Wildebeest analysis examples for:   urd-urd   ू    February 11, 2023 at 19:52    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

2  GEN 1:2  और ज़मीन वीरान और सुनसान थी और गहराओ के ऊपर अँधेरा था: और ख़ुदा कीपानी की सतह पर जुम्बिश करती थी।
8  GEN 1:8  और ख़ुदा ने फ़ज़ा को आसमान कहा। और शाम हुई और सुबह हुई — तबसरा दिन हुआ।
11  GEN 1:11  और ख़ुदा ने कहा कि ज़मीन घास और बीजदारटियों को, और फलदार दरख़्तों को जो अपनी — अपनी क़िस्म के मुताबिक़ फलें और जो ज़मीन पर अपने आप ही में बीज रख्खें उगाए और ऐसा ही हुआ।
12  GEN 1:12  तब ज़मीन ने घास, औरटियों को, जो अपनी — अपनी क़िस्म के मुताबिक़ बीज रख्खें और फलदार दरख़्तों को जिनके बीज उन की क़िस्म के मुताबिक़ उनमें हैं उगाया; और ख़ुदा ने देखा कि अच्छा है।
26  GEN 1:26  फिर ख़ुदा ने कहा कि हम इंसान को अपनीरत पर अपनी शबीह की तरह बनाएँ और वह समुन्दर की मछलियों और आसमान के परिन्दों और चौपायों, और तमाम ज़मीन और सब जानदारों पर जो ज़मीन पर रेंगते हैं इख़्तियार रख्खें।
27  GEN 1:27  और ख़ुदा ने इंसान को अपनीरत पर पैदा किया ख़ुदा कीरत पर उसको पैदा किया — नर — ओ — नारी उनको पैदा किया।
28  GEN 1:28  और ख़ुदा ने उनको बरकत दी और कहा कि फलो और बढ़ो और ज़मीन को भर दो और हुकमत करो और समुन्दर की मछलियों और हवा के परिन्दों और कुल जानवरों पर जो ज़मीन पर चलते हैं इख़ितयार रख्खो।
29  GEN 1:29  और ख़ुदा ने कहा कि देखो, मैं तमाम — ए — ज़मीन की कुल बीजदार सब्ज़ी और हर दरख़्त जिसमें उसका बीजदार फल हो, तुम को देताँ; यह तुम्हारे खाने को हों।
30  GEN 1:30  और ज़मीन के कुल जानवरों के लिए, और हवा के कुल परिन्दों के लिए और उन सब के लिए जो ज़मीन पर रेंगने वाले हैं जिनमें ज़िन्दगी का दम है, कुल हरीटियाँ खाने को देताँ, और ऐसा ही हुआ।
34  GEN 2:3  और ख़ुदा ने सातवें दिन को बरकत दी, और उसे मुक़द्दस ठहराया; क्यँकि उसमें ख़ुदा सारी कायनात से जिसे उसने पैदा किया और बनाया फ़ारिग़ हुआ।
36  GEN 2:5  और ज़मीन पर अब तक खेत का कोई पौधा न था और न मैदान की कोई सब्ज़ी अब तक उगी थी, क्यँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा ने ज़मीन पर पानी नहीं बरसाया था, और न ज़मीन जोतने को कोई इंसान था।
37  GEN 2:6  बल्कि ज़मीन से कुहर उठती थी, और तमाम — ए — ज़मीन को सेराब करती थी।
38  GEN 2:7  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने ज़मीन की मिट्टी से इंसान को बनाया और उसके नथनों में ज़िन्दगी का दमंका इंसान जीती जान हुआ।
42  GEN 2:11  पहली का नाम फ़ैसहै जो हवीला की सारी ज़मीन को जहाँ सोना होता है घेरे हुए है।
44  GEN 2:13  औरसरी नदी का नाम जैहहै, जोकी सारी ज़मीन को घेरे हुए है।
45  GEN 2:14  और तीसरी नदी का नाम दिजला है जो असके मशरिक़ को जाती है। और चौथी नदी का नाम फ़रात है।
47  GEN 2:16  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने आदम को हुक्म दिया और कहा कि बाग़ के हर दरख़्त का फल बे रोक टोक खा सकता है।
48  GEN 2:17  लेकिन भले और बुरे की पहचान के दरख़्त का कभी न खाना क्यँकि जिस रोज़ने उसमें से खायेगा मर जायेगा।
54  GEN 2:23  और आदम ने कहा कि यह तो अब मेरी हड्डियों में से हड्डी, और मेरे गोश्त में से गोश्त है; इसलिए वह 'औरत कहलाएगी क्यँकि वह मर्द से निकाली गई।
59  GEN 3:3  लेकिन जो दरख़्त बाग़ के बीच में है उसके फल के बारे में ख़ुदा ने कहा है कि तुम न तो उसे खाना और नना वरना मर जाओगे।
62  GEN 3:6  'औरत ने जो देखा कि वह दरख़्त खाने के लिए अच्छा और आँखों को ख़ुशनुमा मा'लहोता है और अक्ल बख़्शने के लिए ख़है तो उसके फल में से लिया और खाया और अपने शौहर को भी दिया और उसने खाया।
63  GEN 3:7  तब दोनों की आँखें खुल गई और उनको मा'लहुआ कि वह नंगे हैं और उन्होंने अंजीर के पत्तों को सी कर अपने लिएंगियाँ बनाई।
