318 | GEN 12:19 | तूने क्यों कहा कि वह मेरी बहन है? इस धोके की बिना पर मैंने उसे घर में रख लिया ताकि उससे शादी करूँ। देख, तेरी बीवी हाज़िर है। इसे लेकर यहाँ से निकल जा!” |
559 | GEN 22:11 | ऐन उसी वक़्त रब के फ़रिश्ते ने आसमान पर से उसे आवाज़ दी, “इब्राहीम, इब्राहीम!” इब्राहीम ने कहा, “जी, मैं हाज़िर हूँ।” |
713 | GEN 26:20 | लेकिन जिरार के चरवाहे आकर इसहाक़ के चरवाहों से झगड़ने लगे। उन्होंने कहा, “यह हमारा कुआँ है!” इसलिए उसने उस कुएँ का नाम इसक यानी झगड़ा रखा। |
842 | GEN 30:11 | लियाह ने कहा, “मैं कितनी ख़ुशक़िसमत हूँ!” चुनाँचे उसने उसका नाम जद यानी ख़ुशक़िसमती रखा। |
1149 | GEN 38:29 | लेकिन उसने अपना हाथ वापस खींच लिया, और उसका भाई पहले पैदा हुआ। यह देखकर दाई बोल उठी, “तू किस तरह फूट निकला है!” उसने उसका नाम फ़ारस यानी फूट रखा। |
1157 | GEN 39:7 | कुछ देर के बाद उसके मालिक की बीवी की आँख उस पर लगी। उसने उससे कहा, “मेरे साथ हमबिसतर हो!” |
1162 | GEN 39:12 | फ़ूतीफ़ार की बीवी ने यूसुफ़ का लिबास पकड़कर कहा, “मेरे साथ हमबिसतर हो!” यूसुफ़ भागकर बाहर चला गया लेकिन उसका लिबास पीछे औरत के हाथ में ही रह गया। |
1239 | GEN 41:43 | फिर उसने उसे अपने दूसरे रथ में सवार किया और लोग उसके आगे आगे पुकारते रहे, “घुटने टेको! घुटने टेको!” यों यूसुफ़ पूरे मिसर का हाकिम बना। |
1389 | GEN 46:2 | रात को अल्लाह रोया में उससे हमकलाम हुआ। उसने कहा, “याक़ूब, याक़ूब!” याक़ूब ने जवाब दिया, “जी, मैं हाज़िर हूँ।” |
1569 | EXO 2:14 | आदमी ने जवाब दिया, “किसने आपको हम पर हुक्मरान और क़ाज़ी मुक़र्रर किया है? क्या आप मुझे भी क़त्ल करना चाहते हैं जिस तरह मिसरी को मार डाला था?” तब मूसा डर गया। उसने सोचा, “हाय, मेरा भेद खुल गया है!” |
1584 | EXO 3:4 | जब रब ने देखा कि मूसा झाड़ी को देखने आ रहा है तो उसने उसे झाड़ी में से पुकारा, “मूसा, मूसा!” मूसा ने कहा, “जी, मैं हाज़िर हूँ।” |
1939 | EXO 15:18 | रब अबद तक बादशाह है!” |
2456 | EXO 32:17 | उतरते उतरते यशुअ ने लोगों का शोर सुना और मूसा से कहा, “ख़ैमागाह में जंग का शोर मच रहा है!” |
4053 | NUM 11:28 | यशुअ बिन नून जो जवानी से मूसा का मददगार था बोल उठा, “मूसा मेरे आक़ा, उन्हें रोक दें!” |
4054 | NUM 11:29 | लेकिन मूसा ने जवाब दिया, “क्या तू मेरी ख़ातिर ग़ैरत खा रहा है? काश रब के तमाम लोग नबी होते और वह उन सब पर अपना रूह नाज़िल करता!” |
4317 | NUM 20:5 | आप हमें मिसर से निकालकर उस नाख़ुशगवार जगह पर क्यों ले आए हैं? यहाँ न तो अनाज, न अंजीर, अंगूर या अनार दस्तयाब हैं। पानी भी नहीं है!” |
