Wildebeest analysis examples for:   urd-urdgvh   इ    February 11, 2023 at 19:52    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

1  GEN 1:1  ब्तिदा में अल्लाह ने आसमान और ज़मीन को बनाया।
14  GEN 1:14  अल्लाह ने कहा, “आसमान पर रौशनियाँ पैदा हो जाएँ ताकि दिन और रात में म्तियाज़ हो और सी तरह मुख़्तलिफ़ मौसमों, दिनों और सालों में भी।
16  GEN 1:16  अल्लाह ने दो बड़ी रौशनियाँ बनाईं, सूरज जो बड़ा था दिन पर हुकूमत करने को और चाँद जो छोटा था रात पर। नके अलावा उसने सितारों को भी बनाया।
18  GEN 1:18  दिन और रात पर हुकूमत करें और रौशनी और तारीकी में म्तियाज़ पैदा करें। अल्लाह ने देखा कि यह अच्छा है।
22  GEN 1:22  उसने उन्हें बरकत दी और कहा, “फलो-फूलो और तादाद में बढ़ते जाओ। समुंदर तुमसे भर जाए। सी तरह परिंदे ज़मीन पर तादाद में बढ़ जाएँ।”
26  GEN 1:26  अल्लाह ने कहा, “आओ अब हम नसान को अपनी सूरत पर बनाएँ, वह हमसे मुशाबहत रखे। वह तमाम जानवरों पर हुकूमत करे, समुंदर की मछलियों पर, हवा के परिंदों पर, मवेशियों पर, जंगली जानवरों पर और ज़मीन पर के तमाम रेंगनेवाले जानदारों पर।”
27  GEN 1:27  यों अल्लाह ने नसान को अपनी सूरत पर बनाया, अल्लाह की सूरत पर। उसने उन्हें मर्द और औरत बनाया।
28  GEN 1:28  अल्लाह ने उन्हें बरकत दी और कहा, “फलो-फूलो और तादाद में बढ़ते जाओ। दुनिया तुमसे भर जाए और तुम उस पर ख़्तियार रखो। समुंदर की मछलियों, हवा के परिंदों और ज़मीन पर के तमाम रेंगनेवाले जानदारों पर हुकूमत करो।”
30  GEN 1:30  तरह मैं तमाम जानवरों को खाने के लिए हरियाली देता हूँ। जिसमें भी जान है वह यह खा सकता है, ख़ाह वह ज़मीन पर चलने-फिरनेवाला जानवर, हवा का परिंदा या ज़मीन पर रेंगनेवाला क्यों न हो।” ऐसा ही हुआ।
33  GEN 2:2  सातवें दिन अल्लाह का सारा काम तकमील को पहुँचा। ससे फ़ारिग़ होकर उसने आराम किया।
36  GEN 2:5  तो शुरू में झाड़ियाँ और पौदे नहीं उगते थे। वजह यह थी कि अल्लाह ने बारिश का ंतज़ाम नहीं किया था। और अभी नसान भी पैदा नहीं हुआ था कि ज़मीन की खेतीबाड़ी करता।
37  GEN 2:6  सकी बजाए ज़मीन में से धुंध उठकर उस की पूरी सतह को तर करती थी।
38  GEN 2:7  फिर रब ख़ुदा ने ज़मीन से मिट्टी लेकर नसान को तश्कील दिया और उसके नथनों में ज़िंदगी का दम फूँका तो वह जीती जान हुआ।
47  GEN 2:16  लेकिन रब ख़ुदा ने उसे आगाह किया, “तुझे हर दरख़्त का फल खाने की जाज़त है।
54  GEN 2:23  उसे देखकर वह पुकार उठा, “वाह! यह तो मुझ जैसी ही है, मेरी हड्डियों में से हड्डी और मेरे गोश्त में से गोश्त है। सका नाम नारी रखा जाए क्योंकि वह नर से निकाली गई है।”
55  GEN 2:24  सलिए मर्द अपने माँ-बाप को छोड़कर अपनी बीवी के साथ पैवस्त हो जाता है, और वह दोनों एक हो जाते हैं।
