549 | GEN 22:1 | कुछ अरसे के बाद अल्लाह ने इब्राहीम को आज़माया। उसने उससे कहा, “इब्राहीम!” उसने जवाब दिया, “जी, मैं हाज़िर हूँ।” |
555 | GEN 22:7 | इसहाक़ बोला, “अब्बू!” इब्राहीम ने कहा, “जी बेटा।” “अब्बू, आग और लकड़ियाँ तो हमारे पास हैं, लेकिन क़ुरबानी के लिए भेड़ या बकरी कहाँ है?” |
6589 | JDG 3:19 | अहूद भी वहाँ से रवाना हुआ, लेकिन जिलजाल के बुतों के क़रीब वह मुड़कर इजलून के पास वापस गया। इजलून बालाख़ाने में बैठा था जो ज़्यादा ठंडा था और उसके ज़ाती इस्तेमाल के लिए मख़सूस था। अहूद ने अंदर जाकर बादशाह से कहा, “मेरी आपके लिए ख़ुफ़िया ख़बर है।” बादशाह ने कहा, “ख़ामोश!” बाक़ी तमाम हाज़िरीन कमरे से चले गए तो अहूद ने कहा, “जो ख़बर मेरे पास आपके लिए है वह अल्लाह की तरफ़ से है!” यह सुनकर इजलून खड़ा होने लगा, |
7282 | 1SA 3:4 | कि अचानक रब ने आवाज़ दी, “समुएल!” समुएल ने जवाब दिया, “जी, मैं अभी आता हूँ।” वह भागकर एली के पास गया और कहा, “जी जनाब, मैं हाज़िर हूँ। आपने मुझे बुलाया?” एली बोला, “नहीं, मैंने तुम्हें नहीं बुलाया। वापस जाकर दुबारा लेट जाओ।” चुनाँचे समुएल दुबारा लेट गया। |
7284 | 1SA 3:6 | लेकिन रब ने एक बार फिर आवाज़ दी, “समुएल!” लड़का दुबारा उठा और एली के पास जाकर बोला, “जी जनाब, मैं हाज़िर हूँ। आपने मुझे बुलाया?” एली ने जवाब दिया, “नहीं बेटा, मैंने तुम्हें नहीं बुलाया। दुबारा सो जाओ।” |
7286 | 1SA 3:8 | चुनाँचे रब ने तीसरी बार आवाज़ दी, “समुएल!” एक और मरतबा समुएल उठ खड़ा हुआ और एली के पास जाकर बोला, “जी जनाब, मैं हाज़िर हूँ। आपने मुझे बुलाया?” यह सुनकर एली ने जान लिया कि रब समुएल से हमकलाम हो रहा है। |
8236 | 2SA 9:6 | यूनतन के जिस बेटे का ज़िक्र ज़ीबा ने किया वह मिफ़ीबोसत था। जब उसे दाऊद के सामने लाया गया तो उसने मुँह के बल झुककर उस की इज़्ज़त की। दाऊद ने कहा, “मिफ़ीबोसत!” उसने जवाब दिया, “जी, आपका ख़ादिम हाज़िर है।” |
14334 | PSA 29:9 | रब की आवाज़ सुनकर हिरनी दर्दे-ज़ह में मुब्तला हो जाती और जंगलों के पत्ते झड़ जाते हैं। लेकिन उस की सुकूनतगाह में सब पुकारते हैं, “जलाल!” |
23892 | MAT 20:31 | हुजूम ने उन्हें डाँटकर कहा, “ख़ामोश!” लेकिन वह और भी ऊँची आवाज़ से पुकारते रहे, “ख़ुदावंद, इब्ने-दाऊद, हम पर रहम करें।” |
24566 | MRK 7:34 | फिर आसमान की तरफ़ नज़र उठाकर उसने आह भरी और उससे कहा, “इफ़्फ़तह!” (इसका मतलब है “खुल जा!”) |
24705 | MRK 10:48 | बहुत-से लोगों ने उसे डाँटकर कहा, “ख़ामोश!” लेकिन वह मज़ीद ऊँची आवाज़ से पुकारता रहा, “इब्ने-दाऊद, मुझ पर रहम करें!” |
24868 | MRK 14:45 | ज्योंही वह पहुँचे यहूदाह ईसा के पास गया और “उस्ताद!” कहकर उसे बोसा दिया। |
25796 | LUK 18:39 | आगे चलनेवालों ने उसे डाँटकर कहा, “ख़ामोश!” लेकिन वह मज़ीद ऊँची आवाज़ से पुकारता रहा, “ऐ इब्ने-दाऊद, मुझ पर रहम करें।” |
26952 | JHN 20:16 | ईसा ने उससे कहा, “मरियम!” वह उस की तरफ़ मुड़ी और बोल उठी, “रब्ब्बूनी!” (इसका मतलब अरामी ज़बान में उस्ताद है।) |
27295 | ACT 9:10 | उस वक़्त दमिश्क़ में ईसा का एक शागिर्द रहता था जिसका नाम हननियाह था। अब ख़ुदावंद रोया में उससे हमकलाम हुआ, “हननियाह!” उसने जवाब दिया, “जी ख़ुदावंद, मैं हाज़िर हूँ।” |
27331 | ACT 10:3 | एक दिन उसने तीन बजे दोपहर के वक़्त रोया देखी। उसमें उसने साफ़ तौर पर अल्लाह का एक फ़रिश्ता देखा जो उसके पास आया और कहा, “कुरनेलियुस!” |
30862 | REV 6:1 | फिर मैंने देखा, लेले ने सात मुहरों में से पहली मुहर को खोला। इस पर मैंने चार जानदारों में से एक को जिसकी आवाज़ कड़कते बादलों की मानिंद थी यह कहते हुए सुना, “आ!” |
30864 | REV 6:3 | लेले ने दूसरी मुहर खोली तो मैंने दूसरे जानदार को कहते हुए सुना कि “आ!” |
30866 | REV 6:5 | लेले ने तीसरी मुहर खोली तो मैंने तीसरे जानदार को कहते हुए सुना कि “आ!” मेरे देखते देखते एक काला घोड़ा नज़र आया। उसके सवार के हाथ में तराज़ू था। |
30868 | REV 6:7 | लेले ने चौथी मुहर खोली तो मैंने चौथे जानदार को कहते सुना कि “आ!” |
31166 | REV 22:17 | रूह और दुलहन कहती हैं, “आ!” हर सुननेवाला भी यही कहे, “आ!” जो प्यासा हो वह आए और जो चाहे वह ज़िंदगी का पानी मुफ़्त ले ले। |