4405 | NUM 22:29 | बिलाम ने जवाब दिया, “तूने मुझे बेवुक़ूफ़ बनाया है! काश मेरे हाथ में तलवार होती तो मैं अभी तुझे ज़बह कर देता!” |
4915 | DEU 1:21 | देख, रब तेरे ख़ुदा ने तुझे यह मुल्क दे दिया है। अब जाकर उस पर क़ब्ज़ा कर ले जिस तरह रब तेरे बापदादा के ख़ुदा ने तुझे बताया है। मत डरना और बेदिल न हो जाना!” |
5012 | DEU 4:6 | इन्हें मानो और इन पर अमल करो तो दूसरी क़ौमों को तुम्हारी दानिशमंदी और समझ नज़र आएगी। फिर वह इन तमाम अहकाम के बारे में सुनकर कहेंगी, “वाह, यह अज़ीम क़ौम कैसी दानिशमंद और समझदार है!” |
5871 | JOS 1:18 | जो भी आपके हुक्म की ख़िलाफ़वरज़ी करके आपकी वह तमाम बातें न माने जो आप फ़रमाएँगे उसे सज़ाए-मौत दी जाए। लेकिन मज़बूत और दिलेर हों!” |
6078 | JOS 10:12 | उस दिन जब रब ने अमोरियों को इसराईल के हाथ में कर दिया तो यशुअ ने इसराईलियों की मौजूदगी में रब से कहा, “ऐ सूरज, जिबऊन के ऊपर रुक जा! ऐ चाँद, वादीए-ऐयालोन पर ठहर जा!” |
6439 | JOS 22:11 | इसराईलियों को ख़बर दी गई, “रूबिन, जद और मनस्सी के आधे क़बीले ने कनान की सरहद पर गलीलोत में क़ुरबानगाह बना ली है। यह क़ुरबानगाह दरियाए-यरदन के मग़रिब में यानी हमारे ही इलाक़े में है!” |
6496 | JOS 24:18 | और रब ही ने हमारे आगे आगे चलकर इस मुल्क में आबाद अमोरियों और बाक़ी क़ौमों को निकाल दिया। हम भी उसी की ख़िदमत करेंगे, क्योंकि वही हमारा ख़ुदा है!” |
6499 | JOS 24:21 | लेकिन इसराईलियों ने इसरार किया, “जी नहीं, हम रब की ख़िदमत करेंगे!” |
6500 | JOS 24:22 | फिर यशुअ ने कहा, “आप ख़ुद इसके गवाह हैं कि आपने रब की ख़िदमत करने का फ़ैसला कर लिया है।” उन्होंने जवाब दिया, “जी हाँ, हम इसके गवाह हैं!” |
6589 | JDG 3:19 | अहूद भी वहाँ से रवाना हुआ, लेकिन जिलजाल के बुतों के क़रीब वह मुड़कर इजलून के पास वापस गया। इजलून बालाख़ाने में बैठा था जो ज़्यादा ठंडा था और उसके ज़ाती इस्तेमाल के लिए मख़सूस था। अहूद ने अंदर जाकर बादशाह से कहा, “मेरी आपके लिए ख़ुफ़िया ख़बर है।” बादशाह ने कहा, “ख़ामोश!” बाक़ी तमाम हाज़िरीन कमरे से चले गए तो अहूद ने कहा, “जो ख़बर मेरे पास आपके लिए है वह अल्लाह की तरफ़ से है!” यह सुनकर इजलून खड़ा होने लगा, |
6668 | JDG 6:12 | रब का फ़रिश्ता जिदौन पर ज़ाहिर हुआ और कहा, “ऐ ज़बरदस्त सूरमे, रब तेरे साथ है!” |
6716 | JDG 7:20 | फ़ौरन सौ सौ के दूसरे दो गुरोहों ने भी ऐसा ही किया। अपने दहने हाथ में नरसिंगा और बाएँ हाथ में भड़कती मशाल पकड़कर वह नारा लगाते रहे, “रब के लिए और जिदौन के लिए!” |