56  GEN 2:25  दोनों, आदमी और औरत नंगे थे, लेकिन यह उनके लिए शर्म का बानहीं था।
66  GEN 3:10  आदम ने जवाब दिया, “मैंने तुझे बाग़ में चलते हुए सुना तो डर गया, क्योंकि मैं नंगा हूँ। सलिए मैं छुप गया।”
68  GEN 3:12  आदम ने कहा, “जो औरत तूने मेरे साथ रहने के लिए दी है उसने मुझे फल दिया। सलिए मैंने खा लिया।”
70  GEN 3:14  रब ख़ुदा ने साँप से कहा, “चूँकि तूने यह किया, सलिए तू तमाम मवेशियों और जंगली जानवरों में लानती है। तू उम्र-भर पेट के बल रेंगेगा और ख़ाक चाटेगा।
73  GEN 3:17  आदम से उसने कहा, “तूने अपनी बीवी की बात मानी और उस दरख़्त का फल खाया जिसे खाने से मैंने मना किया था। सलिए तेरे सबब से ज़मीन पर लानत है। उससे ख़ुराक हासिल करने के लिए तुझे उम्र-भर मेहनत-मशक़्क़त करनी पड़ेगी।
78  GEN 3:22  उसने कहा,नसान हमारी मानिंद हो गया है, वह अच्छे और बुरे का ल्म रखता है। अब ऐसा न हो कि वह हाथ बढ़ाकर ज़िंदगी बख़्शनेवाले दरख़्त के फल से ले और उससे खाकर हमेशा तक ज़िंदा रहे।”
79  GEN 3:23  सलिए रब ख़ुदा ने उसे बाग़े-अदन से निकालकर उस ज़मीन की खेतीबाड़ी करने की ज़िम्मादारी दी जिसमें से उसे लिया गया था।
80  GEN 3:24  नसान को ख़ारिज करने के बाद उसने बाग़े-अदन के मशरिक़ में करूबी फ़रिश्ते खड़े किए और साथ साथ एक आतिशी तलवार रखी जो धर-उधर घूमती थी ताकि उस रास्ते की हिफ़ाज़त करे जो ज़िंदगी बख़्शनेवाले दरख़्त तक पहुँचाता था।
91  GEN 4:11  सलिए तुझ पर लानत है और ज़मीन ने तुझे रद्द किया है, क्योंकि ज़मीन को मुँह खोलकर तेरे हाथ से क़त्ल किए हुए भाई का ख़ून पीना पड़ा।
92  GEN 4:12  अब से जब तू खेतीबाड़ी करेगा तो ज़मीन अपनी पैदावार देने से नकार करेगी। तू मफ़रूर होकर मारा मारा फिरेगा।”
93  GEN 4:13  क़ाबील ने कहा, “मेरी सज़ा निहायत सख़्त है। मैं से बरदाश्त नहीं कर पाऊँगा।
94  GEN 4:14  आज तू मुझे ज़मीन की सतह से भगा रहा है और मुझे तेरे हुज़ूर से भी छुप जाना है। मैं मफ़रूर की हैसियत से मारा मारा फिरता रहूँगा, सलिए जिसको भी पता चलेगा कि मैं कहाँ हूँ वह मुझे क़त्ल कर डालेगा।”
96  GEN 4:16  सके बाद क़ाबील रब के हुज़ूर से चला गया और अदन के मशरिक़ की तरफ़ नोद के लाक़े में जा बसा।
106  GEN 4:26  सेत के हाँ भी बेटा पैदा हुआ। उसने उसका नाम अनूस रखा। उन दिनों में लोग रब का नाम लेकर बादत करने लगे।
107  GEN 5:1  ज़ैल में आदम का नसबनामा दर्ज है। जब अल्लाह ने नसान को ख़लक़ किया तो उसने उसे अपनी सूरत पर बनाया।
108  GEN 5:2  उसने उन्हें मर्द और औरत पैदा किया। और जिस दिन उसने उन्हें ख़लक़ किया उसने उन्हें बरकत देकर उनका नाम आदम यानी नसान रखा।
110  GEN 5:4  सेत की पैदाके बाद आदम मज़ीद 800 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए।
