Wildebeest analysis examples for:   urd-urdgvh   ँ    February 11, 2023 at 19:52    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

2  GEN 1:2  अभी तक ज़मीन वीरान और ख़ाली थी। वह गहरे पानी से ढकी हुई थी जिसके ऊपर अंधेरा ही अंधेरा था। अल्लाह का रूह पानी के ऊपरडला रहा था।
14  GEN 1:14  अल्लाह ने कहा, “आसमान पर रौशनिया पैदा हो जाए ताकि दिन और रात में इम्तियाज़ हो और इसी तरह मुख़्तलिफ़ मौसमों, दिनों और सालों में भी।
15  GEN 1:15  आसमान की यह रौशनिया दुनिया को रौशन करें।” ऐसा ही हुआ।
16  GEN 1:16  अल्लाह ने दो बड़ी रौशनिया बनाईं, सूरज जो बड़ा था दिन पर हुकूमत करने को और चाजो छोटा था रात पर। इनके अलावा उसने सितारों को भी बनाया।
22  GEN 1:22  उसने उन्हें बरकत दी और कहा, “फलो-फूलो और तादाद में बढ़ते जाओ। समुंदर तुमसे भर जाए। इसी तरह परिंदे ज़मीन पर तादाद में बढ़ जाए।”
23  GEN 1:23  शाम हुई, फिर सुबह। यों पाचवा दिन गुज़र गया।
26  GEN 1:26  अल्लाह ने कहा, “आओ अब हम इनसान को अपनी सूरत पर बनाए, वह हमसे मुशाबहत रखे। वह तमाम जानवरों पर हुकूमत करे, समुंदर की मछलियों पर, हवा के परिंदों पर, मवेशियों पर, जंगली जानवरों पर और ज़मीन पर के तमाम रेंगनेवाले जानदारों पर।”
29  GEN 1:29  अल्लाह ने उनसे मज़ीद कहा, “तमाम बीजदार पौदे और फलदार दरख़्त तुम्हारे ही हैं। मैं उन्हें तुमको खाने के लिए देता हू
30  GEN 1:30  इस तरह मैं तमाम जानवरों को खाने के लिए हरियाली देता हूजिसमें भी जान है वह यह खा सकता है, ख़ाह वह ज़मीन पर चलने-फिरनेवाला जानवर, हवा का परिंदा या ज़मीन पर रेंगनेवाला क्यों न हो।” ऐसा ही हुआ।
33  GEN 2:2  सातवें दिन अल्लाह का सारा काम तकमील को पहुचा। इससे फ़ारिग़ होकर उसने आराम किया।
36  GEN 2:5  तो शुरू में झाड़िया और पौदे नहीं उगते थे। वजह यह थी कि अल्लाह ने बारिश का इंतज़ाम नहीं किया था। और अभी इनसान भी पैदा नहीं हुआ था कि ज़मीन की खेतीबाड़ी करता।
38  GEN 2:7  फिर रब ख़ुदा ने ज़मीन से मिट्टी लेकर इनसान को तश्कील दिया और उसके नथनों में ज़िंदगी का दम फूका तो वह जीती जान हुआ।
41  GEN 2:10  अदन में से एक दरिया निकलकर बाग़ की आबपाशी करता था। वहा से बहकर वह चार शाख़ों में तक़सीम हुआ।
42  GEN 2:11  पहली शाख़ का नाम फ़ीसून है। वह मुल्के-हवीला को घेरे हुए बहती है जहा ख़ालिस सोना, गूगल का गूऔर अक़ीक़े-अहमर पाए जाते हैं।
49  GEN 2:18  रब ख़ुदा ने कहा, “अच्छा नहीं कि आदमी अकेला रहे। मैं उसके लिए एक मुनासिब मददगार बनाता हू।”
55  GEN 2:24  इसलिए मर्द अपने मा-बाप को छोड़कर अपनी बीवी के साथ पैवस्त हो जाता है, और वह दोनों एक हो जाते हैं।
57  GEN 3:1  साज़मीन पर चलने-फिरनेवाले उन तमाम जानवरों से ज़्यादा चालाक था जिनको रब ख़ुदा ने बनाया था। उसने औरत से पूछा, “क्या अल्लाह ने वाक़ई कहा कि बाग़ के किसी भी दरख़्त का फल न खाना?”
