Wildebeest analysis examples for:   urd-urdgvh   उ    February 11, 2023 at 19:52    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

4  GEN 1:4  अल्लाह ने देखा कि रौशनी अच्छी है, और सने रौशनी को तारीकी से अलग कर दिया।
11  GEN 1:11  फिर सने कहा, “ज़मीन हरियावल पैदा करे, ऐसे पौदे जो बीज रखते हों और ऐसे दरख़्त जिनके फल अपनी अपनी क़िस्म के बीज रखते हों।” ऐसा ही हुआ।
16  GEN 1:16  अल्लाह ने दो बड़ी रौशनियाँ बनाईं, सूरज जो बड़ा था दिन पर हुकूमत करने को और चाँद जो छोटा था रात पर। इनके अलावा सने सितारों को भी बनाया।
17  GEN 1:17  सने न्हें आसमान पर रखा ताकि वह दुनिया को रौशन करें,
20  GEN 1:20  अल्लाह ने कहा, “पानी आबी जानदारों से भर जाए और फ़िज़ा में परिंदे ड़ते फिरें।”
22  GEN 1:22  सने न्हें बरकत दी और कहा, “फलो-फूलो और तादाद में बढ़ते जाओ। समुंदर तुमसे भर जाए। इसी तरह परिंदे ज़मीन पर तादाद में बढ़ जाएँ।”
25  GEN 1:25  अल्लाह ने हर क़िस्म के मवेशी, रेंगनेवाले और जंगली जानवर बनाए। सने देखा कि यह अच्छा है।
27  GEN 1:27  यों अल्लाह ने इनसान को अपनी सूरत पर बनाया, अल्लाह की सूरत पर। सने न्हें मर्द और औरत बनाया।
28  GEN 1:28  अल्लाह ने न्हें बरकत दी और कहा, “फलो-फूलो और तादाद में बढ़ते जाओ। दुनिया तुमसे भर जाए और तुम पर इख़्तियार रखो। समुंदर की मछलियों, हवा के परिंदों और ज़मीन पर के तमाम रेंगनेवाले जानदारों पर हुकूमत करो।”
29  GEN 1:29  अल्लाह ने नसे मज़ीद कहा, “तमाम बीजदार पौदे और फलदार दरख़्त तुम्हारे ही हैं। मैं न्हें तुमको खाने के लिए देता हूँ।
32  GEN 2:1  यों आसमानो-ज़मीन और नकी तमाम चीज़ों की तख़लीक़ मुकम्मल हुई।
33  GEN 2:2  सातवें दिन अल्लाह का सारा काम तकमील को पहुँचा। इससे फ़ारिग़ होकर सने आराम किया।
34  GEN 2:3  अल्लाह ने सातवें दिन को बरकत दी और से मख़सूसो-मुक़द्दस किया। क्योंकि दिन सने अपने तमाम तख़लीक़ी काम से फ़ारिग़ होकर आराम किया।
36  GEN 2:5  तो शुरू में झाड़ियाँ और पौदे नहीं गते थे। वजह यह थी कि अल्लाह ने बारिश का इंतज़ाम नहीं किया था। और अभी इनसान भी पैदा नहीं हुआ था कि ज़मीन की खेतीबाड़ी करता।
37  GEN 2:6  इसकी बजाए ज़मीन में से धुंध ठकर की पूरी सतह को तर करती थी।
38  GEN 2:7  फिर रब ख़ुदा ने ज़मीन से मिट्टी लेकर इनसान को तश्कील दिया और सके नथनों में ज़िंदगी का दम फूँका तो वह जीती जान हुआ।
39  GEN 2:8  रब ख़ुदा ने मशरिक़ में मुल्के-अदन में एक बाग़ लगाया। समें सने आदमी को रखा जिसे सने बनाया था।
46  GEN 2:15  रब ख़ुदा ने पहले आदमी को बाग़े-अदन में रखा ताकि वह की बाग़बानी और हिफ़ाज़त करे।
47  GEN 2:16  लेकिन रब ख़ुदा ने से आगाह किया, “तुझे हर दरख़्त का फल खाने की इजाज़त है।
48  GEN 2:17  लेकिन जिस दरख़्त का फल अच्छे और बुरे की पहचान दिलाता है सका फल खाना मना है। अगर से खाए तो यक़ीनन मरेगा।”
49  GEN 2:18  रब ख़ुदा ने कहा, “अच्छा नहीं कि आदमी अकेला रहे। मैं सके लिए एक मुनासिब मददगार बनाता हूँ।”
50  GEN 2:19  रब ख़ुदा ने मिट्टी से ज़मीन पर चलने-फिरनेवाले जानवर और हवा के परिंदे बनाए थे। अब वह न्हें आदमी के पास ले आया ताकि मालूम हो जाए कि वह नके क्या क्या नाम रखेगा। यों हर जानवर को आदम की तरफ़ से नाम मिल गया।
51  GEN 2:20  आदमी ने तमाम मवेशियों, परिंदों और ज़मीन पर फिरनेवाले जानदारों के नाम रखे। लेकिन से अपने लिए कोई मुनासिब मददगार न मिला।
52  GEN 2:21  तब रब ख़ुदा ने से सुला दिया। जब वह गहरी नींद सो रहा था तो सने की पसलियों में से एक निकालकर की जगह गोश्त भर दिया।
53  GEN 2:22  पसली से सने औरत बनाई और से आदमी के पास ले आया।
54  GEN 2:23  से देखकर वह पुकार ठा, “वाह! यह तो मुझ जैसी ही है, मेरी हड्डियों में से हड्डी और मेरे गोश्त में से गोश्त है। इसका नाम नारी रखा जाए क्योंकि वह नर से निकाली गई है।”
56  GEN 2:25  दोनों, आदमी और औरत नंगे थे, लेकिन यह नके लिए शर्म का बाइस नहीं था।
57  GEN 3:1  साँप ज़मीन पर चलने-फिरनेवाले तमाम जानवरों से ज़्यादा चालाक था जिनको रब ख़ुदा ने बनाया था। सने औरत से पूछा, “क्या अल्लाह ने वाक़ई कहा कि बाग़ के किसी भी दरख़्त का फल न खाना?”