113  GEN 5:7  सके बाद वह मज़ीद 807 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए।
116  GEN 5:10  सके बाद वह मज़ीद 815 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए।
119  GEN 5:13  सके बाद वह मज़ीद 840 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए।
122  GEN 5:16  सके बाद वह मज़ीद 830 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए।
125  GEN 5:19  सके बाद वह मज़ीद 800 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए।
128  GEN 5:22  सके बाद वह मज़ीद 300 साल अल्लाह के साथ चलता रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए।
135  GEN 5:29  उसने उसका नाम नूह यानी तसल्ली रखा, क्योंकि उसने उसके बारे में कहा, “हमारा खेतीबाड़ी का काम निहायत तकलीफ़देह है, सलिए कि अल्लाह ने ज़मीन पर लानत भेजी है। लेकिन अब हम बेटे की मारिफ़त तसल्ली पाएँगे।”
136  GEN 5:30  सके बाद वह मज़ीद 595 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए।
140  GEN 6:2  तब आसमानी हस्तियों ने देखा कि बनी नौ नसान की बेटियाँ ख़ूबसूरत हैं, और उन्होंने उनमें से कुछ चुनकर उनसे शादी की।
141  GEN 6:3  फिर रब ने कहा, “मेरी रूह हमेशा के लिए नसान में न रहे क्योंकि वह फ़ानी मख़लूक़ है। अब से वह 120 साल से ज़्यादा ज़िंदा नहीं रहेगा।”
142  GEN 6:4  उन दिनों में और बाद में भी दुनिया में देवक़ामत अफ़राद थे जो नसानी औरतों और उन आसमानी हस्तियों की शादियों से पैदा हुए थे। यह देवक़ामत अफ़राद क़दीम ज़माने के मशहूर सूरमा थे।
143  GEN 6:5  रब ने देखा कि नसान निहायत बिगड़ गया है, कि उसके तमाम ख़यालात लगातार बुराई की तरफ़ मायल रहते हैं।
144  GEN 6:6  वह पछताया कि मैंने नसान को बनाकर दुनिया में रख दिया है, और उसे सख़्त दुख हुआ।
145  GEN 6:7  उसने कहा, “गो मैं ही ने नसान को ख़लक़ किया मैं उसे रूए-ज़मीन पर से मिटा डालूँगा। मैं न सिर्फ़ लोगों को बल्कि ज़मीन पर चलने-फिरने और रेंगनेवाले जानवरों और हवा के परिंदों को भी हलाक कर दूँगा, क्योंकि मैं पछताता हूँ कि मैंने उनको बनाया।”
154  GEN 6:16  कश्ती की छत को यों बनाना कि उसके नीचे 18 ंच खुला रहे। एक तरफ़ दरवाज़ा हो, और उस की तीन मनज़िलें हों।
155  GEN 6:17  मैं पानी का तना बड़ा सैलाब लाऊँगा कि वह ज़मीन के तमाम जानदारों को हलाक कर डालेगा। ज़मीन पर सब कुछ फ़ना हो जाएगा।
161  GEN 7:1  फिर रब ने नूह से कहा, “अपने घराने समेत कश्ती में दाख़िल हो जा, क्योंकि दौर के लोगों में से मैंने सिर्फ़ तुझे रास्तबाज़ पाया है।
163  GEN 7:3  सी तरह हर क़िस्म के पर रखनेवालों में से सात सात नरो-मादा के जोड़े भी साथ ले जाना ताकि उनकी नसलें बची रहें।