65  GEN 3:9  तब ख़ुदावन्द ख़ुदा ने आदम को पुकारा और उससे कहा कि कहाँ है?
66  GEN 3:10  उसने कहा, मैंने बाग़ में तेरी आवाज़ सुनी और मैं डरा क्यँकि मैं नंगा था और मैंने अपने आप को छिपाया।
67  GEN 3:11  उसने कहा, तुझे किसने बताया कि नंगा है? क्याने उस दरख़्त का फल खाया जिसके बारे में मैंने तुझ को हुक्म दिया था कि उसे न खाना?
68  GEN 3:12  आदम ने कहा कि जिस 'औरत कोने मेरे साथ किया है उसने मुझे उस दरख़्त का फल दिया और मैंने खाया।
69  GEN 3:13  तब ख़ुदावन्द ख़ुदा ने, 'औरत से कहा किने यह क्या किया? 'औरत ने कहा कि साँप ने मुझ को बहकाया तो मैंने खाया।
70  GEN 3:14  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने साँप से कहा, इसलिए किने यह किया सब चौपायों और जंगली जानवरों में ला'नती ठहरा; अपने पेट के बल चलेगा, और अपनी उम्र भर खाक चाटेगा।
71  GEN 3:15  और मैं तेरे और 'औरत के बीच और तेरी नसल और औरत की नसल के बीच 'अदावत डालँगा वह तेरे सिर को कुचलेगा और उसकी एड़ी पर काटेगा।
72  GEN 3:16  फिर उसने 'औरत से कहा कि मैं तेरे दर्द — ए — हम्ल को बहुत बढ़ाऊँगा दर्द के साथ बच्चे जनेगी और तेरी रग़बत अपने शौहर की तरफ़ होगी और वह तुझ पर हुकमत करेगा।
73  GEN 3:17  और आदम से उसने कहाँकि ने अपनी बीवी की बात मानी और उस दरख़्त का फल खाया जिस के बारे मैंने तुझे हुक्म दिया था कि उसे न खाना इसलिए ज़मीन तेरी वजह से ला'नती हुई। मशक़्क़त के साथ अपनी उम्र भर उसकी पैदावार खाएगा
74  GEN 3:18  और वह तेरे लिए काँटे और ऊँटकटारे उगाएगी और खेत की सब्ज़ी खाएगा।
75  GEN 3:19  अपने मुँह के पसीने की रोटी खाएगा जब तक कि ज़मीन में फिर लौट न जाए इसलिए कि उससे निकाला गया है क्यँकि ख़ाक है और ख़ाक में फिर लौट जाएगा।
80  GEN 3:24  चुनाँचे उसने आदम को निकाल दिया और बाग — ए — 'अदन के मशरिक़ की तरफ़ करबियों को और चारों तरफ़मने वाली शो'लाज़न तलवार को रख्खा, कि वह ज़िन्दगी के दरख़्त की राह की हिफ़ाज़त करें।
84  GEN 4:4  और हाबिल भी अपनी भेड़ बकरियों के कुछ पहलौठे बच्चों का और कुछ उनकी चर्बी का हदिया लाया। और ख़ुदावन्द ने हाबिल को और उसके हदिये को क़ुबकिया,
85  GEN 4:5  लेकिन क़ाइन को और उसके हदिये को क़ुबन किया। इसलिए क़ाइन बहुत ग़ुस्सा हुआ और उसका मुँह बिगड़ा।
86  GEN 4:6  और ख़ुदावन्द ने क़ाइन से कहा, क्यग़ुस्सा हुआ? और तेरा मुँह क्यबिगड़ा हुआ है?
87  GEN 4:7  अगर भला करे तो क्या मक़्बन होगा? और अगर भला न करे तो गुनाह दरवाज़े पर दुबका बैठा है और तेरा मुश्ताक़ है, लेकिन उस पर ग़ालिब आ।
89  GEN 4:9  तब ख़ुदावन्द ने क़ाइन से कहा कि तेरा भाई हाबिल कहाँ है? उसने कहा, मुझे मा'लनहीं; क्या मैं अपने भाई का मुहाफ़िज़ँ?