6730 | JDG 8:9 | यह सुनकर उसने कहा, “जब मैं सलामती से वापस आऊँगा तो तुम्हारा यह बुर्ज गिरा दूँगा!” |
6741 | JDG 8:20 | फिर वह अपने पहलौठे यतर से मुख़ातिब होकर बोला, “इनको मार डालो!” लेकिन यतर अपनी तलवार मियान से निकालने से झिजका, क्योंकि वह अभी बच्चा था और डरता था। |
6742 | JDG 8:21 | तब ज़िबह और ज़लमुन्ना ने कहा, “आप ही हमें मार दें! क्योंकि जैसा आदमी वैसी उस की ताक़त!” जिदौन ने खड़े होकर उन्हें तलवार से मार डाला और उनके ऊँटों की गरदनों पर लगे तावीज़ उतारकर अपने पास रखे। |
6758 | JDG 9:2 | “सिकम शहर के तमाम बाशिंदों से पूछें, क्या आप अपने आप पर जिदौन के 70 बेटों की हुकूमत ज़्यादा पसंद करेंगे या एक ही शख़्स की? याद रहे कि मैं आपका ख़ूनी रिश्तेदार हूँ!” |
6776 | JDG 9:20 | लेकिन अगर ऐसा नहीं था तो अल्लाह करे कि अबीमलिक से आग निकलकर आप सबको भस्म कर दे जो सिकम और बैत-मिल्लो में रहते हैं! और आग आपसे निकलकर अबीमलिक को भी भस्म कर दे!” |
6785 | JDG 9:29 | काश शहर का इंतज़ाम मेरे हाथ में होता! फिर मैं अबीमलिक को जल्द ही निकाल देता। मैं उसे चैलेंज देता कि आओ, अपने फ़ौजियों को जमा करके हमसे लड़ो!” |
6792 | JDG 9:36 | उन्हें देखकर जाल ने ज़बूल से कहा, “देखो, लोग पहाड़ों की चोटियों से उतर रहे हैं!” ज़बूल ने जवाब दिया, “नहीं, नहीं, जो आपको आदमी लग रहे हैं वह सिर्फ़ पहाड़ों के साय हैं।” |
6794 | JDG 9:38 | फिर ज़बूल ने उससे कहा, “अब तेरी बड़ी बड़ी बातें कहाँ रहीं? क्या तूने नहीं कहा था, ‘अबीमलिक कौन है कि हम उसके ताबे रहें?’ अब यह लोग आ गए हैं जिनका मज़ाक़ तूने उड़ाया। जा, शहर से निकलकर उनसे लड़!” |
6858 | JDG 11:27 | चुनाँचे मैंने आपसे ग़लत सुलूक नहीं किया बल्कि आप ही मेरे साथ ग़लत सुलूक कर रहे हैं। क्योंकि मुझसे जंग छेड़ना ग़लत है। रब जो मुंसिफ़ है वही आज इसराईल और अम्मोन के झगड़े का फ़ैसला करे!” |
6872 | JDG 12:1 | अम्मोनियों पर फ़तह के बाद इफ़राईम के क़बीले के आदमी जमा हुए और दरियाए-यरदन को पार करके इफ़ताह के पास आए जो सफ़ोन में था। उन्होंने शिकायत की, “आप क्यों हमें बुलाए बग़ैर अम्मोनियों से लड़ने गए? अब हम आपको आपके घर समेत जला देंगे!” |
6896 | JDG 13:10 | फ़रिश्ते को देखकर वह जल्दी से मनोहा के पास आई और उसे इत्तला दी, “जो आदमी पिछले दिनों में मेरे पास आया वह दुबारा मुझ पर ज़ाहिर हुआ है!” |
6908 | JDG 13:22 | वह पुकार उठा, “हाय, हम मर जाएंगे, क्योंकि हमने अल्लाह को देखा है!” |
6947 | JDG 15:16 | उस वक़्त उसने नारा लगाया, “गधे के जबड़े से मैंने उनके ढेर लगाए हैं! गधे के जबड़े से मैंने हज़ार मर्दों को मार डाला है!” |