60  GEN 3:4  साने औरत से कहा, “तुम हरगिज़ न मरोगे,
61  GEN 3:5  बल्कि अल्लाह जानता है कि जब तुम उसका फल खाओगे तो तुम्हारीखें खुल जाएगी और तुम अल्लाह की मानिंद हो जाओगे, तुम जो भी अच्छा और बुरा है उसे जान लोगे।”
63  GEN 3:7  लेकिन खाते ही उनकीखें खुल गईं और उनको मालूम हुआ कि हम नंगे हैं। चुनाचे उन्होंने अंजीर के पत्ते सीकर लुंगिया बना लीं।
65  GEN 3:9  रब ख़ुदा ने पुकारकर कहा, “आदम, तू कहा है?”
66  GEN 3:10  आदम ने जवाब दिया, “मैंने तुझे बाग़ में चलते हुए सुना तो डर गया, क्योंकि मैं नंगा हूइसलिए मैं छुप गया।”
69  GEN 3:13  अब रब ख़ुदा औरत से मुख़ातिब हुआ, “तूने यह क्यों किया?” औरत ने जवाब दिया, “साने मुझे बहकाया तो मैंने खाया।”
70  GEN 3:14  रब ख़ुदा ने सासे कहा, “चूकि तूने यह किया, इसलिए तू तमाम मवेशियों और जंगली जानवरों में लानती है। तू उम्र-भर पेट के बल रेंगेगा और ख़ाक चाटेगा।
71  GEN 3:15  मैं तेरे और औरत के दरमियान दुश्मनी पैदा करूगा। उस की औलाद तेरी औलाद की दुश्मन होगी। वह तेरे सर को कुचल डालेगी जबकि तू उस की एड़ी पर काटेगा।”
72  GEN 3:16  फिर रब ख़ुदा औरत से मुख़ातिब हुआ और कहा, “जब तू उम्मीद से होगी तो मैं तेरी तकलीफ़ को बहुत बढ़ाऊगा। जब तेरे बच्चे होंगे तो तू शदीद दर्द का शिकार होगी। तू अपने शौहर की तमन्ना करेगी लेकिन वह तुझ पर हुकूमत करेगा।”
74  GEN 3:18  तेरे लिए वह ख़ारदार पौदे औरटकटारे पैदा करेगी, हालाकि तू उससे अपनी ख़ुराक भी हासिल करेगा।
76  GEN 3:20  आदम ने अपनी बीवी का नाम हव्वा यानी ज़िंदगी रखा, क्योंकि बाद में वह तमाम ज़िंदों की मा बन गई।
80  GEN 3:24  इनसान को ख़ारिज करने के बाद उसने बाग़े-अदन के मशरिक़ में करूबी फ़रिश्ते खड़े किए और साथ साथ एक आतिशी तलवार रखी जो इधर-उधर घूमती थी ताकि उस रास्ते की हिफ़ाज़त करे जो ज़िंदगी बख़्शनेवाले दरख़्त तक पहुचाता था।
85  GEN 4:5  मगर क़ाबील का नज़राना मंज़ूर न हुआ। यह देखकर क़ाबील बड़े ग़ुस्से में आ गया, और उसका मुबिगड़ गया।
86  GEN 4:6  रब ने पूछा, “तू ग़ुस्से में क्यों आ गया है? तेरा मुक्यों लटका हुआ है?
89  GEN 4:9  तब रब ने क़ाबील से पूछा, “तेरा भाई हाबील कहा है?” क़ाबील ने जवाब दिया, “मुझे क्या पता! क्या अपने भाई की देख-भाल करना मेरी ज़िम्मादारी है?”