90  GEN 4:10  फिर उसने कहा किने यह क्या किया? तेरे भाई का ख़ज़मीन से मुझ को पुकारता है।
91  GEN 4:11  और अब ज़मीन की तरफ़ से ला'नती हुआ, जिसने अपना मुँह पसारा कि तेरे हाथ से तेरे भाई का ख़ले।
92  GEN 4:12  जब ज़मीन को जोतेगा, तो वह अब तुझे अपनी पैदावार न देगी और ज़मीन पर ख़ानाख़राब और आवारा होगा।
94  GEN 4:14  देख, आजने मुझे — ए — ज़मीन से निकाल दिया है, और मैं तेरे सामने से ग़ायब हो जाऊँगा; और ज़मीन पर खानाख़राब और आवारा रहँगा, और ऐसा होगा कि जो कोई मुझे पाएगा क़त्ल कर डालेगा।
96  GEN 4:16  इसलिए, क़ाइन ख़ुदावन्द के सामने से निकल गया और अदन के मशरिक़ की तरफ़के इलाक़े में जा बसा।
97  GEN 4:17  और क़ाइन अपनी बीवी के पास गया और वह हामिला हुई और उसके हनपैदा हुआ; और उसने एक शहर बसाया और उसका नाम अपने बेटे के नाम पर हनरख्खा।
98  GEN 4:18  और हनसे ईराद पैदा हुआ, और ईराद से महुयाएल पैदा हुआ, और महुयाएल से मतसाएल पैदा हुआ, और मत्तसाएल से लमक पैदा हुआ।
99  GEN 4:19  और लमक दो औरतें ब्याह लाया: एक का नाम अदा औरसरी का नाम ज़िल्ला था।
101  GEN 4:21  और उसके भाई का नामबल था: वह बीन और बांसली बजाने वालों का बाप था।
102  GEN 4:22  और ज़िल्ला के भीबलक़ाइन पैदा हुआ: जो पीतल और लोहे के सब तेज़ हथियारों का बनाने वाला था; और नामाबलक़ाइन की बहन थी।
105  GEN 4:25  और आदम फिर अपनी बीवी के पास गया और उसके एक और बेटा हुआ और उसका नाम सेत रख्खा: और वह कहने लगी कि ख़ुदा ने हाबिल के बदले जिसको क़ाइन ने क़त्ल किया, मुझेसरा फ़र्ज़न्द दिया।
106  GEN 4:26  और सेत के यहाँ भी एक बेटा पैदा हुआ, जिसका नाम उसने अनरख्खा; उस वक़्त से लोग यहोवा का नाम लेकर दुआ करने लगे।
109  GEN 5:3  और आदम एक सौ तीस साल का था जब उसकीरत — ओ — शबीह का एक बेटा उसके यहाँ पैदा हुआ; और उसने उसका नाम सेत रख्खा।
112  GEN 5:6  और सेत एक सौ पाँच साल का था जब उससे अनपैदा हुआ।
113  GEN 5:7  और अनकी पैदाइश के बाद सेत आठ सौ सात साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
115  GEN 5:9  और अननव्वे साल का था जब उससे क़ीनान पैदा हुआ।
116  GEN 5:10  और क़ीनान की पैदाइश के बाद अनआठ सौ पन्द्रह साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
117  GEN 5:11  और अनकी कुल उम्र नौ सौ पाँच साल की हुई, तब वह मरा।
124  GEN 5:18  और यारिद एक सौ बासठ साल का था जब उससे हनपैदा हुआ।
125  GEN 5:19  और हनकी पैदाइश के बाद यारिद आठ सौ साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
127  GEN 5:21  और हनपैंसठ साल का था उससे मतुसिलह पैदा हुआ।
128  GEN 5:22  और मतसिलह की पैदाइश के बाद हनतीन सौ साल तक ख़ुदा के साथ — साथ चलता रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
129  GEN 5:23  और हनकी कुल उम्र तीन सौ पैंसठ साल की हुई।
130  GEN 5:24  और हनख़ुदा के साथ — साथ चलता रहा, और वह ग़ायब हो गया क्यँकि ख़ुदा ने उसे उठा लिया।
131  GEN 5:25  और मतसिलह एक सौ सतासी साल का था जब उससे लमक पैदा हुआ।
132  GEN 5:26  और लमक की पैदाइश के बाद मतसिलह सात सौ बयासी साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
133  GEN 5:27  और मतसिलह की कुल उम्र नौ सौ उनहत्तर साल की हुई, तब वह मरा।
135  GEN 5:29  और उसने उसका नामरख्खा और कहा, कि यह हमारे हाथों की मेहनत और मशक़्क़त से जो ज़मीन की वजह से है जिस पर ख़ुदा ने ला'नत की है, हमें आराम देगा।
136  GEN 5:30  औरकी पैदाइश के बाद लमक पाँच सौ पंचानवे साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
138  GEN 5:32  औरपाँच सौ साल का था, जब उससे सिम, हाम और याफ़त, पैदा हुए।
140  GEN 6:2  तो ख़ुदा के बेटों ने आदमी की बेटियों को देखा कि वह ख़बसरत हैं; और जिनको उन्होंने चुना उनसे ब्याह कर लिया।
141  GEN 6:3  तब ख़ुदावन्द ने कहा कि मेरीइंसान के साथ हमेशा मुज़ाहमत न करती रहेगी। क्यँकि वह भी तो इंसान है; तो भी उसकी उम्र एक सौ बीस साल की होगी।
142  GEN 6:4  उन दिनों में ज़मीन पर जब्बार थे, और बाद में जब ख़ुदा के बेटे इंसान की बेटियों के पास गए, तो उनके लिए उनसे औलाद हुई। यही पुराने ज़माने केर्मा हैं, जो बड़े नामवर हुए हैं।