19 | GEN 1:19 | और शाम हुई और सुबह हुई — तब चौथा दिन हुआ। |
24 | GEN 1:24 | और ख़ुदा ने कहा कि ज़मीन जानदारों को, उनकी क़िस्म के मुताबिक़, चौपाये और रेंगनेवाले जानदार और जंगली जानवर उनकी क़िस्म के मुताबिक़ पैदा करे, और ऐसा ही हुआ। |
25 | GEN 1:25 | और ख़ुदा ने जंगली जानवरों और चौपायों को उनकी क़िस्म के मुताबिक़ और ज़मीन के रेंगने वाले जानदारों को उनकी क़िस्म के मुताबिक़ बनाया; और ख़ुदा ने देखा कि अच्छा है। |
26 | GEN 1:26 | फिर ख़ुदा ने कहा कि हम इंसान को अपनी सूरत पर अपनी शबीह की तरह बनाएँ और वह समुन्दर की मछलियों और आसमान के परिन्दों और चौपायों, और तमाम ज़मीन और सब जानदारों पर जो ज़मीन पर रेंगते हैं इख़्तियार रख्खें। |
36 | GEN 2:5 | और ज़मीन पर अब तक खेत का कोई पौधा न था और न मैदान की कोई सब्ज़ी अब तक उगी थी, क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा ने ज़मीन पर पानी नहीं बरसाया था, और न ज़मीन जोतने को कोई इंसान था। |
45 | GEN 2:14 | और तीसरी नदी का नाम दिजला है जो असूर के मशरिक़ को जाती है। और चौथी नदी का नाम फ़रात है। |
51 | GEN 2:20 | और आदम ने सब चौपायों और हवा के परिन्दों और सब जंगली जानवरों के नाम रख्खे लेकिन आदम के लिए कोई मददगार उसकी तरह न मिला। |
62 | GEN 3:6 | 'औरत ने जो देखा कि वह दरख़्त खाने के लिए अच्छा और आँखों को ख़ुशनुमा मा'लूम होता है और अक्ल बख़्शने के लिए ख़ूब है तो उसके फल में से लिया और खाया और अपने शौहर को भी दिया और उसने खाया। |
70 | GEN 3:14 | और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने साँप से कहा, इसलिए कि तूने यह किया तू सब चौपायों और जंगली जानवरों में ला'नती ठहरा; तू अपने पेट के बल चलेगा, और अपनी उम्र भर खाक चाटेगा। |
72 | GEN 3:16 | फिर उसने 'औरत से कहा कि मैं तेरे दर्द — ए — हम्ल को बहुत बढ़ाऊँगा तू दर्द के साथ बच्चे जनेगी और तेरी रग़बत अपने शौहर की तरफ़ होगी और वह तुझ पर हुकूमत करेगा। |
75 | GEN 3:19 | तू अपने मुँह के पसीने की रोटी खाएगा जब तक कि ज़मीन में तू फिर लौट न जाए इसलिए कि तू उससे निकाला गया है क्यूँकि तू ख़ाक है और ख़ाक में फिर लौट जाएगा। |
84 | GEN 4:4 | और हाबिल भी अपनी भेड़ बकरियों के कुछ पहलौठे बच्चों का और कुछ उनकी चर्बी का हदिया लाया। और ख़ुदावन्द ने हाबिल को और उसके हदिये को क़ुबूल किया, |
109 | GEN 5:3 | और आदम एक सौ तीस साल का था जब उसकी सूरत — ओ — शबीह का एक बेटा उसके यहाँ पैदा हुआ; और उसने उसका नाम सेत रख्खा। |
110 | GEN 5:4 | और सेत की पैदाइश के बाद आदम आठ सौ साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई। |
111 | GEN 5:5 | और आदम की कुल उम्र नौ सौ तीस साल की हुई, तब वह मरा। |
112 | GEN 5:6 | और सेत एक सौ पाँच साल का था जब उससे अनूस पैदा हुआ। |
113 | GEN 5:7 | और अनूस की पैदाइश के बाद सेत आठ सौ सात साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई। |
114 | GEN 5:8 | और सेत की कुल उम्र नौ सौ बारह साल की हुई, तब वह मरा। |
116 | GEN 5:10 | और क़ीनान की पैदाइश के बाद अनूस आठ सौ पन्द्रह साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई। |
117 | GEN 5:11 | और अनूस की कुल उम्र नौ सौ पाँच साल की हुई, तब वह मरा। |
119 | GEN 5:13 | और महललेल की पैदाइश के बाद क़ीनान आठ सौ चालीस साल ज़िन्दा रहाऔर उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई। |
