Wildebeest analysis examples for:   urd-urdgvh   ए    February 11, 2023 at 19:52    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

3  GEN 1:3  फिर अल्लाह ने कहा, “रौशनी हो जातो रौशनी पैदा हो गई।
6  GEN 1:6  अल्लाह ने कहा, “पानी के दरमियान ऐसा गुंबद पैदा हो जा जिससे निचला पानी ऊपर के पानी से अलग हो जा।”
7  GEN 1:7  ऐसा ही हुआ। अल्लाह ने ऐसा गुंबद बनाया जिससे निचला पानी ऊपर के पानी से अलग हो गया।
9  GEN 1:9  अल्लाह ने कहा, “जो पानी आसमान के नीचे है वह जगह जमा हो जा ताकि दूसरी तरफ़ ख़ुश्क जगह नज़र।” ऐसा ही हुआ।
14  GEN 1:14  अल्लाह ने कहा, “आसमान पर रौशनियाँ पैदा हो जाताकि दिन और रात में इम्तियाज़ हो और इसी तरह मुख़्तलिफ़ मौसमों, दिनों और सालों में भी।
20  GEN 1:20  अल्लाह ने कहा, “पानी आबी जानदारों से भर जा और फ़िज़ा में परिंदे उड़ते फिरें।”
21  GEN 1:21  अल्लाह ने बड़े बड़े समुंदरी जानवर बना, पानी की तमाम दीगर मख़लूक़ात और हर क़िस्म के पर रखनेवाले जानदार भी बनाअल्लाह ने देखा कि यह अच्छा है।
22  GEN 1:22  उसने उन्हें बरकत दी और कहा, “फलो-फूलो और तादाद में बढ़ते जाओ। समुंदर तुमसे भर जाइसी तरह परिंदे ज़मीन पर तादाद में बढ़ जाँ।”
25  GEN 1:25  अल्लाह ने हर क़िस्म के मवेशी, रेंगनेवाले और जंगली जानवर बनाउसने देखा कि यह अच्छा है।
26  GEN 1:26  अल्लाह ने कहा, “आओ अब हम इनसान को अपनी सूरत पर बनाँ, वह हमसे मुशाबहत रखे। वह तमाम जानवरों पर हुकूमत करे, समुंदर की मछलियों पर, हवा के परिंदों पर, मवेशियों पर, जंगली जानवरों पर और ज़मीन पर के तमाम रेंगनेवाले जानदारों पर।”
28  GEN 1:28  अल्लाह ने उन्हें बरकत दी और कहा, “फलो-फूलो और तादाद में बढ़ते जाओ। दुनिया तुमसे भर जा और तुम उस पर इख़्तियार रखो। समुंदर की मछलियों, हवा के परिंदों और ज़मीन पर के तमाम रेंगनेवाले जानदारों पर हुकूमत करो।”
29  GEN 1:29  अल्लाह ने उनसे मज़ीद कहा, “तमाम बीजदार पौदे और फलदार दरख़्त तुम्हारे ही हैं। मैं उन्हें तुमको खाने के लि देता हूँ।
30  GEN 1:30  इस तरह मैं तमाम जानवरों को खाने के लि हरियाली देता हूँ। जिसमें भी जान है वह यह खा सकता है, ख़ाह वह ज़मीन पर चलने-फिरनेवाला जानवर, हवा का परिंदा या ज़मीन पर रेंगनेवाला क्यों न हो।” ऐसा ही हुआ।
37  GEN 2:6  इसकी बजा ज़मीन में से धुंध उठकर उस की पूरी सतह को तर करती थी।
39  GEN 2:8  रब ख़ुदा ने मशरिक़ में मुल्के-अदन में बाग़ लगाया। उसमें उसने उस आदमी को रखा जिसे उसने बनाया था।
40  GEN 2:9  रब ख़ुदा के हुक्म पर ज़मीन में से तरह तरह के दरख़्त फूट निकले, ऐसे दरख़्त जो देखने में दिलकश और खाने के लि अच्छे थे। बाग़ के बीच में दो दरख़्त थे। का फल ज़िंदगी बख़्शता था जबकि दूसरे का फल अच्छे और बुरे की पहचान दिलाता था।
