि तू नंगा है? क्तूने उस दरख़्त का फल खाजिसके बारे में मैंने तुझ को हुक्म दिथा कि उसे न खाना?
68  GEN 3:12  आदम ने कहा कि जिस 'औरत को तूने मेरे साथ किहै उसने मुझे उस दरख़्त का फल दिऔर मैंने खाा।
69  GEN 3:13  तब ख़ुदावन्द ख़ुदा ने, 'औरत से कहा कि तूने क्किा? 'औरत ने कहा कि साँप ने मुझ को बहकातो मैंने खाा।
70  GEN 3:14  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने साँप से कहा, इसलिए कि तूने कितू सब चौपाों और जंगली जानवरों में ला'नती ठहरा; तू अपने पेट के बल चलेगा, और अपनी उम्र भर खाक चाटेगा।
73  GEN 3:17  और आदम से उसने कहा चूँकि तूने अपनी बीवी की बात मानी और उस दरख़्त का फल खाजिस के बारे मैंने तुझे हुक्म दिथा कि उसे न खाना इसलिए ज़मीन तेरी वजह से ला'नती हुई। मशक़्क़त के साथ तू अपनी उम्र भर उसकी पैदावार खाएगा
75  GEN 3:19  तू अपने मुँह के पसीने की रोटी खाएगा जब तक कि ज़मीन में तू फिर लौट न जाए इसलिए कि तू उससे निकालाहै क्ूँकि तू ख़ाक है और ख़ाक में फिर लौट जाएगा।
78  GEN 3:22  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने कहा, देखो इंसान भले और बुरे की पहचान में हम में से एक की तरह होा: अब कहीं ऐसा न हो कि वह अपना हाथ बढ़ाए और ज़िन्दगी के दरख़्त से भी कुछ लेकर खाए और हमेशा ज़िन्दा रहे।
79  GEN 3:23  इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा ने उसको बाग — ए — 'अदन से बाहर कर दिा, ताकि वह उस ज़मीन की जिसमें से वह लिथा, खेती करे।
80  GEN 3:24  चुनाँचे उसने आदम को निकाल दिऔर बाग — ए — 'अदन के मशरिक़ की तरफ़ करूबिों को और चारों तरफ़ घूमने वाली शो'लाज़न तलवार को रख्खा, कि वह ज़िन्दगी के दरख़्त की राह की हिफ़ाज़त करें।
81  GEN 4:1  और आदम अपनी बीवी हव्वा के पासा, और वह हामिला हुई और उसके क़ाइन पैदा हुआ। तब उसने कहा, मुझे ख़ुदावन्द से एक फ़र्ज़न्द मिला।
82  GEN 4:2  फिर क़ाइन का भाई हाबिल पैदा हुआ; और हाबिल भेड़ बकरिों का चरवाहा और क़ाइन किसान था।
83  GEN 4:3  कुछ दिन के बाद ऐसा हुआ कि क़ाइन अपने खेत के फल का हदिख़ुदावन्द के लिए लाा।
84  GEN 4:4  और हाबिल भी अपनी भेड़ बकरिों के कुछ पहलौठे बच्चों का और कुछ उनकी चर्बी का हदिलाा। और ख़ुदावन्द ने हाबिल को और उसके हदिको क़ुबूल किा,