24 | GEN 1:24 | अल्लाह ने कहा, “ज़मीन हर क़िस्म के जानदार पैदा करे : मवेशी, रेंगनेवाले और जंगली जानवर।” ऐसा ही हुआ। |
248 | GEN 10:13 | मिसर इन क़ौमों का बाप था : लूदी, अनामी, लिहाबी, नफ़तूही, |
250 | GEN 10:15 | कनान का पहलौठा सैदा था। कनान ज़ैल की क़ौमों का बाप भी था : हित्ती |
277 | GEN 11:10 | यह सिम का नसबनामा है : सिम 100 साल का था जब उसका बेटा अरफ़क्सद पैदा हुआ। यह सैलाब के दो साल बाद हुआ। |
294 | GEN 11:27 | यह तारह का नसबनामा है : अब्राम, नहूर और हारान तारह के बेटे थे। लूत हारान का बेटा था। |
338 | GEN 14:1 | कनान में जंग हुई। बैरूने-मुल्क के चार बादशाहों ने कनान के पाँच बादशाहों से जंग की। बैरूने-मुल्क के बादशाह यह थे : सिनार से अमराफ़िल, इल्लासर से अरयूक, ऐलाम से किदरलाउमर और जोयम से तिदाल। |
339 | GEN 14:2 | कनान के बादशाह यह थे : सदूम से बिरा, अमूरा से बिरशा, अदमा से सिनियाब, ज़बोईम से शिमेबर और बाला यानी ज़ुग़र का बादशाह। |
672 | GEN 25:13 | इसमाईल के बेटे बड़े से लेकर छोटे तक यह हैं : नबायोत, क़ीदार, अदबियेल, मिबसाम, |
942 | GEN 32:14 | याक़ूब ने वहाँ रात गुज़ारी। फिर उसने अपने माल में से एसौ के लिए तोह्फ़े चुन लिए : |
1035 | GEN 35:23 | लियाह के बेटे यह थे : उसका सबसे बड़ा बेटा रूबिन, फिर शमौन, लावी, यहूदाह, इशकार और ज़बूलून। |
1042 | GEN 36:1 | यह एसौ की औलाद का नसबनामा है (एसौ को अदोम भी कहा जाता है) : |
1043 | GEN 36:2 | एसौ ने तीन कनानी औरतों से शादी की : हित्ती आदमी ऐलोन की बेटी अदा से, अना की बेटी उहलीबामा से जो हिव्वी आदमी सिबोन की नवासी थी |
1050 | GEN 36:9 | यह एसौ यानी सईर के पहाड़ी इलाक़े में आबाद अदोमियों का नसबनामा है : |
1056 | GEN 36:15 | एसौ से मुख़्तलिफ़ क़बीलों के सरदार निकले। उसके पहलौठे इलीफ़ज़ से यह क़बायली सरदार निकले : तेमान, ओमर, सफ़ो, क़नज़, |
1058 | GEN 36:17 | एसौ के बेटे रऊएल से यह क़बायली सरदार निकले : नहत, ज़ारह, सम्मा और मिज़्ज़ा। यह सब एसौ की बीवी बासमत की औलाद थे। |
1059 | GEN 36:18 | एसौ की बीवी उहलीबामा यानी अना की बेटी से यह क़बायली सरदार निकले : यऊस, यालाम और क़ोरह। |
1072 | GEN 36:31 | इससे पहले कि इसराईलियों का कोई बादशाह था ज़ैल के बादशाह यके बाद दीगरे मुल्के-अदोम में हुकूमत करते थे : |
1081 | GEN 36:40 | एसौ से अदोमी क़बीलों के यह सरदार निकले : तिमना, अलवह, यतेत, उहलीबामा, ऐला, फ़ीनोन, क़नज़, तेमान, मिबसार, मजदियेल और इराम। अदोम के सरदारों की यह फ़हरिस्त उनकी मौरूसी ज़मीन की आबादियों और क़बीलों के मुताबिक़ ही बयान की गई है। एसौ उनका बाप है। |
1395 | GEN 46:8 | इसराईल की औलाद के नाम जो मिसर चली गई यह हैं : याक़ूब के पहलौठे रूबिन |
