23364 | MAT 6:13 | और हमें आज़माइश में न पड़ने दे बल्कि हमें इबलीस से बचाए रख। [क्योंकि बादशाही, क़ुदरत और जलाल अबद तक तेरे ही हैं।] |
23790 | MAT 17:21 | [लेकिन इस क़िस्म की बदरूह दुआ और रोज़े के बग़ैर नहीं निकलती।]” |
23807 | MAT 18:11 | [क्योंकि इब्ने-आदम खोए हुओं को ढूँडने और नजात देने आया है।] |
24001 | MAT 23:14 | [शरीअत के आलिमो और फ़रीसियो, तुम पर अफ़सोस! रियाकारो! तुम बेवाओं के घरों पर क़ब्ज़ा कर लेते और दिखावे के लिए लंबी लंबी नमाज़ पढ़ते हो। इसलिए तुम्हें ज़्यादा सज़ा मिलेगी।] |
24548 | MRK 7:16 | [अगर कोई सुन सकता है तो वह सुन ले।] |
24650 | MRK 9:43 | अगर तेरा हाथ तुझे गुनाह करने पर उकसाए तो उसे काट डालना। इससे पहले कि तू दो हाथों समेत जहन्नुम की कभी न बुझनेवाली आग में चला जाए [यानी वहाँ जहाँ लोगों को खानेवाले कीड़े कभी नहीं मरते और आग कभी नहीं बुझती] बेहतर यह है कि तू एक हाथ से महरूम होकर अबदी ज़िंदगी में दाख़िल हो। |
24652 | MRK 9:45 | अगर तेरा पाँव तुझे गुनाह करने पर उकसाए तो उसे काट डालना। इससे पहले कि तुझे दो पाँवों समेत जहन्नुम में फेंका जाए [जहाँ लोगों को खानेवाले कीड़े कभी नहीं मरते और आग कभी नहीं बुझती] बेहतर यह है कि तू एक पाँव से महरूम होकर अबदी ज़िंदगी में दाख़िल हो। |
24656 | MRK 9:49 | क्योंकि हर एक को आग से नमकीन किया जाएगा [और हर एक क़ुरबानी नमक से नमकीन की जाएगी]। |
24735 | MRK 11:26 | [और अगर तुम मुआफ़ न करो तो तुम्हारा आसमानी बाप तुम्हारे गुनाह भी मुआफ़ नहीं करेगा।]” |
24891 | MRK 14:68 | लेकिन उसने इनकार किया, “मैं नहीं जानता या समझता कि तू क्या बात कर रही है।” यह कहकर वह गेट के क़रीब चला गया। [उसी लमहे मुरग़ ने बाँग दी।] |
24923 | MRK 15:28 | [यों मुक़द्दस कलाम का वह हवाला पूरा हुआ जिसमें लिखा है, ‘उसे मुजरिमों में शुमार किया गया।’] |
25424 | LUK 9:54 | यह देखकर उसके शागिर्द याक़ूब और यूहन्ना ने कहा, “ख़ुदावंद, क्या [इलियास की तरह] हम कहें कि आसमान पर से आग नाज़िल होकर इनको भस्म कर दे?” |
25425 | LUK 9:55 | लेकिन ईसा ने मुड़कर उन्हें डाँटा [और कहा, “तुम नहीं जानते कि तुम किस क़िस्म की रूह के हो। इब्ने-आदम इसलिए नहीं आया कि लोगों को हलाक करे बल्कि इसलिए कि उन्हें बचाए।”] |
25756 | LUK 17:36 | [दो अफ़राद खेत में होंगे, एक को साथ ले लिया जाएगा जबकि दूसरे को पीछे छोड़ दिया जाएगा।]” |
26021 | LUK 23:17 | [असल में यह उसका फ़र्ज़ था कि वह ईद के मौक़े पर उनकी ख़ातिर एक क़ैदी को रिहा कर दे।] |
26283 | JHN 5:4 | [क्योंकि गाहे बगाहे रब का फ़रिश्ता उतरकर पानी को हिला देता था। जो भी उस वक़्त उसमें पहले दाख़िल हो जाता उसे शफ़ा मिल जाती थी ख़ाह उस की बीमारी कोई भी क्यों न होती।] |
27282 | ACT 8:37 | [फ़िलिप्पुस ने कहा, “अगर आप पूरे दिल से ईमान लाएँ तो ले सकते हैं।” उसने जवाब दिया, “मैं ईमान रखता हूँ कि ईसा मसीह अल्लाह का फ़रज़ंद है।”] |
27545 | ACT 15:34 | [लेकिन सीलास को वहाँ ठहरना अच्छा लगा।] |
27844 | ACT 24:7 | मगर लूसियास कमाँडर आकर इसे ज़बरदस्ती हमसे छीनकर ले गया और हुक्म दिया कि इसके मुद्दई आपके पास हाज़िर हों।] |
27996 | ACT 28:29 | [जब उसने यह कहा तो यहूदी आपस में बहस-मुबाहसा करते हुए चले गए।] |
28428 | ROM 16:24 | [हमारे ख़ुदावंद ईसा का फ़ज़ल आप सबके साथ होता रहे।] |