Wildebeest analysis examples for:   urd-urd   ै    February 11, 2023 at 19:52    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

1  GEN 1:1  ख़ुदा ने सबसे पहले ज़मीन — ओ — आसमान कोदा किया।
4  GEN 1:4  और ख़ुदा ने देखा कि रोशनी अच्छी, और ख़ुदा ने रोशनी को अँधेरे से जुदा किया।
10  GEN 1:10  और ख़ुदा ने ख़ुश्की को ज़मीन कहा और जो पानी जमा हो गया था उसको समुन्दर; और ख़ुदा ने देखा कि अच्छा
12  GEN 1:12  तब ज़मीन ने घास, और बूटियों को, जो अपनी — अपनी क़िस्म के मुताबिक़ बीज रख्खें और फलदार दरख़्तों को जिनके बीज उन की क़िस्म के मुताबिक़ उनमेंउगाया; और ख़ुदा ने देखा कि अच्छा
18  GEN 1:18  और दिन पर और रात पर हुक्म करें, और उजाले को अन्धेरे से जुदा करें; और ख़ुदा ने देखा कि अच्छा
20  GEN 1:20  और ख़ुदा ने कहा कि पानी जानदारों को कसरत सेदा करे, और परिन्दे ज़मीन के ऊपर फ़ज़ा में उड़ें।
21  GEN 1:21  और ख़ुदा ने बड़े बड़े दरियाई जानवरों को, और हर क़िस्म के जानदार को जो पानी से बकसरतदा हुए थे, उनकी क़िस्म के मुताबिक़ और हर क़िस्म के परिन्दों को उनकी क़िस्म के मुताबिक़,दा किया; और ख़ुदा ने देखा कि अच्छा
24  GEN 1:24  और ख़ुदा ने कहा कि ज़मीन जानदारों को, उनकी क़िस्म के मुताबिक़, चौपाये और रेंगनेवाले जानदार और जंगली जानवर उनकी क़िस्म के मुताबिक़दा करे, और ऐसा ही हुआ।
25  GEN 1:25  और ख़ुदा ने जंगली जानवरों और चौपायों को उनकी क़िस्म के मुताबिक़ और ज़मीन के रेंगने वाले जानदारों को उनकी क़िस्म के मुताबिक़ बनाया; और ख़ुदा ने देखा कि अच्छा
26  GEN 1:26  फिर ख़ुदा ने कहा कि हम इंसान को अपनी सूरत पर अपनी शबीह की तरह बनाएँ और वह समुन्दर की मछलियों और आसमान के परिन्दों और चौपायों, और तमाम ज़मीन और सब जानदारों पर जो ज़मीन पर रेंगतेइख़्तियार रख्खें।
27  GEN 1:27  और ख़ुदा ने इंसान को अपनी सूरत परदा किया ख़ुदा की सूरत पर उसकोदा किया — नर — ओ — नारी उनकोदा किया।
28  GEN 1:28  और ख़ुदा ने उनको बरकत दी और कहा कि फलो और बढ़ो और ज़मीन को भर दो और हुकूमत करो और समुन्दर की मछलियों और हवा के परिन्दों और कुल जानवरों पर जो ज़मीन पर चलतेइख़ितयार रख्खो।
29  GEN 1:29  और ख़ुदा ने कहा कि देखो,तमाम रू — ए — ज़मीन की कुल बीजदार सब्ज़ी और हर दरख़्त जिसमें उसका बीजदार फल हो, तुम को देता हूँ; यह तुम्हारे खाने को हों।
30  GEN 1:30  और ज़मीन के कुल जानवरों के लिए, और हवा के कुल परिन्दों के लिए और उन सब के लिए जो ज़मीन पर रेंगने वालेजिनमें ज़िन्दगी का दम, कुल हरी बूटियाँ खाने को देता हूँ, और ऐसा ही हुआ।
31  GEN 1:31  और ख़ुदा ने सब पर जो उसने बनाया था नज़र की, और देखा कि बहुत अच्छा, और शाम हुई और सुबह हुई तब छठा दिन हुआ।
34  GEN 2:3  और ख़ुदा ने सातवें दिन को बरकत दी, और उसे मुक़द्दस ठहराया; क्यूँकि उसमें ख़ुदा सारी कायनात से जिसे उसनेदा किया और बनाया फ़ारिग़ हुआ।