1534 | EXO 1:1 | ज़ैल में उन बेटों के नाम हैं जो अपने बाप याक़ूब और अपने ख़ानदानों समेत मिसर में आए थे : |
1670 | EXO 6:14 | इसराईल के आबाई घरानों के सरबराह यह थे : इसराईल के पहलौठे रूबिन के चार बेटे हनूक, फ़ल्लू, हसरोन और करमी थे। इनसे रूबिन की चार शाख़ें निकलीं। |
1860 | EXO 12:43 | रब ने मूसा और हारून से कहा, “फ़सह की ईद के यह उसूल हैं : किसी भी परदेसी को फ़सह की ईद का खाना खाने की इजाज़त नहीं है। |
2199 | EXO 25:3 | उनसे यह चीज़ें हदिये के तौर पर क़बूल करो : सोना, चाँदी, पीतल; |
2298 | EXO 28:4 | उसके लिए यह लिबास बनाने हैं : सीने का कीसा, बालापोश, चोग़ा, बुना हुआ ज़ेरजामा, पगड़ी और कमरबंद। यह कपड़े अपने भाई हारून और उसके बेटों के लिए बनवाने हैं ताकि वह इमाम के तौर पर ख़िदमत कर सकें। |
2338 | EXO 29:1 | इमामों को मक़दिस में मेरी ख़िदमत के लिए मख़सूस करने का यह तरीक़ा है : एक जवान बैल और दो बेऐब मेंढे चुन लेना। |
2417 | EXO 30:34 | रब ने मूसा से कहा, “बख़ूर इस तरकीब से बनाना है : मस्तकी, ओनिका, बिरीजा और ख़ालिस लुबान बराबर के हिस्सों में |
2533 | EXO 35:1 | मूसा ने इसराईल की पूरी जमात को इकट्ठा करके कहा, “रब ने तुमको यह हुक्म दिए हैं : |
2537 | EXO 35:5 | कि जो कुछ तुम्हारे पास है उसमें से हदिये लाकर रब को उठानेवाली क़ुरबानी के तौर पर पेश करो। जो भी दिली ख़ुशी से देना चाहे वह इन चीज़ों में से कुछ दे : सोना, चाँदी, पीतल; |
2798 | LEV 4:2 | “इसराईलियों को बताना कि जो भी ग़ैरइरादी तौर पर गुनाह करके रब के किसी हुक्म को तोड़े वह यह करे : |
2859 | LEV 6:2 | “हारून और उसके बेटों को भस्म होनेवाली क़ुरबानियों के बारे में ज़ैल की हिदायात देना : भस्म होनेवाली क़ुरबानी पूरी रात सुबह तक क़ुरबानगाह की उस जगह पर रहे जहाँ आग जलती है। आग को बुझने न देना। |
2864 | LEV 6:7 | ग़ल्ला की नज़र के बारे में हिदायात यह हैं : हारून के बेटे उसे क़ुरबानगाह के सामने रब को पेश करें। |
2875 | LEV 6:18 | “हारून और उसके बेटों को गुनाह की क़ुरबानी के बारे में ज़ैल की हिदायात देना : गुनाह की क़ुरबानी को रब के सामने वहीं ज़बह करना है जहाँ भस्म होनेवाली क़ुरबानी ज़बह की जाती है। वह निहायत मुक़द्दस है। |
2881 | LEV 7:1 | क़ुसूर की क़ुरबानी जो निहायत मुक़द्दस है उसके बारे में हिदायात यह हैं : |
2891 | LEV 7:11 | सलामती की क़ुरबानी जो रब को पेश की जाती है उसके बारे में ज़ैल की हिदायात हैं : |
3000 | LEV 11:2 | “इसराईलियों को बताना कि तुम्हें ज़मीन पर रहनेवाले जानवरों में से ज़ैल के जानवरों को खाने की इजाज़त है : |
3011 | LEV 11:13 | ज़ैल के परिंदे तुम्हारे लिए क़ाबिले-घिन हों। इन्हें खाना मना है, क्योंकि वह मकरूह हैं : उक़ाब, दढ़ियल गिद्ध, काला गिद्ध, |