41  GEN 2:10  अदन में से दरिया निकलकर बाग़ की आबपाशी करता था। वहाँ से बहकर वह चार शाख़ों में तक़सीम हुआ।
42  GEN 2:11  पहली शाख़ का नाम फ़ीसून है। वह मुल्के-हवीला को घेरे हु बहती है जहाँ ख़ालिस सोना, गूगल का गूँद और अक़ीक़े-अहमर पा जाते हैं।
44  GEN 2:13  दूसरी का नाम जैहून है जो कूश को घेरे हु बहती है।
48  GEN 2:17  लेकिन जिस दरख़्त का फल अच्छे और बुरे की पहचान दिलाता है उसका फल खाना मना है। अगर उसे खा तो यक़ीनन मरेगा।”
49  GEN 2:18  रब ख़ुदा ने कहा, “अच्छा नहीं कि आदमी अकेला रहे। मैं उसके लि मुनासिब मददगार बनाता हूँ।”
50  GEN 2:19  रब ख़ुदा ने मिट्टी से ज़मीन पर चलने-फिरनेवाले जानवर और हवा के परिंदे बना थे। अब वह उन्हें आदमी के पास ले आया ताकि मालूम हो जा कि वह उनके क्या क्या नाम रखेगा। यों हर जानवर को आदम की तरफ़ से नाम मिल गया।
51  GEN 2:20  आदमी ने तमाम मवेशियों, परिंदों और ज़मीन पर फिरनेवाले जानदारों के नाम रखे। लेकिन उसे अपने लि कोई मुनासिब मददगार न मिला।
52  GEN 2:21  तब रब ख़ुदा ने उसे सुला दिया। जब वह गहरी नींद सो रहा था तो उसने उस की पसलियों में से निकालकर उस की जगह गोश्त भर दिया।
54  GEN 2:23  उसे देखकर वह पुकार उठा, “वाह! यह तो मुझ जैसी ही है, मेरी हड्डियों में से हड्डी और मेरे गोश्त में से गोश्त है। इसका नाम नारी रखा जा क्योंकि वह नर से निकाली गई है।”
55  GEN 2:24  इसलि मर्द अपने माँ-बाप को छोड़कर अपनी बीवी के साथ पैवस्त हो जाता है, और वह दोनों हो जाते हैं।
56  GEN 2:25  दोनों, आदमी और औरत नंगे थे, लेकिन यह उनके लि शर्म का बाइस नहीं था।
61  GEN 3:5  बल्कि अल्लाह जानता है कि जब तुम उसका फल खाओगे तो तुम्हारी आँखें खुल जाँगी और तुम अल्लाह की मानिंद हो जाओगे, तुम जो भी अच्छा और बुरा है उसे जान लोगे।”
62  GEN 3:6  औरत ने दरख़्त पर ग़ौर किया कि खाने के लि अच्छा और देखने में भी दिलकश है। सबसे दिलफ़रेब बात यह कि उससे समझ हासिल हो सकती है! यह सोचकर उसने उसका फल लेकर उसे खाया। फिर उसने अपने शौहर को भी दे दिया, क्योंकि वह उसके साथ था। उसने भी खा लिया।
64  GEN 3:8  शाम के वक़्त जब ठंडी हवा चलने लगी तो उन्होंने रब ख़ुदा को बाग़ में चलते-फिरते सुना। वह डर के मारे दरख़्तों के पीछे छुप
66  GEN 3:10  आदम ने जवाब दिया, “मैंने तुझे बाग़ में चलते हु सुना तो डर गया, क्योंकि मैं नंगा हूँ। इसलि मैं छुप गया।”
68  GEN 3:12  आदम ने कहा, “जो औरत तूने मेरे साथ रहने के लि दी है उसने मुझे फल दिया। इसलि मैंने खा लिया।”
70  GEN 3:14  रब ख़ुदा ने साँप से कहा, “चूँकि तूने यह किया, इसलि तू तमाम मवेशियों और जंगली जानवरों में लानती है। तू उम्र-भर पेट के बल रेंगेगा और ख़ाक चाटेगा।
71  GEN 3:15  मैं तेरे और औरत के दरमियान दुश्मनी पैदा करूँगा। उस की औलाद तेरी औलाद की दुश्मन होगी। वह तेरे सर को कुचल डालेगी जबकि तू उस की ड़ी पर काटेगा।”