120 | GEN 5:14 | और क़ीनान की कुल उम्र नौ सौ दस साल की हुई, तब वह मरा। |
122 | GEN 5:16 | और यारिद की पैदाइश के बाद महललेल आठ सौ तीस साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई। |
123 | GEN 5:17 | और महललेल की कुल उम्र आठ सौ पचानवे साल की हुई, तब वह मरा। |
124 | GEN 5:18 | और यारिद एक सौ बासठ साल का था जब उससे हनूक पैदा हुआ। |
125 | GEN 5:19 | और हनूक की पैदाइश के बाद यारिद आठ सौ साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई। |
126 | GEN 5:20 | और यारिद की कुल उम्र नौ सौ बासठ साल की हुई, तब वह मरा। |
128 | GEN 5:22 | और मतूसिलह की पैदाइश के बाद हनूक तीन सौ साल तक ख़ुदा के साथ — साथ चलता रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई। |
129 | GEN 5:23 | और हनूक की कुल उम्र तीन सौ पैंसठ साल की हुई। |
131 | GEN 5:25 | और मतूसिलह एक सौ सतासी साल का था जब उससे लमक पैदा हुआ। |
132 | GEN 5:26 | और लमक की पैदाइश के बाद मतूसिलह सात सौ बयासी साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई। |
133 | GEN 5:27 | और मतूसिलह की कुल उम्र नौ सौ उनहत्तर साल की हुई, तब वह मरा। |
134 | GEN 5:28 | और लमक एक सौ बयासी साल का था जब उससे एक बेटा पैदा हुआ। |
136 | GEN 5:30 | और नूह की पैदाइश के बाद लमक पाँच सौ पंचानवे साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई। |
137 | GEN 5:31 | और लमक की कुल उम्र सात सौ सत्तर साल की हुई, तब वह मरा। |
138 | GEN 5:32 | और नूह पाँच सौ साल का था, जब उससे सिम, हाम और याफ़त, पैदा हुए। |
141 | GEN 6:3 | तब ख़ुदावन्द ने कहा कि मेरी रूह इंसान के साथ हमेशा मुज़ाहमत न करती रहेगी। क्यूँकि वह भी तो इंसान है; तो भी उसकी उम्र एक सौ बीस साल की होगी। |
153 | GEN 6:15 | और ऐसा करना कि कश्ती की लम्बाई तीन सौ हाथ, उसकी चौड़ाई पचास हाथ और उसकी ऊँचाई तीस हाथ हो। |
154 | GEN 6:16 | और उस कश्ती में एक रौशनदान बनाना, और ऊपर से हाथ भर छोड़ कर उसे ख़त्म कर देना; और उस कश्ती का दरवाज़ा उसके पहलू में रखना; और उसमें तीन हिस्से बनाना निचला, दूसरा और तीसरा। |
166 | GEN 7:6 | और नूह छ: सौ साल का था, जब पानी का तूफ़ान ज़मीन पर आया। |
171 | GEN 7:11 | नूह की उम्र का छ: सौवां साल था, कि उसके दूसरे महीने के ठीक सत्रहवीं तारीख़ को बड़े समुन्दर के सब सोते फूट निकले और आसमान की खिड़कियाँ खुल गई। |
174 | GEN 7:14 | और हर क़िस्म का जानवर और हर क़िस्म का चौपाया और हर क़िस्म का ज़मीन पर का रेंगने वाला जानदार और हर क़िस्म का परिन्दा और हर क़िस्म की चिड़िया, यह सब कश्ती में दाख़िल हुए। |
181 | GEN 7:21 | और सब जानवर जो ज़मीन पर चलते थे, परिन्दे और चौपाए और जंगली जानवर और ज़मीन पर के सब रेंगनेवाले जानदार, और सब आदमी मर गए। |
184 | GEN 7:24 | और पानी ज़मीन पर एक सौ पचास दिन तक बढ़ता रहा। |
185 | GEN 8:1 | फिर ख़ुदा ने नूह को और सब जानदार और सब चौपायों को जो उसके साथ कश्ती में थे याद किया; और ख़ुदा ने ज़मीन पर एक हवा चलाई और पानी रुक गया। |
187 | GEN 8:3 | और पानी ज़मीन पर से घटते — घटते एक सौ पचास दिन के बाद कम हुआ। |
191 | GEN 8:7 | और उसने एक कौवे को उड़ा दिया; इसलिए वह निकला और जब तक कि ज़मीन पर से पानी सूख न गया इधर उधर फिरता रहा। |