3022 | LEV 11:24 | जो भी ज़ैल के जानवरों की लाशें छुए वह शाम तक नापाक रहेगा : (अलिफ़) खुर रखनेवाले तमाम जानवर सिवाए उनके जिनके खुर या पाँव पूरे तौर पर चिरे हुए हैं और जो जुगाली करते हैं, (बे) तमाम जानवर जो अपने चार पंजों पर चलते हैं। यह जानवर तुम्हारे लिए नापाक हैं, और जो भी उनकी लाशें उठाए या छुए लाज़िम है कि वह अपने कपड़े धो ले। इसके बावुजूद भी वह शाम तक नापाक रहेगा। |
3051 | LEV 12:6 | जब लड़के या लड़की के सिलसिले में यह दिन गुज़र जाएँ तो वह मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े पर इमाम को ज़ैल की चीज़ें दे : भस्म होनेवाली क़ुरबानी के लिए एक यकसाला भेड़ का बच्चा और गुनाह की क़ुरबानी के लिए एक जवान कबूतर या क़ुम्री। |
3573 | LEV 27:2 | “इसराईलियों को बताना कि अगर किसी ने मन्नत मानकर किसी को रब के लिए मख़सूस किया हो तो वह उसे ज़ैल की रक़म देकर आज़ाद कर सकता है (मुस्तामल सिक्के मक़दिस के सिक्कों के बराबर हों) : |
3610 | NUM 1:5 | यह उनके नाम हैं : रूबिन के क़बीले से इलीसूर बिन शदियूर, |
3624 | NUM 1:19 | सब कुछ वैसा ही किया गया जैसा रब ने हुक्म दिया था। मूसा ने सीना के रेगिस्तान में लोगों की मर्दुमशुमारी की। नतीजा यह निकला : |
3724 | NUM 3:31 | और वह यह चीज़ें सँभालते थे : अहद का संदूक़, मेज़, शमादान, क़ुरबानगाहें, वह बरतन और साज़ो-सामान जो मक़दिस में इस्तेमाल होता था और मुक़द्दसतरीन कमरे का परदा। इन चीज़ों से मुताल्लिक़ सारी ख़िदमत उनकी ज़िम्मादारी थी। |
3729 | NUM 3:36 | और वह यह चीज़ें सँभालते थे : ख़ैमे के तख़्ते, उसके शहतीर, खंबे, पाए और इस तरह का सारा सामान। इन चीज़ों से मुताल्लिक़ सारी ख़िदमत उनकी ज़िम्मादारी थी। |
3768 | NUM 4:24 | वह यह चीज़ें उठाकर ले जाने के ज़िम्मादार हैं : |
3775 | NUM 4:31 | वह मुलाक़ात के ख़ैमे की यह चीज़ें उठाकर ले जाने के ज़िम्मादार हैं : दीवार के तख़्ते, शहतीर, खंबे और पाए, |
3853 | NUM 7:2 | फिर क़बीलों के बारह सरदार मक़दिस के लिए हदिये लेकर आए। यह वही राहनुमा थे जिन्होंने मर्दुमशुमारी के वक़्त मूसा की मदद की थी। उन्होंने छतवाली छ: बैलगाड़ियाँ और बारह बैल ख़ैमे के सामने रब को पेश किए, दो दो सरदारों की तरफ़ से एक बैलगाड़ी और हर एक सरदार की तरफ़ से एक बैल। |
3863 | NUM 7:12 | पहले दिन यहूदाह के सरदार नहसोन बिन अम्मीनदाब की बारी थी। उसके हदिये यह थे : |
3865 | NUM 7:14 | इनके अलावा नहसोन ने यह चीज़ें पेश कीं : सोने का प्याला जिसका वज़न 110 ग्राम था और जो बख़ूर से भरा हुआ था, |
4080 | NUM 13:4 | उनके नाम यह हैं : रूबिन के क़बीले से सम्मुअ बिन ज़क्कूर, |