6960 | JDG 16:9 | कुछ फ़िलिस्ती आदमी साथवाले कमरे में छुप गए। फिर दलीला चिल्ला उठी, “समसून, फ़िलिस्ती आपको पकड़ने आए हैं!” यह सुनकर समसून ने नसों को यों तोड़ दिया जिस तरह डोरी टूट जाती है जब आग में से गुज़रती है। चुनाँचे उस की ताक़त का पोल न खुला। |
6963 | JDG 16:12 | दलीला ने नए रस्से लेकर उसे उनसे बाँध लिया। इस मरतबा भी फ़िलिस्ती साथवाले कमरे में छुप गए थे। फिर दलीला चिल्ला उठी, “समसून, फ़िलिस्ती आपको पकड़ने आए हैं!” लेकिन इस बार भी समसून ने रस्सों को यों तोड़ लिया जिस तरह आम आदमी डोरी को तोड़ लेता है। |
6965 | JDG 16:14 | जब समसून सो रहा था तो दलीला ने ऐसा ही किया। उस की सात ज़ुल्फ़ों को ताने के साथ बुनकर उसने उसे शटल के ज़रीए खड्डी के साथ लगाया। फिर वह चिल्ला उठी, “समसून, फ़िलिस्ती आपको पकड़ने आए हैं!” समसून जाग उठा और अपने बालों को शटल समेत खड्डी से निकाल लिया। |
6971 | JDG 16:20 | फिर वह चिल्ला उठी, “समसून, फ़िलिस्ती आपको पकड़ने आए हैं!” समसून जाग उठा और सोचा, “मैं पहले की तरह अब भी अपने आपको बचाकर बंधन को तोड़ दूँगा।” अफ़सोस, उसे मालूम नहीं था कि रब ने उसे छोड़ दिया है। |
6975 | JDG 16:24 | समसून को देखकर अवाम ने दजून की तमजीद करके कहा, “हमारे देवता ने हमारे दुश्मन को हमारे हवाले कर दिया है! जिसने हमारे मुल्क को तबाह किया और हममें से इतने लोगों को मार डाला वह अब हमारे क़ाबू में आ गया है!” |
6981 | JDG 16:30 | और दुआ की, “मुझे फ़िलिस्तियों के साथ मरने दे!” अचानक सतून हिल गए और छत धड़ाम से फ़िलिस्तियों के तमाम सरदारों और बाक़ी लोगों पर गिर गई। इस तरह समसून ने पहले की निसबत मरते वक़्त कहीं ज़्यादा फ़िलिस्तियों को मार डाला। |
6984 | JDG 17:2 | एक दिन उसने अपनी माँ से बात की, “आपके चाँदी के 1,100 सिक्के चोरी हो गए थे, ना? उस वक़्त आपने मेरे सामने ही चोर पर लानत भेजी थी। अब देखें, वह पैसे मेरे पास हैं। मैं ही चोर हूँ।” यह सुनकर माँ ने जवाब दिया, “मेरे बेटे, रब तुझे बरकत दे!” |
7013 | JDG 18:18 | यह देखकर लावी चीख़ने लगा, “क्या कर रहे हो!” |
7048 | JDG 19:22 | वह यों खाने की रिफ़ाक़त से लुत्फ़अंदोज़ हो रहे थे कि जिबिया के कुछ शरीर मर्द घर को घेरकर दरवाज़े को ज़ोर से खटखटाने लगे। वह चिल्लाए, “उस आदमी को बाहर ला जो तेरे घर में ठहरा हुआ है ताकि हम उससे ज़्यादती करें!” |
7078 | JDG 20:22 | इसराईली बैतेल चले गए और शाम तक रब के हुज़ूर रोते रहे। उन्होंने रब से पूछा, “क्या हम दुबारा अपने बिनयमीनी भाइयों से लड़ने जाएँ?” रब ने जवाब दिया, “हाँ, उन पर हमला करो!” यह सुनकर इसराईलियों का हौसला बढ़ गया और वह अगले दिन वहीं खड़े हो गए जहाँ पहले दिन खड़े हुए थे। |