59  GEN 3:3  सिर्फ़ दरख़्त के फल से गुरेज़ करना है जो बाग़ के बीच में है। अल्लाह ने कहा कि सका फल न खाओ बल्कि से छूना भी नहीं, वरना तुम यक़ीनन मर जाओगे।”
61  GEN 3:5  बल्कि अल्लाह जानता है कि जब तुम सका फल खाओगे तो तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी और तुम अल्लाह की मानिंद हो जाओगे, तुम जो भी अच्छा और बुरा है से जान लोगे।”
62  GEN 3:6  औरत ने दरख़्त पर ग़ौर किया कि खाने के लिए अच्छा और देखने में भी दिलकश है। सबसे दिलफ़रेब बात यह कि ससे समझ हासिल हो सकती है! यह सोचकर सने सका फल लेकर से खाया। फिर सने अपने शौहर को भी दे दिया, क्योंकि वह सके साथ था। सने भी खा लिया।
63  GEN 3:7  लेकिन खाते ही नकी आँखें खुल गईं और नको मालूम हुआ कि हम नंगे हैं। चुनाँचे न्होंने अंजीर के पत्ते सीकर लुंगियाँ बना लीं।
64  GEN 3:8  शाम के वक़्त जब ठंडी हवा चलने लगी तो न्होंने रब ख़ुदा को बाग़ में चलते-फिरते सुना। वह डर के मारे दरख़्तों के पीछे छुप गए।
67  GEN 3:11  सने पूछा, “किसने तुझे बताया कि तू नंगा है? क्या तूने दरख़्त का फल खाया है जिसे खाने से मैंने मना किया था?”
68  GEN 3:12  आदम ने कहा, “जो औरत तूने मेरे साथ रहने के लिए दी है सने मुझे फल दिया। इसलिए मैंने खा लिया।”
70  GEN 3:14  रब ख़ुदा ने साँप से कहा, “चूँकि तूने यह किया, इसलिए तू तमाम मवेशियों और जंगली जानवरों में लानती है। तू म्र-भर पेट के बल रेंगेगा और ख़ाक चाटेगा।
71  GEN 3:15  मैं तेरे और औरत के दरमियान दुश्मनी पैदा करूँगा। की औलाद तेरी औलाद की दुश्मन होगी। वह तेरे सर को कुचल डालेगी जबकि तू की एड़ी पर काटेगा।”
72  GEN 3:16  फिर रब ख़ुदा औरत से मुख़ातिब हुआ और कहा, “जब तू म्मीद से होगी तो मैं तेरी तकलीफ़ को बहुत बढ़ाऊँगा। जब तेरे बच्चे होंगे तो तू शदीद दर्द का शिकार होगी। तू अपने शौहर की तमन्ना करेगी लेकिन वह तुझ पर हुकूमत करेगा।”
73  GEN 3:17  आदम से सने कहा, “तूने अपनी बीवी की बात मानी और दरख़्त का फल खाया जिसे खाने से मैंने मना किया था। इसलिए तेरे सबब से ज़मीन पर लानत है। ससे ख़ुराक हासिल करने के लिए तुझे म्र-भर मेहनत-मशक़्क़त करनी पड़ेगी।
74  GEN 3:18  तेरे लिए वह ख़ारदार पौदे और ऊँटकटारे पैदा करेगी, हालाँकि तू ससे अपनी ख़ुराक भी हासिल करेगा।
75  GEN 3:19  पसीना बहा बहाकर तुझे रोटी कमाने के लिए भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। और यह सिलसिला मौत तक जारी रहेगा। तू मेहनत करते करते दुबारा ज़मीन में लौट जाएगा, क्योंकि तू सी से लिया गया है। तू ख़ाक है और दुबारा ख़ाक में मिल जाएगा।”
77  GEN 3:21  रब ख़ुदा ने आदम और की बीवी के लिए खालों से लिबास बनाकर न्हें पहनाया।