4157 | NUM 15:3 | तो जलनेवाली क़ुरबानियाँ यों पेश करना : अगर तुम अपने गाय-बैलों या भेड़-बकरियों में से ऐसी क़ुरबानी पेश करना चाहो जिसकी ख़ुशबू रब को पसंद हो तो साथ साथ डेढ़ किलोग्राम बेहतरीन मैदा भी पेश करो जो एक लिटर ज़ैतून के तेल के साथ मिलाया गया हो। इसमें कोई फ़रक़ नहीं कि यह भस्म होनेवाली क़ुरबानी, मन्नत की क़ुरबानी, दिली ख़ुशी की क़ुरबानी या किसी ईद की क़ुरबानी हो। |
4582 | NUM 28:3 | रब को जलनेवाली यह क़ुरबानी पेश करना : रोज़ाना भेड़ के दो यकसाला बच्चे जो बेऐब हों पूरे तौर पर जला देना। |
4764 | NUM 33:2 | रब के हुक्म पर मूसा ने हर जगह का नाम क़लमबंद किया जहाँ उन्होंने अपने ख़ैमे लगाए थे। उन जगहों के नाम यह हैं : |
4774 | NUM 33:12 | उनके अगले मरहले यह थे : दुफ़क़ा, |
4803 | NUM 33:41 | होर पहाड़ से रवाना होकर इसराईली ज़ैल की जगहों पर ठहरे : ज़लमूना, फ़ूनोन, ओबोत, ऐये-अबारीम जो मोआब के इलाक़े में था, दीबोन-जद, अलमून-दिबलातायम और नबू के क़रीब वाक़े अबारीम का पहाड़ी इलाक़ा। |
4820 | NUM 34:2 | “इसराईलियों को बताना कि जब तुम उस मुल्क में दाख़िल होगे जो मैं तुम्हें मीरास में दूँगा तो उस की सरहद्दें यह होंगी : |
4821 | NUM 34:3 | उस की जुनूबी सरहद दश्ते-सीन में अदोम की सरहद के साथ साथ चलेगी। मशरिक़ में वह बहीराए-मुरदार के जुनूबी साहिल से शुरू होगी, फिर इन जगहों से होकर मग़रिब की तरफ़ गुज़रेगी : |
4825 | NUM 34:7 | उस की शिमाली सरहद बहीराए-रूम से लेकर इन जगहों से होकर मशरिक़ की तरफ़ गुज़रेगी : होर पहाड़, |
4828 | NUM 34:10 | उस की मशरिक़ी सरहद शिमाल में हसर-एनान से शुरू होगी। फिर वह इन जगहों से होकर जुनूब की तरफ़ गुज़रेगी : सिफ़ाम, |
4836 | NUM 34:18 | हर क़बीले के एक एक राहनुमा को भी चुनना ताकि वह तक़सीम करने में मदद करे। जिनको तुम्हें चुनना है उनके नाम यह हैं : |
5304 | DEU 14:12 | लेकिन ज़ैल के परिंदे खाना मना है : उक़ाब, दढ़ियल गिद्ध, काला गिद्ध, |
5818 | DEU 33:6 | रूबिन की बरकत : रूबिन मर न जाए बल्कि जीता रहे। वह तादाद में बढ़ जाए। |
5819 | DEU 33:7 | यहूदाह की बरकत : ऐ रब, यहूदाह की पुकार सुनकर उसे दुबारा उस की क़ौम में शामिल कर। उसके हाथ उसके लिए लड़ें। मुख़ालिफ़ों का सामना करते वक़्त उस की मदद कर। |
5820 | DEU 33:8 | लावी की बरकत : तेरी मरज़ी मालूम करने के क़ुरे बनाम ऊरीम और तुम्मीम तेरे वफ़ादार ख़ादिम लावी के पास होते हैं। तूने उसे मस्सा में आज़माया और मरीबा में उससे लड़ा। |
5824 | DEU 33:12 | बिनयमीन की बरकत : बिनयमीन रब को प्यारा है। वह सलामती से उसके पास रहता है, क्योंकि रब दिन-रात उसे पनाह देता है। बिनयमीन उस की पहाड़ी ढलानों के दरमियान महफ़ूज़ रहता है। |