91  GEN 4:11  इसलिए तुझ पर लानत है और ज़मीन ने तुझे रद्द किया है, क्योंकि ज़मीन को मुखोलकर तेरे हाथ से क़त्ल किए हुए भाई का ख़ून पीना पड़ा।
93  GEN 4:13  क़ाबील ने कहा, “मेरी सज़ा निहायत सख़्त है। मैं इसे बरदाश्त नहीं कर पाऊगा।
94  GEN 4:14  आज तू मुझे ज़मीन की सतह से भगा रहा है और मुझे तेरे हुज़ूर से भी छुप जाना है। मैं मफ़रूर की हैसियत से मारा मारा फिरता रहूगा, इसलिए जिसको भी पता चलेगा कि मैं कहा हू वह मुझे क़त्ल कर डालेगा।”
99  GEN 4:19  लमक की दो बीविया थीं, अदा और ज़िल्ला।
101  GEN 4:21  याबल का भाई यूबल था। उस की नसल के लोग सरोद और बासरी बजाते थे।
106  GEN 4:26  सेत के हा भी बेटा पैदा हुआ। उसने उसका नाम अनूस रखा। उन दिनों में लोग रब का नाम लेकर इबादत करने लगे।
110  GEN 5:4  सेत की पैदाइश के बाद आदम मज़ीद 800 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटिया भी पैदा हुए।
113  GEN 5:7  इसके बाद वह मज़ीद 807 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटिया भी पैदा हुए।
116  GEN 5:10  इसके बाद वह मज़ीद 815 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटिया भी पैदा हुए।
119  GEN 5:13  इसके बाद वह मज़ीद 840 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटिया भी पैदा हुए।
122  GEN 5:16  इसके बाद वह मज़ीद 830 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटिया भी पैदा हुए।
125  GEN 5:19  इसके बाद वह मज़ीद 800 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटिया भी पैदा हुए।
128  GEN 5:22  इसके बाद वह मज़ीद 300 साल अल्लाह के साथ चलता रहा। उसके और बेटे-बेटिया भी पैदा हुए।
132  GEN 5:26  वह मज़ीद 782 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे और बेटिया भी पैदा हुए।
135  GEN 5:29  उसने उसका नाम नूह यानी तसल्ली रखा, क्योंकि उसने उसके बारे में कहा, “हमारा खेतीबाड़ी का काम निहायत तकलीफ़देह है, इसलिए कि अल्लाह ने ज़मीन पर लानत भेजी है। लेकिन अब हम बेटे की मारिफ़त तसल्ली पाएगे।”
136  GEN 5:30  इसके बाद वह मज़ीद 595 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटिया भी पैदा हुए।
139  GEN 6:1  दुनिया में लोगों की तादाद बढ़ने लगी। उनके हा बेटिया पैदा हुईं।
140  GEN 6:2  तब आसमानी हस्तियों ने देखा कि बनी नौ इनसान की बेटिया ख़ूबसूरत हैं, और उन्होंने उनमें से कुछ चुनकर उनसे शादी की।
145  GEN 6:7  उसने कहा, “गो मैं ही ने इनसान को ख़लक़ किया मैं उसे रूए-ज़मीन पर से मिटा डालूगा। मैं न सिर्फ़ लोगों को बल्कि ज़मीन पर चलने-फिरने और रेंगनेवाले जानवरों और हवा के परिंदों को भी हलाक कर दूगा, क्योंकि मैं पछताता हू कि मैंने उनको बनाया।”
150  GEN 6:12  जहा भी अल्लाह देखता दुनिया ख़राब थी, क्योंकि तमाम जानदारों ने ज़मीन पर अपनी रविश को बिगाड़ दिया था।
151  GEN 6:13  तब अल्लाह ने नूह से कहा, “मैंने तमाम जानदारों को ख़त्म करने का फ़ैसला किया है, क्योंकि उनके सबब से पूरी दुनिया ज़ुल्मो-तशद्दुद से भर गई है। चुनाचे मैं उनको ज़मीन समेत तबाह कर दूगा।
153  GEN 6:15  उस की लंबाई 450 फ़ुट, चौड़ाई 75 फ़ुट औरचाई 45 फ़ुट हो।
155  GEN 6:17  मैं पानी का इतना बड़ा सैलाब लाऊगा कि वह ज़मीन के तमाम जानदारों को हलाक कर डालेगा। ज़मीन पर सब कुछ फ़ना हो जाएगा।
156  GEN 6:18  लेकिन तेरे साथ मैं अहद बाधूगा जिसके तहत तू अपने बेटों, अपनी बीवी और बहुओं के साथ कश्ती में जाएगा।
