28142 | ROM 6:6 | चुनाँचे हम जानते हैं कि हमारी पूरानी इंसान ियत उसके साथ इसलिए मस्लूब की गई कि गुनाह का बदन बेकार हो जाए ताकि हम आगे को गुनाह की ग़ुलामी में न रहें। |
28181 | ROM 7:22 | क्यूँकि बातिनी इंसान ियत के ऐतबार से तो मैं ख़ुदा की शरी'अत को बहुत पसन्द करता हूँ। |
28943 | 2CO 4:16 | इसलिए हम हिम्मत नहीं हारते बल्कि चाहे हमारी ज़ाहिरी इंसान ियत जाहिल हो जाती है फिर भी हमारी बातिनी इंसान ियत रोज़ ब, रोज़ नई होती जाती है। |
29184 | GAL 3:15 | ऐ भाइयों! मैं इंसान ियत के तौर पर कहता हूँ कि अगर आदमी ही का 'अहद हो, जब उसकी तस्दीक़ हो गई हो तो कोई उसको बातिल नहीं करता और ना उस पर कुछ बढ़ाता है। |
29334 | EPH 3:16 | कि वो अपने जलाल की दौलत के मुवाफ़िक़ तुम्हें ये 'इनायत करे कि तुम ख़ुदा की रूह से अपनी बातिनी इंसान ियत में बहुत ही ताक़तवर हो जाओ, |
29361 | EPH 4:22 | कि तुम अपने अगले चाल — चलन की पुरानी इंसान ियत को उतार डालो, जो धोखे की शहवतों की वजह से ख़राब होती जाती है |
29363 | EPH 4:24 | और नई इंसान ियत को पहनो जो ख़ुदा के मुताबिक़ सच्चाई की रास्तबाज़ी और पाकीज़गी में पैदा की गई है। |