7088 | JDG 20:32 | वह पुकारे, “अब हम उन्हें पहली दो मरतबा की तरह शिकस्त देंगे!” लेकिन इसराईलियों ने मनसूबा बाँध लिया था, “हम उनके आगे आगे भागते हुए उन्हें शहर से दूर रास्तों पर खींच लेंगे।” |
7146 | RUT 1:17 | जहाँ आप मरेंगी वहीं मैं मरूँगी और वहीं दफ़न हो जाऊँगी। सिर्फ़ मौत ही मुझे आपसे अलग कर सकती है। अगर मेरा यह वादा पूरा न हो तो अल्लाह मुझे सख़्त सज़ा दे!” |
7155 | RUT 2:4 | इतने में बोअज़ बैत-लहम से पहुँचा। उसने अपने मज़दूरों से कहा, “रब आपके साथ हो।” उन्होंने जवाब दिया, “और रब आपको भी बरकत दे!” |
7167 | RUT 2:16 | न सिर्फ़ यह बल्कि काम करते वक़्त इधर उधर पूलों की कुछ बालें ज़मीन पर गिरने दो। जब वह उन्हें जमा करने आए तो उसे मत झिड़कना!” |
7170 | RUT 2:19 | नओमी ने पूछा, “आपने यह सब कुछ कहाँ से जमा किया? बताएँ, आप कहाँ थीं? अल्लाह उसे बरकत दे जिसने आपकी इतनी क़दर की है!” रूत ने कहा, “जिस आदमी के खेत में मैंने आज काम किया उसका नाम बोअज़ है।” |
7171 | RUT 2:20 | नओमी पुकार उठी, “रब उसे बरकत दे! वह तो हमारा क़रीबी रिश्तेदार है, और शरीअत के मुताबिक़ उसका हक़ है कि वह हमारी मदद करे। अब मुझे मालूम हुआ है कि अल्लाह हम पर और हमारे मरहूम शौहरों पर रहम करने से बाज़ नहीं आया!” |
7189 | RUT 3:15 | रूत के जाने से पहले बोअज़ बोला, “अपनी चादर बिछा दें!” फिर उसने कोई बरतन छः दफ़ा जौ के दानों से भरकर चादर में डाल दिया और उसे रूत के सर पर रख दिया। फिर वह शहर में वापस चला गया। |
7202 | RUT 4:10 | साथ ही मैंने महलोन की बेवा मोआबी औरत रूत से शादी करने का वादा किया है ताकि महलोन के नाम से बेटा पैदा हो। यों मरहूम की मौरूसी ज़मीन ख़ानदान से छिन नहीं जाएगी, और उसका नाम हमारे ख़ानदान और बैत-लहम के बाशिंदों में क़ायम रहेगा। आज आप सब गवाह हैं!” |
7207 | RUT 4:15 | उससे आप ताज़ादम हो जाएँगी, और बुढ़ापे में वह आपको सहारा देगा। क्योंकि आपकी बहू जो आपको प्यार करती है और जिसकी क़दरो-क़ीमत सात बेटों से बढ़कर है उसी ने उसे जन्म दिया है!” |
7209 | RUT 4:17 | पड़ोसी औरतों ने उसका नाम ओबेद यानी ख़िदमत करनेवाला रखा। उन्होंने कहा, “नओमी के हाँ बेटा पैदा हुआ है!” ओबेद दाऊद बादशाह के बाप यस्सी का बाप था। |
7228 | 1SA 1:14 | इसलिए उसने उसे झिड़कते हुए कहा, “तू कब तक नशे में धुत रहेगी? मै पीने से बाज़ आ!” |