158  GEN 6:20  हर क़िस्म के पर रखनेवाले जानवर और हर क़िस्म के ज़मीन पर फिरने या रेंगनेवाले जानवर दो दो होकर तेरे पास आएगे ताकि जीते बच जाए
164  GEN 7:4  एक हफ़ते के बाद मैं चालीस दिन और चालीस रात मुतवातिर बारिश बरसाऊगा। इससे मैं तमाम जानदारों को रूए-ज़मीन पर से मिटा डालूगा, अगरचे मैं ही ने उन्हें बनाया है।”
173  GEN 7:13  जब बारिश शुरू हुई तो नूह, उसके बेटे सिम, हाम और याफ़त, उस की बीवी और बहुए कश्ती में सवार हो चुके थे।
179  GEN 7:19  आख़िरकार पानी इतना ज़्यादा हो गया कि तमामचे पहाड़ भी उसमें छुप गए,
180  GEN 7:20  बल्कि सबसेची चोटी पर पानी की गहराई 20 फ़ुट थी।
189  GEN 8:5  दसवें महीने के पहले दिन पानी इतना कम हो गया था कि पहाड़ों की चोटिया नज़र आने लगी थीं।
201  GEN 8:17  जितने भी जानवर साथ हैं उन्हें निकाल दे, ख़ाह परिंदे हों, ख़ाह ज़मीन पर फिरने या रेंगनेवाले जानवर। वह दुनिया में फैल जाए, नसल बढ़ाए और तादाद में बढ़ते जाए।”
202  GEN 8:18  चुनाचे नूह अपने बेटों, अपनी बीवी और बहुओं समेत निकल आया।
205  GEN 8:21  यह क़ुरबानिया देखकर रब ख़ुश हुआ और अपने दिल में कहा, “अब से मैं कभी ज़मीन पर इनसान की वजह से लानत नहीं भेजूगा, क्योंकि उसका दिल बचपन ही से बुराई की तरफ़ मायल है। अब से मैं कभी इस तरह तमाम जान रखनेवाली मख़लूक़ात को रूए-ज़मीन पर से नहीं मिटाऊगा।
208  GEN 9:2  ज़मीन पर फिरने और रेंगनेवाले जानवर, परिंदे और मछलिया सब तुमसे डरेंगे। उन्हें तुम्हारे इख़्तियार में कर दिया गया है।
211  GEN 9:5  किसी की जान लेना मना है। जो ऐसा करेगा उसे अपनी जान देनी पड़ेगी, ख़ाह वह इनसान हो या हैवान। मैं ख़ुद इसका मुतालबा करूगा।
215  GEN 9:9  “अब मैं तुम्हारे और तुम्हारी औलाद के साथ अहद क़ायम करता हू
217  GEN 9:11  मैं तुम्हारे साथ अहद बाधकर वादा करता हू कि अब से ऐसा कभी नहीं होगा कि ज़मीन की तमाम ज़िंदगी सैलाब से ख़त्म कर दी जाएगी। अब से ऐसा सैलाब कभी नहीं आएगा जो पूरी ज़मीन को तबाह कर दे।
218  GEN 9:12  इस अबदी अहद का निशान जो मैं तुम्हारे और तमाम जानदारों के साथ क़ायम कर रहा हू यह है कि
219  GEN 9:13  मैं अपनी कमान बादलों में रखता हूवह मेरे दुनिया के साथ अहद का निशान होगा।
221  GEN 9:15  तो मैं यह अहद याद करूगा जो तुम्हारे और तमाम जानदारों के साथ किया गया है। अब कभी भी ऐसा सैलाब नहीं आएगा जो तमाम ज़िंदगी को हलाक कर दे।
222  GEN 9:16  क़ौसे-क़ुज़ह नज़र आएगी तो मैं उसे देखकर उस दायमी अहद को याद करूगा जो मेरे और दुनिया की तमाम जानदार मख़लूक़ात के दरमियान है।
229  GEN 9:23  यह सुनकर सिम और याफ़त ने अपने कंधों पर कपड़ा रखा। फिर वह उलटे चलते हुए डेरे में दाख़िल हुए और कपड़ा अपने बाप पर डाल दिया। उनके मुदूसरी तरफ़ मुड़े रहे ताकि बाप की बरहनगी नज़र न आए।
233  GEN 9:27  अल्लाह करे कि याफ़त की हुदूद बढ़ जाएयाफ़त सिम के डेरों में रहे और कनान उसका ग़ुलाम हो।”
246  GEN 10:11  उस मुल्क से निकलकर वह असूर चला गया जहा उसने नीनवा, रहोबोत-ईर, कलह
254  GEN 10:19  कि उनकी हुदूद शिमाल में सैदा से जुनूब की तरफ़ जिरार से होकर ग़ज़्ज़ा तक और वहा से मशरिक़ की तरफ़ सदूम, अमूरा, अदमा और ज़बोईम से होकर लसा तक थीं।
260  GEN 10:25  इबर के हा दो बेटे पैदा हुए। एक का नाम फ़लज यानी तक़सीम था, क्योंकि उन ऐयाम में दुनिया तक़सीम हुई। फ़लज के भाई का नाम युक़तान था।
269  GEN 11:2  मशरिक़ की तरफ़ बढ़ते बढ़ते वह सिनार के एक मैदान में पहुचकर वहा आबाद हुए।