164  GEN 7:4  एक हफ़ते के बाद मैं चालीस दिन और चालीस रात मुतवातिर बारिश बरसाऊँगा। ससे मैं तमाम जानदारों को रूए-ज़मीन पर से मिटा डालूँगा, अगरचे मैं ही ने उन्हें बनाया है।”
171  GEN 7:11  यह सब कुछ उस वक़्त हुआ जब नूह 600 साल का था। दूसरे महीने के 17वें दिन ज़मीन की गहरायों में से तमाम चश्मे फूट निकले और आसमान पर पानी के दरीचे खुल गए।
179  GEN 7:19  आख़िरकार पानी तना ज़्यादा हो गया कि तमाम ऊँचे पहाड़ भी उसमें छुप गए,
181  GEN 7:21  ज़मीन पर रहनेवाली हर मख़लूक़ हलाक हुई। परिंदे, मवेशी, जंगली जानवर, तमाम जानदार जिनसे ज़मीन भरी हुई थी और नसान, सब कुछ मर गया।
183  GEN 7:23  यों हर मख़लूक़ को रूए-ज़मीन पर से मिटा दिया गया। नसान, ज़मीन पर फिरने और रेंगनेवाले जानवर और परिंदे, सब कुछ ख़त्म कर दिया गया। सिर्फ़ नूह और कश्ती में सवार उसके साथी बच गए।
189  GEN 8:5  दसवें महीने के पहले दिन पानी तना कम हो गया था कि पहाड़ों की चोटियाँ नज़र आने लगी थीं।
194  GEN 8:10  उसने एक हफ़ता और ंतज़ार करके कबूतर को दुबारा छोड़ दिया।
195  GEN 8:11  शाम के वक़्त वह लौट आया। दफ़ा उस की चोंच में ज़ैतून का ताज़ा पत्ता था। तब नूह को मालूम हुआ कि ज़मीन पानी से निकल आई है।
196  GEN 8:12  उसने मज़ीद एक हफ़ते के बाद कबूतर को छोड़ दिया। दफ़ा वह वापस न आया।
205  GEN 8:21  यह क़ुरबानियाँ देखकर रब ख़ुश हुआ और अपने दिल में कहा, “अब से मैं कभी ज़मीन पर नसान की वजह से लानत नहीं भेजूँगा, क्योंकि उसका दिल बचपन ही से बुराई की तरफ़ मायल है। अब से मैं कभी तरह तमाम जान रखनेवाली मख़लूक़ात को रूए-ज़मीन पर से नहीं मिटाऊँगा।
208  GEN 9:2  ज़मीन पर फिरने और रेंगनेवाले जानवर, परिंदे और मछलियाँ सब तुमसे डरेंगे। उन्हें तुम्हारे ख़्तियार में कर दिया गया है।
209  GEN 9:3  जिस तरह मैंने तुम्हारे खाने के लिए पौदों की पैदावार मुक़र्रर की है उसी तरह अब से तुम्हें हर क़िस्म के जानवर खाने की जाज़त भी है।
211  GEN 9:5  किसी की जान लेना मना है। जो ऐसा करेगा उसे अपनी जान देनी पड़ेगी, ख़ाह वह नसान हो या हैवान। मैं ख़ुद सका मुतालबा करूँगा।
212  GEN 9:6  जो भी किसी का ख़ून बहाए उसका ख़ून भी बहाया जाएगा। क्योंकि अल्लाह ने नसान को अपनी सूरत पर बनाया है।
218  GEN 9:12  अबदी अहद का निशान जो मैं तुम्हारे और तमाम जानदारों के साथ क़ायम कर रहा हूँ यह है कि
225  GEN 9:19  दुनिया-भर के तमाम लोग तीनों की औलाद हैं।
227  GEN 9:21  अंगूर से मै बनाकर उसने तनी पी ली कि वह नशे में धुत अपने डेरे में नंगा पड़ा रहा।
228  GEN 9:22  कनान के बाप हाम ने उसे यों पड़ा हुआ देखा तो बाहर जाकर अपने दोनों भायों को उसके बारे में बताया।
231  GEN 9:25  उसने कहा, “कनान पर लानत! वह अपने भायों का ज़लीलतरीन ग़ुलाम होगा।