73  GEN 3:17  आदम से उसने कहा, “तूने अपनी बीवी की बात मानी और उस दरख़्त का फल खाया जिसे खाने से मैंने मना किया था। इसलि तेरे सबब से ज़मीन पर लानत है। उससे ख़ुराक हासिल करने के लि तुझे उम्र-भर मेहनत-मशक़्क़त करनी पड़ेगी।
74  GEN 3:18  तेरे लि वह ख़ारदार पौदे और ऊँटकटारे पैदा करेगी, हालाँकि तू उससे अपनी ख़ुराक भी हासिल करेगा।
75  GEN 3:19  पसीना बहा बहाकर तुझे रोटी कमाने के लि भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। और यह सिलसिला मौत तक जारी रहेगा। तू मेहनत करते करते दुबारा ज़मीन में लौट जागा, क्योंकि तू उसी से लिया गया है। तू ख़ाक है और दुबारा ख़ाक में मिल जागा।”
77  GEN 3:21  रब ख़ुदा ने आदम और उस की बीवी के लि खालों से लिबास बनाकर उन्हें पहनाया।
79  GEN 3:23  इसलि रब ख़ुदा ने उसे बाग़े-अदन से निकालकर उस ज़मीन की खेतीबाड़ी करने की ज़िम्मादारी दी जिसमें से उसे लिया गया था।
80  GEN 3:24  इनसान को ख़ारिज करने के बाद उसने बाग़े-अदन के मशरिक़ में करूबी फ़रिश्ते खड़े कि और साथ साथ आतिशी तलवार रखी जो इधर-उधर घूमती थी ताकि उस रास्ते की हिफ़ाज़त करे जो ज़िंदगी बख़्शनेवाले दरख़्त तक पहुँचाता था।
81  GEN 4:1  आदम हव्वा से हमबिसतर हुआ तो उनका पहला बेटा क़ाबील पैदा हुआ। हव्वा ने कहा, “रब की मदद से मैंने मर्द हासिल किया है।”
84  GEN 4:4  हाबील ने भी नज़राना पेश किया, लेकिन उसने अपनी भेड़-बकरियों के कुछ पहलौठे उनकी चरबी समेत चढ़ाहाबील का नज़राना रब को पसंद आया,
87  GEN 4:7  क्या अगर तू अच्छी नीयत रखता है तो अपनी नज़र उठाकर मेरी तरफ़ नहीं देख सकेगा? लेकिन अगर अच्छी नीयत नहीं रखता तो ख़बरदार! गुनाह दरवाज़े पर दबका बैठा है और तुझे चाहता है। लेकिन तेरा फ़र्ज़ है कि उस पर ग़ालिब।”
88  GEN 4:8  दिन क़ाबील ने अपने भाई से कहा, “आओ, हम बाहर खुले मैदान में चलें।” और जब वह खुले मैदान में थे तो क़ाबील ने अपने भाई हाबील पर हमला करके उसे मार डाला।
91  GEN 4:11  इसलि तुझ पर लानत है और ज़मीन ने तुझे रद्द किया है, क्योंकि ज़मीन को मुँह खोलकर तेरे हाथ से क़त्ल कि हु भाई का ख़ून पीना पड़ा।
94  GEN 4:14  आज तू मुझे ज़मीन की सतह से भगा रहा है और मुझे तेरे हुज़ूर से भी छुप जाना है। मैं मफ़रूर की हैसियत से मारा मारा फिरता रहूँगा, इसलि जिसको भी पता चलेगा कि मैं कहाँ हूँ वह मुझे क़त्ल कर डालेगा।”
95  GEN 4:15  लेकिन रब ने उससे कहा, “हरगिज़ नहीं। जो क़ाबील को क़त्ल करे उससे सात गुना बदला लिया जागा।” फिर रब ने उस पर निशान लगाया ताकि जो भी क़ाबील को देखे वह उसे क़त्ल न कर दे।
97  GEN 4:17  क़ाबील की बीवी हामिला हुई। बेटा पैदा हुआ जिसका नाम हनूक रखा गया। क़ाबील ने शहर तामीर किया और अपने बेटे की ख़ुशी में उसका नाम हनूक रखा।