5825 | DEU 33:13 | यूसुफ़ की बरकत : रब उस की ज़मीन को बरकत दे। आसमान से क़ीमती ओस टपके और ज़मीन के नीचे से चश्मे फूट निकलें। |
5830 | DEU 33:18 | ज़बूलून और इशकार की बरकत : ऐ ज़बूलून, घर से निकलते वक़्त ख़ुशी मना। ऐ इशकार, अपने ख़ैमों में रहते हुए ख़ुश हो। |
5832 | DEU 33:20 | जद की बरकत : मुबारक है वह जो जद का इलाक़ा वसी कर दे। जद शेरबबर की तरह दबककर किसी का बाज़ू या सर फाड़ डालने के लिए तैयार रहता है। |
5834 | DEU 33:22 | दान की बरकत : दान शेरबबर का बच्चा है जो बसन से निकलकर छलाँग लगाता है। |
5835 | DEU 33:23 | नफ़ताली की बरकत : नफ़ताली रब की मंज़ूरी से सेर है, उसे उस की पूरी बरकत हासिल है। वह गलील की झील और उसके जुनूब का इलाक़ा मीरास में पाएगा। |
5836 | DEU 33:24 | आशर की बरकत : आशर बेटों में सबसे मुबारक है। वह अपने भाइयों को पसंद हो। उसके पास ज़ैतून का इतना तेल हो कि वह अपने पाँव उसमें डुबो सके। |
5857 | JOS 1:4 | तुम्हारे मुल्क की सरहद्दें यह होंगी : जुनूब में नजब का रेगिस्तान, शिमाल में लुबनान, मशरिक़ में दरियाए-फ़ुरात और मग़रिब में बहीराए-रूम। हित्ती क़ौम का पूरा इलाक़ा इसमें शामिल होगा। |
6040 | JOS 9:1 | इन बातों की ख़बर दरियाए-यरदन के मग़रिब के तमाम बादशाहों तक पहुँची, ख़ाह वह पहाड़ी इलाक़े, मग़रिब के नशेबी पहाड़ी इलाक़े या साहिली इलाक़े में लुबनान तक रहते थे। उनकी यह क़ौमें थीं : हित्ती, अमोरी, कनानी, फ़रिज़्ज़ी, हिव्वी और यबूसी। |
6140 | JOS 12:8 | यानी पहाड़ी इलाक़ा, मग़रिब का नशेबी पहाड़ी इलाक़ा, यरदन की वादी, उसके मग़रिब में वाक़े पहाड़ी ढलानें, यहूदाह का रेगिस्तान और दश्ते-नजब। पहले यह सब कुछ हित्तियों, अमोरियों, कनानियों, फ़रिज़्ज़ियों, हिव्वियों और यबूसियों के हाथ में था। ज़ैल के हर शहर का अपना बादशाह था, और हर एक ने शिकस्त खाई : |
6225 | JOS 15:21 | उसमें ज़ैल के शहर शामिल थे। जुनूब में मुल्के-अदोम की सरहद की तरफ़ यह शहर थे : क़बज़ियेल, इदर, यजूर, |
6237 | JOS 15:33 | मग़रिब के नशेबी पहाड़ी इलाक़े में यह शहर थे : इस्ताल, सुरआ, अस्ना, |
6241 | JOS 15:37 | इनके अलावा यह शहर भी थे : ज़नान, हदाशा, मिजदल-जद, |
6246 | JOS 15:42 | इस इलाक़े में यह शहर भी थे : लिबना, इतर, असन, |
6249 | JOS 15:45 | इनके अलावा यह शहर भी थे : अक़रून उसके गिर्दो-नवाह की आबादियों और देहातों समेत, |
6252 | JOS 15:48 | पहाड़ी इलाक़े के यह शहर यहूदाह के क़बीले के थे : समीर, यत्तीर, सोका, |
6256 | JOS 15:52 | इनके अलावा यह शहर भी थे : अराब, दूमा, इशआन, |
6259 | JOS 15:55 | इनके अलावा यह शहर भी थे : मऊन, करमिल, ज़ीफ़, यूत्ता, |
6262 | JOS 15:58 | इनके अलावा यह शहर भी थे : हलहूल, बैत-सूर, जदूर, |