35  GEN 2:4  यह आसमान और ज़मीन कीदाइश, जब वहदा हुए जिस दिन ख़ुदावन्द ख़ुदा ने ज़मीन और आसमान को बनाया;
36  GEN 2:5  और ज़मीन पर अब तक खेत का कोई पौधा न था और नदान की कोई सब्ज़ी अब तक उगी थी, क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा ने ज़मीन पर पानी नहीं बरसाया था, और न ज़मीन जोतने को कोई इंसान था।
42  GEN 2:11  पहली का नाम फ़सून जो हवीला की सारी ज़मीन को जहाँ सोना होता घेरे हुए
43  GEN 2:12  और इस ज़मीन का सोना चोखाऔर वहाँ मोती और संग-ए-सुलेमानी भीं।
44  GEN 2:13  और दूसरी नदी का नामहून , जो कूश की सारी ज़मीन को घेरे हुए
45  GEN 2:14  और तीसरी नदी का नाम दिजला जो असूर के मशरिक़ को जातीऔर चौथी नदी का नाम फ़रात
47  GEN 2:16  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने आदम को हुक्म दिया और कहा कि तू बाग़ के हर दरख़्त का फल बे रोक टोक खा सकता
49  GEN 2:18  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने कहा कि आदम का अकेला रहना अच्छा नहींउसके लिए एक मददगार उसकी तरह बनाऊँगा।
50  GEN 2:19  और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने सब जंगली जानवर और हवा के सब परिन्दे मिट्टी से बनाए और उनको आदम के पास लाया कि देखे कि वह उनके क्या नाम रखता और आदम ने जिस जानवर को जो कहा वही उसका नाम ठहरा।
54  GEN 2:23  और आदम ने कहा कि यह तो अब मेरी हड्डियों में से हड्डी, और मेरे गोश्त में से गोश्त; इसलिए वह 'औरत कहलाएगी क्यूँकि वह मर्द से निकाली गई।
57  GEN 3:1  और साँप सब जंगली जानवरों से, जिनको ख़ुदावन्द ख़ुदा ने बनाया था चालाक था, और उसने 'औरत से कहा क्या वाक़'ई ख़ुदा ने कहा, कि बाग़ के किसी दरख़्त का फल तुम न खाना?
58  GEN 3:2  'औरत ने साँप से कहा कि बाग़ के दरख़्तों का फल तो हम खातें।
59  GEN 3:3  लेकिन जो दरख़्त बाग़ के बीच में उसके फल के बारे में ख़ुदा ने कहा कि तुम न तो उसे खाना और न छूना वरना मर जाओगे।
61  GEN 3:5  बल्कि ख़ुदा जानता कि जिस दिन तुम उसे खाओगे, तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी, और तुम ख़ुदा की तरह भले और बुरे के जानने वाले बन जाओगे।
62  GEN 3:6  'औरत ने जो देखा कि वह दरख़्त खाने के लिए अच्छा और आँखों को ख़ुशनुमा मा'लूम होता और अक्ल बख़्शने के लिए ख़ूब तो उसके फल में से लिया और खाया और अपने शौहर को भी दिया और उसने खाया।
63  GEN 3:7  तब दोनों की आँखें खुल गई और उनको मा'लूम हुआ कि वह नंगेऔर उन्होंने अंजीर के पत्तों को सी कर अपने लिए लूंगियाँ बनाई।
65  GEN 3:9  तब ख़ुदावन्द ख़ुदा ने आदम को पुकारा और उससे कहा कि तू कहाँ?
66  GEN 3:10  उसने कहा,ंने बाग़ में तेरी आवाज़ सुनी औरडरा क्यूँकिनंगा था औरंने अपने आप को छिपाया।
67  GEN 3:11  उसने कहा, तुझे किसने बताया कि तू नंगा? क्या तूने उस दरख़्त का फल खाया जिसके बारे मेंंने तुझ को हुक्म दिया था कि उसे न खाना?