193 | GEN 8:9 | लेकिन कबूतरी ने पंजा टेकने की जगह न पाई और उसके पास कश्ती को लौट आई, क्यूँकि तमाम रू — ए — ज़मीन पर पानी था। तब उसने हाथ बढ़ाकर उसे ले लिया और अपने पास कश्ती में रख्खा। |
195 | GEN 8:11 | और वह कबूतरी शाम के वक़्त उसके पास लौट आई, और देखा तो जैतून की एक ताज़ा पत्ती उसकी चोंच में थी। तब नूह ने मा'लूम किया कि पानी ज़मीन पर से कम हो गया। |
196 | GEN 8:12 | तब वह सात दिन और ठहरा, इसके बाद फिर उस कबूतरी को उड़ाया, लेकिन वह उसके पास फिर कभी न लौटी। |
197 | GEN 8:13 | और छ: सौ पहले साल के पहले महीने की पहली तारीख़ को ऐसा हुआ, कि ज़मीन पर से पानी सूख गया; और नूह ने कश्ती की छत खोली और देखा कि ज़मीन की सतह सूख गई है। |
201 | GEN 8:17 | और उन जानदारों को भी बाहर निकाल ला जो तेरे साथ हैं: क्या परिन्दे, क्या चौपाये, क्या ज़मीन के रेंगनेवाले जानदार; ताकि वह ज़मीन पर कसरत से बच्चे दें और फल दायक हों और ज़मीन पर बढ़ जाएँ। |
204 | GEN 8:20 | तब नूह ने ख़ुदावन्द के लिए एक मज़बह बनाया; और सब पाक चौपायों और पाक परिन्दों में से थोड़े से लेकर उस मज़बह पर सोख़्तनी क़ुर्बानियाँ पेश कीं। |
208 | GEN 9:2 | और ज़मीन के सब जानदारों और हवा के सब परिन्दों पर तुम्हारी दहशत और तुम्हारा रौब होगा; यह और तमाम कीड़े जिन से ज़मीन भरी पड़ी है, और समुन्दर की कुल मछलियाँ तुम्हारे क़ब्ज़े में की गई। |
216 | GEN 9:10 | और सब जानदारों से जो तुम्हारे साथ हैं, क्या परिन्दे क्या चौपाए क्या ज़मीन के जानवर, या'नी ज़मीन के उन सब जानवरों के बारे में जो कश्ती से उतरे, 'अहद करता हूँ |
234 | GEN 9:28 | और तूफ़ान के बाद नूह साढ़े तीन सौ साल और ज़िन्दा रहा। |
235 | GEN 9:29 | और नूह की कुल उम्र साढ़े नौ सौ साल की हुई। तब उसने वफ़ात पाई। |
240 | GEN 10:5 | क़ौमों के जज़ीरे इन्हीं की नसल में बट कर, हर एक की ज़बान और क़बीले के मुताबिक़ मुख़तलिफ़ मुल्क और गिरोह हो गए। |
250 | GEN 10:15 | और कनान से सैदा जो उसका पहलौठा था, और हित, |
267 | GEN 10:32 | नूह के बेटों के ख़ान्दान उनके गिरोह और नसलों के ऐतबार से यही हैं, और तूफ़ान के बाद जो क़ौमें ज़मीन पर इधर उधर बट गई वह इन्हीं में से थीं। |
277 | GEN 11:10 | यह सिम का नसबनामा है: सिम एक सौ साल का था जब उससे तूफ़ान के दो साल बाद अरफ़कसद पैदा हुआ; |
278 | GEN 11:11 | और अरफ़कसद की पैदाइश के बाद सिम पाँच सौ साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई। |
280 | GEN 11:13 | और सिलह की पैदाइश के बाद अरफ़कसद चार सौ तीन साल और ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई। |
282 | GEN 11:15 | और इब्र की पैदाइश के बाद सिलह चार सौ तीन साल और ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई। |
283 | GEN 11:16 | जब इब्र चौंतीस साल का था, तो उससे फ़लज पैदा हुआ; |
284 | GEN 11:17 | और फ़लज की पैदाइश के बाद इब्र चार सौ तीस साल और ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई। |
286 | GEN 11:19 | और र'ऊ की पैदाइश के बाद फ़लज दो सौ नौ साल और ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई। |
288 | GEN 11:21 | और सरूज की पैदाइश के बाद र'ऊ दो सौ सात साल और ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई। |
290 | GEN 11:23 | और नहूर की पैदाइश के बाद सरूज दो सौ साल और ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुईं। |