7288 | 1SA 3:10 | रब आकर वहाँ खड़ा हुआ और पहले की तरह पुकारा, “समुएल! समुएल!” लड़के ने जवाब दिया, “ऐ रब, फ़रमा। तेरा ख़ादिम सुन रहा है।” |
7292 | 1SA 3:14 | मैंने क़सम खाई है कि एली के घराने का क़ुसूर न ज़बह और न ग़ल्ला की किसी क़ुरबानी से दूर किया जा सकता है बल्कि इसका कफ़्फ़ारा कभी भी नहीं दिया जा सकेगा!” |
7294 | 1SA 3:16 | लेकिन एली ने उसे बुलाकर कहा, “समुएल, मेरे बेटे!” समुएल ने जवाब दिया, “जी, मैं हाज़िर हूँ।” |
7308 | 1SA 4:9 | भाइयो, अब दिलेर हो और मरदानगी दिखाओ, वरना हम उसी तरह इबरानियों के ग़ुलाम बन जाएंगे जैसे वह अब तक हमारे ग़ुलाम थे। मरदानगी दिखाकर लड़ो!” |
7331 | 1SA 5:10 | तब उन्होंने अहद का संदूक़ आगे अक़रून भेज दिया। लेकिन संदूक़ अभी पहुँचनेवाला था कि अक़रून के बाशिंदे चीख़ने लगे, “वह इसराईल के ख़ुदा का संदूक़ हमारे पास लाए हैं ताकि हमें हलाक कर दें!” |
7354 | 1SA 6:21 | आख़िर में उन्होंने क़िरियत-यारीम के बाशिंदों को पैग़ाम भेजा, “फ़िलिस्तियों ने रब का संदूक़ वापस कर दिया है। अब आएँ और उसे अपने पास ले जाएँ!” |
7393 | 1SA 8:22 | रब ने जवाब दिया, “उनका तक़ाज़ा पूरा कर, उन पर बादशाह मुक़र्रर कर!” फिर समुएल ने इसराईल के मर्दों से कहा, “हर एक अपने अपने शहर वापस चला जाए।” |
7444 | 1SA 10:24 | समुएल ने कहा, “यह आदमी देखो जिसे रब ने चुन लिया है। अवाम में उस जैसा कोई नहीं है!” तमाम लोग ख़ुशी के मारे “बादशाह ज़िंदाबाद!” का नारा लगाते रहे। |
7449 | 1SA 11:2 | नाहस ने जवाब दिया, “ठीक है, लेकिन इस शर्त पर कि मैं हर एक की दहनी आँख निकालकर तमाम इसराईल की बेइज़्ज़ती करूँगा!” |
7454 | 1SA 11:7 | उसने बैलों का जोड़ा लेकर उन्हें टुकड़े टुकड़े कर दिया। फिर क़ासिदों को यह टुकड़े पकड़ाकर उसने उन्हें यह पैग़ाम देकर इसराईल की हर जगह भेज दिया, “जो साऊल और समुएल के पीछे चलकर अम्मोनियों से लड़ने नहीं जाएगा उसके बैल इसी तरह टुकड़े टुकड़े कर दिए जाएंगे!” यह ख़बर सुनकर लोगों पर रब की दहशत तारी हो गई, और सबके सब एक दिल होकर अम्मोनियों से लड़ने के लिए निकले। |
7460 | 1SA 11:13 | लेकिन साऊल ने उन्हें रोक दिया। उसने कहा, “नहीं, आज तो हम किसी भी भाई को सज़ाए-मौत नहीं देंगे, क्योंकि इस दिन रब ने इसराईल को रिहाई बख़्शी है!” |
7521 | 1SA 14:11 | चुनाँचे वह चलते चलते फ़िलिस्ती चौकी को नज़र आए। फ़िलिस्ती शोर मचाने लगे, “देखो, इसराईली अपने छुपने के बिलों से निकल रहे हैं!” |
7543 | 1SA 14:33 | किसी ने साऊल को इत्तला दी, “देखें, लोग रब का गुनाह कर रहे हैं, क्योंकि वह गोश्त खा रहे हैं जिसमें अब तक ख़ून है।” यह सुनकर साऊल पुकार उठा, “आप रब से वफ़ादार नहीं रहे!” फिर उसने साथवाले आदमियों को हुक्म दिया, “कोई बड़ा पत्थर लुढ़काकर इधर ले आएँ! |