68  GEN 3:12  आदम ने कहा कि जिस 'औरत को तूने मेरे साथ किया उसने मुझे उस दरख़्त का फल दिया औरंने खाया।
69  GEN 3:13  तब ख़ुदावन्द ख़ुदा ने, 'औरत से कहा कि तूने यह क्या किया? 'औरत ने कहा कि साँप ने मुझ को बहकाया तोंने खाया।
71  GEN 3:15  औरतेरे और 'औरत के बीच और तेरी नसल और औरत की नसल के बीच 'अदावत डालूँगा वह तेरे सिर को कुचलेगा और तू उसकी एड़ी पर काटेगा।
72  GEN 3:16  फिर उसने 'औरत से कहा कितेरे दर्द — ए — हम्ल को बहुत बढ़ाऊँगा तू दर्द के साथ बच्चे जनेगी और तेरी रग़बत अपने शौहर की तरफ़ होगी और वह तुझ पर हुकूमत करेगा।
73  GEN 3:17  और आदम से उसने कहा चूँकि तूने अपनी बीवी की बात मानी और उस दरख़्त का फल खाया जिस के बारेंने तुझे हुक्म दिया था कि उसे न खाना इसलिए ज़मीन तेरी वजह से ला'नती हुई। मशक़्क़त के साथ तू अपनी उम्र भर उसकीदावार खाएगा
75  GEN 3:19  तू अपने मुँह के पसीने की रोटी खाएगा जब तक कि ज़मीन में तू फिर लौट न जाए इसलिए कि तू उससे निकाला गया क्यूँकि तू ख़ाक और ख़ाक में फिर लौट जाएगा।
76  GEN 3:20  और आदम ने अपनी बीवी का नाम हव्वा रख्खा, इसलिए कि वह सब ज़िन्दों की माँ
81  GEN 4:1  और आदम अपनी बीवी हव्वा के पास गया, और वह हामिला हुई और उसके क़ाइनदा हुआ। तब उसने कहा, मुझे ख़ुदावन्द से एक फ़र्ज़न्द मिला।
82  GEN 4:2  फिर क़ाइन का भाई हाबिलदा हुआ; और हाबिल भेड़ बकरियों का चरवाहा और क़ाइन किसान था।
86  GEN 4:6  और ख़ुदावन्द ने क़ाइन से कहा, तू क्यूँ ग़ुस्सा हुआ? और तेरा मुँह क्यूँ बिगड़ा हुआ?
87  GEN 4:7  अगर तू भला करे तो क्या तू मक़्बूल न होगा? और अगर तू भला न करे तो गुनाह दरवाज़े पर दुबकाठा और तेरा मुश्ताक़, लेकिन तू उस पर ग़ालिब आ।
89  GEN 4:9  तब ख़ुदावन्द ने क़ाइन से कहा कि तेरा भाई हाबिल कहाँ? उसने कहा, मुझे मा'लूम नहीं; क्याअपने भाई का मुहाफ़िज़ हूँ?