239  GEN 10:4  यावान के बेटे लीसा और तरसीस थे। कित्ती और दोदानी भी उस की औलाद हैं।
240  GEN 10:5  वह उन क़ौमों के आबा-ओ-अजदाद हैं जो साहिली लाक़ों और जज़ीरों में फैल गईं। यह याफ़त की औलाद हैं जो अपने अपने क़बीले और मुल्क में रहते हुए अपनी अपनी ज़बान बोलते हैं।
244  GEN 10:9  रब के नज़दीक वह ज़बरदस्त शिकारी था। सलिए आज भी किसी अच्छे शिकारी के बारे में कहा जाता है, “वह नमरूद की मानिंद है जो रब के नज़दीक ज़बरदस्त शिकारी था।”
248  GEN 10:13  मिसर क़ौमों का बाप था : लूदी, अनामी, लिहाबी, नफ़तूही,
253  GEN 10:18  अरवादी, समारी और हमाती। बाद में कनानी क़बीले तने फैल गए
256  GEN 10:21  सिम याफ़त का बड़ा भाई था। उसके भी बेटे पैदा हुए। सिम तमाम बनी बर का बाप है।
259  GEN 10:24  अरफ़क्सद का बेटा सिलह और सिलह का बेटा बर था।
260  GEN 10:25  बर के हाँ दो बेटे पैदा हुए। एक का नाम फ़लज यानी तक़सीम था, क्योंकि उन ऐयाम में दुनिया तक़सीम हुई। फ़लज के भाई का नाम युक़तान था।
261  GEN 10:26  युक़तान के बेटे अलमूदाद, सलफ़, हसरमावत, राख़,
265  GEN 10:30  वह मेसा से लेकर सफ़ार और मशरिक़ी पहाड़ी लाक़े तक आबाद थे।
267  GEN 10:32  यह सब नूह के बेटों के क़बीले हैं, जो अपनी नसलों और क़ौमों के मुताबिक़ दर्ज किए गए हैं। सैलाब के बाद तमाम क़ौमें न्हीं से निकलकर रूए-ज़मीन पर फैल गईं।
270  GEN 11:3  तब वह एक दूसरे से कहने लगे, “आओ, हम मिट्टी से ईंटें बनाकर उन्हें आग में ख़ूब पकाएँ।” उन्होंने तामीरी काम के लिए पत्थर की जगह ईंटें और मसाले की जगह तारकोल स्तेमाल किया।
274  GEN 11:7  सलिए आओ, हम दुनिया में उतरकर उनकी ज़बान को दरहम-बरहम कर दें ताकि वह एक दूसरे की बात समझ न पाएँ।”
275  GEN 11:8  तरीक़े से रब ने उन्हें तमाम रूए-ज़मीन पर मुंतशिर कर दिया, और शहर की तामीर रुक गई।
276  GEN 11:9  सलिए शहर का नाम बाबल यानी अबतरी ठहरा, क्योंकि रब ने वहाँ तमाम लोगों की ज़बान को दरहम-बरहम करके उन्हें तमाम रूए-ज़मीन पर मुंतशिर कर दिया।
278  GEN 11:11  सके बाद वह मज़ीद 500 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए।
280  GEN 11:13  सके बाद वह मज़ीद 403 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए।
281  GEN 11:14  सिलह 30 साल का था जब बर पैदा हुआ।
282  GEN 11:15  सके बाद वह मज़ीद 403 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए।
283  GEN 11:16  बर 34 साल का था जब फ़लज पैदा हुआ।
284  GEN 11:17  सके बाद वह मज़ीद 430 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए।
286  GEN 11:19  सके बाद वह मज़ीद 209 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए।
288  GEN 11:21  सके बाद वह मज़ीद 207 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हुए।