98  GEN 4:18  हनूक का बेटा ईराद था, ईराद का बेटा महूयाल, महूयाका बेटा मतूसाऔर मतूसाका बेटा लमक था।
103  GEN 4:23  दिन लमक ने अपनी बीवियों से कहा, “अदा और ज़िल्ला, मेरी बात सुनो! लमक की बीवियो, मेरे अलफ़ाज़ पर ग़ौर करो!
104  GEN 4:24  आदमी ने मुझे ज़ख़मी किया तो मैंने उसे मार डाला। लड़के ने मेरे चोट लगाई तो मैंने उसे क़त्ल कर दिया। जो क़ाबील को क़त्ल करे उससे सात गुना बदला लिया जागा, लेकिन जो लमक को क़त्ल करे उससे सतत्तर गुना बदला लिया जागा।”
105  GEN 4:25  आदम और हव्वा का और बेटा पैदा हुआ। हव्वा ने उसका नाम सेत रखकर कहा, “अल्लाह ने मुझे हाबील की जगह जिसे क़ाबील ने क़त्ल किया और बेटा बख़्शा है।”
110  GEN 5:4  सेत की पैदाइश के बाद आदम मज़ीद 800 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हु
113  GEN 5:7  इसके बाद वह मज़ीद 807 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हु
116  GEN 5:10  इसके बाद वह मज़ीद 815 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हु
119  GEN 5:13  इसके बाद वह मज़ीद 840 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हु
122  GEN 5:16  इसके बाद वह मज़ीद 830 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हु
125  GEN 5:19  इसके बाद वह मज़ीद 800 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हु
128  GEN 5:22  इसके बाद वह मज़ीद 300 साल अल्लाह के साथ चलता रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हु
132  GEN 5:26  वह मज़ीद 782 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे और बेटियाँ भी पैदा हु
135  GEN 5:29  उसने उसका नाम नूह यानी तसल्ली रखा, क्योंकि उसने उसके बारे में कहा, “हमारा खेतीबाड़ी का काम निहायत तकलीफ़देह है, इसलि कि अल्लाह ने ज़मीन पर लानत भेजी है। लेकिन अब हम बेटे की मारिफ़त तसल्ली पाँगे।”
136  GEN 5:30  इसके बाद वह मज़ीद 595 साल ज़िंदा रहा। उसके और बेटे-बेटियाँ भी पैदा हु
138  GEN 5:32  नूह 500 साल का था जब उसके बेटे सिम, हाम और याफ़त पैदा हु
141  GEN 6:3  फिर रब ने कहा, “मेरी रूह हमेशा के लि इनसान में न रहे क्योंकि वह फ़ानी मख़लूक़ है। अब से वह 120 साल से ज़्यादा ज़िंदा नहीं रहेगा।”
142  GEN 6:4  उन दिनों में और बाद में भी दुनिया में देवक़ामत अफ़राद थे जो इनसानी औरतों और उन आसमानी हस्तियों की शादियों से पैदा हु थे। यह देवक़ामत अफ़राद क़दीम ज़माने के मशहूर सूरमा थे।
145  GEN 6:7  उसने कहा, “गो मैं ही ने इनसान को ख़लक़ किया मैं उसे रू-ज़मीन पर से मिटा डालूँगा। मैं न सिर्फ़ लोगों को बल्कि ज़मीन पर चलने-फिरने और रेंगनेवाले जानवरों और हवा के परिंदों को भी हलाक कर दूँगा, क्योंकि मैं पछताता हूँ कि मैंने उनको बनाया।”
152  GEN 6:14  अब अपने लि सरो की लकड़ी की कश्ती बना ले। उसमें कमरे हों और उसे अंदर और बाहर तारकोल लगा।
154  GEN 6:16  कश्ती की छत को यों बनाना कि उसके नीचे 18 इंच खुला रहे। तरफ़ दरवाज़ा हो, और उस की तीन मनज़िलें हों।
155  GEN 6:17  मैं पानी का इतना बड़ा सैलाब लाऊँगा कि वह ज़मीन के तमाम जानदारों को हलाक कर डालेगा। ज़मीन पर सब कुछ फ़ना हो जागा।
156  GEN 6:18  लेकिन तेरे साथ मैं अहद बाँधूँगा जिसके तहत तू अपने बेटों, अपनी बीवी और बहुओं के साथ कश्ती में जागा।
157  GEN 6:19  हर क़िस्म के जानवर का नर और मादा भी अपने साथ कश्ती में ले जाना ताकि वह तेरे साथ जीते बचें।
158  GEN 6:20  हर क़िस्म के पर रखनेवाले जानवर और हर क़िस्म के ज़मीन पर फिरने या रेंगनेवाले जानवर दो दो होकर तेरे पासँगे ताकि जीते बच जाँ।
159  GEN 6:21  जो भी ख़ुराक दरकार है उसे अपने और उनके लि जमा करके कश्ती में महफ़ूज़ कर लेना।”
162  GEN 7:2  हर क़िस्म के पाक जानवरों में से सात सात नरो-मादा के जोड़े जबकि नापाक जानवरों में से नरो-मादा का सिर्फ़ जोड़ा साथ ले जाना।
164  GEN 7:4  हफ़ते के बाद मैं चालीस दिन और चालीस रात मुतवातिर बारिश बरसाऊँगा। इससे मैं तमाम जानदारों को रू-ज़मीन पर से मिटा डालूँगा, अगरचे मैं ही ने उन्हें बनाया है।”
167  GEN 7:7  तूफ़ानी सैलाब से बचने के लि नूह अपने बेटों, अपनी बीवी और बहुओं के साथ कश्ती में सवार हुआ।
168  GEN 7:8  ज़मीन पर फिरनेवाले पाक और नापाक जानवर, पर रखनेवाले और तमाम रेंगनेवाले जानवर भी
169  GEN 7:9  नरो-मादा की सूरत में दो दो होकर वह नूह के पास आकर कश्ती में सवार हुसब कुछ वैसा ही हुआ जैसा अल्लाह ने नूह को हुक्म दिया था।