90  GEN 4:10  फिर उसने कहा कि तूने यह क्या किया? तेरे भाई का ख़ून ज़मीन से मुझ को पुकारता
92  GEN 4:12  जब तू ज़मीन को जोतेगा, तो वह अब तुझे अपनीदावार न देगी और ज़मीन पर तू ख़ानाख़राब और आवारा होगा।
93  GEN 4:13  तब क़ाइन ने ख़ुदावन्द से कहा कि मेरी सज़ा बर्दाश्त से बाहर
94  GEN 4:14  देख, आज तूने मुझे रू — ए — ज़मीन से निकाल दिया, औरतेरे सामने से ग़ायब हो जाऊँगा; और ज़मीन पर खानाख़राब और आवारा रहूँगा, और ऐसा होगा कि जो कोई मुझे पाएगा क़त्ल कर डालेगा।
97  GEN 4:17  और क़ाइन अपनी बीवी के पास गया और वह हामिला हुई और उसके हनूकदा हुआ; और उसने एक शहर बसाया और उसका नाम अपने बेटे के नाम पर हनूक रख्खा।
98  GEN 4:18  और हनूक से ईराददा हुआ, और ईराद से महुयाएलदा हुआ, और महुयाएल से मतूसाएलदा हुआ, और मत्तूसाएल से लमकदा हुआ।
100  GEN 4:20  और अदा के याबलदा हुआ: वह उनका बाप था जो ख़ेमों में रहते और जानवर पालतें।
102  GEN 4:22  और ज़िल्ला के भी तूबलक़ाइनदा हुआ: जो पीतल और लोहे के सब तेज़ हथियारों का बनाने वाला था; और नामा तूबलक़ाइन की बहन थी।
103  GEN 4:23  और लमक ने अपनी बीवियों से कहा कि ऐ अदा और ज़िल्ला मेरी बात सुनो; ऐ लमक की बीवियो, मेरी बात पर कान लगाओ:ंने एक आदमी को जिसने मुझे ज़ख़्मी किया, मार डाला। और एक जवान को जिसने मेरे चोट लगाई, क़त्ल कर डाला।
106  GEN 4:26  और सेत के यहाँ भी एक बेटादा हुआ, जिसका नाम उसने अनूस रख्खा; उस वक़्त से लोग यहोवा का नाम लेकर दुआ करने लगे।
107  GEN 5:1  यह आदम का नसबनामाजिस दिन ख़ुदा ने आदम कोदा किया; तो उसे अपनी शबीह पर बनाया।
108  GEN 5:2  मर्द और औरत उनकोदा किया और उनको बरकत दी, और जिस दिन वहदा हुए उनका नाम आदम रख्खा।
109  GEN 5:3  और आदम एक सौ तीस साल का था जब उसकी सूरत — ओ — शबीह का एक बेटा उसके यहाँदा हुआ; और उसने उसका नाम सेत रख्खा।
110  GEN 5:4  और सेत कीदाइश के बाद आदम आठ सौ साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँदा हुई।
112  GEN 5:6  और सेत एक सौ पाँच साल का था जब उससे अनूसदा हुआ।
113  GEN 5:7  और अनूस कीदाइश के बाद सेत आठ सौ सात साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँदा हुई।
115  GEN 5:9  और अनूस नव्वे साल का था जब उससे क़ीनानदा हुआ।
116  GEN 5:10  और क़ीनान कीदाइश के बाद अनूस आठ सौ पन्द्रह साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँदा हुई।
118  GEN 5:12  और क़ीनान सत्तर साल का था जब उससे महललेलदा हुआ।
119  GEN 5:13  और महललेल कीदाइश के बाद क़ीनान आठ सौ चालीस साल ज़िन्दा रहाऔर उससे बेटे और बेटियाँदा हुई।
121  GEN 5:15  और महललेलंसठ साल का था जब उससे यारिददा हुआ।
122  GEN 5:16  और यारिद कीदाइश के बाद महललेल आठ सौ तीस साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँदा हुई।
124  GEN 5:18  और यारिद एक सौ बासठ साल का था जब उससे हनूकदा हुआ।
125  GEN 5:19  और हनूक कीदाइश के बाद यारिद आठ सौ साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँदा हुई।
127  GEN 5:21  और हनूकंसठ साल का था उससे मतुसिलहदा हुआ।
128  GEN 5:22  और मतूसिलह कीदाइश के बाद हनूक तीन सौ साल तक ख़ुदा के साथ — साथ चलता रहा, और उससे बेटे और बेटियाँदा हुई।
129  GEN 5:23  और हनूक की कुल उम्र तीन सौंसठ साल की हुई।