Wildebeest analysis examples for:   urd-urdgvh   म    February 11, 2023 at 19:52    Script wb_pprint_html.py   by Ulf Hermjakob

1  GEN 1:1  इब्तिदा ें अल्लाह ने आसान और ज़ीन को बनाया।
2  GEN 1:2  अभी तक ज़ीन वीरान और ख़ाली थी। वह गहरे पानी से ढकी हुई थी जिसके ऊपर अंधेरा ही अंधेरा था। अल्लाह का रूह पानी के ऊपर ँडला रहा था।
5  GEN 1:5  अल्लाह ने रौशनी को दिन का ना दिया और तारीकी को रात का। शा हुई, फिर सुबह। यों पहला दिन गुज़र गया।
6  GEN 1:6  अल्लाह ने कहा, “पानी के दरियान एक ऐसा गुंबद पैदा हो जाए जिससे निचला पानी ऊपर के पानी से अलग हो जाए।”
8  GEN 1:8  अल्लाह ने गुंबद को आसान का ना दिया। शा हुई, फिर सुबह। यों दूसरा दिन गुज़र गया।
9  GEN 1:9  अल्लाह ने कहा, “जो पानी आसान के नीचे है वह एक जगहहो जाए ताकि दूसरी तरफ़ ख़ुश्क जगह नज़र आए।” ऐसा ही हुआ।
10  GEN 1:10  अल्लाह ने ख़ुश्क जगह को ज़ीन का ना दिया औराशुदा पानी कोुंदर का। और अल्लाह ने देखा कि यह अच्छा है।
11  GEN 1:11  फिर उसने कहा, “ज़ीन हरियावल पैदा करे, ऐसे पौदे जो बीज रखते हों और ऐसे दरख़्त जिनके फल अपनी अपनी क़िस् के बीज रखते हों।” ऐसा ही हुआ।
12  GEN 1:12  ज़ीन ने हरियावल पैदा की, ऐसे पौदे जो अपनी अपनी क़िस् के बीज रखते और ऐसे दरख़्त जिनके फल अपनी अपनी क़िस् के बीज रखते थे। अल्लाह ने देखा कि यह अच्छा है।
13  GEN 1:13  शा हुई, फिर सुबह। यों तीसरा दिन गुज़र गया।
14  GEN 1:14  अल्लाह ने कहा, “आसान पर रौशनियाँ पैदा हो जाएँ ताकि दिन और रात ें ्तियाज़ हो और इसी तरह ुख़्तलिफ़ ौसों, दिनों और सालों ें भी।
15  GEN 1:15  आसान की यह रौशनियाँ दुनिया को रौशन करें।” ऐसा ही हुआ।
16  GEN 1:16  अल्लाह ने दो बड़ी रौशनियाँ बनाईं, सूरज जो बड़ा था दिन पर हुकूकरने को और चाँद जो छोटा था रात पर। इनके अलावा उसने सितारों को भी बनाया।
17  GEN 1:17  उसने उन्हें आसान पर रखा ताकि वह दुनिया को रौशन करें,
18  GEN 1:18  दिन और रात पर हुकूकरें और रौशनी और तारीकी ें ्तियाज़ पैदा करें। अल्लाह ने देखा कि यह अच्छा है।
19  GEN 1:19  शा हुई, फिर सुबह। यों चौथा दिन गुज़र गया।
20  GEN 1:20  अल्लाह ने कहा, “पानी आबी जानदारों से भर जाए और फ़िज़ा ें परिंदे उड़ते फिरें।”
21  GEN 1:21  अल्लाह ने बड़े बड़ेुंदरी जानवर बनाए, पानी की दीगर ख़लूक़ात और हर क़िस् के पर रखनेवाले जानदार भी बनाए। अल्लाह ने देखा कि यह अच्छा है।
22  GEN 1:22  उसने उन्हें बरकत दी और कहा, “फलो-फूलो और तादाद ें बढ़ते जाओ।ुंदर तुसे भर जाए। इसी तरह परिंदे ज़ीन पर तादाद ें बढ़ जाएँ।”
23  GEN 1:23  शा हुई, फिर सुबह। यों पाँचवाँ दिन गुज़र गया।
24  GEN 1:24  अल्लाह ने कहा, “ज़ीन हर क़िस् के जानदार पैदा करे : वेशी, रेंगनेवाले और जंगली जानवर।” ऐसा ही हुआ।
25  GEN 1:25  अल्लाह ने हर क़िस् के वेशी, रेंगनेवाले और जंगली जानवर बनाए। उसने देखा कि यह अच्छा है।
26  GEN 1:26  अल्लाह ने कहा, “आओ अब इनसान को अपनी सूरत पर बनाएँ, वहसे ुशाबहत रखे। वह जानवरों पर हुकूकरे,ुंदर की छलियों पर, हवा के परिंदों पर, वेशियों पर, जंगली जानवरों पर और ज़ीन पर के रेंगनेवाले जानदारों पर।”
27  GEN 1:27  यों अल्लाह ने इनसान को अपनी सूरत पर बनाया, अल्लाह की सूरत पर। उसने उन्हें र्द और औरत बनाया।
28  GEN 1:28  अल्लाह ने उन्हें बरकत दी और कहा, “फलो-फूलो और तादाद ें बढ़ते जाओ। दुनिया तुसे भर जाए और तु उस पर इख़्तियार रखो।ुंदर की छलियों, हवा के परिंदों और ज़ीन पर के रेंगनेवाले जानदारों पर हुकूकरो।”
29  GEN 1:29  अल्लाह ने उनसे ज़ीद कहा, “त बीजदार पौदे और फलदार दरख़्त तु्हारे ही हैं। ैं उन्हें तुको खाने के लिए देता हूँ।
30  GEN 1:30  इस तरह ैं जानवरों को खाने के लिए हरियाली देता हूँ। जिसें भी जान है वह यह खा सकता है, ख़ाह वह ज़ीन पर चलने-फिरनेवाला जानवर, हवा का परिंदा या ज़ीन पर रेंगनेवाला क्यों न हो।” ऐसा ही हुआ।
31  GEN 1:31  अल्लाह ने सब पर नज़र की तो देखा कि वह बहुत अच्छा बन गया है। शा हुई, फिर सुबह। छटा दिन गुज़र गया।
32  GEN 2:1  यों आसानो-ज़ीन और उनकी चीज़ों की तख़लीक़ ुकहुई।
33  GEN 2:2  सातवें दिन अल्लाह का सारा का तकील को पहुँचा। इससे फ़ारिग़ होकर उसने आरा किया।
34  GEN 2:3  अल्लाह ने सातवें दिन को बरकत दी और उसे ख़सूसो-ुक़द्दस किया। क्योंकि उस दिन उसने अपने तख़लीक़ी का से फ़ारिग़ होकर आरा किया।
35  GEN 2:4  यह आसानो-ज़ीन की तख़लीक़ का बयान है। जब रब ख़ुदा ने आसानो-ज़ीन को बनाया
36  GEN 2:5  तो शुरू ें झाड़ियाँ और पौदे नहीं उगते थे। वजह यह थी कि अल्लाह ने बारिश का इंतज़ा नहीं किया था। और अभी इनसान भी पैदा नहीं हुआ था कि ज़ीन की खेतीबाड़ी करता।
37  GEN 2:6  इसकी बजाए ज़ीन ें से धुंध उठकर उस की पूरी सतह को तर करती थी।
38  GEN 2:7  फिर रब ख़ुदा ने ज़ीन से िट्टी लेकर इनसान को तश्कील दिया और उसके नथनों ें ज़िंदगी का फूँका तो वह जीती जान हुआ।