7551 | 1SA 14:41 | फिर साऊल ने रब इसराईल के ख़ुदा से दुआ की, “ऐ रब, हमें दिखा कि कौन क़ुसूरवार है!” जब क़ुरा डाला गया तो यूनतन और साऊल के गुरोह को क़ुसूरवार क़रार दिया गया और बाक़ी फ़ौज को बेक़ुसूर। |
7594 | 1SA 15:32 | फिर समुएल ने एलान किया, “अमालीक़ के बादशाह अजाज को मेरे पास ले आओ!” अजाज इतमीनान से समुएल के पास आया, क्योंकि उसने सोचा, “बेशक मौत का ख़तरा टल गया है।” |
7646 | 1SA 17:26 | दाऊद ने साथवाले फ़ौजियों से पूछा, “क्या कह रहे हैं? उस आदमी को क्या इनाम मिलेगा जो इस फ़िलिस्ती को मारकर हमारी क़ौम की रुसवाई दूर करेगा? यह नामख़तून फ़िलिस्ती कौन है कि ज़िंदा ख़ुदा की फ़ौज की बदनामी करके उसे चैलेंज करे!” |
7648 | 1SA 17:28 | जब दाऊद के बड़े भाई इलियाब ने दाऊद की बातें सुनीं तो उसे ग़ुस्सा आया और वह उसे झिड़कने लगा, “तू क्यों आया है? बयाबान में अपनी चंद एक भेड़-बकरियों को किसके पास छोड़ आया है? मैं तेरी शोख़ी और दिल की शरारत ख़ूब जानता हूँ। तू सिर्फ़ जंग का तमाशा देखने आया है!” |
7676 | 1SA 17:56 | बादशाह बोला, “फिर पता करें!” |
7770 | 1SA 20:38 | जल्दी करो, भागकर आगे निकलो और न रुको!” फिर लड़का तीर को उठाकर अपने मालिक के पास वापस आ गया। |
7824 | 1SA 23:11 | क्या शहर के बाशिंदे मुझे साऊल के हवाले कर देंगे? क्या साऊल वाक़ई आएगा? ऐ रब, इसराईल के ख़ुदा, अपने ख़ादिम को बता!” रब ने जवाब दिया, “हाँ, वह आएगा।” |
7846 | 1SA 24:5 | दाऊद के आदमियों ने आहिस्ता से उससे कहा, “रब ने तो आपसे वादा किया था, ‘मैं तेरे दुश्मन को तेरे हवाले कर दूँगा, और तू जो जी चाहे उसके साथ कर सकेगा।’ अब यह वक़्त आ गया है!” दाऊद रेंगते रेंगते आगे साऊल के क़रीब पहुँच गया। चुपके से उसने साऊल के लिबास के किनारे का टुकड़ा काट लिया और फिर वापस आ गया। |
7850 | 1SA 24:9 | जब वह कुछ फ़ासले पर था तो दाऊद भी निकला और पुकार उठा, “ऐ बादशाह सलामत, ऐ मेरे आक़ा!” साऊल ने पीछे देखा तो दाऊद मुँह के बल झुककर |
7877 | 1SA 25:13 | तब दाऊद ने हुक्म दिया, “अपनी तलवारें बाँध लो!” सबने अपनी तलवारें बाँध लीं। उसने भी ऐसा किया और फिर 400 अफ़राद के साथ करमिल के लिए रवाना हुआ। बाक़ी 200 मर्द सामान के पास रहे। |
7886 | 1SA 25:22 | अल्लाह मुझे सख़्त सज़ा दे अगर मैं कल सुबह तक उसके एक आदमी को भी ज़िंदा छोड़ दूँ!” |
7947 | 1SA 28:2 | दाऊद ने जवाब दिया, “ज़रूर। अब आप ख़ुद देखेंगे कि आपका ख़ादिम क्या करने के क़ाबिल है!” अकीस बोला, “ठीक है। पूरी जंग के दौरान आप मेरे मुहाफ़िज़ होंगे।” |