78  GEN 3:22  सने कहा, “इनसान हमारी मानिंद हो गया है, वह अच्छे और बुरे का इल्म रखता है। अब ऐसा न हो कि वह हाथ बढ़ाकर ज़िंदगी बख़्शनेवाले दरख़्त के फल से ले और ससे खाकर हमेशा तक ज़िंदा रहे।”
79  GEN 3:23  इसलिए रब ख़ुदा ने से बाग़े-अदन से निकालकर ज़मीन की खेतीबाड़ी करने की ज़िम्मादारी दी जिसमें से से लिया गया था।
80  GEN 3:24  इनसान को ख़ारिज करने के बाद सने बाग़े-अदन के मशरिक़ में करूबी फ़रिश्ते खड़े किए और साथ साथ एक आतिशी तलवार रखी जो इधर-धर घूमती थी ताकि रास्ते की हिफ़ाज़त करे जो ज़िंदगी बख़्शनेवाले दरख़्त तक पहुँचाता था।
81  GEN 4:1  आदम हव्वा से हमबिसतर हुआ तो नका पहला बेटा क़ाबील पैदा हुआ। हव्वा ने कहा, “रब की मदद से मैंने एक मर्द हासिल किया है।”
84  GEN 4:4  हाबील ने भी नज़राना पेश किया, लेकिन सने अपनी भेड़-बकरियों के कुछ पहलौठे नकी चरबी समेत चढ़ाए। हाबील का नज़राना रब को पसंद आया,
85  GEN 4:5  मगर क़ाबील का नज़राना मंज़ूर न हुआ। यह देखकर क़ाबील बड़े ग़ुस्से में आ गया, और सका मुँह बिगड़ गया।
87  GEN 4:7  क्या अगर तू अच्छी नीयत रखता है तो अपनी नज़र ठाकर मेरी तरफ़ नहीं देख सकेगा? लेकिन अगर अच्छी नीयत नहीं रखता तो ख़बरदार! गुनाह दरवाज़े पर दबका बैठा है और तुझे चाहता है। लेकिन तेरा फ़र्ज़ है कि पर ग़ालिब आए।”
88  GEN 4:8  एक दिन क़ाबील ने अपने भाई से कहा, “आओ, हम बाहर खुले मैदान में चलें।” और जब वह खुले मैदान में थे तो क़ाबील ने अपने भाई हाबील पर हमला करके से मार डाला।
95  GEN 4:15  लेकिन रब ने ससे कहा, “हरगिज़ नहीं। जो क़ाबील को क़त्ल करे ससे सात गुना बदला लिया जाएगा।” फिर रब ने पर एक निशान लगाया ताकि जो भी क़ाबील को देखे वह से क़त्ल न कर दे।
97  GEN 4:17  क़ाबील की बीवी हामिला हुई। बेटा पैदा हुआ जिसका नाम हनूक रखा गया। क़ाबील ने एक शहर तामीर किया और अपने बेटे की ख़ुशी में सका नाम हनूक रखा।
100  GEN 4:20  अदा का बेटा याबल था। की नसल के लोग ख़ैमों में रहते और मवेशी पालते थे।
101  GEN 4:21  याबल का भाई यूबल था। की नसल के लोग सरोद और बाँसरी बजाते थे।
102  GEN 4:22  ज़िल्ला के भी बेटा पैदा हुआ जिसका नाम तूबल-क़ाबील था। वह लोहार था। की नसल के लोग पीतल और लोहे की चीज़ें बनाते थे। तूबल-क़ाबील की बहन का नाम नामा था।
104  GEN 4:24  एक आदमी ने मुझे ज़ख़मी किया तो मैंने से मार डाला। एक लड़के ने मेरे चोट लगाई तो मैंने से क़त्ल कर दिया। जो क़ाबील को क़त्ल करे ससे सात गुना बदला लिया जाएगा, लेकिन जो लमक को क़त्ल करे ससे सतत्तर गुना बदला लिया जाएगा।”
105  GEN 4:25  आदम और हव्वा का एक और बेटा पैदा हुआ। हव्वा ने सका नाम सेत रखकर कहा, “अल्लाह ने मुझे हाबील की जगह जिसे क़ाबील ने क़त्ल किया एक और बेटा बख़्शा है।”
106  GEN 4:26  सेत के हाँ भी बेटा पैदा हुआ। सने सका नाम अनूस रखा। दिनों में लोग रब का नाम लेकर इबादत करने लगे।