292 | GEN 11:25 | और तारह की पैदाइश के बाद नहूर एक सौ उन्नीस साल और ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई। |
299 | GEN 11:32 | और तारह की उम्र दो सौ पाँच साल की हुई और उस ने हारान में वफ़ात पाई। |
301 | GEN 12:2 | और मैं तुझे एक बड़ी क़ौम बनाऊँगा और बरकत दूँगा और तेरा नाम सरफ़राज़ करूँगा; इसलिए तू बरकत का ज़रिया' हो। |
312 | GEN 12:13 | इसलिए तू यह कह देना, कि मैं इसकी बहन हूँ, ताकि तेरी वजह से मेरा भला हो और मेरी जान तेरी बदौलत बची रहे। |
315 | GEN 12:16 | और उसने उसकी ख़ातिर इब्रहाम पर एहसान किया; और भेड़ बकरियाँ और गाय, बैल और गधे और ग़ुलाम और लौंडियाँ और गधियाँ और ऊँट उसके पास हो गए। |
321 | GEN 13:2 | और इब्रहाम के पास चौपाए और सोना चाँदी बकसरत था। |
329 | GEN 13:10 | तब लूत ने आँख उठाकर यरदन की सारी तराई पर जो ज़ुग़र की तरफ़ है नज़र दौड़ाई। क्यूँकि वह इससे पहले कि ख़ुदावन्द ने सदूम और 'अमूरा को तबाह किया, ख़ुदावन्द के बाग़ और मिस्र के मुल्क की तरह खू़ब सेराब थी। |
333 | GEN 13:14 | और लूत के जुदा हो जाने के बाद ख़ुदावन्द ने इब्रहाम से कह कि अपनी आँख उठा और जिस जगह तू है वहाँ से शिमाल दख्खिन और मशरिक़ और मग़रिब की तरफ़ नज़र दौड़ा। |
336 | GEN 13:17 | उठ, और इस मुल्क की लम्बाई और चौड़ाई में घूम, क्यूँकि मैं इसे तुझ को दूँगा। |
342 | GEN 14:5 | और चौदहवें साल किदरला उम्र और उसके साथ के बादशाह आए, और रिफ़ाईम को 'असतारात क़र्नेम में, और ज़ूज़ियों को हाम में, और ऐमीम को सवीक़र्यतैम में, |
344 | GEN 14:7 | फिर वह लौट कर 'ऐन — मिसफ़ात या'नी क़ादिस पहुँचे, और 'अमालीक़ियों के तमाम मुल्क को, और अमोरियों को जो हसेसून तमर में रहते थे मारा। |
351 | GEN 14:14 | जब इब्रहाम ने सुना कि उसका भाई गिरफ़्तार हुआ, तो उसने अपने तीन सौ अट्ठारह माहिर लड़ाकों को लेकर दान तक उनका पीछा किया। |
360 | GEN 14:23 | कि मैं न तो कोई धागा, न जूती का तस्मा, न तेरी और कोई चीज़ लूँ ताकि तू यह न कह सके कि मैंने इब्रहाम को दौलतमन्द बना दिया। |
374 | GEN 15:13 | और उसने इब्रहाम से कहा, यक़ीन जान कि तेरी नसल के लोग ऐसे मुल्क में जो उनका नहीं परदेसी होंगे और वहाँ के लोगों की ग़ुलामी करेंगे और वह चार सौ साल तक उनको दुख देंगे। |
375 | GEN 15:14 | लेकिन मैं उस कौम की 'अदालत करूँगा जिसकी वह गु़लामी करेंगे, और बाद में वह बड़ी दौलत लेकर वहाँ से निकल आएँगे। |
377 | GEN 15:16 | और वह चौथी पुश्त में यहाँ लौट आएँगे, क्यूँकि अमोरियों के गुनाह अब तक पूरे नहीं हुए। |
383 | GEN 16:1 | और इब्रहाम की बीवी सारय के कोई औलाद न हुई। उसकी एक मिस्री लौंडी थी जिसका नाम हाजिरा था। |
384 | GEN 16:2 | और सारय ने इब्रहाम से कहा कि देख, ख़ुदावन्द ने मुझे तो औलाद से महरूम रख्खा है, इसलिए तू मेरी लौंडी के पास जा शायद उससे मेरा घर आबाद हो। और इब्रहाम ने सारय की बात मानी। |
385 | GEN 16:3 | और इब्रहाम को मुल्क — ए — कना'न में रहते दस साल हो गए थे जब उसकी बीवी सारय ने अपनी मिस्री लौंडी उसे दी कि उसकी बीवी बने। |
387 | GEN 16:5 | तब सारय ने इब्रहाम से कहा, जो जु़ल्म मुझ पर हुआ वह तेरी गर्दन पर है। मैंने अपनी लौंडी तेरे आग़ोश में दी और अब जो उसने आपको हामिला देखा तो मैं उसकी नज़रों में हक़ीर हो गई; इसलिए ख़ुदावन्द मेरे और तेरे बीच इन्साफ़ करे। |