7957 | 1SA 28:12 | जब समुएल औरत को नज़र आया तो वह चीख़ उठी, “आपने मुझे क्यों धोका दिया? आप तो साऊल हैं!” |
8040 | 2SA 1:15 | उसने अपने किसी जवान को बुलाकर हुक्म दिया, “इसे मार डालो!” उसी वक़्त जवान ने अमालीक़ी को मार डाला। |
8100 | 2SA 3:16 | लेकिन फ़लतियेल उसे छोड़ना नहीं चाहता था। वह रोते रोते बहूरीम तक अपनी बीवी के पीछे चलता रहा। तब अबिनैर ने उससे कहा, “अब जाओ! वापस चले जाओ!” तब वह वापस चला। |
8115 | 2SA 3:31 | दाऊद ने योआब और उसके साथियों को हुक्म दिया, “अपने कपड़े फाड़ दो और टाट ओढ़कर अबिनैर का मातम करो!” जनाज़े का बंदोबस्त हबरून में किया गया। दाऊद ख़ुद जनाज़े के ऐन पीछे चला। क़ब्र पर बादशाह ऊँची आवाज़ से रो पड़ा, और बाक़ी सब लोग भी रोने लगे। |
8123 | 2SA 3:39 | मुझे अभी अभी मसह करके बादशाह बनाया गया है, इसलिए मेरी इतनी ताक़त नहीं कि ज़रूयाह के इन दो बेटों योआब और अबीशै को कंट्रोल करूँ। रब उन्हें उनकी इस शरीर हरकत की मुनासिब सज़ा दे!” |
8185 | 2SA 7:2 | एक दिन दाऊद ने नातन नबी से बात की, “देखें, मैं यहाँ देवदार के महल में रहता हूँ जबकि अल्लाह का संदूक़ अब तक तंबू में पड़ा है। यह मुनासिब नहीं है!” |
8238 | 2SA 9:8 | मिफ़ीबोसत ने दुबारा झुककर बादशाह की ताज़ीम की, “मैं कौन हूँ कि आप मुझ जैसे मुरदा कुत्ते पर ध्यान देकर ऐसी मेहरबानी फ़रमाएँ!” |
8268 | 2SA 11:6 | यह सुनते ही दाऊद ने योआब को पैग़ाम भेजा, “ऊरियाह हित्ती को मेरे पास भेज दें!” योआब ने उसे भेज दिया। |
8329 | 2SA 13:9 | जब खाना पक गया तो तमर ने उसे अमनोन के पास लाकर पेश किया। लेकिन उसने खाने से इनकार कर दिया। उसने हुक्म दिया, “तमाम नौकर कमरे से बाहर निकल जाएँ!” जब सब चले गए |
8331 | 2SA 13:11 | जब वह उसे खाना खिलाने लगी तो अमनोन ने उसे पकड़कर कहा, “आ मेरी बहन, मेरे साथ हमबिसतर हो!” |
8335 | 2SA 13:15 | लेकिन फिर अचानक उस की मुहब्बत सख़्त नफ़रत में बदल गई। पहले तो वह तमर से शदीद मुहब्बत करता था, लेकिन अब वह इससे बढ़कर उससे नफ़रत करने लगा। उसने हुक्म दिया, “उठ, दफ़ा हो जा!” |
8337 | 2SA 13:17 | उसने अपने नौकर को बुलाकर हुक्म दिया, “इस औरत को यहाँ से निकाल दो और इसके पीछे दरवाज़ा बंद करके कुंडी लगाओ!” |
8348 | 2SA 13:28 | ज़ियाफ़त से पहले अबीसलूम ने अपने मुलाज़िमों को हुक्म दिया, “सुनें! जब अमनोन मै पी पीकर ख़ुश हो जाएगा तो मैं आपको अमनोन को मारने का हुक्म दूँगा। फिर आपको उसे मार डालना है। डरें मत, क्योंकि मैं ही ने आपको यह हुक्म दिया है। मज़बूत और दिलेर हों!” |