6265 | JOS 15:61 | रेगिस्तान में यह शहर यहूदाह के क़बीले के थे : बैत-अराबा, मिद्दीन, सकाका, |
6272 | JOS 16:5 | इफ़राईम के क़बीले को उसके कुंबों के मुताबिक़ यह इलाक़ा मिल गया : उस की जुनूबी सरहद अतारात-अद्दार और बालाई बैत-हौरून से होकर |
6288 | JOS 17:11 | आशर और इशकार के इलाक़ों के दर्जे-ज़ैल शहर मनस्सी की मिलकियत थे : बैत-शान, इबलियाम, दोर यानी नाफ़त-दोर, ऐन-दोर, तानक और मजिद्दो उनके गिर्दो-नवाह की आबादियों समेत। |
6316 | JOS 18:21 | ज़ैल के शहर इस इलाक़े में शामिल थे : यरीहू, बैत-हुजलाह, इमक़-क़सीस, |
6320 | JOS 18:25 | इनके अलावा यह शहर भी थे : जिबऊन, रामा, बैरोत, |
6325 | JOS 19:2 | उसे यह शहर मिल गए : बैर-सबा (सबा), मोलादा, |
6330 | JOS 19:7 | इनके अलावा यह चार शहर भी शमौन के थे : ऐन, रिम्मोन, इतर और असन। हर शहर के गिर्दो-नवाह की आबादियाँ उसके साथ गिनी जाती थीं। |
6341 | JOS 19:18 | उसका इलाक़ा यज़्रएल से लेकर शिमाल की तरफ़ फैल गया। यह शहर उसमें शामिल थे : कसूलोत, शूनीम, |
6348 | JOS 19:25 | उसके इलाक़े में यह शहर शामिल थे : ख़िलक़त, हली, बतन, अकशाफ़, |
6358 | JOS 19:35 | ज़ैल के फ़सीलदार शहर नफ़ताली की मिलकियत में आए : सद्दीम, सैर, हम्मत, रक़्क़त, किन्नरत, |
6364 | JOS 19:41 | उसके इलाक़े में यह शहर शामिल थे : सुरआ, इस्ताल, ईर-शम्स, |
6381 | JOS 20:7 | इसराईलियों ने पनाह के यह शहर चुन लिए : नफ़ताली के पहाड़ी इलाक़े में गलील का क़ादिस, इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े में सिकम और यहूदाह के पहाड़ी इलाक़े में क़िरियत-अरबा यानी हबरून। |
6392 | JOS 21:9 | क़ुरा डालते वक़्त लावी के घराने क़िहात में से हारून के कुंबे को पहला हिस्सा मिल गया। उसे यहूदाह और शमौन के क़बीलों के यह शहर दिए गए : |
6410 | JOS 21:27 | लावी के क़बीले के घराने जैरसोन को मनस्सी के मशरिक़ी हिस्से के दो शहर उनकी चरागाहों समेत दिए गए : मुल्के-बसन में जौलान जिसमें हर वह शख़्स पनाह ले सकता था जिससे कोई ग़ैरइरादी तौर पर हलाक हुआ था, और बइस्तराह। |
6411 | JOS 21:28 | इशकार के क़बीले ने उसे चार शहर उनकी चरागाहों समेत दिए : क़िसियोन, दाबरत, यरमूत और ऐन-जन्नीम। |
6413 | JOS 21:30 | इसी तरह उसे आशर के क़बीले के भी चार शहर उनकी चरागाहों समेत दिए गए : मिसाल, अबदोन, ख़िलक़त और रहोब। |
6415 | JOS 21:32 | नफ़ताली के क़बीले ने तीन शहर उनकी चरागाहों समेत दिए : गलील का क़ादिस जिसमें हर वह शख़्स पनाह ले सकता था जिससे कोई ग़ैरइरादी तौर पर हलाक हुआ था, फिर हम्मात-दोर और क़रतान। |
6417 | JOS 21:34 | अब रह गया लावी के क़बीले का घराना मिरारी। उसे ज़बूलून के क़बीले के चार शहर उनकी चरागाहों समेत मिल गए : युक़नियाम, क़रता, दिम्ना और नहलाल। |